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Essay on Pollution in Hindi
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Essay on Pollution in Hindi 100 Words
जैसे-जैसे देश दुनिया में आबादी बढ़ती जा रही है, वैसे वैसे पर्यावरण मैं काफी सारे बदलाव आते जा रहे हैं। हम जिस भूमि पर रहते हैं। वहां मानव प्रजाति के कारण कई सारी परेशानियां उत्पन्न हो चुकी है,जैसे कि भूकंप, प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग ,जलवायु परिवर्तन इत्यादि। वैसे देखा जाए तो इन सभी चीजों का मुख्य कारण प्रदूषण है। आज प्रदूषण इतना बढ़ चुका है, कि इसका सीधा नुकसान हमारी पृथ्वी को हो रहा है। तेजी से हो रहे शहरीकरण और औद्योगीकरण के कारण पृथ्वी दूषित हो रही है। इसके अलावा पर्यावरण में मौजूद अन्य चीजें जैसे की हवा ,पानी, मिट्टी भी प्रदूषण का शिकार हो रहे हैं। प्रदूषण का हम सभी लोगों पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है।
Paryavaran Pradushan Nibandh 150 Words
प्रदूषण पर्यावरण की सबसे बड़ी समस्या बन चुका है। जैसे-जैसे मानव जाति का विकास हो रहा है, वैसे-वैसे प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता ही जा रहा है। जब पर्यावरण मैं प्रदूषण फैलता है ,तो वह दूषित होता है। पर्यावरण में मुख्य रूप से 3 तरह के प्रदूषण पाए जाते हैं, पहला वायु प्रदूषण ,दूसरा जल प्रदूषण और तीसरा मृदा प्रदूषण, प्रदूषण के यह तीनों प्रकार आने वाले समय में मानव जाति के लिए बहुत बड़ा खतरा बन सकते हैं।
प्रदूषण फैलने के कुछ मुख्य कारण वाहनों का ईंधन, कृषि में रासायनिक उर्वरकों का उपयोग ,औद्योगिकरण से निकलने वाला धुआं कुछ अपशिष्ट पदार्थ इत्यादि हैं। प्रदूषण हमारे शरीर पर काफी बुरा प्रभाव डालता है। यह हमारी शारीरिक क्षमता को कम कर शरीर में कैंसर जैसी बीमारियां उत्पन्न करता है। प्रदूषण के अलग-अलग प्रकार हमें अलग-अलग तरह से नुकसान पहुंचाते हैं, जैसे वायु प्रदूषण से हमें स्वास संबंधित बीमारी होती है,और ध्वनि प्रदूषण से कान संबंधित बीमारियां। हमें खुद को सुरक्षित रखने के लिए प्रदूषण पर लगाम लगानी होगी।
Pradushan par Nibandh 200 Words
प्रदूषण का सीधा संबंध मानव से होता है।इसका सीधा अर्थ यह है,कि मानव ही प्रदूषण फैलाता है। मानव ही प्रदूषण फैलाने वाली चीजें का आविष्कार करता है। हम इंसान बिना सोचे समझे अपने फायदे के लिए नई नई चीजों का विस्तार करते जा रहे हैं। हमने अपने वातावरण में ऐसी कई जहरीली चीजें बना रखी है, जो कहीं ना कहीं पर्यावरण को बेहद नुकसान पहुंचा रही है। बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण जिस तरह व्यक्ति अपने आराम के लिए लगातार वनों की कटाई करता जा रहा है, और बड़ी बड़ी बिल्डिंग के कारखाने बनाते जा रहा है।
ऐसा करना इंसानों के लिए अच्छा हो सकता है, लेकिन प्रकृति के लिए कभी नहीं। अगर हम प्रकृति को नुकसान पहुंचाएंगे तो प्रकृति भी एक ना एक दिन हमें नुकसान जरूर पहुंचाएगी। अपने वह कहावत सुनी होगी, जैसा व्यवहार हम पृथ्वी के साथ व्यवहार करेंगे पृथ्वी भी हमारे साथ वैसा ही व्यवहार करेगी। यदि प्रकृति को हमने दूषित किया तो 1 दिन प्रकृति हमारे शरीर को भी दूषित करेगी। हमें प्रकृति से प्रदूषण दूर करने के लिए औद्योगिकरण एवं अन्य प्रदूषण उत्पन्न करने वाली चीजों पर लगाम लगानी होगी।
Pollution Essay in Hindi 250 Words
प्रकृति में बढ़ते हुए प्रदूषण के कारण प्राकृतिक खनिजों को एवं अन्य प्राकृतिक स्रोतों को नुकसान हो रहा है। जिस तरह हम इंसान अपने फायदे के लिए प्रकृति को नष्ट करते जा रहे हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि एक ना एक दिन हमें शुद्ध जल और वायु के लिए भी तड़पना होगा। हमारा पर्यावरण और पर्यावरण में मौजूद सभी प्राकृतिक स्तोत्र प्रकृति द्वारा हमें दिए गए सबसे बड़े उपहारों में से एक है। हमें प्रकृति को बचाए रखना होगा। ताकि आने वाला समय हमारे लिए एवं हमारी अगली पीढ़ी के लिए सुरक्षित रहे। जैसा कि हम सभी जानते हैं, प्रकृति में प्रदूषण बढ़ने का सबसे बड़ा कारण बढ़ती हुई जनसंख्या है। बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण व्यक्ति प्रकृति में मौजूद प्राकृतिक स्त्रोतों को नष्ट कर अपने फायदे की चीजें बनाता जा रहा है। जगह-जगह वनों की कटाई की जा रही है। वहां बड़ी बड़ी बिल्डिंग और कारखाने बनाए जा रहे हैं।
प्राकृतिक जल स्त्रोतों मैं कारखानों एवं गंदे नालों से निकलने वाले पानी से मिलाकर दूषित किया जा रहा है। ईंधन पर चलने वाले वाहनों का इस्तेमाल एवं उद्योग से निकलने वाले धुएं से वायु प्रदूषण हो रहा है। देखा जाए तो हम लोगों ने पूरी तरह से प्रकृति को खराब कर दिया है। अब प्रकृति हमें नुकसान पहुंचाती है,तो इसके जिम्मेदार हम खुद होंगे। प्रदूषण के कारण प्राकृतिक घटनाएं, आपदाएं ,कोरोना जैसी महामारी फैल रही है। मनुष्य को ईश्वर ने प्रकृति में मौजूद सभी चीजें जैसे कि पेड़ पौधे, पशु-पक्षी, नदियां, वन, पहाड़ आदि चीजें वरदान में दिए हैं। हमें इन सभी चीजों को संभाल कर रखना होगा एवं इनकी रक्षा करना हमारा प्रथम कर्तव्य बनता है।
Pradushan Kitna Ghatak Nibandh 300 Words
पर्यावरण में प्रदूषण की मात्रा काफी ज्यादा बढ़ चुकी है। जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है, प्रदूषण इंसानों पर और प्रकृति पर अपना दुष्प्रभाव दिखाता जा रहा। आज हमें जितनी भी प्राकृतिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उनमें से अधिकतर समस्याएं प्रदूषण के कारण ही हो रही है। जैसे कि ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन, मृदा प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण इत्यादि। जिस तरह से देश दुनिया में लोगों द्वारा लगातार वाहनों का अंधाधुन इस्तेमाल किया जा रहा है।बड़े पैमाने पर वनों को काटकर कारखाने स्थापित किए जा रहे हैं, जगह-जगह तेज लाउडस्पीकर का प्रयोग किया जा रहा है।
यह सब प्रदूषण का कारण बन रहा है। वाहनों का अंधाधुन उपयोग करने से वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है। ध्वनि प्रदूषण से बीपी की समस्या और ध्वनि से सुनने की समस्या उत्पन्न होने लगती है। प्रकृति में बढ़ता हुआ प्रदूषण हमारे लिए तनाव का कारण बन सकता है। हमें इसे रोकने के लिए प्रयास करने चाहिए। जलवायु परिवर्तन की समस्या भी प्रदूषण के कारण हो रही है। इसके अलावा प्रदूषण का सबसे बुरा प्रभाव मृदा पर पड़ रहा है, मृदा प्रदूषण होने के कारण फसलों के उत्पाद में काफी कमी आती है। अगर ऐसा रहा तो एक समय बाद खाने युक्त अनाज मिलना भी मुश्किल होगा।
हमें इसे रोकने के लिए निम्नलिखित कदम उठाने पड़ेंगे सबसे पहले हमें औद्योगिक कचरे को एवं घरेलू कचरे को अलग-अलग रखना होगा। प्लास्टिक से बने उत्पाद को का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए। ईंधन पर चलने वाले वाहनों का इस्तेमाल ना करके इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करना चाहिए। अगर प्रकृति से प्रदूषण कम होगा। तो प्रकृति की सुंदरता काफी ज्यादा बढ़ जाएगी। शुद्ध प्रकृति किस तरह लगती है इसका एक उदाहरण आप करोना से ले लीजिए कोरोना के कारण जब सारे कारखाने ,उद्योग ,छोटे बड़े व्यापार, वाहनों का चलना बंद हो गया था तब प्रकृति से प्रदूषण बिल्कुल खत्म हो गया था। जिसके चलते देश के ऐसे कई शहर जहां सबसे अधिक प्रदूषण होता था,वह भी साफ-सुथरे नजर आने लगे थे।
Essay on Pollution in Hindi With Headings 400 Words
प्रस्तावना
अब ऐसा समय आ चुका है, कि एक व्यक्ति को खुली हवा में सांस लेने के लिए एवं प्रकृति का आनंद लेने के लिए अपने घर से हजारों किलोमीटर दूर पहाड़ों में जाना हो पड़ता है। क्योंकि पहाड़ों के अलावा अन्य शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण इतना बढ़ चुका है, कि वहां खुली हवा में सांस लेना भी मुश्किल होता है। अब इंसानों की जिंदगी भी काफी कम हो चुकी है। इसका कारण ही प्रदूषण ही है। क्योंकि आज हमें दूषित खाना ,दूषित हवा, दूषित जल इन सभी चीजों का सेवन करना पड़ रहा है। वैसे देखा जाए तो प्रदूषण का कारण वे खुद मनुष्य ही है ,और वह खुद उसका दुष्प्रभाव भोग रहे हैं।
प्रदूषण का इंसानों पर प्रभाव
मनुष्यों पर प्रदूषण का क्या प्रभाव पड़ रहा है, इसका अंदाजा हम बढ़ती हुई बीमारियों से लगा सकते हैं। जिस तरह से आजकल मनुष्यों में हृदय रोग ,हैजा ,रक्त संबंधित समस्याएं ध्वनि संबंधित समस्याएं एवं अन्य संक्रमण फेलते जा रहे हैं। यह सब प्रदूषण का ही दुष्प्रभाव है। प्रदूषण के कारण प्रकृति को नुकसान हो रहा है, और प्रकृति से हम इंसानों को। वर्तमान में इंसानों की स्थिति ऐसी हो गई है, कि उन्हें पीने के लिए साफ जल और सांस लेने के लिए साफ जलवायु मिलना मुश्किल हो रही है। धीरे-धीरे मनुष्य की आयु भी कम होती जा रही है, और नवजात शिशुओं में सामान्य से कम शारीरिक विकास हो रहा है।
प्रकृति को प्रदूषण से कैसे बचाएं?
प्रकृति को प्रदूषण से बचाने के लिए हमें अपने आसपास पेड़ पौधे लगाने चाहिए। हमें वायु प्रदूषण करने वाले यंत्रों का उपयोग कम से कम करना चाहिए। इसके अलावा प्लास्टिक जैसे अपशिष्ट पदार्थों को यहां बहा न फेंक कर एक जगह एकत्रित करके रखना चाहिए। वर्षा के जल का संरक्षण करना चाहिए ताकि प्रकृति में शुद्ध जल की मात्रा बनी रहे। प्रकृति की सुंदरता नदी, पहाड़, झरना जंगल ,वन पशु पक्षियों से है हमें इन्हें भी बचाए रखने की कोशिश करनी चाहिए। जिस तरह यह प्रकृति इंसानों का घर है, उसी तरह जानवरों का भी घर है।
उपसंहार
हमें इस पृथ्वी पर जीवित रहने के लिए जल वायु और प्राकृतिक संसाधनों की आवश्यकता होती है। लेकिन प्रदूषण के कारण धीरे-धीरे यह सभी चीजें नष्ट होती जा रही हैं। इसलिए हमें अपना जीवन जीने के लिए और अपनी आने वाली पीढ़ी को एक अच्छा जीवन देने के लिए पर्यावरण को प्रदूषण से बचाना ही होगा। जिस तरह हम तकनीकी प्रगति से दुनिया को आधुनिक बना रहे हैं। हमें उसी तरह तकनीकी प्रगति से पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त करना होगा। पृथ्वी का सुंदर वातावरण हमारी मूर्खता के कारण बिगड़ रहा है। हमें इस से बचाना होगा वरना अपने कर्मों की सजा हमें स्वयं मिलेगी.
Pollution in Hindi Essay 500 Word
प्रस्तावना
प्रदूषण एक ऐसी जटिल समस्या है, जिसका समाधान निकाल पाना बेहद मुश्किल होता है। हम अनजाने में इतना प्रदूषण फैला रहे हैं,जिसका कोई हिसाब नहीं। प्रदूषण के कारण ना सिर्फ हमारी पृथ्वी का वातावरण बल्कि वातावरण में मौजूद जीव-जंतु पेड़-पौधे पशु-पक्षी सभी इससे प्रभावित हो रहे हैं। विश्व के कई बड़े वैज्ञानिकों ने रिसर्च पर यह बताया है,कि प्रदूषण के कारण बहुत से दुर्लभ प्रजाति के जानवर लुप्त होते जा रहे हैं। इसके अलावा कई तरह के पेड पौधे भी प्रदूषण के कारण सूख रहे हैं। वर्तमान में पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड गैस की मात्रा काफी तेजी से बढ़ रही है। जिसके कारण यहां सब समस्याएं हो रही है।
प्रदूषण क्या है? (What is Pollution?)
प्रदूषण का अर्थ है दूषित करना। हम प्रतिदिन इन्हीं चीजों का इस्तेमाल करते हैं, जैसे कि वाहन लाउडस्पीकर कारखानों में चलने वाली मशीन इन सभी चीजों से या तो धुआं, तेज ध्वनि या फिर गंदा पानी निकलता है। जो कि वातावरण में मिलकर अन्य शुद्ध चीजों को दूषित करता है। इसी चीज को प्रदूषण कहा जाता है। वर्तमान में कई शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स के माध्यम से जब वायु का परीक्षण किया गया,तो वहां की वायु बेहद दूषित पाई गई। वायु का दूषित होना जल का दूषित होना भोजन का दूषित होना यह सब प्रदूषण के उदाहरण है।
प्रदूषण के प्रकार (Paryavaran Pradushan ke Prakar)
प्रदूषण के कुछ महत्वपूर्ण प्रकार इस तरह है, ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, जल प्रदूषण आदि
वायु प्रदुषण: वायु प्रदूषण का मुख्य कारण कारखानों से एवं वाहनों से निकलने वाला धुआं है। मुख्य रूप से वायु प्रतिदिन वाहनों के इस्तेमाल से निकाल के वाहनों से निकलने वाला धुआं वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड गैस और कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा बढ़ाता है। जिसके कारण हवा में विषैले पदार्थ फैल जाते हैं। इसके अलावा खुले मैदान में अपशिष्ट पदार्थों को जलाना भी वायु प्रदूषण का एक मुख्य कारण माना जाता है।
जल प्रदूषण: जल प्रदूषण का मुख्य कारण उद्योगों,से कारखानों से, सीवेज सिस्टम से एवं नदी नालियों से निकलने वाला गंदा पानी है। इंसानों द्वारा यह गंदा पानी सीधे साफ नदियों में भेजा जाता है। नदियों से यह गंदा पानी समुद्र में जाता है। जिससे ना केवल इंसानी जीवन बल्कि समुंद्र में रहने वाले जीवो का जीवन भी प्रभावित होता है। हम इंसानों ने अपने साथ-साथ समुद्री जीवो का जीवन भी खतरे में डाल दिया है, क्योंकि पानी में रहने वाले जीव जंतु पानी में मौजूद पोषक तत्व पर निर्भर होते हैं। लेकिन प्रदूषण के कारण पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं।
मृदा प्रदूषण: मृदा प्रदूषण का मुख्य कारण कीटनाशक, रासायनिक तत्व एवं कुछ अपशिष्ट पदार्थ है। मृदा प्रदूषण में प्लास्टिक एक अहम भूमिका निभाता है। वर्तमान में सभी खाने-पीने की चीजें एवं अन्य उपयोगी चीजें भी प्लास्टिक की पॉलीथिन में पैक होकर आती है। हम सामान का इस्तेमाल कर प्लास्टिक को खुले में यहां वहां पर एक देते हैं, जिससे कि वह जमीन में दफन होकर जमीन को बंजर बनाता है। प्लास्टिक एक ऐसा किरदार थे जिसे कभी नष्ट नहीं किया जा सकता वह जमीन में दफन होकर मिट्टी की गुणवत्ता खराब करता है।
ध्वनि प्रदूषण: ध्वनि प्रदूषण का मुख्य कारण लाउडस्पीकर, रेडियो टीवी स्पीकर ,भारी मशीनरी एवं वाहनों से निकलने वाली तेज ध्वनि है। ध्वनि प्रदूषण के कारण लोगों को बहरेपन की समस्या होने लगती है। ध्वनि प्रदूषण का सबसे ज्यादा शिकार नवजात बच्चे होते हैं। ध्वनि प्रदूषण बीपी और हृदय रोग संबंधित बीमारियों का कारण बनता है। प्रदूषण का प्रकार चाहे कोई भी हो लेकिन उसका दुष्प्रभाव एक ही होता है। प्रदूषण प्रकृति पर मौजूद सभी जीवों का जीवन धीरे-धीरे नष्ट करता जा रहा है।
निष्कर्ष
प्रदूषण का हर एक प्रकार काफी खतरनाक है। प्रदूषण का परिणाम हमारे लिए काफी गंभीर साबित हो सकता है। हमें अपनी आदतों में बदलाव लाकर प्रदूषण को रोकने की कोशिश करना चाहिए। हमें अपनी प्रकृति का पारिस्थितिक तंत्र साधारण रूप से बनाए रखने के लिए पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने का प्रयास करना चाहिए। सभी लोगों ने एक साथ मिलकर प्रदूषण को रोकने के लिए प्रयास करना चाहिए। प्रकृति की सुंदरता को बढ़ावा देने के लिए वृक्षारोपण भी करना चाहिए एवं इसके साथ-साथ वन्य जीवन को भी बढ़ावा देना चाहिए।
Essay on Pollution in Hindi 1000 Words
प्रस्तावना
प्रदूषण जैसी जटिल समस्या से छुटकारा पाने के लिए विभिन्न प्रकार के देशों द्वारा तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। विश्व के कई देशों में प्रदूषण को दूर करने के लिए आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा आम नागरिकों द्वारा भी पर्यावरण को साफ करने की कोशिश की जा रही है। प्रदूषण से होने वाले नुकसानओं के बारे में सभी लोग अब जान चुके हैं। जिस तरह से जलवायु परिवर्तन हो रहा है,पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है ,ग्लोबल वार्मिंग हो रही है। उसे देखकर ऐसा लगता है,यदि समय रहते प्रदूषण पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो जल्द ही यह पृथ्वी को नष्ट कर देगा। प्रदूषण के कारण हमें प्रकृति से प्राप्त होने वाली सभी चीजें दूषित प्राप्त होती है। शुद्ध वायु और शुद्ध जल के लिए भी हमें अब आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। इसीलिए प्रदूषण जैसे खतरनाक दुश्मन को खत्म करना ही होगा।
प्रदूषण के स्रोत (Source of Pollution)
प्रदूषण का मुख्य स्त्रोत कारखानों को, वाहनों को, उद्योगों को कह सकते हैं। क्योंकि कारखानों से, उद्योग से, वाहनों से निकलने वाला धुआं अधिक मात्रा में वायु को प्रदूषित करता है। इसके अलावा ध्वनि प्रदूषण एक जटिल समस्या बनती जा रही है। प्रकृति में मौजूद सभी चीजें जल, वायु, मिटी किसी ना किसी तरह से प्रदूषण का शिकार हो रही हैं। मुख्य रूप से देखा जाए तो मृदा प्रदूषण का मुख्य कारण प्लास्टिक है। जो जमीन में दफन होकर कर उसे बंजर बनाता है ,और यदि उसे जलाया जाए तो वायु प्रदूषण पता है। अब वैज्ञानिकों द्वारा वातावरण को शुद्ध करने के लिए नई नई चीजों का आविष्कार किया जा रहा है। इसके अलावा बिजली पर चलने वाली मशीनो एवं वाहनों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
प्रदूषण पर रोकथाम के उपाय (Paryavaran Pradushan ko Rokne ke Upay)
प्रदूषण पर रोकथाम के लिए सभी देशों की सरकारों द्वारा तरह-तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। भारत सरकार द्वारा भी प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए निम्न तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल: अन्य देशों की तरह भारत सरकार ने भी पर्यावरण से संबंधित मुद्दों पर रोक लगाने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ग्रुप की स्थापना की है। एनजीटी द्वारा बनाए गए निर्देशों का पालन अगर किसी के द्वारा नहीं किया जाता तो उस पर काफी भारी जुर्माना लगाया जाता है। इसके अलावा किसी भी तरह से पर्यावरण को दूषित करने पर भी बड़ी कार्रवाई की जाती है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने देश के सभी शहरों में कोयले पर निर्भर होने वाली कंपनियों पर रोक लगाई है। इसके अलावा कोयले के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगाया है।
ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत
सभी देशों द्वारा ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतो का इस्तेमाल काफी जोर शोर से किया जा रहा है। अब वाहनों को चलाने के लिए ईंधन का उपयोग नहीं बल्कि इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा भी सभी लोगों को ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोतों को इस्तेमाल करने का आदेश दिया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा सभी राज्यों में सोलर पैनल लगवाए जा रहे हैं। जिससे कि सौर ऊर्जा से व्यक्ति ऊर्जा का उत्पादन कर सके। जल भी ऊर्जा का एक स्रोत होता है, इसलिए बरसात के जल का संरक्षण करना भी जल संचयन प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
BS-VI ईंधन
भारत सरकार द्वारा अब BS-VI ईंधन का प्रयोग किया जा रहा है। वाहनों में इस ईंधन के इस्तेमाल होने के बाद से प्रदूषण के स्तर में काफी कमी आई है। इस ईंधन के बाद से वाहनों से निकलने वाले हानिकारक धुए में 50% से अधिक सल्फर की कमी आई है। यहां bs–vi ईंधन कार से नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन को 70% और पेट्रोल कार से 25% तक कम करता है। इस तरह के ईंधन का इस्तेमाल करने से गाड़ियों के धुएं के माध्यम से निकलने वाली हानिकारक गैस कम हो जाती है।
वायु शोधक
वायु प्रदूषण को कम करने के लिए एक सबसे अच्छा उपाय वायु शोधक यंत्र हो सकता है। हम इसे इनडोर में इस्तेमाल कर सकते हैं। सभी घरों में अगर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल किया जाए। तो एयर प्यूरीफायर में मौजूद पार्टिकल वायु को साफ करने में मदद करते हैं। एयर प्यूरीफायर हवा में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को हटाने में सक्षम होते हैं। इसके अलावा एयर प्यूरीफायर हवा की गुणवत्ता में भी सुधार लाते हैं।
पर्यावरण में प्रदूषण को कैसे रोक सकते हैं अपने विचार?
हालांकि विभिन्न देशों द्वारा प्रदूषण को खत्म करने के लिए विभिन्न विभिन्न प्रकार के तरीके अपनाए जा रहे हैं। ऐसे में देश के सभी नागरिकों का यह कर्तव्य बनता है, कि वह प्रदूषण को खत्म करने में राज्य सरकारों की मदद करें। प्रदूषण पर रोकथाम लगाने के लिए इन तरीकों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
पटाखों का इस्तेमाल न करें: त्योहारों पर फोड़े जाने वाले पटाखे भी प्रदूषण का कारण होते हैं। ऐसे में जब हम दशहरे पर दिवाली पर या किसी अन्य त्योहार पर पटाखों का इस्तेमाल ना करके वायु प्रदूषण को रोक सकते हैं। ऐसा करने से ना केवल हम वायु प्रदूषण बल्कि ध्वनि, मृदा प्रदूषण पर भी रोक लगा सकते हैं।
वाहनों का सीमित प्रयोग: प्रदूषण का एक मुख्य कारण वाहन भी है। यदि हम वाहनों का उपयोग अंधाधुन ना करके सीमित मात्रा में इनका उपयोग करें तो प्रदूषण काफी हद तक कम हो सकता है। जीवाश्म ईंधन पर चलने वाले वाहनों का उपयोग ना करके हम इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करें इससे किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता।
अपने आस-पास साफ-सफाई बनाए रखें: एक अच्छे और जिम्मेदार नागरिक होने के नाते यहां लोगों कर्तव्य बनता है ,कि वे अपने आसपास की जगह को साफ सुथरा रखे। हमें यहां वहां का कचरा ना फेंक कर उसे कूड़ेदान में फेंकना चाहिए। इसके अलावा सूखा और गीला कचरा भी अलग अलग रखना चाहिए।
रिसाइकल और पुन उपयोग: हमें ऐसी चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए ,जिनका उपयोग हम दोबारा कर सके या फिर रिसाइकल करके उन्हें किसी और काम में इस्तेमाल कर सकें। वर्तमान में हम अधिकतर ऐसी वस्तुओं का उपयोग करते हैं, जो कि प्लास्टिक से बनी हुई थी है। प्लास्टिक पर्यावरण को सबसे ज्यादा दूषित करता है। प्लास्टिक को हम डीकंपोज नहीं कर सकते इसलिए हमें उसे कि साइकिलिंग के लिए भेजना चाहिए। ताकि उसका दोबारा से किसी अन्य काम में इस्तेमाल किया जा सके।
पेड़-पौधों लगाएं: प्रकृति का संतुलन बिगड़ने का मुख्य कारण वनों की कटाई है। औद्योगिकरण के कारण लोगों द्वारा अंधाधुन पेड़ों की कटाई की जा रही है,जिससे जलवायु परिवर्तन हो रहा है,और पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है। इसलिए हमें अपने आसपास पेड़ पौधे लगाना चाहिए ताकि वह वातावरण का तापमान कम कर सके और हमें शुद्ध वायु प्रदान कर सकें।
निष्कर्ष
अगर हम एक अच्छे नागरिक होने के नाते सरकार द्वारा प्रदूषण के रोकधाम हेतु जारी किए गए सारे निर्देशों का पालन करें तो हम काफी हद तक प्रदूषण को बढ़ने से रोक सकते हैं। प्रदूषण के कारण हमें कई सारी गंभीर बीमारियां होती है। प्रदूषण ना केवल भीतरी रूप से हमारे शरीर को कमजोर करता है, बल्कि बाहरी रूप शरीर पर भी एलर्जी जैसी बीमारियां फैलाता है। यह हमारे पर्यावरण के लिए भी घातक है। हमें अपने पर्यावरण को बचाने के लिए प्रयास करने होंगे। यह हमें अपने लिए ही नहीं बल्कि अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए भी करना चाहिए। हमें अपनी दिनचर्या में ऐसे उपकरणों का इस्तेमाल करना चाहिए, जो प्रदूषण को कम करने में सहायक हो।
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FAQs Related to Essay on Pollution in Hindi
प्रदूषण क्या है?
प्रदूषण मानव द्वारा फैलाया गया एक जहर है जो धीरे-धीरे प्रकृति में मौजूद सभी चीजों को नष्ट करते जा रहा है।
पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है?
प्रकृति को प्रदूषण से बचाने के लिए 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।
प्रदूषण को रोकने के उपाय?
वाहनों का उपयोग कम करना चाहिए। वृक्षारोपण करना चाहिए। ऊर्जा के अन्य स्त्रोतों का उपयोग करना चाहिए।
प्रदूषण के कितने प्रकार होते हैं?
प्रदूषण के 4 मुख्य प्रकार होते हैं। जल प्रदूषण ,वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, मृदा प्रदूषण।
Paryavaran Pradushan Par Nibandh
हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस “Essay on Pollution in Hindi” जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह Paryavaran Pradushan Nibandh अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Essay on Pollution in Hindi कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay या Speech कौन से टॉपिक पर चाहिए. इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.
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