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Ganesh Chaturthi Speech in Hindi
यहां हम आपको “Ganesh Chaturthi Speech in Hindi” उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध/ स्पीच को अपने स्कूल या कॉलेज के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी प्रतियोगिता के लिए भी Speech on Ganesh Chaturthi in Hindi तैयार करना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए.
Ganesh Chaturthi Speech in Hindi (1 Minutes Speech on Ganesh Chaturthi in Hindi)
यहां उपस्थित सभी माननीय अतिथिगण, प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों को मेरा नमस्कार। आप सभी को गणेश चतुर्थी की बहुत शुभकामनाएं। आज हम सभी यहां गणेश उत्सव मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। गणेश चतुर्थी का त्यौहार पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन बड़े-बड़े मंदिरों, पंडालों में और सभी लोगों द्वारा अपने घरों में भी गणेश जी की मूर्ति की स्थापना करते हैं। भगवान गणेश शिव-शक्ति के पुत्र हैं। वे सभी विघ्न को हरने वाले और मंगल करने वाले हैं, इसलिए उन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। गणेश भगवान जीवन में समृद्धि, खुशहाली लाते हैं। आशा करती हूं, की यह गणेश चतुर्थी आप सभी के लिए मंगलदायक हो। अब अपनी स्पीच को यहीं विराम देना चाहूंगी, धन्यवाद।
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Ganesh Chaturthi Speech in Hindi (2 Minutes Speech on Ganesh Chaturthi in Hindi)
यहां उपस्थित सभी माननीय अतिथिगण, प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों को मेरा नमस्कार। आज की सभा का श्री गणेश करते हुए सबसे पहले तो मैं आप सभी को गणेश चतुर्थी की बधाई देना चाहती हूं।
गणेश चतुर्थी पूरे भारत में मनाया जाता है, लेकिन मुंबई में इस दिन अलग ही धूम होती है। गणेश जी भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं। गणेश जी बुद्धि, समृद्धि और मंगल के प्रतीक हैं, और विघ्नों को हरने वाले हैं। गणेश चतुर्थी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती हैं। इस दिन भगवान गणेश जी के विग्रह की स्थापना की जाती है। लोग अपनी मान्यता अनुसार तीन दिन, पांच दिन, सात दिन और 11 दिन तक गणेश जी की स्थापना कर उनकी पूजा-अर्चना करते हैं।
गणेश जी को मोदक और लड्डू बहुत प्रिय है, इसलिए गणेश जी को इन्हीं का भोग लगाया जाता है। इन 10, 11 दिनों तक लोगों द्वारा गणेश चतुर्थी का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी के विग्रह का विसर्जन किया जाता है। उनके अगले बरस फिर आने की आशा और मंगल कामना के साथ उन्हें बिदाई दी जाती है। अब अपनी स्पीच को यहीं विराम देना चाहूंगी, धन्यवाद।
Ganesh Chaturthi Speech in Hindi (3 Minutes Speech on Ganesh Chaturthi in Hindi)
यहां उपस्थित सभी माननीय अतिथिगण, प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों को मेरा नमस्कार। आप सभी को गणेश चतुर्थी की बहुत-बहुत शुभकामाएं। गणेश चतुर्थी के त्यौहार से हम सभी के बचपन की यादें जुड़ी हुई हैं। सभी को गणेश चतुर्थी का त्यौहार बहुत प्रिय होता है। खासकर बच्चों में गणेश चतुर्थी को लेकर काफी उत्साह देखने को मिलता है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान श्री गणेश जी प्रकट हुए थे। ये भागवान शिव और शक्ति की प्रतीक माता पार्वती की संतान हैं। भगवान गणेश जी के अवतार की एक कथा बहुत प्रचलित है, जिसमें माता पार्वती अपने स्नान के समय लगाने वाले उबटन से गणेश जी की मूर्ति का निर्माण करती हैं, और बाद में उसमें प्राण फूंकती हैं।
माता पार्वती स्नान के लिए जाने से पहले अपने कक्ष के बाहर गणेश जी को पहरा देने के लिए कहती हैं, और उनके आदेश के बिना किसी को भी प्रवेश न करने का आदेश देती हैं। भगवान गणेश अपनी माता की आज्ञा के अनुसार उनके कक्ष के बाहर पहरा देने लगते हैं। उसी समय भगवान शंकर अपने गणों के साथ वहां आते हैं, और कक्षा में प्रवेश करने लगते हैं। भगवान गणेश अपनी माता के कहे अनुसार भगवान शिव को अंदर जाने से रोकते हैं और इसे अपनी माता की आज्ञा बताते हैं। लेकिन भगवान शिव अंदर जाने का आग्रह करते हैं, और भगवान गणेश उन्हें अंदर प्रवेश न करने का हठ करते हैं। इस बात से भगवान शिव क्रोधित हो जाते हैं, और अपने त्रिशूल से भगवान गणेश पर प्रहार करते हैं, जिससे उनका शीश कटकर धरती पर गिर जाता है।
उसी समय माता पार्वती वहां आती हैं, और अपने पुत्र को ऐसी दशा देखकर विलाप करने लगती हैं। माता पार्वती, शिव जी से अपने पुत्र को वापस लाने को कहती हैं और क्रोध में विकराल रूप धारण कर लेती हैं। उनके इस रूप को देखकर सभी लोग भयभीत हो जाते हैं। तब भगवान शंकर हाथी के बच्चे का शीश भगवान गणेश को लगा देते हैं, जिससे वे पुनः जीवित हो उठते हैं। इसी तरह से भगवान गणेश की बहुत-सी कथा प्रचलित हैं। गणेश चतुर्थी पर बाजारों की रौनक देखते ही बनती है, और हर मंदिर में भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना की जाती है और झांकियां सजाई जाती है। घरों में भी भगवान गणेश जी के विग्रह को स्थापित किया जाता है। मुंबई में गणेश जी की स्थापना 5, 7 दिन की होती है, जबकि अन्य जगहों पर गणेश जी 10 दिन के लिए विराजमान रहते हैं।
इन 10 दिनों तक गणेश जी की सुबह शाम पूजा-अर्चना की जाती है, और गणेश जी को लड्डू और मोदक का भोग लगाया जाता है। 10 दिनों तक गणेश उत्सव मनाने के बाद अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश के विग्रह को अगले साल फिर आने के निमंत्रण के साथ विसर्जित किया जाता है। अंत में आप सभी को एक बार फिर गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं देते हुए इस स्पीच को यहीं विराम देती हूं, धन्यवाद।
Ganesh Chaturthi Speech in Hindi (5 Minutes Speech on Ganesh Chaturthi in Hindi)
यहां उपस्थित सभी माननीय अतिथिगण, प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों को मेरा नमस्कार। आज गणेश चतुर्थी के दिन आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं। गणेश चतुर्थी का त्यौहार पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्यौहार को लेकर बूढ़े-बच्चे, जवान और हर उम्र वर्ग के सभी लोग बड़े उत्साहित रहते हैं। पूरे भारत में लोग स्थानीय मंदिरों, पंडालों और अपने घरों में गणेश जी के विग्रह की स्थापना करते हैं। मुंबई में गणेश उत्सव पर अलग ही रौनक देखने को मिलती है। यहां का गणेश उत्सव पूरी दुनियां में फैमस है। मुंबई में नासिक ढोल-नगाड़ों के साथ लालबाग के राजा के ठाट देखते ही बनते हैं। इनकी एक झलक पाने के लिए लोग बेताब रहते हैं। गणेश उत्सव पर लोग सामूहिक नाच-गाना करते हैं, और उत्सव मनाते हैं।
भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन हुआ था। भगवान गणेश जी के जन्म को लेकर एक कथा बहुत प्रचलित है। कहा जाता है, कि भगवान पार्वती और शिवजी कैलाश पर्वत पर निवास करते थे। एक दिन जब माता पार्वती कैलाश पर्वत पर अकेली थी, तब उन्हें स्नान करने जाना था और उनके पहरेदार के लिए कोई भी विश्वासपात्र वहां मौजूद नहीं था। ऐसे में माता पार्वती जी जब उबटन लग रही थीं, तो उन्होंने अपने उबटन के मेल से एक मूर्ति का निर्माण किया और उसमें प्राण फूंक दिए। उन्होंने इसे अपना पुत्र कहा और स्नान से पहले किसी को भी कक्षा के अंदर प्रवेश करने के लिए मना किया।
माता पार्वती की आज्ञा के अनुसार भगवान गणेश जी माता के कक्ष के बाहर पहरेदारी करने लगे, उसी समय भगवान शिव जी का आगमन हुआ। भगवान शिव कक्ष के अंदर जैसे ही प्रवेश करने लगे तो गणेश भगवान ने उन्हें रोक दिया। इस बात से क्रोधित होकर भगवान शिव ने गणेश भगवान पर अपने शिव से प्रहार किया, जिससे भगवान गणेश का शीर्ष काटकर धरती पर गिर गया। जब माता पार्वती ने यह सब देखा तो वह बहुत क्रोधित और दुखी हो गईं। उन्होंने भगवान शिव से अपने पुत्र को वापस लाने को कहा। माता पार्वती ने अपने पुत्र की मृत्यु से दुखी होकर विकराल कालिका का रूप धारण कर लिया, जिसे देखकर चारों ओर त्राहि-त्राहि मच गई और सब भयभीत होने लगे।
तब भगवान शंकर ने अपने त्रिशूल से ऐसे बच्चे के शीश की खोज करने को कहा जिसकी मां उससे पीठ कर कर सो रही हो। तब भगवान शंकर का त्रिशूल एक हथिनी के बच्चे का शीश काटकर लाया और उसे गणेश भगवान के धड़ पर लगा दिया, जिससे गणेश भगवान पुनर्जीवित हो गए। यह भगवान गणेश जी के जन्म से जुड़ी एक प्रचलित कथा थी। भगवान गणेश प्रथम पूजनीय बुद्धि और समृद्धि के प्रतीक एवं संकटों को हरने वाले हैं। उनके अनेकों नाम और अनेकों रूप है। गणेश भगवान अपने भक्तों पर विशेष कृपा दृष्टि रखते हैं, और मंगल करने वाले हैं। इस गणेश चतुर्थी पर मैं आप सभी के मंगल के कामना करते हुए आज की स्पीच को यहीं विराम देना चाहूंगी, धन्यवाद।
Speech on Ganesh Chaturthi in Hindi
हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस “Ganesh Chaturthi Speech in Hindi” जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह Speech on Ganesh Chaturthi in Hindi अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Ganesh Chaturthi Speech in Hindi कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay या Speech कौन से टॉपिक पर चाहिए. इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.
विज्ञान के चमत्कार हिंदी में निबंध
Rajasthan Mission 2030 Essay in Hindi
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