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Bihar Diwas Essay in Hindi
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Essay on Bihar Diwas in Hindi (200 words)
बिहार भारत का एक राज्य है। बिहार राज्य में हर साल 22 मार्च को बिहार दिवस मनाया जाता है। यह बिहार दिवस मनाने का उद्देश्य बिहार की संस्कृति और परंपरा को उजागर करना है। इस दिन पूरे बिहार में सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं में अवकाश रहता है। सभी स्कूल कॉलेज पूरी तरह बंद रहते हैं। इस दिन बिहार में जगह-जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और बिहार राज्य के वरिष्ठ लोग और नेता लोगों को भाषण देकर बिहार के इतिहास के बारे में बताते हैं।
बिहार के युवाओं को सही रास्ता दिखाने के लिए इस दिन कई सारे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिनमें बिहार राज्य के बड़े-बड़े बिजनेसमैन बड़े बड़े अधिकारी युवाओं को भविष्य में आगे बढ़ने की राह बताते हैं। बिहार राज्य को संस्कृति का केंद्र कहा जाता है बिहार राज्य में ही गंगा नदी बहती है गंगा नदी के अलावा और भी कई नदियां बिहार से होकर गुजरती है। बिहार में राजनीतिक इतिहास के कई सारे आंदोलन शुरू किए गए महात्मा गांधी जी द्वारा बिहार में ही सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू किया गया था। पहले बिहार राज्य को मगध के नाम से जाना जाता था लेकिन मगध महाजनपद का विभाजन होने के बाद इसे बिहार के नाम से जाने जाने लगा।
Bihar Diwas Essay in Hindi (300 words)
प्रस्तावना
बिहार भारत के प्रमुख राज्यों में से एक है। बिहार को राजनीति और संस्कृति का केंद्र बिंदु माना जाता है। बिहार राज्य पुरानी कथाओं से जुड़ा हुआ है। बिहार राज्य की राजधानी पटना शहर है। पटना शहर बिहार का सबसे बड़ा शहर माना जाता है। हमारे देश के महान पुरुष जैसे कि चंद्रगुप्त मौर्य अशोक सम्राट राजा विक्रमादित्य का जन्म बिहार की पावन भूमि पर हुआ था। बिहार में ही हमारी संस्कृति से जुड़े कई कई सारी घटना घटित हुई थी। बिहार की इस संस्कृति और परंपरा को दर्शाने के लिए 22 मार्च को बिहार दिवस मनाया जाता है।
बिहार दिवस कैसे मनाते हैं?
22 मार्च के दिन हर साल बिहार में बिहार दिवस मनाया जाता है इस दिन बिहार राज्य के सभी स्कूल सरकारी गैर सरकारी संस्थाएं पूरी तरह बंद रहती है। राज्य में सरकारी अवकाश घोषित किया जाता है। इस दिन राज्य के सभी स्कूलों और कॉलेजों में निबंध प्रतियोगिता आयोजित की जाती हैं। युवा बच्चे अपनी संस्कृति का प्रचार करने के लिए स्कूल कॉलेज में नाटक भी करते हैं। इसके अलावा बिहार राज्य के वरिष्ठ नेता और अधिकारी जन सामूहिक रूप से युवाओं को भाषण देकर भविष्य में सही राह पर चलने की प्रेरणा देते हैं। पूरे बिहार में बिहार दिवस को बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
उपसंहार
22 मार्च के दिन को बिहार के गठन का दिन माना जाता है। इस दिन बिहार को एक अलग राज्य घोषित किया गया था। इसी खुशी में बिहार राज्य के लोग इस त्यौहार को बड़ी धूम-धाम के साथ मनाते हैं। बिहार की पावन भूमि पर हमारे देश के कई बड़े बड़े विद्वानों और महापुरुषों ने जन्म लिया था। बिहार दिवस के दिन सभी लोग एक साथ मिलकर अपनी एकता और संस्कृति को दर्शाते हैं। बिहार राज्य में देश के बड़े-बड़े अभिनेता जैसे कि शत्रुघ्न सिन्हा प्रियंका चोपड़ा का भी जन्म हुआ था। 22 मार्च बिहार दिवस के दिन बिहार की राजधानी पटना को बड़ी सुंदर तरीके से सजाया जाता है, और सभी लोग गली चौराहे पर इकट्ठा होकर एक दूजे को मिठाई खिलाकर इस त्यौहार की खुशी मनाते हैं।
Essay on Bihar Diwas in Hindi (500 words)
प्रस्तावना
बिहार राज्य की सीमाएं भारत के कई अलग-अलग राज्यों से मिलती है। बिहार राज्य की राजधानी पटना है। पटना शहर बिहार का सबसे बड़ा शहर माना जाता है। आज पटना शहर काफी आगे निकल चुका है। यहां के लोगों ने अपने बलबूते पर बिहार राज्य को एक सक्षम राज्य बनाया है। बिहार राज्य शुरू से ही हमारे इतिहास का प्रतीक माना जाता है। इस बिहार राज्य से हमारे देश के कई ऐसे महान पुरुष निकले जिन्होंने पूरी देश दुनिया में खूब नाम कमाया। बिहार राज्य को शिक्षा संस्कृति और शक्ति का केंद्र बिंदु भी माना जाता है। बिहार राज्य में भिन्न-भिन्न धर्म के लोग रहते हैं और यहां पर भोजपुरी मैथिली हिंदी उर्दू भाषा बोली जाती हैं।
22 मार्च को बिहार दिवस क्यों मनाया जाता है?
पहले बिहार बंगाल राज्य का ही भाग था। लेकिन कुछ समय बाद 22 मार्च 1912 को अंग्रेजों ने बंगाल का विभाजन किया और बिहार को एक अलग राज्य बनाया। बिहार के अलग राज्य के रूप में स्थापित होने की खुशी में वहां के लोगों ने बिहार दिवस मनाना प्रारंभ किया। बिहार दिवस मनाते हुए लगभग 109 साल पूरे हो चुके हैं। बिहार दिवस की बिहार के लोगों में काफी महत्वता होती है सभी लोग इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते रहते हैं। बिहार की पावन भूमि पर देश के कई महान राजाओं का जन्म हुआ राजा विक्रमादित्य ,चंद्रगुप्त मोर अशोक सम्राट जैसे महान राजाओं ने भी बिहार में ही जन्म लिया था।
बिहार दिवस की महत्वता ( Bihar Diwas Importance)
22 मार्च 1912 में ब्रिटिश सरकार द्वारा बंगाल से अलग करके बिहार को एक अलग राज्य के रूप में स्थापित कर दिया गया। पहले बिहार बंगाल का एक बहुत बड़ा हिस्सा हुआ करता था। बिहार राज्य में रहने वाले सभी लोगों ने अलग राज्य बनने की खुशी में इस त्यौहार को मनाना प्रारंभ किया और कई जगह पर इसे बिहार दिवस या बिहार स्थापना दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। 2005 मैं बिहार राज्य के मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार ने बिहार दिवस को काफी धूमधाम से मनाया। और अब हर साल इस दिन को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, बड़े पैमाने पर रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
बिहार राज्य की विशेषता
बिहार राज्य की हमारी संस्कृति में काफी विशेषता है। ऐसा माना जाता है बिहार राज्य का संबंध प्राचीन काल मध्यकाल और आधुनिक काल तीनों कालों से है। तीनों कालों में से हर काल में बिहार की एक अलग महत्वता देखने को मिली है। प्राचीन काल में अशोक सम्राट ने बिहार में जन्म लेकर पूरी दुनिया में अपना नाम फैलाया। इसके बाद बिहार में बने कई बड़े-बड़े विश्वविद्यालय जैसे कि नालंदा और विक्रमशिला में मध्यकाल मैं कई विदेशी लोगों ने आकर शिक्षा ग्रहण की। और आज इस आंदोलित काल में तो हम बिहार के बारे में जानते ही हैं। हर साल बिहार से कई ऐसे युवा निकलते हैं जो सरकार की उच्च पद पर कार्यरत होते हैं।
उपसंहार
बिहार दिवस बिहार में रहने वाले सभी लोगों के लिए काफी मायने रखता है।लोगों को इस दिन का काफी बेसब्री से इंतजार रहता है। बिहार में इस त्यौहार को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है इस दिन सभी लोग अपने अपने घरों को बड़ी अच्छी तरह से सजाते हैं घर के आंगन में रंगोली बनाते हैं। और बिहार का पारंपरिक भोजन लिट्टी चोखा बना कर इस त्यौहार का जश्न मनाते हैं। राज्य की राजधानी पटना में कई सारे संस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिसमें राज्य के बड़े-बड़े अधिकारी और वरिष्ठ नागरिक राज्य के युवाओं को अच्छी राह पर चलने के लिए प्रेरणा देते हैं। सभी बिहार वासियों के लिए बिहार दिवस सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है।
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