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26 January Speech in Hindi
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26 January Speech in Hindi (26 january speech in hindi for school students)
26 January Speech in Hindi: नमस्कार दोस्तों! आज हम सभी यहां 26 जनवरी का राष्ट्रीय पर्व मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। यह तो आप सभी जानते होंगे की, 26 जनवरी 1950 के दिन हमारे स्वतंत्र भारत का संविधान लागू हुआ था। हम इस दिन पूर्ण रूप से अंग्रेजों से मुक्त हुए थे। आजादी मिलने के बाद हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों द्वारा बनाए गए संविधान को मानने से इनकार कर दिया, एवं स्वतंत्र भारत का स्वयं का संविधान बनाने की इच्छा जाहिर की तब हमारे देश के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने ढाई वर्ष मेहनत करके भारत देश का संविधान लिखा, और 26 जनवरी 1950 के दिन पूरे भारत देश में भारतीय संविधान लागू किया।
आज हमें जो बोलने की आजादी पूछने की आजादी, पढ़ाई का अधिकार, जो भी हमें मिल रहा है वह सब हमारे संविधान के कारण हैं। आज हमारा भारत देश एक लोकतंत्र राज्य है यहां सभी लोग अपनी मर्जी के मालिक हैं लेकिन पहले ऐसा नहीं था जब हम अंग्रेजों के गुलाम थे तब हमें इस प्रकार की कोई भी सुविधा नहीं दी जाती थी। इसलिए हम शुक्रिया करते हैं हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का जिन्होंने हमें अंग्रेजों से आजादी दिला कर भारत का अपना संविधान बनाकर हमें एक नया भारत तोहफे में दिया।
धन्यवाद! जय हिंद…
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26 January Speech in Hindi (26 January Speech in Hindi Short)
26 January Speech in Hindi: नमस्कार दोस्तों, आज हम सभी यहां 26 जनवरी का पर्व मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। 26 जनवरी का इंतजार सभी लोगों को रहता है क्योंकि इस दिन राष्ट्रीय अवकाश रहता है और स्कूल कॉलेजों में रंगारंग कार्यक्रम किए जाते हैं। इसीलिए सभी लोग 26 जनवरी के लिए इतना उत्साहित रहते हैं लेकिन 26 जनवरी का हमारे लिए महत्व क्या है या आप में से कितने लोग जानते हैं। तो चलिए मैं आपको 26 जनवरी से जुड़े इतिहास के बारे में बताता /बताती हूं। 15 अगस्त 1947 को जब हमारे देश को अंग्रेजों से आजाद हुआ था लेकिन आजाद होने के बाद भी हमारे देश में अंग्रेजों द्वारा बनाए गए संविधान का पालन किया जा रहा था तभी देश के कुछ स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत को पूरी तरह स्वतंत्र घोषित करने के लिए स्वयं का संविधान बनाने की इच्छा जाहिर की।
स्वतंत्र भारत का संविधान बनाने की जिम्मेदार डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को सौंपी गई जिन्होंने ढाई वर्ष मेहनत करके 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू किया। आजादी के समय भारत में सभी लोग एक दूसरे को विभिन्न मानते थे इसीलिए संविधान में विविधता में एकता को दर्शाया गया। भारत के संविधान में सभी लोगों को समान अधिकार सभी लोगों को मूल अधिकार दिए गए जिससे लोग अपना एवं अपने देश का विकास आसानी से कर पाए। भारत का संविधान लागू होने की खुशी में तभी से 26 जनवरी को लोकतंत्र एवं गणराज्य दिवस के रूप में मनाना प्रारंभ हुआ। इस दिन हम सभी लोग स्कूल एवं विश्वविद्यालयों में 26 जनवरी पर भाषण देते हैं आजादी से संबंधित कार्यक्रम करते हैं एवं लोक संगीत एवं नृत्य का प्रदर्शन भी करते हैं। दिल्ली में हमारे प्रधानमंत्री द्वारा लाल किले पर झंडा वंदन किया जाता है और हमारी भारतीय सेना द्वारा दिल्ली में सेना मुख्यालय पर परेड भी आयोजित की जाती है। 26 जनवरी का राष्ट्रीय पर्व पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।
धन्यवाद जय हिंद…
26 January Speech in Hindi (26 january par bhashan)
26 January Speech in Hindi: नमस्कार दोस्तों, मेरी तरफ से आप सभी को 26 जनवरी की हार्दिक बधाइयां। आज हमारे लिए हमारे देश के लिए बहुत खास दिन है क्योंकि इस दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था और आज हम जिस भी कानून व्यवस्था का पालन कर रहे हैं वह हमारे देश के महान व्यक्ति डॉ भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाया गया है। 26 जनवरी का दिन हमारे भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जिस तरह भारत में 15 अगस्त को राष्ट्रीय पर्व के रूप में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है उसी तरह 26 जनवरी के दिन को भी हम सभी बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। आज इस मंच के माध्यम से मैं आपको 26 जनवरी से जुड़ी कुछ बातें बताना चाहता हूं जिसे आप हमारे संविधान के बारे में एवं भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जान पाएंगे।
आज से 100 वर्ष पूर्व हमारा देश अंग्रेजों का गुलाम था और अंग्रेजों ने लगभग 200 साल हमारे देश पर राज किया और इसे पूरी तरह लूट लिया। अंग्रेजों ने हमारे देश पर राज करने के साथ-साथ यहां अपना संविधान बनाया और लोगों को उसे मानने पर मजबूर किया लेकिन कुछ समय बाद हमारे कुछ स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा आजादी की लड़ाई शुरू कर दी गई। आजादी की लड़ाई में हमारे कई स्वतंत्रता सेनानी शहीद भी हुए। लेकिन कुछ वर्षों के कठोर संघर्ष के बाद आखिर वह दिन आ ही गया जिस दिन हमारा देश अंग्रेजों से मुक्त हुआ। 15 अगस्त 1947 को हमारे देश को अंग्रेजों से आजादी मिली लेकिन यह आजादी आदि थी हमारे देश में आज भी अंग्रेजों द्वारा बनाए गए संविधान का पालन किया जा रहा था।
इसीलिए हमारे स्वतंत्रता सेनानी एवं आजादी के समय के नेताओं ने भारत का नया संविधान बनाने का ऐलान किया और संविधान बनाने की जिम्मेदारी देश के सबसे लायक व्यक्ति डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को दी गई। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने ढाई वर्षो तक सभी देशों के संविधानओं को पढ़कर और उन्हें समझ कर ढाई वर्ष बाद भारत के नए संविधान की रचना की। संविधान बनने के बाद उसे 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू किया गया तभी से 26 जनवरी को एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जा रहा है। 26 जनवरी के दिन भारत के सभी विभिन्न राज्यों में तरह-तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिन दिल्ली सेना मुख्यालय में विशेष रूप से परेड आयोजित की जाती है जिसमें भारत की तीनों सेनाओं जल सेना वायु सेना थल सेना अपने अस्त्र-शस्त्र और बल का प्रदर्शन करते हुए तरह-तरह के कर्तव्य दिखलाती है।
26 January Speech in Hindi (26 january speech in hindi pdf)
26 January Speech in Hindi: नमस्कार दोस्तों, आज इस 26 जनवरी के शुभ अवसर पर मैं आपके सामने कुछ शब्द कहना चाहूंगा। 26 जनवरी का पर्व हमारे देश में इतने हर्षोल्लास से क्यों मनाया जाता है यह बताना चाहूंगा लेकिन सबसे पहले मेरी ओर से आप सभी को गणतंत्र दिवस की बहुत-बहुत बधाइयां। तो दोस्तों 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत 26 जनवरी 1950 से हुई थी इस दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था। लेकिन यह संविधान इतनी आसानी से लागू नहीं हुआ देश को अंग्रेज से मुक्त कराने के लिए और एक लोकराज्य के रूप में स्थापित करने के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने काफी संघर्ष किया है। लगभग 200 वर्षों तक हमारा भारत देश अंग्रेजों का गुलाम रहा उस समय हमारे देश को सोने की चिड़िया कहा जाता था हमारे देश में सभी प्रकार के खनिज मसाले एवं अन्य रसायन पाए जाते थे जो अंग्रेजों द्वारा खोद खोद कर विदेश भेज दिए गए।
अंग्रेजों ने हमारी संस्कृति को नष्ट करना चाहा हमारे देश के बड़े-बड़े राजाओं के सिंहासन ओं को हड़प लिया तथा हमारे देश का कीमती हीरा कोहिनूर भी अपने साथ ले गए। उस समय जब अंग्रेजों का भारत पर पूरी तरह शासन था अंग्रेजों ने भारत एवं भारतीय नागरिकों का काफी शोषण किया उन्होंने इस तरह का संविधान बनाया जिसके अंतर्गत ना किसी भारतीय को पढ़ने की आजादी थी ना किसी भारतीय को उनके साथ बैठने की आजादी। लेकिन अंग्रेजों का यह खेल कब तक चलता हमारे कुछ प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत को आजाद कराने के लिए अंग्रेजों से लड़ाई प्रारंभ कर दी और कई वर्षों तक लड़ाई चलने के बाद अंत में हम आजाद हुए। इस लड़ाई में हमारे कुछ महान स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद मंगल पांडे सुखदेव जैसे और कई क्रांतिकारी शहीद होकर हमारे इतिहास में सदा के लिए अमर हो गए।
जब 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों द्वारा भारत को स्वतंत्र करने की घोषणा की गई उस समय पूरे देश में हर्षोल्लास का माहौल था लेकिन देश में आज भी अंग्रेजों द्वारा बनाए गए संविधान का पालन किया जा रहा था। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने अंग्रेजों द्वारा बनाए गए संविधान को बदलने का सुझाव सभी स्वतंत्रता सेनानियों के सामने रखा। इसके बाद डॉ भीमराव अंबेडकर को जल्द से जल्द भारत का नया संविधान बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई डॉक्टर भीमराव अंबेडकर द्वारा 2 साल 11 महीने 18 दिनों की मेहनत के बाद भारत के संविधान की रचना हुई। संविधान बनने के बाद एक अच्छे दिन की तलाश थी जिस दिन पूरे देश में लागू किया जाए तब 26 जनवरी 1950 को हमारे देश का संविधान लागू हुआ तभी से इस दिन को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जा रहा है। 26 जनवरी का दिन भारतीय इतिहास में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
इस दिन देश में राष्ट्रीय अवकाश रहता है सभी सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं में गणतंत्र दिवस की खुशी में झंडा वंदन किया जाता है। 26 जनवरी के दिन की शुरुआत दिल्ली में लाल किले पर झंडा फहरा कर की जाती है और साथ ही दिल्ली सेना मुख्यालय में भारत की तीनों सेनाओं द्वारा परेड आयोजित की जाती है। प्लेट में भारत की तीनों सेना अपने अस्त्र-शस्त्र बल साहस का परिचय देते हुए कई खतरनाक करतब दिखाती है। 30 जनवरी के दिन होने वाली इस परेड में भारत के राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री भी शामिल होते हैं जो भारतीय सेना के वीर जवानों को उनकी वीरता और साहस के लिए सम्मान के रूप में मेडल भी देते हैं।
इस दिन देश के सभी राज्यों में अलग-अलग तरह से सांस्कृतिक एवं पारंपरिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं विद्यालय एवं विश्वविद्यालयों में देशभक्ति के ऊपर रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जिस दिन अपने देश के क्रांतिकारियों की वेशभूषा धारण कर उनके द्वारा किए गए कार्यों के बारे में बताते हैं। आम नागरिक इस दिन गली चौक पर इकट्ठा होकर एक साथ राष्ट्रीय गान गाते हुए झंडा वंदन करते हैं और एक दूजे को मिठाई खिलाकर इस त्यौहार की बधाई देते हैं। भारत देश में सभी जाति धर्म प्रांत के लोग एक साथ मिलकर इस राष्ट्रीय पर्व को बड़ी धूमधाम के साथ मनाते है। लोग इस दुनिया प्रतिज्ञा करते हैं कि वह सभी भारत के संविधान का हमेशा सम्मान पूर्वक पालन करेंगे एवं संविधान को बनाए रखने के लिए सभी प्रयास करेंगे।
26 january par bhashan
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