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Essay on New Education Policy in Hindi (राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर निबंध)
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Short Essay on New Education Policy 200 Words
राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली (National Education Policy) का बेहतर होना देश के भविष्य के लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि देश में जितने भी बच्चे राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत शिक्षा प्राप्त करेंगे वे आगे चलकर देश के विकास में अपना योगदान देंगे। पिछले कई दशकों से भारत में चलने वाली शिक्षा प्रणाली अंग्रेजी शिक्षा नीति पर आधारित है। जो ना तो देश के लिए लाभदायक साबित हो रही है, और ना ही देश के विद्यार्थियों के लिए। देश की पहली शिक्षा नीति 1986 में लॉर्ड मैकाले द्वारा बनाई गई थी, जो की अंग्रेजी नीति पर आधारित थी। समय के साथ-साथ यह शिक्षा नीति भारत के विकास में असफल साबित होने लगी, इसलिए 2020 में नई शिक्षा नीति लागू की गई।
34 वर्षों के अंतराल के बाद जुलाई 2020 में केंद्रीय सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी गई है। इस नई शिक्षा नीति के माध्यम से छात्रों की सोच और रचनात्मक क्षमता को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ भौतिक ज्ञान भी प्रदान किया जाएगा जिससे उनके कौशल में वृद्धि होगी। इस नई शिक्षा नीति को इस सिद्धांत पर आधारित किया गया है, कि शिक्षा से बच्चो में न केवल साक्षरता, उच्च स्तर की तार्किक और समस्या समाधान संबंधित संज्ञानात्मक क्षमताओं का विकास होना चाहिए, बल्कि नैतिक, सामाजिक और भावनात्मक स्तर पर भी बच्चों का विकास होना चाहिए।
New Education Policy Essay in Hindi 300 Words
शिक्षा सभी लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है। शिक्षा से ही व्यक्ति जीवन जीने का तरीका सिखाता है। शिक्षा का शाब्दिक अर्थ होता है, पढ़ने-लिखने और सीखने की क्रिया। इस प्रकार हम यह कह सकते हैं, कि शिक्षा का अर्थ है, समाज में रहने वाले इंसानों की आंतरिक शक्तियों का विकास करना, उन्हें सामाजिक ज्ञान प्रदान करना एवं उनके व्यवहार में सुधार लाना। शिक्षा का प्रथम उद्देश्य इंसान के ज्ञान और कौशल में वृद्धि करना होता है। शिक्षा से ही मनुष्य एक योग्य नागरिक बनता है। बात अगर भारत की शिक्षा नीति की की जाए तो हमारी शिक्षा नीति काफी पुरानी है। हम कई सालों से एक ही तरह की शिक्षा नीति के अनुसार बच्चों को ज्ञान प्रदान कर रहे हैं, जो की सही नहीं है।
शिक्षा नीति में बदलाव लाकर छात्रों को नए-नए तरीकों से ज्ञान प्राप्त करने का मौका देना चाहिए। आजादी के बाद भारत में पहली शिक्षा नीति सन 1986 में बनाई गई थी, जिसे लॉर्ड मैकाले की अंग्रेजी आधारित शिक्षा नीति पर बनाया गया था। इस शिक्षा नीति में सन 1992 में कुछ संशोधन किया गया था परंतु इसका मूल ढांचा अंग्रेजी माध्यम शिक्षा पर ही आधारित रहा। आज के समय के अनुसार लोगों को यह महसूस हो रहा है,कि 1986 में बनी शिक्षा नीति में कुछ कमियां है। जिसके कारण बच्चे सही मायने में ज्ञान हासिल नहीं कर पा रहे हैं।
शिक्षा से प्राप्त होने वाला ज्ञान बच्चों को भविष्य में रोजगार दिलाने में असफल साबित हो रहा है। इन्हीं सभी कमियों को दूर करने के लिए 2020 में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लाई गई थी। नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020-21वीं सदी की ऐसी पहली शिक्षा नीति है, जिसका लक्ष्य हमारे देश के विकास के लिए आने वाले आवश्यकताओं को पूरा करना है। इस नई शिक्षा नीति में भारत की परंपरा और उसकी संस्कृति के मूल्यों को बरकरार रखते हुए 21वीं की शिक्षा के लिए आकांक्षात्मक लक्ष्य जिसके अंतर्गत शिक्षा व्यवस्था एवं उसके नियमों में सुधार करना है।
नई शिक्षा नीति पर निबंध 500 Words
प्रस्तावना
वास्तव में शिक्षा वही बेहतर मानी जाती है, जो एक विद्यार्थी को ज्ञान के साथ-साथ कौशल भी प्रदान करें। शिक्षा से न केवल व्यक्ति का ज्ञान बढ़ना चाहिए, बल्कि उससे व्यक्ति में कौशल की वृद्धि भी होना चाहिए। हमारे भारत में पिछले कई सालों से एक ही प्रकार की शिक्षा प्रणाली चल रही है, जिसके अंतर्गत देश के लाखों विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की जा रही है।
पुरानी शिक्षा प्रणाली में ऐसी कई खामियां हैं, जिनके कारण यह शिक्षा प्रणाली विद्यार्थियों को भविष्य में रोजगार प्रदान करने में असमर्थ है। भारत की केंद्र सरकार द्वारा 29 जुलाई 2020 को नई राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली को मंजूरी दे दी गई है। यह राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में बनाई गई है। इस नई शिक्षा प्रणाली को वर्ष 2030 तक पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा।
नई शिक्षा नीति की विशेषताएँ
केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई इस नई राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली में कई सारी विशेषताएं हैं। यह शिक्षा प्रणाली न केवल बच्चों के ज्ञान में वृद्धि करेगी इसके साथ-साथ उन्हें व्यवहारिक शिक्षा और भौतिक शिक्षा में भी वृद्धि करेगी। इस नई शिक्षा नीति में छात्रों को अपने अनुसार पाठ्यक्रम चुनने की अनुमति प्रदान की जाएगी।
पुरानी शिक्षा प्रणाली में विद्यार्थियों को अपनी रुचि के अनुसार विषय पढ़ने की स्वतंत्रता प्रदान नहीं की गई थी, लेकिन इस नई शिक्षा प्रणाली में छात्रों को पाठ्यक्रम के विषयों के साथ-साथ सीखने की इच्छा रखने वाले पाठ्यक्रमों का चयन करने की स्वतंत्रता प्रदान की जाएगी। इस तरह से कौशल विकास को काफी बढ़ावा मिलेगा। यह 10+2 सिस्टम को 5+3+3+4 संरचना के साथ बदल देता है, जिसमें बच्चों के लिए 12 साल की स्कूली शिक्षा पर 3 साल की प्री-स्कूलिंग होती है।
नई शिक्षा नीति का उद्देश्य
नई शिक्षा नीति बनाने का मुख्य उद्देश्य एक बच्चे को कुशल बनने के साथ-साथ वह जिस भी क्षेत्र में रुचि रखता है, उसे उसी क्षेत्र में प्रशिक्षित करना है। इस तरह से सभी बच्चे सिखाने वाले अपने उद्देश्य, और अपनी क्षमताओं का पता लगाने में सक्षम होंगे। नई शिक्षा नीति आने के बाद से शिक्षक भर्ती में भी काफी सुधार किया जाएगा। बच्चों को पढ़ने वाले सभी शिक्षकों की शिक्षा और प्रशिक्षण प्रक्रियाओं में सुधार किया जाएगा, जिससे बच्चों को अच्छे से अच्छा प्रशिक्षण मिल सके। विद्यार्थी देश का भविष्य होते हैं, उन्हें यदि शिक्षा के दौरान सही ज्ञान नहीं दिया गया, तो इससे न सिर्फ उनमें ज्ञान की कमी होती है, बल्कि देश के विकास में भी रुकावट आती है।
निष्कर्ष
वर्तमान शिक्षा प्रणाली वर्ष 1986 में बनाई गई शिक्षा नीति में किए गए कुछ परिवर्तनों का परिणाम है। देश की केंद्र सरकार का मानना है, कि शिक्षार्थी और देश के विकास को बढ़ावा देने के लिए नई शिक्षा नीति की पहल को बढ़ावा दिया जा रहा है। नई शिक्षा नीति को लागू कर विद्यार्थियों को अपनी रुचि अनुसार पढ़ने की स्वतंत्रता प्रदान की जाएगी। जिससे उनमें सीखने की इच्छा के साथ-साथ कौशल की भी वृद्धि होगी। विद्यार्थी ज्ञान अर्जित कर स्वयं के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न करने में सक्षम होंगे, जिससे वे अपने साथ-साथ देश के विकास में योगदान देंगे। नई शिक्षा नीति से बच्चों को पूरी तरह विकसित करने की कोशिश की जाएगी इस नई शिक्षा नीति को 2030 तक पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा।
Essay on New Education Policy in Hindi 1000 Words
प्रस्तावना
भारत के संविधान के अनुसार उचित शिक्षा प्राप्त करना हर विद्यार्थी एवं हर व्यक्ति का जन्म सिद्ध अधिकार है। शिक्षा सभी लोगों के लिए अति महत्वपूर्ण है, इसीलिए भारत सरकार द्वारा अपने संविधान में लोगों को शिक्षा का जन्मसिद्ध अधिकार दिया गया है। शिक्षा न केवल एक व्यक्ति को ज्ञान प्रदान करती है। इसके अलावा वह उसे सामाजिक और व्यवहारिक ज्ञान प्रदान कर एक योग्य नागरिक बनाती है।
जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए शिक्षा एकमात्र रास्ता है, इसलिए केंद्र सरकार द्वारा देश के विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए जुलाई 2020 में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई है। सुखी जीवन जीने के लिए तैयार होने के लिए एक बच्चे के विकास में शिक्षा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। 21वीं सदी में 1986 के बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है।
नई शिक्षा नीति का नजरिया
केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई नई शिक्षा नीति को पहले की राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पुनर्मूल्यांकन कहा जाता है। यह नई संरचनात्मक रूपों का द्वारा शिक्षा की संपूर्ण प्रणाली में किया गया परिवर्तन है। पुरानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कई सारी खामियां देखी गई है। पुरानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को आजादी के बाद लॉर्ड मैकाले ने बनाया था, जो की पूरी तरह अंग्रेजी शिक्षा पर आधारित थी।
पुरानी शिक्षा नीति से विद्यार्थियों को केवल किताबी ज्ञान प्राप्त हो रहा था, बच्चों में भौतिक ज्ञान की काफी कमी थी। इसके अलावा पुरानी शिक्षा नीति बच्चों को भविष्य में रोजगार दिलाने में भी असफल साबित हुई है। इसलिए पुरानी शिक्षा नीति को नई उच्च उत्साही और ऊर्जावान नीति में बदल दिया गया है। इस नई शिक्षा प्रणाली के माध्यम से विद्यार्थी को कुशल और उत्तरदायी बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति का ढांचा
वर्तमान में बनाई गई शिक्षा नीति राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 की जगह ले चुकी है। नई शिक्षा नीति के बारे में सबसे पहले चर्चा जनवरी 2015 में कैबिनेट सचिव टीएसआर सुब्रमण्यम के नेतृत्व में समिति द्वारा शुरू की गई थी और 2017 में समिति द्वारा नई शिक्षा नीति से जुड़ी एक रिपोर्ट पेश की गई। 2017 में पेश की गई रिपोर्ट के आधार पर शिक्षा नीति का एक मसौदा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन प्रमुख कृष्ण स्वामी कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में नई टीम द्वारा 2019 में प्रस्तुत किया गया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जनता और हितधारकों के परामर्श के बाद नई शिक्षा नीति की घोषणा की गई है। नई शिक्षा नीति 29 जुलाई 2020 को अस्तित्व में आई है। नई शिक्षा नीति आने के बाद शिक्षा नीति में इस तरह के बदलाव किए गए हैं।
विद्यालय शिक्षा
नई शिक्षा नीति में 10+2 को 5+3+3+4 मॉडल द्वारा बदल दिया गया है। इसके अलावा कुछ बदलाव इस प्रकार किए गए हैं:
- फाउंडेशन स्टेज इसमें 3 साल की प्रीस्कूलिंग शामिल होगी।
- प्रारंभिक चरण – यह चरण 8 से 11 वर्ष की आयु के साथ कक्षा 3 से 5 का गठन करता है।
- मध्य चरण–यह चरण 11 से 14 वर्ष की आयु के साथ कक्षा 6 से 8 का गठन करता है।
- माध्यमिक चरण– यह चरण 14 से 19 वर्ष की आयु के साथ कक्षा 9 से 12 तक का गठन करेगा।
- इन चारों चरणों को बहुविषयक अध्ययन के विकल्प के लिए जोड़ा जाएगा अब केवल एक अनुशासन में अध्ययन करना विद्यार्थियों के लिए आवश्यक नहीं होगा।
- नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों को केवल तीन बार यानी की कक्षा तीन कक्षा 5 कक्षा 8 में परीक्षाएं देनी होगी।
- बच्चों के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए फर्क “परख”, निकाय की स्थापना की जाएगी।
उच्च शिक्षा
- स्नातक कार्यक्रम एक लचीले निकाय के साथ चार सालों का कार्यक्रम होगा। जिसमें एक वर्ष का पाठ्यक्रम समाप्त होने के बाद छात्रों को प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा 2 वर्षों का पाठ्यक्रम समाप्त होने के बाद डिप्लोमा की डिग्री, स्थानक की डिग्री 3 वर्ष के बाद और 4 वर्ष का पाठ्यक्रम पूरा होने पर शोध कार्य और अध्ययन के लिए विषय से संबंधित खोज के साथ एकत्रित किया जाएगा।
- विद्यालयों और कॉलेजों को धन और वित्त सहायता प्रदान करने के लिए उच्च शिक्षा अनुदान परिषद रहेगी। यह एआईसीटीई और यूजीसी की जगह लेगा।
- एनईईटी और जेईई आयोजित करने के साथ-साथ विश्वविद्यालय और कॉलेज के लिए आम प्रवेश परीक्षा का आयोजन राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा किया जाएगा।
- नई शिक्षा नीति में मास्टर आफ फिलासफी पाठ्यक्रम बंद कर दिया जाएगा क्योंकि यह परास्नातक और पीएचडी के बीच एक मध्यवर्ती पाठ्यक्रम है।
- अनुसंधान और नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्र अनुसंधान फाउंडेशन विकसित किया जा रहा है।
- विदेशी विश्वविद्यालय के परिसर हमारे देश में स्थापित किए जाएंगे और विदेश में हमारे विद्यालय परिसर स्थापित किए जाएंगे।
नई शिक्षा नीति 2020 के फायदे
नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों के विकास पर केंद्रित है। नई शिक्षा नीति आने के बाद से विद्यार्थियों को निम्नलिखित लाभ होंगे।
- इस शिक्षा नीति ने 10+2 सिस्टम को 5+3+3+4 संरचना के साथ बदल दिया है जिसमें 12 साल की स्कूली शिक्षा और 3 साल की प्रीस्कूलिंग होती है, इस प्रकार बच्चों को पहले चरण में स्कूली शिक्षा का बेहतर अनुभव प्राप्त होगा।
- बच्चों के लिए परीक्षाएं केवल 3,5 और 8वीं कक्षा में आयोजित की जाएगी अन्य कक्षाओं का परिणाम नियमित मूल्यांकन के तौर पर किया जाएगा।
- विद्यार्थियों के लिए बोर्ड परीक्षा को भी आसान बनाया जाएगा 1 वर्ष में दो बार परीक्षाएं आयोजित की जाएगी ताकि बच्चों को अच्छा प्रदर्शन करने के दो मौके मिल सके।
- नई नीति में पाठ्यक्रम से बाहर निकालने के अधिक लचीलेपन के साथ स्नातक कार्यक्रम के लिए अनुशासनात्मक और एकीकृत दृष्टिकोण की कल्पना की जा रही है।
- नई शिक्षा नीति को पुस्तकों का बोझ बढ़ाने के लिए लागू नहीं किया जा रहा है। इससे बच्चों में व्यावहारिक शिक्षा को बढ़ाने के लिए लागू किया जा रहा है।
- छात्रों को पाठ्यक्रम के विषयों के साथ-साथ उन्हें जिस विषय में अत्यधिक रुचि होगी, उसे पढ़ने की स्वतंत्रता प्रदान की जाएगी।
- बच्चे अपनी सीखने की क्षमता और कौशल को पहचानने के काबिल होंगे।
निष्कर्ष
देश के विकास के लिए देश की शिक्षा व्यवस्था का सही होना अति आवश्यक है। देश की शिक्षा व्यवस्था जितनी अच्छी और सरल होगी विद्यार्थियों को ज्ञान अर्जित करने में उतनी ही आसानी होगी। यदि शिक्षा व्यवस्था से विद्यार्थियों के कौशल में वृद्धि नहीं होती है, तो उन्हें भविष्य में रोजगार संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
भारत सरकार द्वारा यह निर्णय अपने देश के विद्यार्थियों के हित में लिया गया है। केंद्र सरकार का मानना है, की पुरानी शिक्षा नीति में कई सारी खामियां हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना मुश्किल है। उन्हीं खामियों से सीख लेकर नई शिक्षा प्रणाली बनाई गई है। जिसे इस तरह बनाया गया है, कि बच्चों में व्यावहारिक ज्ञान के साथ-साथ भौतिक ज्ञान की बुद्धि भी होगी। शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत सभी विद्यार्थियों को शिक्षा ग्रहण करने में काफी सारी सुविधाएं प्रदान की जाएगी।
तो हमारे नन्हें पाठकों और मित्रों! यह था हमारा Essay on new education policy in hindi (राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर निबंध) आप इस निबंध को लेकर क्या सोचते हैं, और यह निबंध आपको कैसा लगा, इसके बारे में हमें कॉमेंट बॉक्स में जरूर लिख भेजिए। ऐसे ही निबंध, स्पीच और एप्लीकेशन पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट के साथ बने रहिए।
FAQ About New Education Policy in Hindi
नई शिक्षा नीति 2020 कब लागू की गई?
केंद्र सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति 2020 को 29 जुलाई 2020 को मंजूरी दे दी गई है।
नई शिक्षा नीति कब तक लागू होगी?
नई शिक्षा नीति 2030 तक पूरी तरह से लागू कर दी जाएगी।
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