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Bhagat Singh Speech in Hindi
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Bhagat Singh Speech In Hindi (1 minute speech on bhagat singh)
भगत सिंह जी एक महान राष्ट्र प्रेमी थे। जिन्होंने अपने देश के लिए अपने प्राण कुर्बान कर दिए थे। इनका जन्म सन 1907 में 28 सितंबर के दिन हुआ था। भगत सिंह जी पंजाब के एक संधू जाट परिवार से ताल्लुक रखते थे। बचपन से ही भगत सिंह जी के अंदर देश को आजाद कराने को लेकर एक जूनून था। आजादी की लड़ाई के दौरान भगत सिंह जी ने अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया था। उन्हें अपने देश से इतना प्रेम था कि उन्होंने इसके लिए विवाह भी नहीं किया। मात्र 23 साल की उम्र में अपने देश के लिए शहीद होने वाले भगत सिंह जी को हम शहीद-ए-आजम के नाम से जानते हैं।
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My Favorite Freedom Fighter Bhagat Singh Speech (2 minute speech on bhagat singh)
भगत सिंह भारतीय इतिहास का एक ऐसा नाम है, जो आज भी देश प्रेमी के दिलों पर राज करता है। भगत सिंह जी एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी और समाजवादी क्रांतिकारी थे। इन पर बचपन से ही देश प्रेम और स्वतंत्रता संग्राम को लेकर जुनून सवार था। भगत सिंह जी का जन्म पंजाब में सन 1960 को 28 सितंबर के दिन हुआ। इनकी माता जी का नाम विद्यावती और पिताजी का नाम किशन सिंह था। आजादी की लड़ाई का जुनून इन्हें अपने परिवार से ही लगा था क्योंकि इनके परिवार के कुछ सदस्य भी स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी थे।
भगत सिंह जी स्वंतत्रता संग्राम के दौरान चंद्रशेखर आजाद जी से मिले, जो सोने पर सुहागा जैसा था। भगत सिंह जी ने आज़ाद के साथ मिलकर अंग्रेजी हुकूमत की नाक में दम कर दिया। जिसके बाद अंग्रेजों को भगत सिंह जी का इतना खौफ बैठ गया कि अंग्रेजी हुकूमत ने भगत सिंह जी पर आरोप लगाकर उन्हें जल्द से जल्द फांसी देने का मन बना लिया, और 23 मार्च 1931 को भगत सिंह जी को फांसी दे दी गई। मात्र 23 साल की छोटी उम्र में भारत का वीर सपूत अपनी मातृभूमि के खातिर शाहिद हो गया। भगत सिंह जी हम सब युवाओं के लिए एक प्रेरणा हैं, नमन है ऐसे सपूत को जो मौत को सामने देखकर भी अपने इरादों से डिगा नहीं और हंसते हंसते देश के लिए शहीद हो गया।
Bhagat Singh Speech In Hindi (3 minute speech on bhagat singh)
भारत के इतिहास की तरफ अगर नजर डाली जाए, तो यह कई प्रसिद्ध और देश भक्त चरित्रों से भरा पड़ा है। उन्हीं में से एक भगत सिंह जी हैं। भगत सिंह जी जैसे परिवार से ताल्लुक रखते थे उसमें कई ऐसे सदस्य थे जो पहले से ही स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय थे जिसके कारण भगत जी पर बचपन से ही देशभक्ति और देश प्रेम की भावना निहित थी। सन 1919 में हुए विभत्सक इंडिया वाले बाग कांड के बाद भगत सिंह में देश को अंग्रेजों से आजाद करने की ज्वाला भड़क पड़ी। भगत सिंह जी सिर्फ 14 वर्ष की उम्र से ही क्रांतिकारी संस्थानों में कार्य करने लगे थे। भगत जी गरम दल के सहयोगी थे वे गांधी जी द्वारा अपनाए गए अहिंसा के मार्ग का विरोध करते थे क्योंकि चौरा चौरी कांड में कई बेकसूर लोग मारे गए थे।
यह घटना जब भगत जी के सुनने में आई तो वे 50 किलोमीटर पैदल चलकर घटना स्थल पर पहुंचे और उस स्थान की खून से सनी मिट्टी अपने साथ ले लाए, जो उन्हें हमेशा अंग्रेजों के जुल्म की याद दिलाता रहा। भगत सिंह जी चंद्रशेखर आज़ाद से काफी प्रभावित थे उन्होंने सन 1926 में नौजवान भारत सभा की स्थापना की थी। अंग्रेजी हुकूमत ने भगत सिंह को 1947 में हिरासत के लिया, अंग्रेजों द्वारा भगत जी पर आरोप लगाया गया की वे 1926 में हुए लाहौर बम धमाके में शामिल थे। इसके पांच 5 हफ्ते बाद ही भगत जी को जमानत मिल गई थी। भगत सिंह जी ने सन 1929, 8 अप्रैल को ब्रिटिश सेंट्रल असेंबली में बम फेंका था, जिसका मकसद केवल अंग्रजी हुकूमत को डराना था।
इसके बाद भगत जी और उनके साथियों ने स्वयं से अंग्रेजी हुकूमत के सामने समय पर भी कर दिया था। इसके पीछे का कारण था की, भगत जी स्वयं को गिरफ्तार करवा कर देश के नौजवानों के सीने में स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी को और भड़काना चाहते थे। इस वाक्य के बाद भगत की अंग्रेजी हुकूमत की नजरों में चढ़ गए और उन्होंने भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव जी को फांसी की सजा सुना दी। सन 1931 23 मार्च को भारत के 3 वीर सपूतों भगत सिंह जी राजगुरु जी और सुखदेव जी को फांसी दे दी गई। मरते समय भगत जी की आंखों में जरा भी डर नहीं था क्योंकि वह अपने पीछे एक पूरा कुनबा छोड़ गए थे जो देश को आजाद करने के लिए मर मिटने को तैयार था और उन्हीं की बदौलत आज हम आजाद भारत में सांस ले रहे हैं।
Speech on Bhagat Singh in Hindi (5 minute speech on bhagat singh)
यहां उपस्थित सभी लोगों में, ऐसा कोई नहीं होगा, जिसे भगत सिंह जी के बारे में न पता हो। इनका नाम देश के बुर्जुग से लेकर बच्चे भी जानते हैं। भगत सिंह जी एक प्रख्यात और प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और देश प्रेमी हैं, जिन्होंने अपने देश के प्रति अपने प्रेम को प्राण देकर सिद्ध किया है। भगत सिंह जी का जन्म सन 1907 में 28 सितंबर के दिन हुआ था। भगत सिंह जी एक ऐसे परिवार में जन्मे थे जहां पहले से ही लोग स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी थे। इस दिन भगत सिंह जी का जन्म हुआ, उसी दिन उनके चाचा जेल से रिहा हुए थे। जिसके कारण भगत सिंह जी के परिवार की खुशियां दोगुनी हो गई थी इसे देखते हुए ही उनकी दादी ने उनका नाम भागो वाला यानी की किस्मत वाला रखा, जो बाद में भगत हो गया।
भगत जी अपने परिवार के लिए ही नहीं बल्कि देश के लिए भी भाग्यशाली थे जिनके प्रयास एवं बलिदान के स्वरूप उसे समय के युवाओं में देश के लिए प्रेम और स्वतंत्रता संग्राम के लिए जुनून और भी बढ़ गया था, जिसका परिणाम यह निकला की आज हम सभी स्वतंत्र देश के वासी हैं। 1919 में हुए जलियांवाला बाग और चौरा चोरी की घटना ने भगत जी को अंदर से झकझोर के रख दिया और उन्होंने अंग्रेजों से बदला लेने की ठान ली। भगत जी केवल 14 वर्ष की उम्र से ही स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलनों में भाग लेने लगे।
भगत जी ने महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए असहयोग आंदोलन में भी भाग लिया, लेकिन भगत जी के उग्र विचारों के कारण असहयोग आंदोलन अहिंसा की जगह हिंसा के आंदोलन में बदल गया। जिसके कारण महात्मा गांधी ने इस आंदोलन को बंद कर दिया। इस आंदोलन के बंद होने के बात जब भगत जी अपने घर लौटे तो उनकी मां ने उनके सामने शादी का प्रस्ताव रखा जिसके लिए इंकार करते हुए भगत जी ने कहा कि अगर देश की आजादी से पहले मैं शादी करूंगा तो मेरी दुल्हन मौत होगी। ऐसे विचारों के थे भगत जी, वे चाहते तो एक आम इंसान
की तरह जी सकते थे लेकिन उन्हें अधीनता स्वीकार न थी और उनके लिए देश से अधिक महत्वपूर्ण और कुछ नहीं था। भगत जी हमेशा से ही अंग्रेजों के विरोधी रहे हैं, और उन्होंने खुलकर अंग्रेजों का विरोध किया है। भगत जी सबसे नौजवान भारत सभा में शामिल हुए थे। उन्होंने कीर्ति मैगजीन के लिए कार्य करते हुए अपने विचारों को लोगों तक पहुंचाया ताकि वे भी आजादी के लड़ाई में हिस्सा लेने सन 1926 में भगत सिंह जी को नौजवान भारत सभा में सेक्रेटरी का पद दिया गया। इसके बाद सन 1928 में उन्होंने चंद्रशेखर द्वारा स्थापित हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन ज्वाइन कर ली। इसी दौरान 30 अक्टूबर सन 1928 को सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन की पार्टी ने मिलकर साइमन कमीशन का विरोध करने की योजना बनाई इस योजना में लाला लाजपत राय पार्टी के अन्य लोगों का नेतृत्व कर रहे थे।
साइमन कमीशन के विरोध के दौरान अंग्रेजों द्वारा लाठी चार्ज कर दिया गया जिसमें लाला लाजपत राय बुरी तरह घायल होकर मृत्यु को प्राप्त हुए। इस घटना से आहत भगत सिंह जी ने पुलिस सहायक जेपी सांडर्स की हत्या कर दी। इसके बाद सन 1929 भगत सिंह जी ने अपने साथी के साथ मिलकर असेंबली में बम हमला कर दिया और इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाए। इस विस्फोट का उद्देश्य अंग्रेजों को डराना था। भगत सिंह जी के विद्रोह और एक के बाद एक हमलों से परेशान अंग्रेजी हुकूमत ने पूरी योजना के साथ भगत सिंह और उनके साथियों को गिरफ्तार कर लिया। जेल में भगत सिंह जी और उनके साथियों को कई यातनाएं दी लेकिन भगत सिंह जी के मन में हमेशा अपने देश के लिए प्रेम बना रहा।
कोर्ट के आदेश के अनुसार भगत सिंह जी को 24 मार्च 1931 को फांसी दी जानी थी, लेकिन जन आक्रोश और फांसी का फैसला बदल जाने के डर से अंग्रेजों ने 23 मार्च को आधी रात में ही भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव जी को फांसी दे दी गई। एक 23 वर्ष के नौजवान का अंग्रेजी हुकूमत को इतना डर था की उन्होंने सारी हदें पार कर दी। भगत सिंह और उनके साथियों के बलिदान को कभी भुला नहीं जायेगा और हर एक देश प्रेमी को कभी ईनो बलिदान भूलना भी नहीं चाहिए। हमें गर्व है की हमारे भारत में ऐसे महान व्यक्तित्व ने जन्म लिया और इस भूमि को धन्य किया।
दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उलफत, मेरी मिट्टी से भी खुशबू-ए-वतन आएगी।
“मेरी गर्मी के कारण राख का एक-एक कण जलन में है
मैं ऐसा पागल हूं जो जेल में भी स्वतंत्र है।”
Bhagat Singh Shayari in Hindi
लिख दो लहू से अमर कहानी वतन के खातिर,
कर दो कुर्बान हंसकर ये जवानी वतन के खातिर.
सीने में आग और हृदय में देशभक्ति का जूनून रखते है,
क्योंकि हमारे दिलों-दिमाग में भगत सिंह बसते हैं.
मेरे सर पे कर्जा है भगत सिंह की चीखों का,
मेरा हृदय आभारी है उनकी दी हुई सीखों का.
तिरंगा हो कफ़न मेरा बस यहीं अरमान रखता हूँ,
भारत माँ का इस हृदय में अमिट सम्मान रखता हूँ
ना तन से प्यार है, ना धन से प्यार हैं,
हमें तो बस अपने वतन से प्यार हैं.
Speech on Bhagat Singh in Hindi
हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस “Bhagat Singh Speech in Hindi” जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह Speech on Bhagat Singh in Hindi अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Bhagat Singh Speech in Hindi कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay या Speech कौन से टॉपिक पर चाहिए. इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.
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