Guru Teg Bahadur Essay in Hindi: गुरु तेग बहादुर पर निबंध

क्या आप भी guru teg bahadur essay in hindi की तलाश कर रहे हैं? यदि हां, तो आप इंटरनेट की दुनिया की सबसे बेस्ट वेबसाइट essayduniya.com पर टपके हो. यदि आप guru teg bahadur essay in hindi, essay on guru teg bahadur यही सब सर्च कर रहे हैं तो आपका इंतजार यही पूरा होता है.

Guru Teg Bahadur Essay in Hindi

यहां हम आपको Guru Teg Bahadur Essay in Hindi उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध को आप कक्षा 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. यदि आप को किसी स्पीच के लिए टॉपिक essay on guru teg bahadur मिला है तो आप इस लेख को स्पीच के लिए भी उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी निबंध प्रतियोगिता के लिए भी Guru Teg Bahadur Essay in Hindi लिखना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए.

Guru Teg Bahadur Essay in Hindi 100 words

हमारे इतिहास में सिख गुरुओं का काफी योगदान रहा है। पुराने समय में जिस तरह राजपूत और मराठा योद्धा होते थे उसी तरह सिख योद्धाओं ने भी अपनी वीरता और शौर्य से भारत देश का नाम रोशन किया था। सिखों के कुल 10 प्रमुख गुरु थे, जिन्होंने सिख पनती तथा सिख धर्म की स्थापना करें। गुरु तेग बहादुर सिखों के नवे  गुरु थे।

Whatsapp Group Join
Telegram channel Join

गुरु तेग बहादुर एक योद्धा शिक्षक और एक कवि थे जिन्होंने हमेशा लोगों को प्रेम और शांति से रहने की सीख दी। उन्होंने मानव कल्याण के लिए कई सारी धार्मिक यात्राएं भी गई और सिखों को उनके धर्म के प्रति जागरूक किया।

Guru Teg Bahadur Essay in Hindi
Guru Teg Bahadur Essay in Hindi

Guru Teg Bahadur Essay in Hindi 150 words

गुरु तेग बहादुर को सिखों के नवे गुरु के रूप में जाना जाता है गुरु तेग बहादुर सिखों के नौवें गुरु बने तथा सिख धर्म की स्थापना में अपना काफी योगदान दिया। गुरु तेग बहादुर का जन्म 1 अप्रैल 1621 को पंजाब के अमृतसर में हुआ उनके पिता श्री हरगोविंद सिंह थे जो कि सिखों के छठे गुरु थे। एक कुशल योद्धा होने के साथ-साथ गुरु तेग बहादुर एक शिक्षक और संत भी थे उन्होंने लोगों को प्रेम के साथ रहने की सीख दी।

धर्म प्रचार और लोगों को धर्म के प्रति जागरूक करने के लिए उन्होंने कई सारी धार्मिक यात्राएं और धार्मिक रचनाएं भी की। बहादुर एक महान योद्धा थे उन्होंने अपने जीवन का बलिदान कश्मीरी पंडितों और हिंदुओं के धर्म को मुगलों से बचाने के लिए कर दिया था।

Guru Teg Bahadur Essay in Hindi 200 words

गुरु तेग बहादुर सिखों के छठे गुरु हरगोविंद सिंह के पुत्र थे वे बचपन से ही  संत और बैरागी किस्म के व्यक्ति थे। गुरु तेग बहादुर बचपन से ही बड़ी धार्मिक सोच वाले व्यक्ति थे उन्होंने मनुष्य कल्याण के लिए जीवन कई सारे प्रयास किए।  तेग बहादुर का जन्म 1 अप्रैल 1621 में अमृतसर पंजाब में हुआ था उनके पिता श्री हरगोविंद सिंह और माता नानकी जी थी।

गुरु तेग बहादुर ने हिंदी संस्कृत कथा गुरुमुखी भाषा सीखी और घुड़सवारी तलवारबाजी तीरबाजी में भी वे काफी माहिर थे। गुरु तेग बहादुर का वास्तविक नाम त्यागमल था तेग बहादुर का नाम उन्हें करतारपुर में मुगलों के खिलाफ युद्ध में वीरता और साहस के परिचय देने पर मिला था। फिर वे सिखों के  गुरु बने और सिख धर्म के लोगों को अपने धर्म के प्रति जागरूक करने के लिए उन्होंने कई सारी धार्मिक यात्राएं की।

गुरु तेग बहादुर ने हिंदू और सिख एकता के लिए कई सारे कार्यक्रम किए उन्होंने कश्मीरी पंडित और हिंदुओं को उनका अधिकार दिलाने के लिए मुगलों से युद्ध किया। मुगलों से युद्ध के दौरान 1675 को गुरु तेग बहादुर का औरंगजेब द्वारा कत्ल करवा दिया गया। ऐसे महान योद्धा शिक्षक और धर्मगुरु के बलिदान के लिए भारत समेत कई देशों में उन्हें बड़े सम्मान के साथ पूजा जाता है।

Guru Teg Bahadur Essay in Hindi 300 words

सिखों के 9वे गुरु के रूप में विश्व विख्यात श्री गुरु श्री तेग बहादुर का जन्म अमृतसर पंजाब में 1 अप्रैल 1621 में हुआ था। गुरु तेग बहादुर बचपन से ही बड़े तेज और गुणी व्यक्ति थे उन्होंने घर पर ही संस्कृत हिंदी और गुरुमुखी भाषा का ज्ञान प्राप्त किया तथा अपना जीवन एक वैरागी के रूप में व्यतीत करने का फैसला लिया।

गुरु तेग बहादुर सिख गुरु के साथ साथ एक महान कवि और शिक्षक भी थे। गुरु तेग बहादुर के पांच भाई थे और गुरु तेग बहादुर सिक्ख गुरु हरगोविंद सिंह के पांचवे पुत्र थे,गुरु तेग बहादुर के 3 भाईयो की मृत्यु उनके पिता की जीवितवस्था में ही हो गई थी।गुरु तेग बहादुर और उनके एक भाई सूरजमल ही जीवित बचे थे। वे बचपन से ही तेज बुद्धि के धनी थे और उनके भाई सूरजमल बड़े ही विद्रोही और विलासी व्यक्ति थे इसलिए गुरु तेग बहादुर को सिखों के नवे गुरु के रूप में चुना गया। सिखों के 9वे गुरु बनने के बाद उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब के लिए कई सारी कविताएं और पंक्तियों की रचना की।

गुरु तेग बहादुर ने मुगलों के खिलाफ काफी युद्ध यह अपनी शौर्य और वीरता की वजह से ही उन्हें तेग बहादुर का नाम दिया गया था। इन्होंने सिक्खों को अपने धर्म के प्रति निष्ठा रखने की सीख दी तथा दूसरों की रक्षा के लिए हथियार उठाने की भी सीख दी। मुगलों द्वारा हिंदुओं पर अत्याधिक अत्याचार करने पर गुरु तेग बहादुर ने मुगलों का विरोध किया। हिंदुओं और कश्मीरी पंडितों की रक्षा के लिए गुरु तेग बहादुर ने अपने प्राणों का बलिदान कर दिया। गुरु तेग बहादुर के बलिदान पर उन्हें भारत में बड़े सम्मान के साथ पूजा जाता है और उनके नाम पर कई सारे शहरों mr गुरुद्वारों की स्थापना भी की गई।

Guru Teg Bahadur Essay in Hindi 500 words

प्रस्तावना

हिंदुओं की रक्षा के लिए सिखों ने काफी बलिदान दिया है सिख गुरुओं ने हिंदू और सिखों की एकता के लिए अपना जीवन निछावर कर दिया सिखों के सबसे शांत और धर्म प्रिय गुरु तेग बहादुर और उनके बलिदान को सभी लोग जानते हैं गुरु तेग बहादुर अपना सारा जीवन धर्म प्रचार और लोगों की भलाई के लिए व्यतीत कर दिया। गुरु तेग बहादुर सिखों के नवे गुरु थे। उन्हें एक शिक्षक व योद्धा के रूप में भी जाना जाता है।

गुरु तेग बहादुर का जीवन 

गुरु तेग बहादुर का जन्म 1 अप्रैल 1621 को पंजाब के अमृतसर शहर में हुआ था। गुरु तेग बहादुर का का असली नाम त्याग मल था ।तेग बहादुर सिख गुरु श्री हरगोविंद सिंह के पांचवे पुत्र थे। हरगोविंद सिंह के तीन पुत्रों की मृत्यु हो चुकी थी और गुरु तेग बहादुर और गुरुदासमाल ही जीवित बचे थे। तेग बहादुर और उनके भाई ने घर पर ही हिंदी संस्कृत और गुरुमुखी भाषा का ज्ञान प्राप्त किया तथा अपने पिता से तलवार बाजी और घुड़सवारी का भी ज्ञान प्राप्त किया। मात्र 13 वर्ष की आयु में त्याग मल ने करतारपुर में मुगलों के खिलाफ हरगोविंद के साथ युद्ध लड़ा और विजय हुए इस युद्ध में दिखाए गए साहस और वीरता के लिए उन्हें तेग बहादुर का नाम दिया गया था। इन्होंने कवि के रूप में कई सारी कविताओं की रचना की जिन्हें गुरु ग्रंथ साहिब में भी शामिल किया गया है। गुरु तेग बहादुर ने धर्म प्रचार के लिए कई सारी धार्मिक यात्राएं भी की जिसका उद्देश्य लोगों को धर्म और एकता के प्रति जागरूक करना था।।गुरु तेग बहादुर की वीरता और बलिदान के बारे में गुरु ग्रंथ साहिब मैं भी लिखा गया है।

गुरु तेग बहादुर का बलिदान

गुरु तेग बहादुर बचपन से ही बड़े धार्मिक और वैराग्य किस्म के व्यक्ति थे उन्होंने अपनी शिक्षा पूर्ण करने के बाद लोक कल्याण का रास्ता चुना। उन्होंने हिंदू और सिखों में एकता लाने के लिए कई सारे अविश्वसनीय कार्य किए तथा मुगलों से लड़ने के लिए सिखों और हिंदुओं की एक सेना भी तैयार की। गुरु तेग बहादुर ने लोगों की सेवा के लिए कई सारे कुए भी करवाए और धर्मशाला भी बनवाई।मुगलों द्वारा हिंदुओं पर अधिक अत्याचार किया जा रहा था और हिंदुओं से जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था इस बात का विरोध करते हुए गुरु तेग बहादुर ने युद्ध शुरू कर दिया। कश्मीरी पंडितों और हिंदुओं की रक्षा के लिए गुरु तेग बहादुर ने अपने प्राण त्याग दिए। औरंगजेब द्वारा गुरु तेग बहादुर का सर कलम करवा कर हत्या कर दी गई।

उपसंहार

ऐसे महान गुरु कई युगों में एक बार पैदा होते हैं इसलिए इनके द्वारा दिए गई सिख और  बलिदान हमें हमेशा याद रखना चाहिए। गुरु तेग बहादुर के सम्मान में भारत में कई सारे गुरुद्वारे और स्कूल बनाए गए हैं। गुरु तेग बहादुर ने हमेशा सभी लोगों को प्रेम के साथ रहने की सीख दी है हमें इसी को याद रखना चाहिए।सिक्ख धर्म में इन्हें बड़ी श्रद्धा के साथ पूजा जाता है।

Guru Teg Bahadur Essay in Hindi 1000 words

प्रस्तावना

सिख समुदाय के निर्माण और गठन में सिख गुरुओं का काफी योगदान रहा है। सिखों के पहले गुरु नानक देव थे उनके बाद और भी नौ अन्य गुरु रहे हैं जिनमें से एक गुरु तेग बहादुर भी हैं जिन्हें एक योद्धा शिक्षक और धर्म गुरु के रूप में जाना जाता है। इन्होंने मुगलों के खिलाफ हिंदुओं की रक्षा के लिए काफी सारे युद्ध भी लड़े और विजय होकर अपने साहस का परिचय भी दिया। गुरु गोविंद सिंह का मुख्य उद्देश्य हिंदू मुस्लिम सिक्ख लोगों में एकता लाना था तथा इस एकता के लिए उन्होंने कई धार्मिक यात्राएं भी की जिससे कि भी लोगों को मानवता और एकता का महत्व समझा सके। ऐसे महान गुरु ने भारत में जन्म लिया यह भारत का सौभाग्य है।

गुरु तेग बहादुर का परिचय

गुरु तेग बहादुर एक महान योद्धा शिक्षक और धर्म गुरु थे उन्होंने कश्मीरी पंडितों के अधिकार के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया। सिक्ख धर्म के 10 गुरु थे जिन में सर्वप्रथम गुरु नानक देव थे जिन्होंने सिख धर्म की स्थापना की और बाकी अन्य गुरुओं ने उस धर्म को आगे बढ़ाया। गुरु तेग बहादुर सिखों के 9वे गुरु थे वे सिक्ख गुरु हरगोविंद सिंह के पुत्र थे।

गुरु तेग बहादुर एक वीर और साहसी तथा अन्याय के खिलाफ लड़ने वाले व्यक्ति थे उन्होंने सिक्ख धर्म के साथ-साथ हिंदू धर्म और मुस्लिम धर्म का भी सम्मान करना स्वीकार किया और सिखों को सभी धर्मों की रक्षा के लिए लड़ने योग्य भी बनाया। गुरु तेग बहादुर ने धर्म प्रचार के लिए कई सारी यात्राएं भी की और इस यात्रा के दौरान उन्होंने कई सारी आध्यात्मिक रचनाएं भी की। गुरु तेग बहादुर जी ने 115 ग्रंथों की रचना की जिन्हें सिखों की पवित्र किताब गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल किया गया है।

गुरु तेग बहादुर का जन्म

गुरु तेग बहादुर का जन्म पंजाब के अमृतसर शहर में 1 अप्रैल 1621 को हुआ था। उनके पिता हरगोविंद सिंह सिक्खों के छठवें गुरु थे तथा माता नानकी एक धार्मिक प्रवृत्ति वाली महिला थी। वे बचपन से ही बड़े बहादुर और धार्मिक प्रश्न के व्यक्ति थे इन्होंने अपने घर पर ही हिंदी संस्कृत गुरुमुखी भाषा का ज्ञान प्राप्त किया तथा अपने पिता हरगोविंद सिंह से युद्ध शिक्षा भी प्राप्त की। गुरु तेग बहादुर का बचपन का नाम त्यागमाल था परंतु करतारपुर में हुए सिखों और मुगलों के युद्ध के बीच अपार साहस और वीरता दिखाने के कारण उन्हें तेग बहादुर का नाम दिया गया। तेग बहादुर की इस वीरता और कुशल बुद्धि के कारण उन्हें सिखों के 9वे गुरु के रूप में चुना गया ,गुरु बनने के बाद एक बहादुर ने कई सारे युद्ध किए तथा सिक्ख और हिंदू एकता के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी।

गुरु तेग बहादुर की यात्राएं

सिक्ख समुदाय के नवे गुरु बनने के बाद गुरु तेग बहादुर ने सिक्ख धर्म प्रचार के लिए कई सारी धार्मिक यात्राएं की। इन्होंने अपनी धर्म यात्रा की शुरुआत आनंदपुर से की आनंदपुर से होते हुए वे करतारपुर गए करतारपुर से रोपड़ और रोपड़ से सैफाबाद पहुंचे। इसके बाद वह दमादम पहुंचे जहां उन्होंने साधु मूलक दास जी का उद्धार किया। गुरु तेग बहादुर ने अपनी धार्मिक यात्रा के दौरान प्रयागराज पटना आसाम में कई तरह के आध्यात्मिक उपदेश दिए। गुरु तेग बहादुर ने अपनी धर्म यात्रा में लोगों के मन से कई सारे अंधविश्वास को मिटाया तथा लोगों के कल्याण के लिए कई सारे कुएं और धर्मशाला भी बनवाए। धार्मिक यात्रा में गुरु तेग बहादुर का उद्देश्य लोगों को मानवता एकता और प्रेम का महत्व समझाना था जिससे कि लोग जात-पात के नाम पर ना लड़कर एकता से दुश्मनों का सामना करें।

गुरु तेग बहादुर का बलिदान

जब मुगल शासक औरंगजेब के शासन का दौर चल रहा था। तब वह हिंदुओं के प्रति बड़ा कट्टर और निर्दय था ,वह हिंदू पंडितों को जबरजस्ती इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर करता था। कई समय तक कश्मीरी पंडितों पर इस तरह के अत्याचार होने के बाद सभी पंडितों ने गुरु तेग बहादुर से अपनी रक्षा की मांग की जिसके पश्चात गुरु तेग बहादुर ने औरंगजेब के खिलाफ युद्ध प्रारंभ कर दिया लेकिन कुछ समय बाद वे औरंगजेब के सैनिकों द्वारा पकड़ लिए गए फिर उन्हें औरंगजेब के दरबार में पेश किया गया लेकिन गुरु तेग बहादुर ने पहले ही सभी पंडितों से कह दिया था कि अगर मैं पकड़ा जाऊं तो औरंगजेब से कहना कि पहले गुरु तेग बहादुर को इस्लाम कबूल कर आओ फिर हम सब इस्लाम कबूल कर लेंगे।

औरंगजेब के द्वारा पकड़े जाने के बाद गुरु तेग बहादुर को इस्लाम कबूल करने के लिए कहा गया उन्होंने इस्लाम कबूल करने से मना कर दिया इसके बाद उन्हें कई सारे कष्ट और शारीरिक प्रताड़ना दी गई लेकिन गुरु का सिर मुगल के आगे नहीं झुका अंत में औरंगजेब ने गुस्से में आकर गुरु तेग बहादुर का सबके सामने सर कलम करवा दिया। गुरु गोविंद सिंह की मृत्यु 1675 में हुई थी।

निष्कर्ष

ऐसे महान गुरु सर्दियों में एक बार जन्म लेते हैं और अपने बलिदान से सभी को प्रेरित कर जाते हैं। गुरु तेग बहादुर की याद में आज भारत और अन्य देशों में कई सारी स्मारक बनाई गई है। भारत में गुरु तेग बहादुर के नाम पर कई सारे स्कूल कॉलेज अस्पताल व गुरुद्वारे बनाए गए हैं। गुरु तेग बहादुर एक ऐसे महान इंसान थे जिन्होंने दूसरे के धर्म की रक्षा के प्रति खुशी खुशी अपनी जान गवा दी तथा लोगों को अपने धर्म के प्रति जागरूक रहने की सीख दी। गुरु तेग बहादुर के इस बलिदान के कारण उन्हें हिन्द की चादर के नाम से सम्मानित भी किया गया है तथा 24 नवंबर को प्रतिवर्ष तेग बहादुर शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।

essay on guru teg bahadur

हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस Guru Teg Bahadur Essay in Hindi जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह essay on guru teg bahadur अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Guru Teg Bahadur Essay in Hindi कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay कौन से टॉपिक पर चाहिए इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.

JOIN TELEGRAM GROUP CLICK HERE
ESSAYDUNIYA HOME CLICK HERE

 

 

 

 

Leave a Comment