Essay on Paryavaran Bachao in Hindi: पर्यावरण बचाओ पर निबंध

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Essay on Paryavaran bachao in Hindi

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Short Essay on Paryavarn Bachao 100 Words 

जैसे-जैसे देश दुनियां में आबादी का स्तर बढ़ते जा रहा है, वैसे-वैसे प्रकृति में काफी सारे बदलाव होते जा रहे हैं। हम जिस भूमि पर रहते हैं, वहां मानव जाति की गलतियों के कारण काफी सारी परेशानियां उत्पन्न हो चुकी हैं। जैसे कि ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन, भूकंप, प्रदूषण इत्यादि। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का मुख्य कारण प्रदूषण है। प्रदूषण से ही पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है।

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अब समय आ गया है, कि हम सभी लोगों को एक साथ मिलकर पर्यावरण को बचाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए, और पर्यावरण की रक्षा के लिए एक कदम आगे बढ़ाने चाहिए। यदि समय रहते हमने पर्यावरण को नहीं बचाया, तो आगे हमारा जीवन खतरे में पड़ सकता है। हम प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पेड़ों की कटाई, धुंआ छोड़ने वाले वाहनों का प्रयोग कम करने के साथ, वृक्षारोपण कर सकते हैं।

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Essay on Paryavaran Bachao in Hindi 200 Words

मानव जाति का सीधा संबंध पर्यावरण और प्रकृति से है। यदि प्रकृति में किसी प्रकार का कोई बदलाव आता है, तो उसका सीधा असर मानव पर पड़ता है। वर्तमान में प्रकृति की स्थिति काफी गंभीर हो चुकी है। दिन-प्रतिदिन ऐसी कई सारी घटनाएं घट रही है, जिससे प्रकृति को भारी नुकसान हो रहा है। मानव जाति द्वारा अपने विकास के लिए अंधाधुन प्रकृति का शोषण किया जा रहा है। मानव द्वारा फैलाया गया प्रदूषण प्रकृति में होने वाली सभी घटनाओं का मुख्य कारण है। इंसानों ने अविष्कार करते-करते ऐसी जहरीली और घातक चीजों का आविष्कार कर दिया है, जो न केवल उनके लिए बल्कि पर्यावरण और प्रकृति के लिए भी नुकसानदायक साबित हो रही हैं।

सभी इंसानों को अपने विकास के साथ-साथ प्रकृति के विकास के बारे में भी सोचना चाहिए। यदि पृथ्वी पर जीवित रहना है, तो पर्यावरण को बचाए रखना ही होगा। इसके लिए हमें पर्यावरण बचाओ, पर्यावरण संरक्षण जैसे अभियानों को बढ़ावा देना चाहिए। बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण मनुष्य अपने विकास के लिए दिन-प्रतिदिन वनों की कटाई करता जा रहा है, बड़े-बड़े कारखाने और बिल्डिंग बनाता जा रहा है। ऐसा करना इंसानों के लिए लाभदायक साबित हो सकता है, लेकिन प्रकृति के लिए कभी नहीं।

आज मानव जाति ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन, बाढ़, चक्रवात जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जो की सब प्रदूषण के ही देन है। हम सभी लोगों को अब पर्यावरण को बचाने की ओर ध्यान देना चाहिए। इसके लिए हम कुछ प्रभावशाली कदम जैसे वनों की कटाई पर प्रतिबंध, वृक्षारोपण, संसाधनों का सीमित उपयोग एवम केमिकल की जगह ऑर्गेनिक वस्तुओं के उपयोग को बढ़ा सकते हैं। मानव जाति को अपनी और पर्यावरण की बेहतरी के लिए अपने विकास के साथ-साथ पर्यावरण और प्रकृति के विकास के लिए भी कार्य करना चाहिए।

Essay on Paryavaran Bachao in Hindi
Essay on Paryavaran Bachao in Hindi

Paryavaran Bachao Essay in Hindi 300 Words 

पृथ्वी पर मौजूद सभी जीवित प्राणियों के लिए पर्यावरण अति आवश्यक है। पर्यावरण से ही जीवित प्राणियों को जीवित रहने के लिए सभी महत्वपूर्ण चीज प्राप्त होती हैं। एक इंसान को पृथ्वी पर जीवन यापन करने के लिए जिन महत्वपूर्ण चीजों की जैसे ऑक्सीजन, जल, भोजन की आवश्यकता होती है। वे सब प्रकृति से ही प्राप्त होती हैं। यदि पृथ्वी पर मौजूद वातावरण और पर्यावरण नष्ट हो जाए, तो किसी भी प्राणी का पृथ्वी पर जीवित रहना असंभव हो जायेगा। लेकिन जैसे-जैसे समय बितता जा रहा है, पर्यावरण में प्रदूषण जैसी समस्याएं बढ़ती जा रही है।

प्रदूषण के कारण ही जलवायु परिवर्तन, सूखा, बाढ़, ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। इंसानों द्वारा अपने फायदे के लिए बड़े पैमाने पर वनों की कटाई, कल-कारखाने, बिल्डिंग्स बनाई जा रही है, जिससे भूमि का खनन और प्रदूषण जैसी समस्याएं हो रही हैं। प्रकृति को नुकसान पहुंचाने के लिए जितने भी कारक मौजूद हैं, वह सब इंसानों की देन है। आज इंसानों द्वारा अपनी सुविधा के लिए ऐसे कई यंत्र बनाए जा रहे हैं, जिनसे पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है। बढ़ती हुई आबादी के साथ-साथ वाहनों की संख्या भी काफी ज्यादा बढ़ती जा रही है। जीवाश्म इंधनों पर चलने वाले इन वाहनों से काफी दूषित धुआं निकलता है, जो पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को बढ़ाता है।

यह कार्बन डाइऑक्साइड गैस न केवल इंसानों के लिए बल्कि पेड़-पौधों और पशुओं के लिए भी काफी नुकसानदायक साबित होती है। इस तरह की अन्य गैस से वातावरण का तापमान बढ़ रहा है, जिससे धरती की सबसे ऊपरी सतह की परत ओजोन लेयर में छेद हो गया है। पर्यावरण को होने वाले नुकसान से जितने भी समस्याएं उत्पन्न हुई है, उन सभी से इंसानों को काफी ज्यादा नुकसान हो रहा है। कुछ इंसानों को अपनी गलती का एहसास हो गया है, इसलिए वे पर्यावरण बचाओ का कार्य कर रहे हैं। पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल विश्व स्तर पर पर्यावरण दिवस भी मनाया जाता है, जिसमें लोगों को पर्यावरण बचाने के लिए प्रेरित किया जाता है।

Essay on Save Environment in Hindi 500 Words 

प्रस्तावना

प्रदूषण एक ऐसी जटिल समस्या बन चुका है, जिसका समाधान यदि समय रहते नहीं निकल गया तो, यह हमारे पर्यावरण के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है। हम इंसान अनजाने में इतना प्रदूषण फैला रहे हैं, जिसका वास्तव में कोई हिसाब नहीं है। हमारे द्वारा फैलाया जा रहा प्रदूषण ना तो प्रकृति के लिए लाभदायक है, और ना ही हमारे लिए। जब-जब प्रकृति में किसी तरह के बदलाव आएंगे, उसका सीधा असर इंसानी जीवन पर भी पड़ेगा।

प्रदूषण एकमात्र ऐसा कारण है, जिसकी वजह से सभी तरह की प्राकृतिक समस्याएं उत्पन्न हो रही है। प्रदूषण के कारण न केवल इंसानों का जीवन, बल्कि पृथ्वी पर मौजूद जीव-जंतु, पेड़-पौधे ,पशु-पक्षी सब का जीवन प्रभावित हो रहा है। विश्व के कई बड़े-बड़े वैज्ञानिकों ने रिसर्च कर यह पता लगाया है, कि पर्यावरण में काफी समस्याएं बढ़ चुकी हैं, और अब लोगों को पर्यावरण के बचाव पर ध्यान देना चाहिए।

प्रदूषण क्या है?

प्रदूषण का अर्थ होता है, दूषित करना। हम प्रतिदिन किन्हीं विशेष चीजों का इस्तेमाल करके अपनी प्रकृति और पर्यावरण को दूषित करते जा रहे हैं। सभी इंसानों द्वारा दिन-प्रतिदिन अंधाधुन संसाधनों और वाहनों का प्रयोग, लाउडस्पीकर, कारखाने में चलने वाली मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। जिससे निकालने वाला तेज धुआं, तेज ध्वनि,।गंदा पानी पर्यावरण को अलग-अलग तरह से दूषित कर रहा है। प्रदूषण मानव जाति के लिए सबसे बड़ी समस्या बन चुका है।

यदि हमें अपनी प्रकृति और अपने जीवन को बचाना है, तो प्रदूषण के सभी कारकों को खत्म कर देना चाहिए। पर्यावरण हमें प्रकृति द्वारा दिया गया एक वरदान है, जो हमारे जीवन के लिए अति महत्वपूर्ण है। यदि हम सभी लोगों को इस पृथ्वी पर अपना जीवन सुरक्षित रखना है, तो हमें पर्यावरण को भी सुरक्षित रखना चाहिए।

पर्यावरण बचाने के लाभ

यह पर्यावरण न केवल हम इंसानों के लिए आवश्यक है, बल्कि धरती के जीव-जंतु, पेड़-पौधे, पशु-पक्षी वनस्पति एवं सभी जीवित प्राणियों के लिए आवश्यक है। इसलिए इसे बचाना न केवल हमारे लिए लाभदायक साबित होगा, बल्कि सारे जीवित प्राणियों के लिए लाभदायक साबित होगा। पर्यावरण को बचाने के काफी सारे फायदे हैं, जैसे की सबसे पहले विश्व की जलवायु सामान्य रहेगी। अत्यधिक प्रदूषण फैलने के कारण ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याएं हो रही हैं।

पर्यावरण में सुधार आने से यह समस्या भी खत्म हो जाएगी। प्रदूषण के कारण न केवल हम इंसान बल्कि अन्य जीवन भी परेशान है। प्रदूषण कम होगा तो पर्यावरण में जीव-जंतुओं को जीवित रहने योग्य प्राणवायु और संसाधन प्राप्त होंगे। पर्यावरण में बढ़ते पेड़ों की संख्या से लोगों का स्वास्थ्य बेहतर होगा। यदि पर्यावरण हरा-भरा और स्वस्थ रहेगा, तो यह हमारे जीवन में से कई सारी बीमारियों और परेशानियों को खत्म कर देगा।

पर्यावरण को बचाने की आवश्यकता क्यों है?

पर्यावरण को बचाना न केवल हमारे लिए आवश्यक है, बल्कि पृथ्वी पर मौजूद सभी जीवित प्राणियों के लिए इसे बचाना अति आवश्यक है। सभी इंसानों को जीवन यापन के लिए जिन भी महत्वपूर्ण चीजों की आवश्यकता होती है, वे सब हमें प्रकृति से ही प्राप्त होती हैं। प्रकृति को मानव जाति का जनक कहा जाता है। यदि प्रकृति पर किसी तरह का कोई संकट आता है, तो उसका प्रभाव प्रकृति में मौजूद सभी जीवों पर भी पड़ता है।

यदि समय रहते हम लोगों ने पर्यावरण को बचाने की ओर ध्यान नहीं दिया, तो आने वाले समय में पृथ्वी से कई जीव-जंतु, पशु-पक्षी और पेड़-पौधों की जातियां विलुप्त हो जाएगी। पर्यावरण मैं मौजूद पेड़-पौधों से ही हमें शुद्ध प्राण वायु प्राप्त होती है। यदि पेड़-पौधे ही नहीं होंगे तो इंसानों का जीवित रहना संभव कैसे होगा? प्रकृति एवं पर्यावरण दोनों हमारे लिए अति आवश्यक है, इन्हें बचाना हमारी जरूरत नहीं हमारा फर्ज है।

निष्कर्ष

पर्यावरण हर प्रकार से हमारे लिए लाभदायक है। यदि पर्यावरण प्रदूषण जैसी समस्या से मुक्त नहीं किया गया, तो आने वाले समय में इसका प्रभाव मानव जाती पर भी पढ़ सकता है। अभी हम जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, अत्यधिक गर्मी, बाढ़ जैसी जितनी भी प्राकृतिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं, वह सब प्रदूषण की ही देन है। प्रदूषण द्वारा प्रकृति को इतना नुकसान पहुंचाया जा चुका है, की प्रकृति अब इंसानों को नुकसान पहुंचा रही है।

किसी बड़े विद्वान ने कहा है, कि जैसा व्यवहार आप प्रकृति के साथ करेंगे वैसा व्यवहार प्रगति आपके साथ करेगी। यदि हम आज पर्यावरण को बचाने का प्रयास करेंगे, तो कल पर्यावरण हमें बचाने का प्रयास करेगा। पृथ्वी पर मौजूद सभी चीजों का संबंध सीधा एक दूजे के साथ है। सभी लोगों को अब विश्व स्तर पर चलाए जा रहे पर्यावरण बचाओ के अभियान के साथ जुड़कर पर्यावरण को बचाने के लिए प्रयास अवश्य करना चाहिए।

Save Environment Essay in Hindi 1000 Words 

प्रस्तावना

प्रदूषण जैसी जटिल समस्याओं के कारण हमारा पर्यावरण आज क्षतिग्रस्त हो चुका है। पर्यावरण को प्रदूषण द्वारा इतना नुकसान पहुंचाया जा चुका है, कि पृथ्वी की सबसे ऊपरी सतह पर मौजूद ओजोन लेयर भी इससे काफी प्रभावित हो चुकी है। हमारा पर्यावरण हमें कई सारी चीजों से बचाता है। सूर्य से आने वाली किरणें हमारे शरीर के लिए काफी नुकसानदायक होती है, पृथ्वी में मौजूद हमारा पर्यावरण इन सूर्य की किरणों को अपने अंदर समाहित कर हमें सुरक्षा प्रदान करता है।

दुख की बात यह है, कि मनुष्यों द्वारा अभी केवल स्वयं के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है। अपने जीवन को आधुनिक और सुरक्षित बनाने के लिए इंसान दिन प्रतिदिन नए-नए अविष्कार करते जा रहा है, जिसका दुष्प्रभाव प्रकृति पर दिखाई दे रहा है। पर्यावरण न केवल इंसानों के लिए आवश्यक है, बल्कि पृथ्वी पर मौजूद सभी जीव-जंतु, पेड़-पौधों, पशु-पक्षियों के लिए आवश्यक है। अब समय आ चुका है, कि सभी लोगों को अपने जीवन के साथ-साथ प्रकृति में मौजूद अन्य प्राणियों के जीवन को बचाए रखने के लिए पर्यावरण के बचाव पर ध्यान देना ही चाहिए।

पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है और क्यों?

ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन, बाढ़, सुखा, भीषण गर्मी जैसी सभी प्राकृतिक समस्याएं प्रदूषण की देन है। विश्व के सभी देश यह जानते हैं, कि स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए पर्यावरण को सुरक्षित रखना जरूरी है। इसलिए उन्होंने विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का निर्णय लिया। पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व में हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत सबसे पहले स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में हुई थी। इसी देश ने दुनियां में सबसे पहले पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया था, जिसमें विश्व के कुल 119 देशों ने हिस्सा लिया था।

इस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की नींव रखी गई और हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया गया। बढ़ते हुए प्रदूषण के कारण काफी सारी प्राकृतिक समस्याएं उत्पन्न हो रही थी, जिनसे छुटकारा पाने के लिए इस पहल की शुरुआत की गई थी। भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी प्रकृति और पर्यावरण को प्रदूषण जैसी समस्याओं से बचने के लिए अपनी चिंता व्यक्त की थी। विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का उद्देश्य न केवल दुनियां भर के लोगों को प्रकृति के प्रति जागरूक करना है, बल्कि प्रदूषण कम करने के लिए भी जागरूक करना है।

पर्यावरण को बचाने के लिए उपाय

पर्यावरण को बचाने के लिए हमें प्रदूषण पर रोकथाम लगानी चाहिए। प्रदूषण पर रोकथाम के लिए विश्व के सभी देशों की सरकार द्वारा तरह-तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। भारत सरकार द्वारा भी पर्यावरण को बचाने के लिए और प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए निम्न तरह के उपाय किए जा रहे हैं।

  • नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल: विश्व के सभी देशों की तरह भारत सरकार ने भी पर्यावरण को बचाने के लिए पर्यावरण से संबंधित मुद्दों पर रोक लगाने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ग्रुप की स्थापना की है। एनजीटी द्वारा बनाए गए निर्देशों का पालन अगर किसी के द्वारा नहीं जाता है, और प्रदूषण कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जाती है, तो उसे भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसके अलावा पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा बनाए गए नियम की अनुसार कोयले पर निर्भर होने वाली कंपनी पर रोक लगा दी गई है। इसके साथ-साथ कोयले की इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
  • ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत: प्रदूषण का एक मुख्य कारक दूषित और विषैला धुंआ भी है, जो बड़े-बड़े कारखाने एवं वाहनों से निकलता है। पर्यावरण में मौजूद जलवायु का तापमान इस दूषित धुएं के कारण बढ़ जाता है, जिससे अत्यधिक गर्मी या फिर ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याएं उत्पन्न होती है। इस काम को करने के लिए सभी देशों की सरकार द्वारा ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों का इस्तेमाल किया जा रहा है। अब वाहनों को चलाने के लिए जीवाश्म ईंधन की जगह इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा भी क्लीन एनर्जी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए जगह-जगह सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं, जिससे सौर ऊर्जा से व्यक्ति अपने लिए ऊर्जा का उत्पादन कर सके और इसका प्रयोग कर सके।
  • वायु शोधक: पर्यावरण से वायु प्रदूषण कम करने के लिए जगह-जगह वायु शोधक यंत्र लगाए जा रहे हैं। इन यंत्रों की सहायता से वायु में मौजूद प्रदूषण की मात्रा पर नजर रखी जाती है। यदि पर वायु में प्रदूषण की मात्रा बढ़ती है, तो वायु प्रदूषण को कम करने के लिए एयर प्यूरीफायर जैसे बड़े-बड़े यंत्र लगाए जाते हैं। एयर प्यूरीफायर में मौजूद पार्टिकल हवा को साफ करने में मददगार साबित होते हैं। एयर प्यूरीफायर हवा में मौजूद सभी प्रकार के हानिकारक बैक्टीरिया को हटाने के लिए सक्षम माना जाता है। इसके अलावा देश के बड़े-बड़े नेशनल हाईवे पर भारी मात्रा में पेड़-पौधे लगाए जाते हैं, जिससे अत्यधिक मात्रा में ऑक्सीजन का उत्पादन हो सके।
पर्यावरण को बचाने का महत्व

पर्यावरण सभी जीवित प्राणियों के लिए अति आवश्यक है, लेकिन इंसानों द्वारा आज अपने विकास के लिए पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। यदि समय रहते लोगों को पर्यावरण का महत्व समझ नहीं आया तो, आने वाला समय हमारे लिए काफी भयानक हो सकता है। पर्यावरण में मौजूद पेड़-पौधे वर्षा लाने का काम करते हैं, यदि पेड़-पौधों की संख्या कम होगी, तो वर्षा भी कम होगी। जिससे सूखे जैसी समस्या के साथ-साथ पानी की कमी की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

पर्यावरण में मौजूद पेड़-पौधे, पहाड़, नदी, तालाब कहीं ना कहीं वायु को शुद्ध करने और पर्यावरण में संतुलन लाने का काम करते हैं। यदि हम इसी तरह इन सभी चीजों को नुकसान पहुंचाते रहे, तो हमें सांस लेने के लिए शुद्ध प्राण वायु मिलना भी मुश्किल हो जाएगी। हमारे पर्यावरण की सुंदरता नदी, पहाड़, झरना, जंगल वन, पशु-पक्षियों से है। हमें पर्यावरण के साथ-साथ इन्हें भी बचाए रखना होगा।

पर्यावरण संरक्षण हेतु सुझाव

पर्यावरण संरक्षण के लिए कुछ सुझाव निम्नलिखित हैं:

  • घर से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों को कभी भी यहां-वहां नहीं फेंकना चाहिए, उन्हें एक जगह कचरे के डिब्बे में रखना चाहिए।
  • यदि आप अपने घर पर पेंट करने वाले हैं, तो लेटेक्स पेंट का उपयोग करें, क्योंकि तेल आधारित पेंट हाइड्रोकार्बन धुआं छोड़ते हैं, जो पर्यावरण के लिए नुकसानदायक होते हैं।
  • जितना हो सके, अपने वाहनों का उपयोग कम करना चाहिए, वाहनों से निकलने वाला धुआं एवं ध्वनि प्रकृति को काफी नुकसान पहुंचती है।
  • वाहनों एवं अन्य मशीनों को चलाने के लिए जीवाश्म ईंधन की जगह क्लीन एनर्जी का उपयोग करना चाहिए।
  • जितना हो सके, जैविक उर्वरकों का उपयोग कम करना चाहिए, क्योंकि जब बारिश होती है, तो उर्वरक बारिश के पानी के साथ नदी-नालों में मिल जाते हैं।
  • अपने घर पर कार या अन्य वाहनों को धोने के लिए पानी की नली के बजाय, बाल्टी का प्रयोग करना चाहिए। क्योंकि जब आप काम कर रहे होते हैं, तो नली से पानी लगातार बहता रहता है, इससे पानी की बर्बादी होती है।
  • इस्तेमाल न होने पर लाइट, पंखे और अन्य बिजली के उपकरणों को बंद करके बिजली को बचाने की कोशिश करना चाहिए। इससे हमारा बिचली का बिल भी काम आएगा, एवं ऊर्जा संरक्षण में भी काफी सहायता मिलेगी।
  • किसी भी खाद्य पदार्थ को रखने के लिए पॉलिथीन का उपयोग नहीं करना चाहिए इसकी जगह कपड़े से बने थैलों का इस्तेमाल करना चाहिए।
निष्कर्ष

अब समय आ गया है, कि हम सभी लोगों को मुनष्य होने के नाते अपने पर्यावरण को बचाने की कोशिश करना चाहिए। पर्यावरण को प्रदूषण जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, जैसी समस्याओं से बचाने के लिए सरकार द्वारा बनाए गए निर्देशों का पालन करना चाहिए। प्रदूषण के कारण कई सारी बीमारियां उत्पन्न होती है।

यदि समय रहते पर्यावरण में से प्रदूषण के स्तर को कम कर दिया जाए, तो काफी सारी गंभीर बीमारियां खत्म हो जाएगी। हमें न केवल अपने लिए बल्कि अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए भी पर्यावरण को बचाना होगा। अब सभी लोगों को अपने दिनचर्या में ऐसे उपकरणों का इस्तेमाल करना चाहिए, जो पर्यावरण की सुरक्षा में सहायक हो।

FAQs Related to Environment

पर्यावरण के लिए सबसे नुकसानदायक क्या है?

पर्यावरण के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदायक प्रदूषण है, जो की अलग-अलग कारणों से होता है।

पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है?

प्रकृति को प्रदूषण से बचाने और लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।

प्रदूषण को रोकने के उपाय?

प्रदूषण को रोकने के लिए हमें वृक्षारोपण करना चाहिए, धुआं छोड़ने वाले वाहनों का उपयोग नहीं करना चाहिए, एवं प्राकृतिक संसाधनों का सीमित मात्रा में उपयोग करना चाहिए।

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