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Guru Purnima Speech in Hindi
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Guru Purnima Par Speech in Hindi 200 Words (Guru Purnima speech For 2nd Standards)
आज हम सभी यहां गुरु पूर्णिमा के अवसर पर एक साथ इस पर्व को मानने के लिए एकत्रित हुए हैं। गुरु की महिमा पर जितना भी कहा जाए कम ही है। कबीर दास जी ने इस विषय पर कुछ इस प्रकार से कहा है की, “सब धरती कागज करूँ, लिखनी सब बनराय। सात समुद्र की मसि करूँ, गुरु गुण लिखा न जाय॥” अर्थात अगर पूरी धरती को कागज कर दिया जाय, सभी वनों को कलम और सातों समुद्र को स्याही बना दिया जाए तो भी गुरु के गुणों को लिखा नहीं जा सकता है।
गुरुओं का अस्तित्व धरती के सृजन के साथ ही माना जाता है। गुरु पूर्णिमा के त्योहार का पौराणिक महत्व है। महान गुरु ऋषि वेद व्यास जी का जन्म भी आज ही के दिन हुआ था। भगवान शिव जिन्हें ऋषियों का गुरु माना जाता है, उन्होंने भी आज ही के दिन सप्त ऋषियों को ज्ञान दिया था। वेदों और अन्य धार्मिक पुस्तकों में गुरुओं की महिमा का इस प्रकार से वर्णन किया गया है, की लगता है शब्दकोश के शाब्दिक अर्थ इनके गुणों का गुणगान करने में सक्षम नहीं हैं। गुरुओं की महिमा तो स्वयं भगवान ने भी गई है। इन्हीं शब्दों के साथ आज की स्पीच को विराम देती हूं। एक बार फिर से सभी गुरूओं को मेरा प्रणाम!
गुरु पूर्णिमा पर निबंध 200 शब्द
गुरु पूर्णिमा पर निबंध 300 शब्द
गुरु पूर्णिमा पर निबंध 500 शब्द
गुरु पूर्णिमा पर निबंध 800 शब्द
Speech on Guru Purnima in Hindi 300 Words
जल बिना जीवन नहीं, गुरु बिना नहीं है ज्ञान। जल धोए तन का मैल, गुरु मिटाएं अज्ञान। पानी से केवल तन का मैल धोया जा सकता है लेकीन एक सच्चा गुरु साबुन और पानी की तरह शिष्य के अंधकार रूपी मैल को धोकर उसे उज्जवल ज्ञान प्रदान करता है। गुरुओं का स्थान भगवान से भी ऊंचा बताया गया है। कबीर दास जी कहते हैं, की अगर गुरु और भगवान दोनों में से किसी एक को चुनना हो या एक को पहले नमन करना हो तो सबसे पहले गुरु को ही चुनना चाहिए क्योंकि गुरू ने ही संसार से उन्हें अवगत करवाया है। हिंदू परंपरा के साथ गुरुओं बौद्ध और सिख आदि धर्म में भी गुरुओं को भगवान का दर्जा दिया है।
भारत में गुरु और शिष्य की परंपरा आज से नहीं बल्कि श्रष्टि के सृजन के समय से है। भगवान शिव को सब गुरुओं का गुरु माना जाता है। उन्होंने ही सर्वप्रथम सप्त ऋषियों को गुरु पूर्णिमा के ही दिन ज्ञान दिया था। भारत का इतिहास गुरु और शिष्य परंपरा से भरा पड़ा है। जिसे आज भी पढ़कर लोगों को प्रेरणा मिलती है। स्वामी विवेकानंद जी जिनके आचरण का शब्दों में बखान नहीं किया जा सकता वे भी अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस जी के प्रभाव के कारण एक भारत के एक महान विभूति के रूप में जाने जाते हैं। इस संस्कृति में मनुष्य तो मनुष्य, देवताओं और राक्षसों के भी गुरु रहे हैं, जो उन्हें प्रेरित करते थे और यह रीति आज तक चली आ रही है। गुरु और शिष्य की यह परंपरा कल भी थी, आज भी है और आगे भी रहेगी। बस इन्हीं शब्दों के साथ आज के भाषण को विराम देना चाहूंगी। एक बार फिर यहां उपस्थित सभी गुरुओं को मेरा प्रणाम और गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं।
Guru Purnima Par Bashan 500 Words
गुरु के लिए यूं तो कोई एक दिन नहीं होता है। सभी दिन गुरुओं की महिमा का गायन किया जाना चाहिए। लेकिन आज के दिन का पौराणिक और सांस्कृतिक महत्व है, इसलिए हम सभी आज यहां गुरु पूर्णिमा के अवसर पर इस पर्व को मानने के लिए एकत्रित हुए हैं। आज के दिन का महत्व पौराणिक कथाओं में भी बताया गया है। कहा जाता है की धरती के पालनकर्ता भगवान हैं, इसलिए वे पूजनीय हैं, जिन्होंने मुझे और आप सबको बनाया है। लेकिन गुरु वे होते हैं, जिन्होंने हमारा परिचय भगवान से करवाया है। इसलिए गुरुओं का दर्जा भगवान से भी ऊपर का बताया गया है। गुरु शब्द संस्कृत भाषा से लिए गया है। जिसमें ‘गु’ का अर्थ है, अंधकार और ‘रु’ का अर्थ है दूर करने वाला। गुरु पूर्णिमा का त्यौहार मुख्य रूप से महर्षि वेदव्यास से जुड़ा हुआ है गुरु पूर्णिमा के दिन ही महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। पौराणिक कथाओं में वेदव्यास जी और गुरु पूर्णिमा के बारे में काफी कुछ बताया गया है, जैसे कि ऋषि वेदव्यास को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि वह विष्णु भगवान का अंश है। ऋषि वेदव्यास बचपन से ही बड़े विद्वान थे। उनसे जुड़ी एक छोटी सी कहानी कुछ इस तरह है की, उन्होंने छोटी सी उम्र में भगवान की भक्ति कर उनसे मिलने की इच्छा अपने माता-पिता के सामने रखी। उन्होंने माता-पिता से तपस्या करने के लिए वन में जाने की आज्ञा भी मांगी लेकिन माता-पिता ने उन्हें पहले तो, मना कर दिया लेकिन बाद में उन्हें तपस्या करने के लिए आज्ञा दे दी। ऐसा कहा जाता है कि करोड़ों वर्ष की तपस्या के बाद तपस्या के फलस्वरूप उन्हें संस्कृत भाषा का ज्ञान प्राप्त हुआ वे संस्कृत के प्रचंड विद्वान बने। महर्षि वेदव्यास पहले ऋषि थे जिन्होंने चारों वेदों का ज्ञान प्राप्त किया और उसके बाद चारों वेदों की व्याख्या भी की। महर्षि वेदव्यास द्वारा चार वेद 18 पुराण और महाभारत जैसे महाकाव्य की रचना की गई थी। वेदव्यास जी ने इन सभी महान ग्रंथों की रचना पूर्णिमा के दिन ही की थी इसलिए पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा का त्यौहार मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में तो गुरुओं को भगवान का दर्जा दिया गया है इसके अलावा गुरुओं के प्रति अपार श्रद्धा हमें सिख धर्म में भी देखने को मिलती। सिख धर्म में भी 10 गुरु हुए हैं, जिन्होंने सिख धर्म की स्थापना करने से लेकर धर्म के संचालन तक के नियम स्थापित किए हैं। आज सारे विश्व में सिख धर्म के लोगों द्वारा अपने गुरुओं की वाणी को भगवान की वाणी की तरह माना जा रहा है और गुरुओं के उपदेश अनुसार मानव सेवा की जा रही है। गुरुद्वारा ही व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने का रास्ता प्रदान किया जाता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं हमने भी बचपन से ही गुरु का सहारा लेकर अपना जीवन जीना शुरु किया। व्यक्ति अपने जीवन में कई सारे सारे गुरु बनाता है गुरु उसे कहते हैं, जिससे व्यक्ति कुछ सीखता है, या उस व्यक्ति की राय आपको आगे बढ़ने में मदद करती है। देखिए अंत में मैं बस यही कहना चाहता हूं, कि गुरु की जरूरत सभी व्यक्तियों को होती है। हमें अपने जीवन में किसी ना किसी व्यक्ति को गुरु जरूर बनना चाहिए एवं सच्चे शिष्य की तरह उनकी सेवा भी करनी चाहिए।
Guru Purnima Quotes in Hindi
“समय भी सिखाता है और गुरु भी!
पर दोनों मे फर्क सिर्फ इतना है
कि गुरु लिखाकर परीक्षा लेता है,
और समय परीक्षा लेकर सिखाता है!
आप से सीखा है सब, आप से है जाना
आप ही गुरु है मेरे, आपको ही सब माना
सीखा है सब आपसे ही हमने
कलम का मतलब भी आपसे जाना
गुरु से सिखा, गिरना संभलन
हार मुश्किल में आगे बढ़ना..
राह में थक कर रुक ना जाना,
आगे बढ़कर मंजिल को पाना..
गुरु आपके उपकारों का,
चुकाऊँ मैं कैसे मोल,
लाख कीमती धन भला
है गुरु मेरा अनमोल।।
उनके बारे में क्या लिखूं
जिन्होंने मुझे लिखना सिखाया
खुली आंखों से देखे हुए सपने सच हो सकते हैं
आपने सिखाया है,
किसी की जुबान से निकले हुए अल्फाज भी सच हो सकते है,
आपने सिखाया है,
Guru Purnima Wishes in Hindi
गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं
सिर्फ अक्षर ज्ञान ही नहीं, गुरु ने सिखाया जीवन ज्ञान।
गुरुमंत्र को कर लो आत्मसात हो जाओ भवसागर पार।
अक्षर-अक्षर हमें पढ़ते हर शब्द का अर्थ बताते
कभी डांटकर कभी प्यार से, जीवन जीने का पाठ पढ़ाते।
जिनकी डांट में एक अद्भुत ज्ञान होता है,
जिनके लिए मन में सम्मान होता है
जो जन्म देते हैं, कई महान शख्सियतों को
वे गुरु ही तो सबसे महान होते हैं।
इस संसार में गुरु की महिमा है अगम, जिसको गाकर तरता है, शिष्य।
गुरु कल का अनुमान कर, है आज गढ़ता भविष्य।
हमें शांति का पाठ पढ़ाकर
मिटाया मन का अंधकार
गुरु ने ही सिखाया हमें
नफरत पर जीत है प्यार।।
Happy Guru Purnima Wishes
तुम गुरु पर ध्यान दो, गुरु तुम्हें ज्ञान देंगे,
तुम गुरु को सम्मान दो, गुरु तुम्हें ऊंची उड़ान देंगे।।
माता-पिता ने हमें जन्म दिया, गुरु ने पढ़ना सिखाया है,
शिक्षा देकर हम सब को अपने जीवन में आगे बढ़ाया है।
जीवन में जो झुक जाता है इनके आगे, वो सबसे ऊपर उठ जाता है,
गुरु की छत्र छाया में, सबका जीवन सुधर जाता है।
जीवन पथ जहाँ से आरंभ होता है,
उस को राह दिखाने वाला गुरु ही होता है।।
मन्दिर है विद्यालय मेरा, गुरु मेरे भगवान हैं
हमारे मन में नित्य उनके लिए सम्मान है।।
Guru Purnima Par Speech Hindi Mein
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Farewell Speech for Students in Hindi
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