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Bhrashtachar Par Nibandh
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bhrashtachar essay in hindi (भ्रष्टाचार पर निबंध 100 शब्दों में)
भ्रष्टाचार एक ऐसी बीमारी है जो आज सभी देशों में बड़ी तेजी से फैल रही है। जिस प्रकार सभी देश विकसित हो रहे हैं उसी प्रकार भ्रष्टाचार भी विकसित हो रहा है। भारत में ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जहां भ्रष्टाचार न पाया जाए।
यह कहना गलत नहीं होगा कि भ्रष्टाचार को बढ़ाने में हम आम लोगों का ही हाथ है जो कि छोटे-छोटे कामों को जल्दी से कराने के लिए सरकारी दफ्तरों में काम कर रहे कर्मचारियों को रिश्वत देते हैं।
यह भ्रष्टाचार की गिनती में ही आता है, इस कारण यह सरकारी कर्मचारी रिश्वत के आदी हो जाते हैं और नियमित रूप से भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं।
bhrashtachar par nibandh 200 shabd
आज दुनिया के सभी बड़े विकासशील देशों में भारत का नाम भी सुनहरे अक्षरों में लिखा हुआ है। लेकिन जिस तरह भारत ने सभी क्षेत्रों में तरक्की की है उसी तरह भारत के सभी क्षेत्रों में भ्रष्टाचार भी पाया जाता है।
भ्रष्टाचार का अर्थ होता है किसी भी काम को करने से पहले रिश्वत लेना या पैसे की मांग करना या किसी काम को करवाने के लिए आसान रास्ता अपनाना। यह भ्रष्टाचार कहलाता है कहीं कहीं तो लोग रिश्वत लेने के बाद भी काम नहीं करते।
आज देश में भ्रष्टाचार की वजह से लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस भ्रष्टाचार के कारण हमारे देश का भविष्य खतरे में जा रहा है क्योंकि भ्रष्टाचार के चलते एक योग्य और शिक्षित व्यक्ति को रोजगार मिलने में काफी परेशानियां आ रही है।
भ्रष्टाचार के मामले में आज भारत 95 नंबर पर है। विकासशील देश होने के बावजूद भ्रष्टाचार ने भारत में अपनी जड़ें फैला ली है, और भारत के बड़े-बड़े राजनेता व्यापारी सरकारी कर्मचारी इस भ्रष्टाचार से ग्रसित है। भ्रष्टाचार होने के कारण आम आदमी, और गरीब लोगों को सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा। हमें अपने देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे, और इसे भ्रष्टाचार मुक्त बनाना होगा।
essay on corruption in hindi (भ्रष्टाचार पर निबंध 300 शब्दों में)
भारत आज सभी तरह से बाकी देशों की तरह सक्षम और सफल है। परंतु यह आज भी भ्रष्टाचार के कारण कहीं ना कहीं पीछे है। भारत में हो रहे भ्रष्टाचार का कारण हम राजनेताओं को मानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है, भ्रष्टाचार में आम नागरिकों का भी पूरा योगदान है।
वर्तमान में भारत के सभी क्षेत्र भ्रष्टाचार से पीड़ित हैं, भ्रष्टाचार के कारण भारत की शिक्षा व्यवस्था, अर्थव्यवस्था, उद्योग क्षेत्र सभी बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे लोग जो अपनी स्वार्थ की पूर्ति के लिए सरकारों के नियमों का उल्लंघन कर चीजों को अधिक दामों में या किसी कार्य को करने के लिए पैसों की मांग करते हैं उन्हें भ्रष्टाचारी कहा जाता है। ऐसे लोग भारत के सभी सरकारी कार्यालयों में पाए जाते हैं, जो छोटे से छोटे काम को करने की कीमत मांगते हैं।
भारत में बढ़ते भ्रष्टाचार के कारण लोग शिक्षा से वंचित हो रहे हैं, लोगों को योग्यता के अनुसार रोजगार नहीं मिल रहा है। किसी भी तरह का कोई वैज्ञानिक प्रयोग करने से पहले राजनेताओं द्वारा इसे रोकने की कोशिश की जा रही है। इस तरह भारत में भ्रष्टाचार ने भारत को विकसित होने से रोक रखा है।
भ्रष्टाचार बढ़ाने में वह लोग दोषी नहीं होते जो कि किसी भी काम को करने के लिए पैसे मांगते हैं, बल्कि असल दोषी वह होते हैं, जो अपने काम को करवाने के लिए लोगों को पैसे या रिश्वत देते हैं। हमें इस भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए कई कड़े कदम उठाने होंगे और शासन द्वारा भी भ्रष्टाचार पर सख्त कानून बनाने होंगे। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे देश को चलाने वाले राजनेता ईमानदार व कर्मठ हो।
bhrashtachar par nibandh (भ्रष्टाचार पर निबंध 400 शब्द)
प्रस्तावना
किसी भी देश की प्रगति और उन्नति में देश के राजनेताओं और शासन का मुख्य हाथ होता है। लेकिन जिस देश के राजनेता भ्रष्ट होते हैं वह देश कभी तरक्की नहीं कर सकता। भारत समेत विश्व में ऐसे कई देश हैं, जहां भ्रष्टाचार चरम सीमा तक फैल चुका है, जिसके कारण देश की अर्थव्यवस्था, शिक्षा, तकनीकी क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र और अन्य क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित है।
भ्रष्टाचार के दुष्प्रभाव
भ्रष्टाचार के कारण होने वाले नुकसान से आज हम सभी भली-भांति परिचित हैं। भ्रष्टाचार के कारण लोगों को कई तरह की सार्वजनिक व मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। किसी गरीब की हिस्से की शिक्षा किसी पैसे वाले अमीर को दी जा रही है। योग्यता होने के बाद भी नौजवानों को रोजगार प्राप्त नहीं हो रहा, आरक्षण के चलते सरकारी योजनाओं का लाभ भी योग्य लोग नहीं उठा पा रहे। हमारे देश के सरकारी दफ्तरों में बैठे भ्रष्ट लोग गरीबों को हर सुविधा से वंचित करते जा रहे हैं। भारत जैसे विशाल देश में भ्रष्टाचार एक आम बात हो चुकी है, जिसे लोगों ने स्वीकार कर उसे अपनी आदत बना ली है, जिसके परिणाम स्वरूप अन्य लोगों को परेशानी होती है। भ्रष्टाचार इस हद तक बढ़ चुका है कि किसी व्यक्ति को बिना पैसे के सरकरी अस्पतालों में दवा तक नहीं दी जाती, ना ही उन्हें इसी तरह की मदद की जाती है।
भ्रष्टाचार पर रोकथाम
भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए हम लोगों भ्रष्टाचारियों की मांगों को रोकना होगा। इसके साथ शासन द्वारा भी इस पर कई कड़े कानून बनाने होंगे, जिससे कि भ्रष्टाचार करने वाले लोग भ्रष्टाचार से दूर। भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए हमें पैसे देकर काम करवाना बंद करना होगा। भ्रष्टाचार पर रोक लगाने से कई लोगों को फायदा होगा इससे गरीब व्यक्ति अपने हिस्से की सारी सुविधा प्राप्त करेगा ।
उपसंहार
जो व्यक्ति अपने कार्य के प्रति ईमानदार होगा तो धीरे-धीरे भ्रष्टाचार भी खत्म होगा। अगर भ्रष्टाचार को भारत से पूरी तरह खत्म करना है, तो उसके लिए हमें भ्रष्ट लोगों को शासन को राजनीति से निकालना होगा। किसी भी देश को तरक्की करने के लिए भ्रष्टाचार मुक्त होना काफी जरूरी है। भ्रष्टाचार रूपी दीमक को हमें जल्द से जल्द खत्म करना होगा नहीं तो यह पूरे देश को खोखला कर देगा।
bhrashtachar per nibandh (भ्रष्टाचार पर निबंध 500 शब्दों में)
प्रस्तावना
भ्रष्टाचार का अर्थ है भ्रष्ट आचरण। वह लोग जो अपने कार्य के प्रति भ्रष्ट होकर कार्य को करने के लिए रिश्वत या पैसों की मांग करते हैं, भ्रष्टाचारी कहलाते हैं, और ऐसे ही दे लोग देश की उन्नति में रुकावट बनते हैं। भारत के सभी क्षेत्रों में भ्रष्टाचार बुरी तरह फैला हुआ है, पर इसे कौन फैला रहा है, इसका जिम्मेदार कौन है, यह समझ पाना थोड़ा मुश्किल है। हमें भारत को तरक्की की राह में आगे बढ़ने के लिए देश से भ्रष्टाचार पूरी तरह खत्म करना होगा।
भ्रष्टाचार के दुष्प्रभाव
भ्रष्टाचार से होने वाली परेशानियां आपने भारत के सभी क्षेत्रों में देखी होगी। अगर आप किसी सरकारी दफ्तर में जाते हैं तो आपको छोटे से छोटे कार्य के बदले रिश्वत देना पड़ती है। यह भ्रष्टाचार का दुष्प्रभाव है, लोग अपने काम के प्रति ईमानदार ना होकर रिश्वत के लिए लालची होते जा रहे हैं। भारत की राजनीति की बात करें, तो यहां के राजनेता देश में बड़े-बड़े घोटाले करते जा रहे हैं, जिसके कारण गरीबों को महंगाई और बेरोजगारी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अगर इसी तरह उच्च पद पर बैठे व्यक्ति अपने पद का दुरुपयोग करता रहेगा तो धीरे-धीरे भारत एक गरीब और लाचार देश बन जाएगा।
भ्रष्टाचार का मुख्य कारण
सही मायने में भ्रष्टाचार का कारण यहां के राजनेता, या सरकारी कर्मचारी के साथ साथ वह लोग होते हैं, जो अपने काम को जल्दी से करवाने के लिए आसान रास्ता अपनाते है, और कर्मचारियों को रिश्वत देते हैं। आज देश की सबसे बड़ी समस्या भ्रष्टाचार है, जिसके कारण देश के लोगों को विकसित होने में कई प्रकार की परेशानियां आ रही है। आम लोग भी थोड़े से पैसों के चक्कर में किसी भी राजनेता को वोट देते हैं, जो आगे जाकर देश में बड़े-बड़े घोटाले करता है, और अपनी छत्रछाया में भ्रष्टाचार रूपी दीमक को पालता है। यह दीमक धीरे-धीरे देश के शासन और प्रशासनिक लोगों को खोखला करता जा रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप देश पीछे जा रहा है।
भ्रष्टाचार कैसे रोकें?
माना कि भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है, लेकिन ऐसी कोई समस्या नहीं, जिसका कोई हल ना हो और जिसे जड़ से खत्म ना किया जाए। भ्रष्टाचार जैसे जहर को खत्म करने के लिए हमें बदलाव लाना होगा। इसमें थोड़ा समय अवश्य लगेगा परंतु भ्रष्टाचार खत्म होगा। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए हमें सबसे पहले राजनीति में कर्तव्य महान और देश प्रेमी लोगों को लाना होगा। हमें ऐसे प्रतिनिधि का चुनाव करना होगा, जो स्वयं का स्वार्थ ना देख कर देशहित को चुने। सरकारी दफ्तरों में काम कर रहे सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत देने वालों पर कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए। और जो लोग अपने काम को जल्दी से करवाने के लिए आसान रास्ता अपनाते हैं, उन्हें भ्रष्टाचार और उसकी समस्याओं से अवगत कराना चाहिए।
उपसंहार
भारत के लिए और सभी देशों के लिए भ्रष्टाचार एक बहुत बड़ी चुनौती है, और जब तक आम आदमी मिलकर इसके खिलाफ खड़े नहीं होते, यह खत्म नहीं होगा। हमें अपने देश को बचाने के लिए देश के अच्छे नागरिक होने का फर्ज निभाना होगा। ऐसे लोगों को सामने लाना होगा जो शासन या प्रशासनिक कार्यालयों में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं। हमें एक अच्छे राष्ट्र निर्माण के लिए भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए प्रयास करने होंगे।
bhrashtachar essay in hindi
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