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Climate Change Essay in Hindi
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Climate Change Essay in Hindi 100 Words
जलवायु परिवर्तन का मूल रूप पृथ्वी की जलवायु में आकस्मिक परिवर्तन है। विभिन्न कारणों से पृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन हो रहा है। जलवायु परिवर्तन के कुछ महत्वपूर्ण कारण है, जैसे कि बढ़ता हुआ प्रदूषण, वनों की कटाई, प्राकृतिक स्रोतों का अंधाधुंध खनन इत्यादि। मानव द्वारा अपने विकास के लिए प्रकृति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है, जैसे-जैसे विश्व में आधुनिकरण बढ़ते जा रहा है, पृथ्वी से प्राकृतिक स्रोत खत्म होते जा रहे हैं। अत्यधिक आबादी होने के कारण सभी चीजों का खनन बढ़ चुका है, जिससे वातावरण में गर्मी और प्रदूषण बढ़ रहा है। इसी गर्मी और प्रदूषण के कारण जलवायु परिवर्तन हो रहा है, जिसका दुष्प्रभाव हमें सूखा, बाढ़, भूकंप आदि के रूप में झेलना पड़ रहा है।
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Jalvayu Parivartan Essay in Hindi 200 Words
आज दुनियां में अगर किसी विषय पर सबसे ज्यादा चिंता की जानी चाहिए, तो वह जलवायु परिवर्तन है, जो पृथ्वी पर हमारे जीवन को खतरे में डाल सकता है। जलवायु परिवर्तन का अर्थ है, पर्यावरण में अचानक से ऐसे परिवर्तन आना जिसके कारण प्राकृतिक आपदाएं बढ़ने लगे। वैज्ञानिकों का कहना है, कि पृथ्वी की जलवायु पिछले 2 मिलियन सालों में सबसे ज्यादा गर्म हुई है, जिसके कारण ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या हो रही है।
जलवायु परिवर्तन होने का कारण इंसानों को ही माना जा रहा है, क्योंकि इंसान अपने फायदे के लिए लगातार प्रकृति को नुकसान पहुंचता जा रहा है, और प्राकृतिक स्रोतों को खत्म करते जा रहा है। बढ़ते हुए आधुनिकरण के कारण प्रकृति में काफी प्रदूषण फैल रहा है, जिससे धीरे-धीरे जलवायु परिवर्तन हो रहा है। जलवायु परिवर्तन हमारे लिए काफी नुकसानदायक है, यदि जलवायु परिवर्तन की समस्या अत्यधिक बढ़ गई, तो यह पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवित प्राणियों के जीवन को नष्ट कर देगी। हमें अपनी पृथ्वी को जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसानों से बचने के लिए अत्यधिक पेड़-पौधे लगाने चाहिए, प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा करनी चाहिए।
इसके अलावा प्रकृति के लिए महत्वपूर्ण वन्य जीव प्राणियों को भी सुरक्षित रखना चाहिए। सभी लोगों को प्रदूषण न करने के लिए जीवाश्म ईंधन मुक्त वाहनों और मशीनों का उपयोग करना चाहिए। इसके साथ ही वृक्षारोपण, संसाधनों का सीमित उपयोग एवम जलवायु को नुकसान से बचाने के लिए उपयोगी कदम उठाने चाहिए।
Jalvayu Parivartan Essay in Hindi PDF 300 Words
जलवायु परिवर्तन क्या है, और यह हमें किस तरह नुकसान पहुंचा रहा है? यह बात अभी तक कुछ लोगों को समझ नहीं आई है। मौसम में हो रहे परिवर्तन के कारण कभी भी किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा खड़ी हो जाती है, जिसका कारण जलवायु परिवर्तन ही होता है। पिछले 20 सालों में हमारी पृथ्वी की हवाएं इतनी गरम हो गई है, कि लगातार जलवायु परिवर्तन हो रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार वर्ष 2010 से लेकर वर्ष 2019 तक जलवायु परिवर्तन के कारण इन 9 वर्षों में सबसे अधिक गर्मी हुई है।
बीते कुछ सालों में हर मौसम प्रकृति द्वारा तय किए गए समय से अधिक चला है। जैसे जनवरी माह मे शीत का मौसम होता है, लेकिन उस वक्त भी बरसात हो रही है। वहीं बरसात के मौसम में सुखा रहना, अत्यधिक गर्मी पड़ना, यह सब जलवायु परिवर्तन का ही नतीजा है। समय रहते यदि इस समस्या को कम करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया, तो हमारी प्रकृति पूरी तरह नष्ट हो सकती है। जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए सभी लोगों को कुछ ना कुछ उपाय करना चाहिए।
जलवायु परिवर्तन को रोकने से पहले हमें जलवायु परिवर्तन होने के कारण को जानना चाहिए। जलवायु परिवर्तन होने के कुछ मुख्य कारण है, जैसे कि अत्यधिक प्रदूषण, ज्वालामुखी में विस्फोट, जंगलों में आग, अंधाधुन वनों की कटाई, कंपनियों से निकलने वाला गर्म और विषैला धुआं इत्यादि। मानव जाति ने अपने विकास के लिए प्रकृति की परवाह किए बिना हर वह काम किया है, जिससे प्रकृति को नुकसान पहुंचा है। इंसानों ने अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रकृति के साथ-साथ, प्रकृति में मौजूद जीव प्राणियों के जीवन को भी खतरे में डाला है।
प्रकृति का संतुलन बिगड़ने के कारण जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रहे रही है। अब सभी लोगों को जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूक होकर इसे रोकने का प्रयास करना चाहिए। इसके लिए हम कुछ प्रभावशाली कदम उठा सकते हैं, जैसे की पौधारोपण, वनों की कटाई पर रोक लगाकर, वाहनों का सीमित मात्रा में उपयोग करके, एवम इसी तरह के और प्रयास करके हम जलवायु परिवर्तन को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
Climate Change Essay in Hindi 500 Words
प्रस्तावना
जलवायु परिवर्तन को मुख्य रूप से धरती पर मौसम में हो रहे आकस्मिक परिवर्तन के रूप में जाना जाता है। जलवायु परिवर्तन की समस्या कुछ दशकों से हो रही है, और निरंतर बढ़ती जा रही है। जलवायु परिवर्तन के कारण पर्यावरण में काफी बदलाव आ चुका है। इसका सीधा प्रभाव मानव के जीवन पर पड़ रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार साल दर साल जलवायु परिवर्तन बढ़ते जा रहा है, जिसके कारण प्रकृति द्वारा तय किए गए मौसमों में विलंब हो रहा है। जलवायु परिवर्तन का दुष्प्रभाव कितना अधिक है, इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है, कि वर्ष 2019 को अब तक का सबसे गर्म साल माना जाता है। 2019 में सबसे अधिक गर्मी हुई थी।
जलवायु परिवर्तन के कारण
जलवायु परिवर्तन होने के काफी कारण है, लेकिन कुछ मुख्य कारण जिससे जलवायु परिवर्तन तेजी से हो रहा है, वे इस प्रकार हैं।
- ज्वालामुखी विस्फोट: पृथ्वी के पर्यावरण में असंतुलन होने के कारण ज्वालामुखी विस्फोट होते रहते हैं। ज्वालामुखी विस्फोट को ही जलवायु में परिवर्तन लाने वाला एक महत्वपूर्ण कारण माना जाता है। ज्वालामुखी विस्फोट से काफी सारी हानिकारक गैस निकलती है, जो पर्यावरण में मौजूद हवाओं को गर्म करती है, जिससे जलवायु परिवर्तन बढ़ता है।
- सूर्य विकिरण: बढ़ते हुए प्रदूषण के कारण पृथ्वी की ऊपरी सतह कमजोर हो गई है, जिसके कारण सूर्य की किरणें सीधी पृथ्वी पर आ रही है। इससे पृथ्वी पर तापमान बढ़ रहा है। सूर्य की किरणें जब सीधे किसी मनुष्य के संपर्क में आती है, तो इसे कैंसर जैसी बीमारियां होती हैं।
- मानवीय गतिविधियां: जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारण मनुष्य ही है, क्योंकि मनुष्यों द्वारा अपने विकास के लिए प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुन इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा औद्योगिकरण बढ़ने से वातावरण में गर्म और विषैली गैसें फैल रही है, जिससे प्रकृति का तापमान बढ़ रहा है। पृथ्वी के वातावरण में जो आज कार्बन-डाइऑक्साइड का स्तर बड़ा है, यह सब मनुष्यों की ही देन है।
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव
- जल पर प्रभाव: जलवायु परिवर्तन के कारण पृथ्वी पर मौजूद प्राकृतिक जल स्रोत पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुके हैं। बढ़ते हुए जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षा का स्वरूप भी अनिश्चित हो गया है, जिसके फलस्वरुप कई जगहों पर सूखा, बाढ़ जैसी स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं। वर्षा न होने के कारण ही ग्लेशियर के पिघलने की समस्या हो रही है।
- वनों पर प्रभाव: प्रकृति का संतुलन बनाए रखने में वन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण वन पूरी तरह नष्ट होते जा रहे हैं। जलवायु परिवर्तन न सिर्फ वनों को बल्कि वन में रहने वाले विभिन्न प्रकार के पशु, जीव-जंतुओं की प्रजातियां को भी नष्ट कर रहा है। वनों के नष्ट होने के कारण पशु पक्षियों का आवास नष्ट हो रहा है, जिससे कई दुर्लभ प्रजाति के पशु पक्षी बिल्कुल विलुप्त हो चुके हैं।
- इंसानों पर प्रभाव: जलवायु परिवर्तन का मुख्य प्रभाव तो मनुष्यों पर पड़ रहा है। आज मनुष्यों ने अपने फायदे के लिए प्रकृति को जितना नुकसान पहुंचा है, अब प्रकृति भी उन्हें उतना ही नुकसान पहुंचा रही है। जलवायु परिवर्तन के कारण अत्यधिक गर्मी हो रही है, सूखा, बाढ़ जैसी समस्या उत्पन्न हो रही है, जिससे मनुष्य का जीवन कठिन होते जा रहा है और जान माल की हानि भी हो रही है।
निष्कर्ष
जलवायु परिवर्तन एक विश्व स्तरीय समस्या है, जिसका समाधान सभी लोगों को एक साथ मिलकर करना चाहिए। यदि मनुष्य सिर्फ अपने जीवन के विकास के लिए प्रकृति को नुकसान पहुंचता जाएगा, तो आने वाले समय में ग्लोबल वार्मिंग जैसी प्राकृतिक आपदाएं और भी बढ़ सकती हैं। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते जा रहे हैं, वैसे-वैसे जलवायु परिवर्तन भी बढ़ता जा रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार वर्ष 2019 में कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य विषैली गैसों का स्तर पर्यावरण में सबसे अधिक था। अपने पर्यावरण को बचाए रखने के लिए हमें पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण पेड़-पौधों को बचाए रखना होगा। सभी लोगों को मिलकर वृक्षारोपण करना चाहिए जिससे वातावरण में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा कम हो सके।
Climate Change Essay in Hindi 1000 Words
प्रस्तावना
जलवायु परिवर्तन आज पृथ्वी पर मौजूद सभी जीवित प्राणियों के लिए एक सबसे बड़ी समस्या बन चुका है। इस जलवायु परिवर्तन के कारण प्रकृति में न जाने कैसे-कैसे परिवर्तन हो रहे हैं। जिस मौसम में बरसात होनी है, उसे मौसम में तेज गर्मी हो रही है, मौसम में गर्मी होना है, उस मौसम में तेज बरसात हो रही है। यह सब जलवायु परिवर्तन के कारण ही हो रहा है। मौसम में बदलाव के कारण काफी सारी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो रही है, जिससे पृथ्वी पर मौजूद सभी जीवित प्राणियों के जीवन में समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। आज सारा विश्व जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली समस्याएं जैसे कि ग्लोबल वार्मिंग, ग्रीन हाउस गैसेस से पीड़ित है। यदि समय रहते इस समस्या को काबू करने की कोशिश नहीं की गई, तो आने वाले समय में यह समस्या विकराल रूप ले सकती है।
जलवायु परिवर्तन के कारण
जलवायु परिवर्तन के दो प्रमुख कारण है, पहला प्राकृतिक कारण और दूसरा मानव निमित्त कारण। प्राकृतिक कारण प्रकृति द्वारा निर्मित होते हैं, इसलिए इन पर मानव का नियंत्रण नहीं होता है, जबकि मानव निर्मित कारणों को कम करके या इन पर प्रतिबंध लगाकर इन पर नियंत्रित पाया जा सकता है। कारण भले ही दो हो लेकिन इसका प्रभाव एक ही है जलवायु परिवर्तन के कारण जल जीवन वन्य जीवन वनस्पति एवं मनुष्य का जीवन बहुत बड़े खतरे में पड़ सकता है, अगर समय पर कोई कदम नहीं उठाया गया तो इस खतरे को टालना मुश्किल हो जाएगा।
प्राकृतिक कारण:-
- ज्वालामुखी का फटना जलवायु परिवर्तन का एक प्राकृतिक कारण है। ज्वालामुखी के फटने से विभिन्न जैसे जैसे सल्फर ट्राईऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड हाइड्रोजन ऑक्साइड क्लोरीन कार्बन मोनोऑक्साइड निकलती है, जो जलवायु परिवर्तन होने का कारण बनती है।
- महासागर एवं सागर समय-समय पर अपना तप वायुमंडल में छोड़ते हैं जिसके कारण वायुमंडल पर इसका असर पड़ता है और यह जलवायु परिवर्तन एवं ग्रीन हाउस प्रभाव का कारण बनता है
मानव निर्मित कारण:-
- लगातार बढ़ते औद्योगीकरण शहरीकरण एवं वनों की अंधाधुंध कटाई के कारण वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा की अधिकता हो गई है जिसके कारण तापमान में वृद्धि हो रही है और ग्रीनहाउस प्रभाव बढ़ रहा है। यह मुख्य रूप से जलवायु परिवर्तन को प्रभावित करता है।
- आज आधुनिक कृषि के चलते रासायनिक खादो एवं कीटनाशकों का प्रयोग किया जा रहा है। इन रासायनिक कीटनाशकों के प्रयोग से कई प्रकार की जैसे उत्पन्न होती है जो ग्रीन हाउस प्रभाव को प्रभावित करती है।
- जीवाश्म ईंधन के प्रयोग से नाइट्रोजन डाइऑक्साइड कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैस से निकलती है, जो जलवायु परिवर्तन का एक और कारण है।
- आज शहरीकरण एवं औद्योगीकरण के कारण जल प्रदूषण वायु प्रदूषण एवं ऐसे ही अन्य प्रदूषण बढ़ रहे हैं। प्रदूषण जलवायु परिवर्तन का एक और मुख्य कारण है जो जलवायु और मानव जीवन दोनों को ही प्रभावित कर रहा है।
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव
वायु परिवर्तन के कई दुष्परिणाम आज देखने को मिल रहे हैं 19वीं साड़ी की अपेक्षा में धरती का तापमान करीब 1.2 सेल्सियस बढ़ चुका है और वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड गैस की मात्रा में भी 50 फ़ीसदी तक की वृद्धि हुई है। जलवायु परिवर्तन के कारण आज दुनियां के अलग-अलग क्षेत्र झुलस्ती गर्मी, जंगल में लगने वाली आग, अचानक आने वाली बाढ़ से ग्रसित है। इन सबके लिए सबसे ज्यादा मानव ही दोषी है। प्रकृति में संतुलन बनाए रखने के लिए ठंड गर्मी बरसात जैसे मौसम समय-समय पर बारी-बारी से आते हैं लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण आज गर्मी में बरसात और यहां तक की बाढ़ आने जैसी समस्या उत्पन्न हो रही है, जबकि बरसात में सुख ही पड़ा रहता है। यह कृषि उत्पादन को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है, अगर ऐसा ही चला रहा तो आने वाले समय में लोग भुखमरी, सूखा, बाढ़ से पीड़ित हो जाएंगे।
जलवायु परिवर्तन को रोकने के उपाय
जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए हम निम्न उपायों को अपना सकते हैं।
- वृक्षारोपण : पर्यावरण से जुड़ी हर समस्या को खत्म करने के लिए वृक्ष अहम भूमिका निभाते हैं, क्योंकि वृक्ष ही पर्यावरण का संतुलन बनाए रखते हैं। बढ़ते हुए जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए हमें अपने वातावरण में पेड़-पौधों की संख्या को बढ़ाना चाहिए। यह सभी वृक्ष पर्यावरण से कार्बन डाइऑक्साइड गैस को कम करते हैं। समय पर बरसात लाने में कारगर होते हैं, भूमि की उपज बढ़ाते हैं इसलिए जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए वृक्ष सार्थक साबित हो सकते हैं।
- प्रदूषण में रोकथाम: जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए सबसे पहले वातावरण में प्रदूषण का स्तर कम करना चाहिए। इसके लिए सभी लोगों को जीवाश्म इंधनों पर चलने वाले वाहनों का इस्तेमाल कम कर देना चाहिए। कार्बन डाइऑक्साइड और ग्रीनहाउस गैसें वातावरण में मौजूद हवा को दूषित करते हैं। हवा को शुद्ध करने के लिए एयर प्यूरीफायर जैसे उपकरणों का इस्तेमाल करना चाहिए।
- वनों की कटाई पर रोक वनों : बढ़ते हुए आधुनिकरण के कारण वनों की कटाई काफी ज्यादा हो रही है। पर्यावरण में वनों की कमी के कारण काफी सारी प्राकृतिक समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जिसमें ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन भी शामिल है। इन सभी प्राकृतिक समस्याओं को रोकने के लिए वनों की कटाई पर रोक लगाना चाहिए।
निष्कर्ष
जलवायु परिवर्तन से होने वाली समस्याओं से आज सारा विश्व परेशान है। विश्व के ऐसे कई देश हैं, जहां पर जलवायु परिवर्तन के कारण काफी हानि हुई है। इसीलिए अब सभी देश एक साथ मिलकर जलवायु परिवर्तन की समस्या को हल करने की कोशिश कर रहे हैं। जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे को देखते हुए साल 2015 में ऐतिहासिक पेरिस समझौते को अपनाया गया था, जिसका लक्ष्य इक्क्सवी में वैश्विक तापमान वृद्धि को पूर्व औद्योगिक कल के तापमान से 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखना है। जलवायु परिवर्तन की समस्या को हल करना हम सभी के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है, वरना आने वाले समय में यह समस्या इतनी भयावह हो सकती है, जिसका अंदाजा लगाना भी असंभव है।
Essay on Climate Change in Hindi
हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस “Climate Change Essay in Hindi” जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह Jalvayu Parivartan Essay in Hindi अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Climate Change Essay in Hindi कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay या Speech कौन से टॉपिक पर चाहिए. इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.
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