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Hamari Sanskriti Hamara Garv Essay in Hindi 1500 Words
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प्रस्तावना
विश्व में मौजूद सभी देशों की अपनी संस्कृति होती है और उन देशों को उनकी विदेश संस्कृति से ही पहचाना भी जा सकता है। सभी देशों की संस्कृति में अलग-अलग रीति-रिवाज, परंपराएं, धार्मिक मान्यताएं होती हैं। जिनके कारण एक समाज का निर्माण होता है। भारतीय संस्कृति हमेशा से ही सबसे उत्कृष्ट और विकसित संस्कृति मानी जाती है। यहां अनेकता में एकता देखी जाती है। हमारी भारतीय संस्कृति की परंपराएं लोगों को एक साथ जोड़ती है। इसीलिए भारत की संस्कृति को सबसे महान माना जाता है। भारत देश की संस्कृति सभी संस्कृतियों से काफी विभिन्न है। यहां विभिन्न प्रकार की जाति-धर्म के लोग मौजूद हैं, जो बिना किसी कटाक्ष के एक दूजे के साथ प्रेम के साथ रहते हैं, और अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाने में अपना योगदान देते हैं। सभी देशों के लिए उनकी संस्कृति बहुत आवश्यक होती है, यह देश की अलग पहचान होती है।
संस्कृति का अर्थ (my country my culture)
संस्कृति का अर्थ होता है, धर्म रीति-रिवाज धार्मिक मान्यताएं, तथा जीवन को जीने का तरीका, जो हमें अपने जीवन को सही ढंग से जीने की राह दिखाती हैं, उसे संस्कृति कहते हैं। हमारी संस्कृति में कई अंग शामिल है, जैसे की हमारे धर्म पुराण, वेद उपवेद, जिनके उपदेशों से संस्कृति की रचना हुई। भारत में कई प्रकार की जातियां एवं धर्म के लोग पाए जाते हैं। जिनकी अपनी अलग-अलग धार्मिक मान्यताएं और रीति-रिवाज है, लेकिन वह सभी अपने धर्म का पालन करते हुए, एक दूसरे के धर्म को बढ़ावा देते हुए प्रेम के साथ रहते हैं, और भारत देश की संस्कृति को बढ़ावा देते हैं। भारत देश की संस्कृति में अतिथि देवो भवः का रिवाज है, जिसका तात्पर्य है की अतिथि भगवान के समान है। जिसका पालन आज भी भारत में लोगों द्वारा किया जाता है। ऐसे लोग ही संस्कृति के प्रति निष्ठा रखते हुए आने वाली पीढ़ी के लिए संस्कृति का उदाहरण बन रहे हैं।
अपनी संस्कृति को कैसे बढ़ाएं?
भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए हमें अपनी आने वाली पीढ़ी को इसके बारे में बताना चाहिए। उन्हें धार्मिक पुस्तकों का ज्ञान देते हुए भारतीय संस्कृति के बारे में बताकर अपनी संस्कृति के प्रति जागरूक करना चाहिए। जिससे कि लोग अपनी संस्कृति को जान सके और उसमें बताए गए तरीकों से अपने जीवन को जीना प्रारंभ कर सकें। संस्कृति सभी के लिए सबसे जरूरी होती है। यह वह नींव है, जो कि एक अच्छे समाज और राष्ट्र का निर्माण करती है। हमें जितना हो सके लोगों को अपने संस्कृति से परिचित कराने के लिए उन्हें हमारे पूर्वजों एवम् पीढ़ी दर चली आ रही मान्यताओं और रिवाजों के बारे में बताना चाहिए। विद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में बच्चों को अपनी संस्कृति से जुड़े रोचक तत्व के बारे में बताएं, जिनसे लोग अपनी संस्कृति की पहचान करने में सक्षम हो, और उसे समझ कर विश्व में उसका प्रचार कर सकें। आने वाली पीढ़ी को अपनी संस्कृति के बारे में बताना उन्हें उनकी संस्कृति से परिचित करवाएगा.
संस्कृति से समृद्ध देश (my culture my identity)
भारत को सदैव ही संस्कृति से समृद्ध देश माना जाता है।भारत अनेकों संस्कृतियों पाई जाती हैं लेकिन सभी मिलकर भारत को संस्कृति से जोड़ती है। भारत देश में सभी राज्यों में अलग-अलग भाषा बोली जाती है हमारे इतिहास के अनुसार भारत में हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई जैसे धर्म के लोग पाए जाते हैं जिनकी धार्मिक मान्यताएं रीति रिवाज एक दूसरे से काफी अलग होती है। भारत एक विशाल देश है जहां भिन्न-भिन्न जाति समुदाय के लोग एक साथ रहकर प्रेम भावना का परिचय देते हैं। यहां हर राज्य में अलग जाति अलग वेस भूषा अलग खान-पान, अलग धार्मिक मान्यताएं अलग प्रथाएं होती हैं लोग अपने धर्म के अनुसार इन सभी मान्यताओं को परंपरागत रूप से मनाते हैं और दूसरी जाति समुदाय के लोग हर शुभ काम में अपना योगदान देते है। वे लोग अनेकता में एकता का परिचय देते हुए भारत देश की संस्कृति को महान बनाते हैं।
भारत की संस्कृति अलग कैसे?
भारत की संस्कृति को सभी देशों की संस्कृति से महान और अलग माना जाता है इसके अलग होने के कई कारण हैं जैसे कि यहां लोगों में एकता मानवता और अपने धर्म के प्रति निष्ठा देखी जाती है। यहां अलग-अलग जाति प्रांत के लोग अपनी वेशभूषा खानपान की आदतें रिती रिवाज और धर्म का पालन करते हुए सभी लोगों के साथ बड़े प्रेम से होते हैं। भारत की भूमि पर गौतम बुद्ध तुलसीदास जैसे महान लोगों ने भी जन्म लिया और भारत की सभ्यता संस्कृति को आगे बढ़ाया। यहां लोगों में भगवान का अंश देखा जाता है सभी लोग एक दूसरे के प्रति निश्चल प्रेम भावना रखते हैं। अनेकता में एकता का उदाहरण देते हुए भिन्न प्रकार के लोग एक साथ मिलकर एक दूजे के तीज त्यौहार मनाते हैं। भारत की संस्कृति के अनेक अंग हैं जो लोगों को एक साथ जोड़ कर इसे सभी संस्कृतियों से अलग और महान बनाती है।
भारतीय संस्कृति के गुण (my nation my pride)
भारतीय संस्कृति के अनेक गुण हैं इसी कारण भारत की देवभूमि को वासुदेव कुटुंब कहा जाता है। भारत की संस्कृति के अनुसार यहां लोगों में भगवान का अंश माना जाता है सभी जीव जंतुओं को पूजनीय माना जाता है। यहां लोग कई तरह की पूजा व्रत कथाएं पुराण का अध्ययन करते हैं जिनसे कि उन्हें मानसिक व आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है यह सब गुण हमारी संस्कृति के हैं। भारतीय संस्कृति में ऐसे कई ग्रंथ हैं जिन्हें इस संस्कृति का रचयिता माना जाता है इन ग्रंथों के अनुसार सभी लोगों को बिना किसी कटाक्ष के प्रेम पूर्वक एक दूसरे के साथ रहना चाहिए तथा मानवता का धर्म निभाते हुए सभी लाचार और बेसहारा लोगों की मदद करना चाहिए। भारतीय संस्कृति में भिन्न प्रकार की वेशभूषा जाति धर्म रीति रिवाज होने के बाद भी लोग एक साथ रहना पसंद करते हैं। भारतीय संस्कृति के गुणों के कारण ही आज भारत सभी देशों से इतना शांतिप्रिय और सफल देश है।
संस्कृति की आवश्यकता क्यों? (our culture our identity)
जिस तरह जीवन जीने के लिए भोजन हवा पानी की आवश्यकता होती है उसी तरह समाज और राष्ट्र निर्माण के लिए संस्कृति की आवश्यकता होती है। संस्कृति ही इंसान को जीवन के मूल आधारों से परिचित कराती है यह लोगों में न्याय अन्याय का फर्क बता कर उन्हें धर्म का पालन करना सिखाती है। संस्कृति के कारण ही आने वाली पीढ़ी अपने धर्म से परिचित होती है यह उन्हें उनके धर्म में मौजूद धार्मिक मान्यताएं रीति रिवाज परंपराएं त्योहारों से परिचित कराती है। इससे व्यक्ति के अंदर सद्भावना का गुण कृत होता है जोकि समाज में शांति और अन्य जाति धर्म के लोगों के प्रति प्यार उत्पन्न करता है। आज भारत में विभिन्न प्रकार के लोग रहते हैं सभी लोगों की अपनी अपनी भाषाएं वेशभूषा जाति धर्म और धार्मिक मान्यताएं हैं लेकिन वे लोग एक दूजे की खुशी में शामिल होकर एक दूजे की संस्कृति को बढ़ावा देते हैं और भारत जोकि अनेकता में एकता की संस्कृति के लिए मशहूर है उसे बढ़ावा देते हैं।
हमारी संस्कृति पर खतरा (my motherland my pride)
आज के समय में हमारी भारतीय संस्कृति पर कई तरह के खतरे मंडरा रहे हैं। हमारे देश के लोग अपनी संस्कृति से परिचित ना होने के कारण विदेशी संस्कृतियों के प्रति आकर्षित हो रहे हैं। दूसरे देश की संस्कृतियों को अपनाकर अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं, जो कि हमारे लिए चिंता का विषय है। आने वाले समय में यदि लोग भारतीय संस्कृति से दूर हो जाएंगे, तो हमारी संस्कृति खतरे में पड़ सकती है। इसलिए हमें इसे बचाए रखने के लिए इसका प्रचार करना अति आवश्यक है। आने वाली पीढ़ी को अपनी संस्कृति की महानता बताते हुए, उन्हें हमारे ग्रंथों के बारे में बताना होगा। हमारे महान ग्रंथों के अध्ययन के बाद युवाओं में कई बदलाव आएंगे, जो कि उन्हें हमारी संस्कृति से जुड़े रखेंगे। संस्कृति को बचाए रखने के लिए उसका प्रचार करना अति आवश्यक है, और लोगों को इस में अपना योगदान देना चाहिए।
निष्कर्ष
संस्कृति सभी देशों के लिए अति आवश्यक होती है। यह देश की पहचान है। सभी देशों को अपनी संस्कृति के अनुसार रहना चाहिए। संस्कृति के कारण ही लोग अपने धर्म और धर्म से जुड़ी मान्यताओं से परिचित हो पाते हैं। हमारी संस्कृति में कई तरह के तीज त्यौहार हैं जिन्हें लोग अलग अलग तरीके से मनाते हैं यह लोगों के पास अपनी खुशी व्यतीत करने के लिए अलग-अलग प्रकार की नित्य कलाएं हैं। भारतीय संस्कृति में 400 भाषाएं बोली जाती हैं जो कि भिन्न-भिन्न प्रकार के जाति संप्रदाय के द्वारा बोली जाती हैं लेकिन यहां हिंदी को मातृभाषा मानकर सभी लोग हिंदी बोलते हैं। यहां एकता को ध्यान में रखते हुए सभी लोग एक दूजे के शुभ कामों में अपना साथ देते हैं। भारत की संस्कृति श्रीमद् भागवत कथा पर आधारित है और देशों के लोग हमारी संस्कृति से प्रभावित होकर उसे अपने जीवन का हिस्सा बना रहे हैं
Hamari sanskriti hamara garv essay in hindi 1000 words
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इतना अच्छा निबंध लिखा की मजा ही आ गया
Thanks a lot. Please share with your friends.