क्या आप भी “Essay On Kalpana Chawla In Hindi” की तलाश कर रहे हैं? यदि हां, तो आप इंटरनेट की दुनिया की सबसे बेस्ट वेबसाइट essayduniya.com पर टपके हो. यदि आप Essay on Kalpana Chawla In Hindi, Kalpana Chawla Essay In Hindi, Kalpana Chawla Essay 100 Words, Kalpana Chawla story, Kalpana Chawla Death, When was Kalpana Chawla born, About Kalpana Chawla in Hindi, Kalpana Chawla Nibandh, Kalpana Chawla Essay Pdf यही सब सर्च कर रहे हैं तो आपका इंतजार यही पूरा होता है.
Essay On Kalpana Chawla In Hindi
यहां हम आपको “Essay On Kalpana Chawla In Hindi” उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध/ स्पीच को अपने स्कूल या कॉलेज के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी प्रतियोगिता के लिए भी Kalpana Chawla Essay In Hindi तैयार करना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए.
Kalpana Chawla Essay 100 Words
कल्पना चावला भारत की सुप्रसिद्ध महिलाओं में से एक हैं। कल्पना को अंतरिक्ष महिला के नाम से भी जाना जाता है। विश्व के इतिहास में अंतरिक्ष में जाने वाली सबसे पहली भारतीय महिला कल्पना चावला है। उन्होंने अंतरिक्ष में जाकर सारे विश्व में भारत का नाम रोशन कर दिया है। इनका जन्म 17 मार्च 1962 को हरियाणा में हुआ था। बचपन से ही वे हवाई जहाज में काफी रुचि रखती थी। आगे चलकर उन्होंने एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और करियर बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र अमेरिका चली गई। वहां जाकर नासा में शामिल होने के बाद उन्होंने 2 अंतरिक्ष उड़ाने पूरी की, जिसमें से दूसरी अंतरिक्ष उड़ान में दुर्घटना के कारण उनकी दुखद मृत्यु हो गई।
Essay On Kalpana Chawla In Hindi 200 words
भारत की प्रथम अंतरिक्ष महिला कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 को करनाल हरियाणा में हुआ था। कल्पना चावला का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। बचपन से ही उनका सपना पायलट बनने और विमान चलाना था। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा टैगोर स्कूल हरियाणा से पूरी की। इसके बाद उन्होंने अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की। तदंतर कल्पना चावला 1982 में अमेरिका चली गई, और वहां जाकर उन्होंने 1984 में टेक्सास विश्वविद्यालय से वैमानिक इंजीनियरिंग में मास्टर की डिग्री पूरी की।
कल्पना चावला को नासा द्वारा 1994 में अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना गया। कल्पना ने 19 नवंबर 1997 को अपने छह अंतरिक्ष यात्रियों के साथ पहली अंतरिक्ष उड़ान भरी। इस अंतरिक्ष उड़ान में उन्होंने 356 घंटों में पृथ्वी की 252 परिक्रमा पूरी की। पहली उड़ान सफल होने के बाद 16 जनवरी 2003 शटल कोलंबिया में कल्पना चावला ने अपनी दूसरी और अंतिम उड़ान भरी। 1 फरवरी 2003 को धरती पर वापस आते समय विमान के कुछ हिस्से टूट गए, जिसके कारण विमान पूरी तरह असंतुलित हो गया, और कल्पना चावला एवं उनके छह अंतरिक्ष यात्रियों की दुखद मृत्यु हो गई।
Kalpana Chawla Essay In Hindi 300 words
प्रस्तावना
कल्पना चावला भारत का गौरव मानी जाती हैं। कल्पना चावला का नाम सुनते ही सभी भारतीयों का सीना गर्व से फूल जाता है। आज भारत को विश्व में अपने स्वर्णिम इतिहास के साथ कल्पना चावला जैसी महान विभूतियों के कारण ही जाना जाता है। कल्पना चावला ने सभी महिलाओं के लिए यह उदाहरण पेश किया है, कि वे चाहे तो आसमान तक में उड़ान भर सकती हैं। कल्पना चावला ने विदेश में रहकर हर वक्त भारत और भारतवासियों का नाम रोशन किया है।
कल्पना चावला का जन्म और शिक्षा
कल्पना का जन्म 17 मार्च 1965 को करनाल हरियाणा में हुआ था। इनकी माता का नाम सज्योति देवी एवं पिता का नाम बनारसी लाल चावला था। बनारसी लाल के कुल 4 बच्चे थे जिनमें से कल्पना चावला सबसे छोटी बेटी थी। बचपन से ही कल्पना को विमान उड़ाने में रुचि थी। अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए उन्होंने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और बाद में 1982 में उन्होंने अमेरिका जाकर टेक्सास विश्वविद्यालय में पीएचडी की डिग्री पूरी की।
कल्पना चावला की पहली उड़ान
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें अंतरिक्ष में उड़ान भरने का पहला मौका कोलंबिया में STS 87 पर 1997 में दिया गया। अपनी पहली उड़ान में उन्होंने 15 दिनों में पृथ्वी की 252 परिक्रमा पूरी की। इसके बाद कल्पना को सन 2002 में STS 107 विमान के चालक के रूप में दूसरी उड़ान के लिए चुना गया। विमान में खराबी और तकनीकी समस्या के कारण इस उड़ान को कई बार रद्द कर दिया गया। लेकिन इस उड़ान को दोबारा 2003 में लांच किया गया। इस उड़ान में कल्पना चावला समेत उनके छह अंतरिक्ष यात्री भी शामिल थे उन्होंने 16 दिनों की उड़ान में 80 से अधिक प्रयोग सफलतापूर्वक किए।
उपसंहार
दूसरी उड़ान के प्रयोग पूरे करने के बाद वापस आते वक्त 1 फरवरी 2003 को पृथ्वी पर वापस आते समय अंतरिक्ष यान का इंसुलेशन टूट गया। जिसके कारण गर्म हवा अंदर प्रवेश कर गई और विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कल्पना चावला का नाम विश्व की सबसे बहादुर महिलाओं में शामिल है। इसके अलावा कल्पना चावला को नासा विशिष्ट सेवा पदक, नासा अंतरिक्ष उड़ान पदक ,कांग्रेसनल अंतरिक्ष पदक जैसे पुरस्कार भी दिए गए हैं। कल्पना चावला देश के युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत है।
About Kalpana Chawla in Hindi
हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस “Essay On Kalpana Chawla In Hindi” जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह Kalpana Chawla Essay In Hindi अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Essay On Kalpana Chawla In Hindi कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay या Speech कौन से टॉपिक पर चाहिए. इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.
JOIN TELEGRAM GROUP | CLICK HERE |
ESSAYDUNIYA HOME | CLICK HERE |