Chate Ki Atmakatha in Hindi: छाते की आत्मकथा

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Chate Ki Atmakatha in Hindi

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Chate Ki Atmakatha in Hindi (300 words)

मेरा नाम छाता है। वैसे तो मैं आकार में काफी छोटा हूं, लेकिन काम बड़े-बड़े करता हूं। मेरा काम इंसानों को धूप पानी से बचाना है, वैसे मेरा जन्म तो चीन में हुआ था। लेकिन मेरी खूबियों के कारण धीरे-धीरे में पूरे विश्व में जाने जाना लगा। सभी जगहों के लोग मेरे काम से इतने प्रभावित हो रहे हैं, कि उन्होंने मुझे अपने घर में एक अलग स्थान दे रखा है। हां मैं वही चाहता हूं, जिसके बारे में आप सोच रहे हैं, मेरा काम इंसानों को बारिश से भीगने से बचाना है।

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बरसात के मौसम में कोई भी व्यक्ति मेरे बगैर घर से बाहर नहीं निकलता क्योंकि घर से बाहर जाने के बाद अचानक बरसात होने पर, मैं ही उन्हें बरसात के पानी से बचाता हूं। वैसे तो मेरा आकार छोटा है लेकिन धीरे-धीरे लोगों ने अपनी सुविधानुसार मेरा आकार भी बहुत बड़ा कर लिया है। पहले में केवल एक इंसान को बारिश से बचा सकता था, लेकिन अब मेरा आकार इतना बड़ा हो चुका हैं, कि मैं 10 लोगों को एक साथ बारिश से बचा सकता हूं।

Chate Ki Atmakatha in Hindi
Chate Ki Atmakatha in Hindi

बाजारों में कई रंगों में बिकता हूं। मेरा मुख्य रंग काला है लेकिन अब मैं काले सफेद लाल पीले नीले हरे गुलाबी सभी रंगों में मौजूद होता हूं। लोग मेरा इस्तेमाल बारिश के अलावा तेज धूप से बचने के लिए भी करते हैं मैं मौसम से सीधा टक्कर लेकर सभी को धूप और पानी से बचाता हूं। एक छाता होने के नाते मेरा या कर्तव्य होता है कि मैं मेरे मालिक को धूप और पानी से सुरक्षित रखूं। सभी लोगों द्वारा मुझे बहुत पसंद करा जाता है, मैं बनावट में काफी मजबूत और टिकाऊ होता हूं। शायद इसीलिए सभी लोगों द्वारा मुझे इतना उपयोग किया जाता है। मैं भी लोगों के काम आकर अपने आपको काफी महत्वपूर्ण महसूस करता हूं।

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दोस्तों मेरा नाम छाता है। नाम सुनकर आप मुझे पहचान चुके होंगे। आज मैं काफी पुराना और बूढ़ा हो गया हूं। लेकिन पहले मैं काफी सुंदर और नया दिखाएं देता था। मेरा जन्म मेरे मालिक की सेवा के लिए हुआ है। मेरा काम होता है,मेरे मालिक को धूप धूल बरसात और गर्मी से बचाना। मेरा जन्म एक छोटी सी दुकान में हुआ जहां मुझे कपड़ा ,लोहे के पाइप और कुछ लंबी तारों से मिलकर बनाया गया था। पहले तो मैं केवल सफेद रंग में हुआ करता था लेकिन लोगों ने अपनी पसंद के अनुसार मेरा रुप रंग बदल दिया।

कुछ लोगों को मैं काले रंग में पसंद होता हूं, तो कुछ लोगों को सफेद ,तो किसी को हरे नीले लाल गुलाबी इत्यादि रंगों में। मेरे जीवन का सफर बड़ा ही रोमांचक रहा है। मैं उस छोटी सी दुकान से निकलकर शहर की एक बड़ी दुकान में आ गया। जहां मेरे साथ मेरे कुछ साथी भी थे। हम सभी को दुकान के एक कोने में रख दिया गया,और जैसे ही बरसात का मौसम चालू हुआ। धीरे धीरे मुझे और मेरे सभी दोस्तों को उनके मालिक मिल गए। 1 दिन तेज बरसात हो रही थी ,और एक व्यक्ति अंदर आया उसने मुझे अपने कवच के रूप में चुना और दुकानदार से मुझे खरीद कर ले गया।

जैसे ही मेरा मालिक दुकान से बाहर निकला तुरंत ही तेज बारिश चालू हो गई और मैं भी अपने काम में लग गया। मैंने मेरे मालिक को बारिश से बचा कर उसे सुरक्षित घर पहुंचाया और घर पहुंचते ही मालिक ने भी मुझे घर में अपने एक सदस्य का दर्जा देकर घर के कोने में टांग दिया। अब प्रतिदिन मेरी यही दिनचर्या होती थी।मैं सुबह उठकर मालिक के साथ उनके ऑफिस जाता वहां से फिर घर आता ,फिर मालिक मुझे लेकर कहीं घूमने निकल जाते मैंने मेरी जिंदगी में बहुत सी जगह देखी है। मैंने मेरे मालिक की खूब सेवा की उन्हें बरसात के मौसम के अलावा तेज धूप से भी बचाया।

एक दिन मेरे जीवन में बहुत बड़ा बदलाव हुआ मेरे मालिक मुझे लेकर एक दफ्तर में गए जहां उन्होंने दफ्तर के बाहर मुझे रख दिया लेकिन किसी चोर ने मुझे वहां से चोरी कर लिया। दो-तीन सालों तक मालिक की सेवा करने के बाद मैं उनसे अलग हो गया और उस चोर ने मुझे एक कबाड़ी वाले को बेच दिया,और उस कबाड़ी वाले ने मुझे एक गरीब इंसान को। अब तक तो मैं बड़े मजे के साथ जीवन जी रहा था। लेकिन अब मैं गरीबी में आ चुका था मेरा नया मालिक एक गरीब इंसान था। जो मुझे लेकर दिन भर यहां वहां घूमता रहता था।

पहले तो मैं बरसात के मौसम में या गर्मी के मौसम में घर से बाहर निकलता था, लेकिन नए मालिक ने तो मुझे ठंडे गर्मी बरसात धूल-मिट्टी हर मौसम में बाहर निकाला और काम हो जाने के बाद घर की छत पर धूप खाने के लिए फेंक दिया। धीरे-धीरे मेरे सारे पुर्जे खराब होने लगे मेरी छत का कपड़ा फटने लगा तो उसने डॉक्टर के पास ले जाकर मेरी सिलाई करा कर मुझे फिर से इस्तेमाल करने लायक बना लिया। लेकिन अब मैं बीमार तो हो चुका था।उसने कुछ समय तक मेरा और इस्तेमाल किया जब मैं अधिक खराब होने लगा तो उसने मुझे छत पर सड़ने के लिए फेंक दिया। अब मेरी स्थिति ऐसी हो चुकी है कि मैं कुछ काम का नहीं रहा जल्द ही मेरा काम यहां से समाप्त हो जाएगा।

हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस Chate Ki Atmakatha in Hindi जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह Chate Ki Atmakatha Hindi Nibandh अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Chate Ki Atmakatha in Hindi Small कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay या Speech कौन से टॉपिक पर चाहिए. इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.

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