क्या आप भी “Friendship Essay in Hindi” की तलाश कर रहे हैं? यदि हां, तो आप इंटरनेट की दुनिया की सबसे बेस्ट वेबसाइट essayduniya.com पर टपके हो. यदि आप Friendship Par Nibandh, Friendship Essay in Hindi, Mitrata Essay in Hindi, Mitrata Par Nibandh यही सब सर्च कर रहे हैं तो आपका इंतजार यही पूरा होता है.
Friendship Essay in Hindi
यहां हम आपको “Friendship Essay in Hindi” उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध/ स्पीच को अपने स्कूल या कॉलेज के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी प्रतियोगिता के लिए भी Friendship Par Nibandh तैयार करना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए.
Essay On Friendship In Hindi 100 Words
मित्र एक अनमोल रत्न के समान होता है। सच्चा दोस्त और उसकी दोस्ती मिलना एक इंसान के लिए बड़े सौभाग्य की बात होती है। मित्रता दो लोगों के बीच का एक स्नेह और प्रेम भरा रिश्ता होता है। जिसे निस्वर्थता, बिना द्वेष और प्रेम भावना से निभाया जाता है। सच्चा मित्र हमेशा मनुष्य के सुख-दुख में साथ होता है। जब भी किसी मित्र पर मुश्किल आती है, तो दोस्त उसका साथ देता है। एक सच्ची दोस्ती वही होती है, जिसमें एक दोस्त दूसरे दोस्त की मुश्किलों को भी सरल कर दे। सच्ची मित्रता का सबसे बड़ा उदाहरण कृष्ण-सुदामा और दुर्योधन-कर्ण की मित्रता है।
स्वतंत्रता दिवस पर भाषण
Friendship Par Nibandh 200 Words
दुनियां के सभी पवित्र रिश्तों में पवित्र रिश्ता दोस्ती का भी होता है। हर व्यक्ति के जीवन में एक ऐसा दोस्त जरूर होता है, जो मुश्किलों के वक्त उसके साथ खड़ा होता है। मित्र और मित्रता के बिना इंसान का जीवन काफी कठिन होता है। हर व्यक्ति को अपने जीवन में मुसीबतों से लड़ने के लिए किसी ना किसी साथी की जरूरत अवश्य होती है। दोस्ती वह रिश्ता है, जो बिना किसी भेदभाव से होता है। यह समाज के बनाए हुए नियम जात-पात, ऊंच-नीच, छुआछूत से परे होकर भरोसे और प्यार का एक नया रिश्ता बनाती है।
दोस्ती क्या है, इसे इस तरह से समझा जा सकता है, कि एक दूजे की देखभाल करना, मुसीबत में एक दूसरे की मदद करना, एक दूजे पर भरोसा करना यह सब दोस्ती में ही होता है। मुसीबत आने पर जब सारी दुनिया आपसे मुंह फेर लेती है, तो आपका दोस्त ही आपका सहारा बनने के लिए सबसे आगे आता है। दोस्त के बिना जिंदगी अधूरी मानी जाती है इसलिए अगर आपके जीवन में सच्चे दोस्त हो तो उन्हें हमेशा अपने साथ रखें। दोस्त अपने मित्र को उसकी दोस्ती के लिए धन्यवाद करने के लिए और उसके प्रति अपना प्रेम जाता सकें इसके लिए एक दिन भी मनाया है, जिसे फ्रेंडशिप डे कहा जाता है। लेकिन असल में दोस्ती के लिए कोई दिन नहीं होता है। एक सच्चे दोस्त के साथ हर दिन मित्रता दिवस मनाया जा सकता है।
Mitrata Essay in Hindi 300 Words
प्रस्तावना
दोस्ती जैसा दुनिया में कोई रिश्ता नहीं होता। बिना स्वार्थ के अगर कोई रिश्ता निभा सकता है, तो वह सिर्फ एक दोस्त ही हो सकता है। एक इंसान अपने जीवन में कई सारे रिश्ते निभाता है जैसे कि पिता का पुत्र का भाई का बहन का इत्यादि लेकिन इन सभी रिश्तोंं में एक सामाजिक सीमा होती है। दोस्ती का रिश्ता समाज के सभी नियमों से अलग होता है। इसमें ऊंच-नीच, जात-पात कुछ नहीं होता। किसी व्यक्ति के साथ दोस्ती ना तो जन्म के साथ होती है, और ना ही विवाह के बाद दोस्ती अचानक होती है, और जीवन भर साथ देती है।
मित्रता का महत्व
सच्चा दोस्त और सच्ची दोस्ती एक अनमोल रत्न के समान मानी जाती है। मित्रता का रिश्ता एक ऐसा रिश्ता होता है, जो निस्वार्थ भावना पर चलता है। इस रिश्ते में किसी भी व्यक्ति को किसी से कोई स्वार्थ नहीं होता। हर व्यक्ति के जीवन में एक ना एक इंसान ऐसा अवश्य होता है, जिसके साथ वह हमेशा प्रसन्न रहता है। वह अपनी सभी परेशानियां उस व्यक्ति के साथ साझा करता है, एवं मुसीबत आने पर सबसे पहले उस व्यक्ति के पास मदद के लिए जाता है, उसे ही हम दोस्त कहते हैं। दोस्त और दोस्ती प्रेम और विश्वास की भूखी होती है।
उपसंहार
दोस्ती का रिश्ता जात पात धर्म देखकर नहीं बनाया जाता। यह रिश्ता केवल इंसान पर विश्वास और प्रेम बनाए रखने से बनता है दोस्ती किसी भी इंसान के साथ हो सकती है। जब सारा समाज आपके खिलाफ होता है, एवं आपके परिवार वाले भी आप का समर्थन करना छोड़ दें, तब आपका मित्र ही आपका सहारा बनता है वह आप के समर्थन में खड़ा होता है। यदि आपके जीवन में कोई सच्चा मित्र है, तो उसे जीवन का सबसे बड़ा उपहार समझकर संभाल कर रखिए। सच्चा मित्र, और सच्ची मित्रता अगर एक बार खो जाए तो दोबारा कभी वापस नहीं मिलती।
Friendship Essay in Hindi 500 Words
प्रस्तावना
मित्रता दो लोगों के बीच परस्पर प्रेम, आत्मीयता, विश्वास का रिश्ता है। दोस्तों में एक दूसरे के लिए हमेशा किसी मुसीबत में साथ देने या मदद के माध्यम से प्रदर्शित होता है। सच्चे मित्र हमेशा निस्वार्थ होते हैं, जब भी इंसान को किसी तरह की कोई समस्या होती है, तो वे सबसे पहले व्यक्ति का साथ देते हैं। मित्रता एक ऐसा रिश्ता होता है, जिसे किसी अन्य रिश्ते से नहीं तोला जा सकता है। अन्य रिश्तोंं में हम शिष्टाचार की भावना से जुड़े होते हैं लेकिन मित्रता में हम खुले दिल से जीवन व्यतीत करते हैं। इसी वजह से मित्र को अभिन्न ह्रदय भी कहा जाता है। यारी अथवा मित्रता सबसे अनमोल मानी जाती हैं।
मित्रता का अर्थ
मित्रता शब्द का अर्थ होता है, दो लोगों के बीच मित्रता होना या मित्र होना। लेकिन हम मित्र शब्द का अर्थ यह नहीं निकाल सकते कि वह हमेशा साथ रहते हो, एक दूजे के साथ घूमते हो ,एक जैसा काम करते हो। अगर मित्र का अर्थ समझना है तो सबसे पहले मित्रता का अर्थ समझना होगा। मित्रता दो लोगों के बीच होती है जिसमें व्यक्ति एक दूजे के शुभचिंतक होते हैं मतलब वह हमेशा एक दूजे की खुशी की कामना करते हैं एक दूजे को समृद्ध और खुशहाल देखना चाहते हैं। जिस व्यक्ति को सच्चे मित्र मिल गए उसने मानव मित्रता का अर्थ समझ लिया।
सच्चा मित्र बनाना एक कला
सच्चा मित्र बनना एक विज्ञान है मित्रता बनाए रखने के लिए भी कला की आवश्यकता होती है। जो व्यक्ति अपने दोस्त के प्रति वफादार नहीं रहते हैं तथा मुसीबत के समय एक दूजे के काम नहीं आता ऐसे लोगों की दोस्ती ज्यादा समय तक नहीं चलती। मित्रता का पहला नियम यह होता है कि व्यक्ति को अपने मित्र से कोई अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए अगर व्यक्ति ने अपने मित्र की मदद करी है तो वहां दोबारा उससे मदद की उम्मीद ना रखें। सच्चे मित्र को हमेशा ज्यादा से ज्यादा अपने दोस्ती की मदद करना चाहिए।
सच्चे मित्र की पहचान
मित्रता का रिश्ता आपसी प्रेम आपसे विश्वास इसने और एक दूजे के तत्वों के आधार पर बना होता है। सच्चे मित्र की पहचान आप उसके गुणों से कर सकते हैं जो व्यक्ति आपसे सच्चे दिल से प्रेम करता है और आपकी भलाई चाहता है वही आपका सच्चा मित्र हो सकता है। सच्चा मित्र कभी आपके साथ विश्वासघात नहीं करता वह कभी आपसे कोई भी बात नहीं छुपाता। सच्चा मित्र हमेशा आपको सही राह दिखाता है अगर आप कुछ गलत करते हैं तो वह आपको आपके मुख पर आपके गलत कार्यों के बारे में बताता है। सच्चा मित्र हमेशा आपको खुश संगति से दूर रखने की कोशिश करता है।
उपसंहार
मित्रता के रिश्ते को किसी भी दूसरे के साथ नहीं खोला जा सकता। मित्रता के अलावा जो भी रिश्ते होते हैं उनमें कुछ नियम कायदे होते हैं। अन्य रिश्तों को निभाने के लिए हमें शिष्टाचार की जरूरत होती है, लेकिन मित्रता का रिश्ता हम खुले दिल के साथ निभा सकते हैं। हम अपने मित्र से अपने दिल की हर बात कह सकते हैं। इसी कारण दोस्त को दिल का टुकड़ा कहा जाता है।
यदि मित्रता सही व्यक्ति से की जाए तो वह सजी वनी का रूप ले लेती हैं। अगर बिना परख के किसी को अपना मित्र बनाएं तो वह जहर की पुड़ियाँ की तरह जीवन के लिए प्राणघातक भी साबित हो सकती हैं। क्योंकि एक दोस्त के साथ कुछ भी छुपाया नहीं जाता हैं। ऐसे में कई बार गहरे राज और रहस्य किसी को बताने से जीवन असुरक्षा और ब्लेकमेल जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता हैं।
Essay On Friendship In Hindi1000 Words
प्रस्तावना
दोस्ती और दोस्त का मतलब समझाते हुए किसी हास्य कवि ने कहा है, कि दोस्त दो तरह के होते हैं। पहला दोस्त एलोपैथी की तरह होता है, यह छोटी-मोटी मुसीबत पर काम आ जाता है, लेकिन बड़ी मुसीबत आने पर यह काम आ भी सकते हैं, और नहीं भी। दूसरे दोस्त होम्योपैथिक की तरह होते हैं यह ना तो मुसीबत में काम आते हैं, और ना ही कभी किसी को नुकसान पहुंचाते हैं। जो भी हो लेकिन यह एक मजाक की बात है। एक व्यक्ति अपनी समस्याएं अपने परिवार के साथ साझा नहीं कर सकता वह अपने मित्र के साथ अपनी सारी समस्याएं सांझा कर लेता है। एक सच्चे मित्र की उपस्थिति में इंसान हमेशा खुश रहता है। यदि व्यक्ति को जीवन में किसी सच्चे मित्र का साथ मिल जाए तो उसे किसी और चीज से कोई उम्मीद नहीं रहती। मित्रता क्या होती है और इसमें कितना सामर्थ होता है यह आप कृष्ण और सुदामा की दोस्ती से अंदाजा लगा सकते हैं।
मित्रता पर ज्ञानियों की राय
विश्व विख्यात कवि रहीम दास जी ने मित्रता के ऊपर कहा है कि “कहि रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीति। बिपति-कसौटी जे कसे, सोई सांचे मीत।” इस मुहावरे के माध्यम से कभी यह बताना चाहते हैं कि एक व्यक्ति के जीवन में जब तक उसके पास संपत्ति होती है तब तक उसके साथ सगे संबंधी तथा मित्र जुड़े रहते हैं लेकिन मुसीबत आते ही सब लोग साथ छोड़ कर चले जाते हैं पर मुसीबत के समय पर जो व्यक्ति का साथ देता है वही सच्चा मित्र कहलाता है। सनातन धर्म के वेद पुराणों में भी मित्रता के कई सारे उदाहरण मौजूद हैं जैसे कि श्री कृष्ण सुदामा और युधिष्ठिर,कर्ण। कर्ण और युधिष्ठिर की मित्रता इतनी सच्ची थी कि कर्ण को जीवन और दोस्त के बीच में से किसी एक को चुनने के लिए कहा गया तो कर्ण ने दोस्त को चुना।
मित्रता के नाम एक दिन
फ्रेंडशिप डे का इतिहास: फ्रेंडशिप डे को दोस्तों का दिन कहा जाता है। फ्रेंडशिप डे मनाने की शुरुआत अमेरिका से हुई है। फ्रेंडशिप डे मनाने के पीछे दो कहानियां जुड़ी हुई है पहली ऐसा कहा जाता है कि 1935 में अमेरिकी सरकार ने किसी व्यक्ति को फांसी की सजा दे दी थी। इस बात से उसके दोस्तों को इतना गम हुआ कि उन्होंने अपने दोस्त की याद में आत्महत्या कर ली। तभी से अमेरिकी सरकार ने उस व्यक्तियों की भावनाओं की कद्र करते हुए अमेरिका में फ्रेंडशिप डे की शुरुआत की।
दूसरी कहानी: 1930 में जोश हॉल नाम के व्यापारी ने अपने दोस्त दोस्त को उपहार देने का सोचा उसने दोस्त साथ में उपहार और कार्ड देकर , उसने उपहार और कार्ड की अदला-बदली की उसने इस दिन को दोस्तों के नाम पर मनाने का निर्णय ले लिया तब से यह फ्रेंडशिप डे मनाया जा रहा है।
जीवन के अलग-अलग पड़ाव पर इंसान की मित्रता
एक इंसान अपने जीवन में कई बार दोस्ती करता है वह हर बार नए दोस्त बनाता है लेकिन उन सभी दोस्तों में से किसी एक को अपना पक्का मित्र बनाता है। एक इंसान जीवन के विभिन्न पड़ावों पर दोस्ती करता है जो कि इस प्रकार है :
बचपन की दोस्ती– बचपन की दोस्ती को हम स्कूल की दोस्ती भी कह सकते हैं यह बात दोस्ती होती है जो स्कूल के साथ शुरू होती है। इस दोस्ती में हम अपने दोस्तों के साथ एक बेंच पर बैठना अपना नाम बेंच पर लिखना जैसी यादें साझा करते हैं। बचपन में काफी के बीच पेंसिल के छिलके रखना मोर खोल कर रखना और यह कहना कि इससे विद्या आएगी, अपने दोस्त की खिंचाई करना जब दोस्त को टीचर द्वारा सजा दी गई हो तो अपने दोस्त पर हंसना। दोस्त के साथ क्लास से बंद करना सच में यह दोस्ती जीवन की सबसे सुखद दोस्ती होती है। बचपन की दोस्ती एक मीठी याद बनकर हमारे साथ रहती है।
किशोरावस्था की दोस्ती – यह दोस्ती कॉलेज के साथ शुरू होती है। कॉलेज की किन-किन के चाय समोसे बाइक पर दोस्तों के साथ सैर सपाटा दोस्त की लड़ाई हो जाने पर लड़ने के लिए तैयार रहना क्लास बंक मारकर बाहर किसी मेले में घूमने जाना बीच-बीच में अपनी क्रश का जिक्र करना यह सब किशोरावस्था की दोस्ती की निशानी होती है। जीवन के इन आनंद भरे लम्हों को कोई भुला नहीं सकता।
ऑफिस की दोस्ती- ऑफिस की दोस्ती भी काफी अच्छी होती है आप इसमें जो हमारे दोस्त बनते हैं उनके साथ हमारी काम करने की प्रतिस्पर्धा स्वस्थ होने की प्रतिस्पर्धा होती रहती है। काम का प्रेशर होने के बावजूद भी बीच-बीच में अपने दोस्त के साथ किसी बेतुके जोक पर हंसना लंच के समय दोस्ती के साथ घर की बातें करना, दोस्त के काम बिगाड़ देंगे पर बॉस की डांट पड़ने पर दोस्त की खिल्ली उड़ाना, दोस्त का आत्मविश्वास कम होने पर उसे हिम्मत देना। दोस्ती कहीं की भी हो सच्ची दोस्ती हमेशा साथ रहना सिखाती है।
बुढ़ापे की दोस्ती- ऐसा कहा जाता है कि इंसान के जीवन में बुढ़ापा सबसे कठिन समय होता है ऐसे समय में किसी सच्चे दोस्त का होना अमूल्य रत्न मिलने के समान माना जाता है। इस अवस्था में इंसानों को दोस्तों की जरूरत होती है ताकि वह अपने दोस्त के साथ अपने सुख दुख बांट सकें अपने जीवन में दोस्तों के साथ बिताए गए लोगों को याद करके हंस सके। इस दोस्ती में व्यक्ति सुबह-सुबह अपने दोस्त के साथ शेयर कर जाता है बगीचे में योगासन करते समय ठहाके लगाकर हसता है। अपने पुराने दोस्तों के साथ जीवन की यादों को साझा कर अपना तनाव कम करते हैं।
निष्कर्ष
व्यक्ति को जीवन के हर पड़ाव पर एक मित्र की आवश्यकता होती ही है क्योंकि मित्र कि वह इंसान होता है जो इंसान को कमजोर पड़ने पर हिम्मत दे सकता है। अगर कोई व्यक्ति अपने घर से परिवार से या सगे संबंधियों से परेशान हैं तो वहां अपने के सामने ही जाकर इन सभी चीजों के बारे में बता सकता है। एक इंसान अपने दोस्त के सामने बेइज्जत हर तरह की बातें कर सकता है एल्बम अपने दोस्त के कंधे पर सर रखकर रो भी सकता है। मित्रता कितनी अनमोल चीज होती है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि श्री कृष्ण भगवान अपने मित्र सुदामा से मिलने के लिए नंगे पांव महल से भागे भागे बाहर आ गए थे। सच्चा मित्र और मित्रता जिस व्यक्ति को मिल जाती है मानव उसे मित्र के रुप में भगवान मिल गए।
Essay on Friendship in Hindi
हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस “Friendship Essay in Hindi” जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह Friendship Par Nibandh अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Friendship Essay in Hindi कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay या Speech कौन से टॉपिक पर चाहिए. इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.
Join WhatsApp Group | CLICK HERE |
ESSAYDUNIYA HOME | CLICK HERE |