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Essay On My Mother In Hindi (मेरी मां पर निबंध)
इस आर्टिकल में हम आपको मेरी मां हिंदी निबंध, Short essay on my mother के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। जिसमें आप Essay on my mother in Hindi को देख सकते हैं। यह निबंध 4, 5, 6, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों के लिए या उनके किसी प्रोजेक्ट के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकता हैं। यदि आपको अपने स्कूल में किसी निबंध या स्पीच के लिए Essay On My Mother In Hindi (मेरी मां पर निबंध) का टॉपिक मिला है, तो आप इस आर्टिकल में बताए गए मेरी मां पर निबंध की सहायता ले सकते हैं, जो आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगा। इसलिए इस आर्टिकल को ध्यानपूर्वक जरूर पढ़िए।
मेरी मां पर निबंध 100 Words
मेरी मां का नाम सुशीला देवी है। वो मुझसे बहुत प्यार करती हैं। मेरी मां एक बहुत सरल और सुलझी हुई महिला हैं। वे खुशमिजाज हैं, और हमेशा मुस्कुराती रहती हैं। वे मेरा और पुरे परिवार का बहुत ध्यान रखती हैं। घर में सबसे पहली उठकर वे सबके लिए नाश्ता बनाती हैं। मुझे स्कूल के लिए तैयार करती हैं, और पापा को भी समय से ऑफिस पहुंचाने के लिए उनके सभी काम करती हैं। मेरी मां घर में सभी का खयाल रखती हैं।
मुझे कभी बाहर दोस्त बनाने या किसी और से कोई बात करने की जरूरत महसूस नहीं हुई। क्योंकि मेरी मां मेरी हर बात सुनती और समझती हैं। वो घर के सारे काम करने के बाद भी मेरी और सभी की जरूरत का ख्याल रखने के साथ उनके साथ समय भी बिताती हैं। वो सच में एक सुपरवूमेन हैं, जो सब कुछ करने में सक्षम है। मैं अपनी मां से बहुत प्यार करती हूं और उनका आदर करती हूं।
Short Essay on my Mother 200 Words
हम सभी के जीवन में मां का संबंध बहुत महत्वपूर्ण और प्रेमपूर्ण होता है। सभी लोग अपनी मां से बहुत लगाव महसूस करते हैं। मेरी मां के साथ मेरा एक खास रिश्ता है, जो मां-बेटी से ज्यादा और किसी भी परिभाषा या शब्द के परे है। वो मेरी मां ही नहीं बल्कि मेरी एक बहुत अच्छी दोस्त भी हैं। जो मुश्किल समय में मेरा साथ देती हैं। वो मेरी छोटी से छोटी बात समझती हैं, और उसका हल निकालने में मेरी मदद करती हैं। मेरी मां हमारी गलतियों पर डांटने की जगह प्यार से समझाती है।
इसलिए ही मैंने आज तक अपनी मां से कुछ भी नहीं छुपाया है। मैं अपनी मां को हर बात बताती हूं। वो एक दोस्त की तरह मेरे साथ रहती हैं। वो एक मां की तरह मेरा पालन पोषण करती हैं, मुझे अच्छे संस्कार देती हैं, पढ़ाई में मेरी सहायता करती हैं, एक दोस्त की तरह मेरी हर एक बात को सुनती हैं, और मेरे साथ हंसी-ठिठोली भी करती हैं। मेरी मां का पूरा जीवन त्याग, समर्पण और प्रेम से भरा हुआ है। उन्हें प्रेम की मूरत कहना गलत नहीं होगा।
वो अपनी जरूरत से पहले हमारी जरूरत का ख्याल रखती हैं। वे स्कूल में शिक्षिका है, इसके बावजूद भी वे घर में हर एक काम को बड़े सलीके से करती हैं, और सबका ख्याल रखती हैं। हम सभी लोग मां के काम में हाथ भी बंटाते हैं, लेकिन मेरी मां जिस तरह से घर और घर के सभी सदस्यों को संभाल लेती हैं, वह हम में से किसी के लिए भी कर पाना संभव नहीं है। मेरे घर में सभी लोग मेरी मां का बहुत सम्मान करते हैं, और उनसे प्रेम करते हैं।
Meri Maa Par Nibandh 300 Words
भगवान की संज्ञा अगर कोई है, तो वो मां है। मैंने भगवान नहीं देखे, लेकिन अपनी मां को देखा है। एक मां स्वयं कष्ट और पीड़ा उठाकर संतान को जन्म देती है। उसका पालन-पोषण करती है, रातों को जगकर अपनी संतान की देखभाल करती है। मेरी मां का मेरे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है, उन्होंने मुझे पोषण देने के साथ अच्छी शिक्षा और संस्कार भी दिए हैं। मेरी मां घर में सबसे पहले उठ जाती है, और सबसे बाद में सोती है। सुबह उठकर मेरी मां स्नान आदि करके पहले भगवान को पूजा करती है और फिर हम सबके लिए नाश्ता बनाती है।
मेरी मां के कारण मैं अपने स्कूल और मेरे पिताजी कभी ऑफिस के लिए लेट नहीं हुए है। मेरी मां हम सबकी जरूरतों का ख्याल इतनी अच्छे से रखती हैं, की हमारे मांगने के पहले ही उन्हें पता होता है, की हमें क्या चाहिए। हम सब मेरे दाद-दादी के साथ ही रहते हैं। मेरी मां उनका विशेष ख्याल रखती हैं, और उन्हें कभी अकेला महसूस नहीं होने देती हैं।
कभी-कभी मुझे मेरी मां महामानव जैसी लगती हैं, जो कुछ भी करने में सक्षम हैं। वो हर काम इतने सलीके और तल्लीनता से करती हैं, की उसमें कमी निकालना बहुत मुश्किल है। मेरी मां मेरे घर की रौनक हैं, अगर वे दो पल के लिए भी कहीं चली जाती हैं, तो हमें अपना घर, घर जैसा नहीं लगता है। मेरे घर में सभी लोग मेरी मां से बहुत प्रेम करते हैं, और उनका आदर करते हैं।
मेरी मां मुझे स्कूल भेजने और स्कूल से लाने से लेकर पढ़ाने का काम खुद ही करती हैं। उन्हीं के कारण मैं हमेशा कक्षा में अच्छे नंबरों के साथ पास होती हूं, और स्कूल में आयोजित होने वाली प्रतियोगिता में भी अव्वल आती हूं। मेरी मां ने मुझे संस्कार और शिक्षा दोनों ही दिए हैं, जिसके कारण आज मैं इतनी सक्षम हो गई हूं। मैं अपनी मां का बहुत सम्मान और उनसे बहुत प्यार करती हूं।
तो हमारे नन्हें पाठकों और मित्रों! यह था हमारा मेरी मां विषय पर निबंध आप इस निबंध को लेकर क्या सोचते हैं, और यह निबंध आपको कैसा लगा, इसके बारे में हमें कॉमेंट बॉक्स में जरूर लिख भेजिए। ऐसे ही निबंध, स्पीच और एप्लीकेशन पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट के साथ बने रहिए।
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