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Bal Diwas Par Nibandh
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bal diwas par nibandh in hindi (100 words)
बाल दिवस हर वर्ष 14 नवंबर को मनाया जाता है। इस दिन पंडित जवाहरलाल नेहरू जी का जन्म हुआ था। उन्हें बच्चों से बहुत प्रेम था इसलिए उनके जन्मदिन के दिन बाल दिवस मनाया जाने लगा। पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के पूर्व प्रधानमन्त्री थे। बाल मनाने शुरुआत 1956 में हुई थी। पहले बाल दिवस को 20 नवंबर को मनाया था। लेकिन बाद में इसे 14 नवंबर को मनाया जाने लगा। इस दिन सभी स्कूलों में विशेष आयोजन रखे जाते हैं। सभी बच्चों को मिठाइयां और उपहार दिए जाते हैं। बाल दिवस के आने का सभी बच्चों को इंतजार रहता हैं।
short essay on children’s day (150 Words)
भारत में हर साल 14 नवम्बर को बाल दिवस मनाया जाता है। इस दिन भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म हुआ था। उन्हें बच्चों से बहुत स्नेह था इसलिए ही इस दिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। बाल दिवस को सबसे पहले 20 नवंबर साल 1956 को मनाया गया था। लेकिन बाद में इसे 14 नवंबर को मनाया जाने लगा। इस दिन स्कूलों और शिक्षण संस्थानों पर बच्चों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
सभी बच्चों को मिठाइयां, शिक्षण सामग्री और तरह तरह के उपहार बांटे जाते है। इस दिन स्कूलों में विशेष कार्यक्रम भी रखा जाता है। जिसमें शिक्षक गण भाषण देते हैं और बच्चों द्वारा भी नृत्य प्रस्तुतियां भी दी जाती हैं। बाल दिवस के दिन बच्चे बहुत खुश होते हैं और इस दिन के आने का पूरे साल इंतज़ार करते हैं।
bal diwas essay in hindi (200 words)
बाल दिवस को हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है। बाल दिवस को मनाने की शुरुआत साल 1956 में हुई थी। हमारे पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की मृत्यु के बाद उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि जवाहरलाल नेहरू बच्चो के प्रति अधिक लगाव और प्रेम रखते है। बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू के नाम से बुलाते है।बाल दिवस के दिन देश के सभी स्कूल और कॉलेजों में कई तरह के कार्यक्रम किए जाते है। बच्चो को चाचा नेहरू के जीवन के बारे में भी बताया जाता है की पंडित जी कैसे बच्चो को शिक्षा के प्रति जागरूक करते थे।
चाचा नेहरू का कहना था की बच्चे देश का भविष्य है उन्हे शिक्षित करना अपने देश के अच्छे भविष्य के निर्माण के लिए जरूरी है। इस दिन सरकारी संस्थाओं द्वारा गरीब बच्चो को किताबे मिठाई बटी जाती है। सभी स्कूलों में बाल दिवस को बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। बच्चे भी इस दिन का काफी इंतजार करते है।इस दिन आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में भाग लेकर बच्चे अपने प्रतिभा और ज्ञान का प्रदर्शन करते है और पुरुस्कार भी प्राप्त करते है। बाल दिवस बच्चो का सबसे पसंदीदा त्यौहार होता है।
children’s day essay 250 words
भारत में हर वर्ष 14 नवंबर का दिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी का जन्म हुआ था। वे आज़ाद भारत देश के पहले प्रधानमंत्री थे। उन्हें बच्चों से बहुत प्यार था इसलिए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। जवाहरलाल नेहरू का बच्चों से बढ़ा खास संबंध था। वे अधिकतर समय बच्चों के साथ बिताते थे। बच्चे भी उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। बाल दिवस को मानने की शुरुआत सन 1956 को की गई। उस समय बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता था। लेकिन बाद में इसे 14 नवंबर को मनाया जाने लगा। बच्चे देश का आने वाला भविष्य हैं। वे अपनी मेहनत से देश को आगे बढ़ने में अपनी भागीदारी देंगे। उनके इस महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए बाल दिवस मनाए जाने की शुरुआत की गई।
इस दिन बच्चों का मनोबल बढ़ाने के लिए स्कूलों में प्रतियोगिताएं और नृत्य प्रस्तुतियां रखी जाती है। शिक्षकगण बच्चों को भाषण देते हैं और बताते हैं की उनकी भूमिका क्या है। इस दिन स्कूल, विभिन्न शिक्षण संस्थान और अनाथ आश्रम में रह रहे बच्चों बच्चो को उपहार और मिठाइयां बांटी जाती है। इस दिन कई ऐसे बच्चों में पुरुस्कार भी वितरित किए जाते हैं जिन्होंने प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया हो। बच्चे भी इस दिन को मनाने के लिए बड़े उत्सुक रहते हैं। बाल दिवस को भारत में सभी जगह बड़े आनंद और खुशी के साथ मनाया जाता है।
children’s day essay for class 8 (400 words)
जवाहरलाल नेहरू जी देश के पहले प्रधानमंत्री थे। देश का कार्यभार संभालने के साथ वे बच्चों के साथ ही समय बिताते थे। बच्चों को भी नेहरू जी उतना ही लगाव था, जितना की नेहरू जी को बच्चों से। बच्चें उन्हें चाचा नेहरू के नाम से पुकारते थे। नेहरू जी बच्चों के मन को समझते थे। बच्चों को बड़े प्रेम और अच्छे बर्ताव के साथ रखना चाहिए। बाल दिवस प्रतिवर्ष 14 नवंबर को मनाया जाता है। यहां सभी देशों में अलग-अलग दिन मनाया जाता है लेकिन भारत में इसे पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाया जाता है।
पंडित जवाहरलाल नेहरू ने बच्चों की शिक्षा के प्रति काफी कार्य किए उन्होंने गरीब बच्चों और बाल श्रमिक बच्चों को शिक्षा का पूर्ण अधिकार देने का प्रयास किया। नेहरू जी बच्चों से बहुत लगाव रखते थे तथा बच्चों के अच्छे विकास के लिए सदैव प्रयास करते रहते थे उनकी इसी भावना को ध्यान में रखते हुए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
bal diwas par nibandh (500 words)
प्रस्तावना
भारत देश में बच्चो को भगवान का रूप माना जाता है। बच्चे को सब प्रेम करते है। बच्चो के प्रति खास प्रेम और लगाव दिखने के लिए देश में बाल दिवस मनाया जाता है।बाल दिवस मुख्य रूप से चाचा नेहरू के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाया जाता है क्योंकि वे बच्चो से अधिक प्रेम करते थे। जैसा कि हम सभी लोग जानते है बच्चे ही आने वाले कल का उज्वल भविष्य है इसलिए उनके साथ अच्छा बर्ताव करना चाइए।उन्हें लगाव के साथ शिक्षित होना के लिए प्रेरित करना चाइए।बच्चो के अच्छे भविष्य निर्माण में हमें अपना योगदान देना चाहिए।
बाल दिवस क्यों मनाते हैं?
भारत की आजादी के संघर्ष में अपना अहम योग्यदान देने के बाद जावहर लाल नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने।उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाना शुरू किया। चाचा नेहरू बच्चो से अधिक प्रेम करते थे वे हमेशा बच्चों की अच्छी शिक्षा और उज्जवल भविष्य के लिए प्रयास करते थे। वे चाहते थे कि देश का हर गरीब बच्चा पढ़े उसे शिक्षा का पूर्ण अधिकार प्राप्त हो। चाचा नेहरू बच्चो को देश का भविष्य मानते थे और उनके प्रति बहुत लगाव रखते थे इसलिए उनके जन्मदिन पर बाल दिवस मनाया जाता है।
बाल दिवस कैसे मनाते हैं?
बाल दिवस भारत में एक राष्ट्रीय त्योहार के रूप में मनाया जाता है। इस दिन चाचा नेहरू के प्रिय बच्चो को किताबे मिठाई बटी जाती है। उन्हें चाचा नेहरू के द्वारा बच्चो के लिए किए गए अच्छे कार्यों के बारे में भी बताया जाता है।बच्चो को शिक्षित होने के लिए प्रेरित किया जाता है, ताकि वे देश का भविष्य उजवल कर सके और यही चाचा नेहरू चाहते थे। इस दिन स्कूलों में नित्य नाट्य संगीत भाषण प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। बच्चे अपने कौशल का प्रदर्शन करते है। बच्चों को उनकी प्रतिभा दिखाने के लिए सम्मानित भी किया जाता है। बाल दिवस को भारत के हर एक राज्य में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
बाल दिवस की शुरुआत
भारत में बाल दिवस की शुरुआत 1956 से हुई। बच्चे देश की प्रगति में एक एहम भूमिका निभाते हैं। विद्यार्थी जीवन से ही बच्चे देश की उन्नति में योगदान देने के लिए स्वयं को तैयार कर लेते हैं। बाल दिवस मनाएं जाने के पीछे यही कारण था। इस दिवस को पहली बार 20 नवम्बर 1956 को मनाया गया। लेकिन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाना शुरू किया गया। नेहरू जी बच्चों से अधिक प्रेम करते थे और बच्चे भी उन्हें प्रेम से चाचा नेहरू के नाम से संबोधित करते थे। यही कारण था की उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में चुना गया।
उपसंहार
बाल दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य सभी लोगो को बच्चो को शिक्षित के प्रति जागरूक करना है खास कर इसे बच्चे जो बाल श्रमिक है।सभी मां बाप को अपने बच्चो को शिक्षित करने का प्रयास करना चाइए। बच्चो को भी शिक्षा के प्रति लगाव रखना चाइए।सभी शिक्षकों को भी गरीब बच्चो को निशुल्क शिक्षा प्रदान करना चाइए।देश में बच्चो की शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए कई सारी योजनाए बनाई गई है।बच्चो की शिक्षा के स्तर को बड़ाना देश की मुख्य प्राथमिकता होना चाइए। बच्चे पड़लिख कर निर्भीक और योग्य नागरिक बने यही बाल दिवस मनाने का उद्देश्य है।
bal diwas par nibandh hindi mein
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