Bal Diwas Par Bhashan: बाल दिवस पर स्पीच

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Bal Diwas Par Bhashan

अगर आप स्टूडेंट हैं और आपको bal diwas par bhashan देना है तो हमने यहां पर short Speech on Children’s Day और  Long Speech on Children’s Day दी हुई है. आप अपनी सुविधानुसार जो भी स्पीच आपको चाहिए आप उसे यहां से देख सकते हैं. bal diwas par bhashan आप अपने स्कूल में स्पीच देने के लिए कर सकते हैं या फिर आप अपनी कक्षा में भी इस भाषण का उपयोग कर सकते हैं यह चाहे तो किसी अन्य प्रोग्राम में भी इसका उपयोग किया जा सकता है. children day speech in hindi सभी के लिए बहुत ही उपयोगी है इसका उपयोग कक्षा 3 से लेकर 12वीं तक के बच्चों क्यों कर सकते हैं वहीं यदि आप कॉलेज के विद्यार्थी हैं तो भी आप इसका फायदा ले सकते हैं.

bal diwas par speech (300 words)

नमस्कार, मैं यहां उपस्थित सभी आदरणीय गण, हमारे अध्यापक, अध्यापिकाएं और मेरे सहपाठियों का स्वागत करता/करती हूं। आज बाल दिवस के अवसर पर मैं अपने विचार प्रकट करना चाहता/चाहती हूं। पूरे भारत में हर साल 14 नवंबर के दिन बाल दिवस मनाया जाता है। इस दिन देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का जन्म दिवस भी होता है। नेहरू जी को बच्चों से बहुत अधिक स्नेह था, उन्हें बच्चे बहुत अधिक प्यारे थे इसलिए ही उनके जन्म दिन को बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। बच्चों का भी जवाहरलाल नेहरू के प्रति उतना ही प्रेम था वे उन्हें चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। और तभी से देश के प्रधानमंत्री जी का नाम चाचा नेहरू पड़ गया। बच्चों का मनोबल बढ़ाने और उनके प्रति स्नेह व्यक्त करने के लिए बाल दिवस मनाया जाता है। आज के दिन विभिन्न स्कूल और कॉलेजों में कार्यक्रमों का आयोजन रखा जाता है। जिसमें बच्चे सांस्कृतिक नृत्य गायन जैसी प्रतियोगिताएं, स्टेज शो आदि की प्रस्तुती देते हैं। 

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कई बच्चे जवाहरलाल नेहरू की वेश भूषा धारण कर उनके प्रति प्रेम और आदर की भावना को व्यक्त करते हैं। बाल दिवस का दिन बच्चों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं होता जिस दिन वे अपने मन अनुसार काम कर सकते हैं। आज के उन्हें विशेष महत्व मिलता है। बच्चों का हृदय कोमल और निश्चल होता है की वे किसी को भी अपने से अलग नहीं समझते। शायद इसलिए ही उन्हें भगवान का रूप भी कहा जाता है। बच्चे कच्चे घड़े की भांति होते हैं, जिन्हें जिस आकर में ढालों वे उसी आकार में ढल जाते हैं। अगर उन्हें एक सही आकार दिया जाए तो वे आगे चलकर देश की प्रगति और राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी निभाते हैं। 

Bal Diwas Par Bhashan
Bal Diwas Par Bhashan

children day speech in hindi (500 words )

सभी को मेरा नमस्कार! सबसे पहले तो मैं यहां उपस्थित सभी महानुभावों, आदरणीय प्रधानाचार्य, समस्त शिक्षक, शिक्षिकाओं और मेरे सहपाठियों को बाल दिवस की शुभकामनाएं देता/देती हूं और सभी का धन्यवाद करता हूं/ करती हूं। जिन्होंने मुझे आज के इस अवसर पर सभी के सामने अपने विचार प्रकट करने का अवसर प्रदान किया। जैसा की आप सभी जानते हैं की आज के दिन हम बाल दिवस और पंडित जवाहरलाल नेहरू जी का जन्म दिवस मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। पंडित जवाहरलाल नेहरू जी भारत के पहले प्रधानमंत्री थे जो देश प्रेमी तो थे ही लेकिन उन्हें बच्चों से भी बहुत प्रेम और लगाव था। भारत में सभी जगह हर साल आज के दिन बाल दिवस मनाया जाता है परन्तु अगर हम इसका इतिहास देखें तो सबसे पहले बाल दिवस 20 नवंबर 1956 को मनाया गया था। लेकिन जैसा की हम सभी जानते हैं की पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से बहुत अधिक प्रेम था इसलिए उनके जन्म दिन को बाल दिवस मनाने के लिए चुना गया। जवाहरलाल नेहरू जी की मृत्यु के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए बाल दिवस मनाए जाने की घोषणा की गई। और तब से लेकर अब तक 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है, वहीं 1 जून को अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस और 20 नवंबर को यूनिवर्सल बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ने देश कल्याण और स्वतंत्रता के संग्राम में एक महान योगदान दिया है। उनका बच्चों से एक गहरा नाता था इतना की सभी बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहकर पुकारने लगे थे। जिसके बाद उनका एक नाम चाचा नेहरू भी पड़ गया था। आज के दिन को पूरे देश के स्कूल, कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में मनाया जाता है। जिसमें बच्चे नृत्य – गायन, स्टेज शो और नाटक आदि की प्रस्तुतियाँ भी देते हैं। बाल दिवस का दिन ही वो मौका होता है जब बच्चों को अपने अनुसार स्वछन्दता से काम करने दिया जाता है। जवाहरलाल नेहरू जी बच्चों को भली-भांति समझते थे वे उनके साथ कई घंटे बिताते थे। बच्चों को लेकर उनका नजरिया अलग था। उनका कहना था की “बच्चे किसी भी राष्ट्र के निर्माण और विकास की नींव हैं, देश का आने वाला भविष्य हैं।” आज के बच्चे कल के भारत का निर्माण करेंगे। सभी माता पिता, अभिभावक और शिक्षकों का यह कर्तव्य बनता है की वे बच्चों को सही शिक्षा दें। उनकी शिक्षा के साथ – साथ उनके कल्याण और विकास पर भी ध्यान देना चाहिए। बच्चे अपने आस पास के वातावरण और लोगों से बहुत अधिक प्रभावित होते हैं और जल्दी ही उनके आचरण को अपना भी लेते हैं। इसलिए शिक्षकों और अभिभावकों को बच्चों के सामने अच्छा आचरण कर उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। ताकि वे भी अच्छे बने और अपने उत्कृष्ट चरित्र का निर्माण कर सकें। इसलिए बड़ों को भी अपने बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्हें अपने कर्तव्यों का बोध कराकर एक योग्य नागरिक बनने में सहायता करनी चाहिए। 

कमेंट बॉक्स में हमें अवश्य बताएं कि आपको Bal Diwas Par Bhashan कैसा लगा? आगे आप कौन से टॉपिक पर स्पीच चाहते हैं या कोई निबंध चाहते हैं हमें कमेंट करके जरूर बताएं!

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