Jal Hi Jivan Hai Nibandh: जल ही जीवन है पर निबंध

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Jal Hi Jivan Hai Nibandh

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जल ही जीवन है निबंध हिंदी में 100 शब्द (jal hi jivan hai essay in hindi)

‘जल ही जीवन है’ यह कथन एकदम सत्य है. क्योंकि जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती. वैसे तो हमारी पृथ्वी का लगभग तीन चौथाई भाग जल से घिरा हुआ है लेकिन उसमें से 97 प्रतिशत पानी उपयोग के योग्य नहीं है यानी यह पानी मनुष्य के पीने योग्य नहीं है मात्र 3% पानी ही उपयोग के योग्य हैं. इस 3% में से भी 1% से भी कम मनुष्य उपयोग कर सकता है क्योंकि बाकी का पानी ग्लेशियर के रूप में बर्फ बन कर जमा हुआ है. हमें पानी का उपयोग बहुत सोच समझ कर करना चाहिए. नहाते समय हमेशा बाल्टी में पानी भरकर नहाना चाहिए, नल को खुला नहीं छोड़ना चाहिए. इसके साथ ही पानी को इकट्ठा करने के लिए भी हमें वर्षा ऋतु के दौरान जो भी संभव हो ऐसे उपाय करनी चाहिए. क्योंकि कहा गया है कि “जल है तो कल है.”

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जल ही जीवन है पर निबंध 200 शब्द (jal hi jivan hai nibandh in hindi)

विश्व आर्थिक मंच का मानना है कि आने वाले वर्षों में जल की समस्या विकराल रूप लेने वाली है. इसी संस्था ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि संपूर्ण दुनिया के 75% से भी अधिक लोग जल संकट से जूझ रहे हैं. वैसे तो संपूर्ण विश्व में 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रूप में औपचारिकता पूरी की जाती हैं, परंतु हमें इस दिन लोगों को जल संरक्षण के लिए प्रेरित करना चाहिए. क्योंकि जल संरक्षण कोई एक व्यक्ति या संस्था मिलकर नहीं कर सकती देश ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व का हर एक व्यक्ति जल संरक्षण के बारे में सोचेगा तभी यह संभव है. 

जल संरक्षण करके हम ना केवल इस पृथ्वी पर रहने वाले जीवो की रक्षा कर सकते हैं बल्कि अपनी आगे आने वाली पीढ़ी का भी संरक्षण कर सकते हैं. हम विभिन्न तकनीकों को अपनाकर जल्द संरक्षण कर सकते हैं. जैसे बरसात के पानी को हम रेन वाटर हार्वेस्टिंग करके, बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र के पानी को बांध बनाकर फिल्टर किया जा सकता है, पारंपरिक तरीकों से कुएं एवं बावडियों का निर्माण करेंगे और  पाइपलाइनो की मरम्मत करके आदि. जल एक ऐसा संसाधन है जिसे मानव अपनी कोशिशों के जरिए नहीं बना सकता है. इसलिए जल के महत्व को समझते हुए हम सभी को संकल्प लेना होगा कि पानी की बर्बादी कम से कम हो.

जल ही जीवन है पर निबंध 300 शब्दों में(jal hi jivan hai par nibandh)

प्रस्तावना

पृथ्वी पर पानी एक अमूल्य धरोहर है, जिसे इंसान चाहकर संरक्षित तो कर सकता है लेकिन इस को पुनः बना नहीं सकता है. विभिन्न जारी रिपोर्टों के मुताबिक विश्व में कई देश जल संकट से जूझ रहे हैं. अगर ऐसी ही स्थिति आगे भी बनी रहती है तो बहुत ही जल्दी इस पृथ्वी की संपूर्ण जीवो से लेकर मनुष्यों की जातियां समाप्त हो जाएगी. 

जल का जीवन में महत्व

पानी के महत्व का पता इस बात से आसानी से लगाया जा सकता है कि एक वयस्क मनुष्य का शरीर लगभग 60% पानी से ही बना होता है. इसके साथ पानी एक ऐसा संसाधन है जिसके बिना पृथ्वी पर उपलब्ध जीवो की कल्पना भी नहीं की जा सकती. पानी का महत्व आप उस किसान से पूछ सकते हैं जिसके खेत में बारिश ना हुई हो.

जल प्रदूषण के कारण

के इस दौर में पर्यावरण प्रदूषण के साथ-साथ जल प्रदूषण भी तेजी से हो रहा है. क्योंकि आजकल हर एक उद्योग धंधे में पानी की आवश्यकता होती है जिसके बाद गंदे या प्रदूषित पानी को नदियों में छोड़ दिया जाता है. जिससे कि नदी का पूरा पानी दूषित हो जाता है. जिससे ना सिर्फ जल के जीवो पर इसका प्रभाव पड़ता है बल्कि उस पानी को पीने वाले मनुष्यों पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है.

उपसंहार

हम सभी को मिलकर जल संरक्षण का प्रयास करना होगा. जिसमें सरकार को भी जल को प्रदूषित करने पर कड़े कानूनों को लाना होगा जिससे कि जल प्रदूषण को कम किया जा सकेगा. वही दूषित पानी को फिर से उद्योग धंधों में कैसे उपयोग किया जा सकता है इस बारे में योजनाएं बनानी होगी. बारिश के पानी को कैसे घर के कामों में उपयोग किया जा सकता है इस बारे में लोगों को जागरूक और प्रेरित करना होगा. क्योंकि जल संरक्षण किसी एक व्यक्ति से नहीं हो सकता है इसे संपूर्ण देश को ही नहीं बल्कि विश्व के सभी व्यक्तियों को इसके प्रति जागरूक करना होगा. क्योंकि जल के बिना जीवन की कल्पन करना असंभव है.

Jal Hi Jivan Hai Nibandh
Jal Hi Jivan Hai Nibandh

जल ही जीवन है निबंध हिंदी में 500 शब्द (jal hi jeevan hai essay in hindi,)

भूमिका/प्रस्तावना

जल का एक नाम ‘जीवन’ है. वैज्ञानिक भी कहते हैं कि पृथ्वी पर जीवन का प्रारंभ जल से ही हुआ है. अतः जल जीवन का आधार है. बिना जल के प्राणियों का अस्तित्व संभव नहीं है. जल प्रकृति का एक अमूल्य उपहार है.

जल संरक्षण का तात्पर्य

जल संरक्षण का तात्पर्य है कि पानी का अपव्यय होने से रोकना और वर्षा ऋतु के समय व्यर्थ बह जाने वाले पानी को भविष्य के लिए सुरक्षित करना. बताया जाता है कि धरती का तीन चौथाई भाग पानी से ढका हुआ है लेकिन पीने योग्य पानी और उपयोग योग्य पानी की मात्रा बहुत ही सीमित है. हम प्रायः धरती के भीतर उपलब्ध जल को उपयोग में लाते हैं. कुएं, हैंडपंप, नलकूप, सबमर्सिबल पंप आदि से हमें पानी प्राप्त होता है. धरती के ऊपर नदी, तालाब झील झरना आदि का जल उपयोग में आता है. किंतु आज के बढ़ते प्रदूषण के कारण यह सभी जलाशय प्रदूषित होते जा रहे हैं. प्रदूषण हो जाने के कारण इन जलाशयों का जल अनुपयोगी होता जा रहा है. धरती के भीतर के जल का अंधाधुंध उपयोग करने से इसका जलस्तर भी लगातार नीचे गिरता जा रहा है. यह भविष्य में पानी के घोर संकट का संकेत है. अतः जल का संरक्षण करना अनिवार्य है.

जल जीवन में का महत्व

हमारे जीवन में पानी एक अनिवार्य संसाधन है. क्योंकि हम सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक पानी का सैकड़ों बार उपयोग करते हैं. चाहे हमें ब्रश करना हो या खाना बनाना हो. जीवन के हर एक छोटे से छोटे हिस्से के लिए पानी की आवश्यकता होती है. जब हमें प्यास लगती है तो पानी के बिना एक-दो घंटे रह पाना भी मुश्किल हो जाता है. ऐसी स्थिति में यदि भविष्य में लोगों के लिए पानी की कमी होगी तो लोग अपना जीवन यापन कैसे करेंगे? इसके लिए सभी लोगों को प्रभावी कदम उठाने होंगे तभी पानी की कमी की समस्या का कोई हल निकल सकेगा

जल का संरक्षण

देश में जल स्तर लगातार गिरता ही जा रहा है. भूमि के अंदर उपलब्ध जल के स्तर का संतुलन वर्षा के जल से होता है. वही जल का स्तर हमारे देश में पहले से ही कम होता जा रहा है. देश के कई हिस्सों में वर्षा कम होने के कारण धरती को फिर से पानी नहीं मिल पाता है. इसी को देखते हुए लोग अब जल संरक्षण के लिए जागृत हो रहे हैं. लोग परंपरागत विधियों के माध्यम से जल का भंडारण कर रहे हैं. सरकार भी इस दिशा में लगातार प्रयास कर रही है. खेतों में जल के अपव्यय को रोकने के लिए सिंचाई की फव्वारा पद्धति, पाइप लाइन से आपूर्ति, हौज पद्धति, खेत में ही तालाब बनाने आदि की पद्धति को अपनाया जा रहा है. 

उपसंहार

धरती के भीतर लगातार जल स्तर का गिरना जल संकट की चेतावनी है. भूमंडल का वातावरण गरम हो रहा है जिस वजह से नदियों के जन्म स्थल ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं. कहीं ऐसा ना हो कि हमारी प्रसिद्ध नदियों के सिर्फ नाम ही शेष रह जाएं. हम सभी का यह दायित्व बनता है कि हम सभी मिलकर अपने तन मन धन से जल संरक्षण को सफल बनाएं.

jal hi jivan hai essay in hindi

प्रस्तावना

जल एक महत्वपूर्ण घटक है। यह प्रकृति द्वारा दिया गया सबसे अमूल्य तत्वों में से एक है। जल के बिना जिस तरह हम मनुष्यों का जीवन संभव नहीं है उसी तरह जल के बिना यह सृष्टि भी संभव नहीं है। वैसे तो हमारी पृथ्वी चारों ओर से जल से गिरी हुई है परंतु पीने और जीवन यापन करने योग्य बहुत कम है और दिन प्रतिदिन कम भी होता जा रहा है। हमारी पृथ्वी पर 71% पानी है और पीने योग्य 2.9% पानी है। अब आप खुद ही सोच लीजिए कि भविष्य में हमें पानी की कितनी कमी हो सकती है। इसलिए हमें पानी को बचाने के बारे में अवश्य सोचना चाहिए। क्योंकि हम अपने जीवन में कितनी भी तरक्की कर लें परंतु पानी की कमी कोई और वस्तु पूरी नहीं कर सकती।

जल का जीवन में महत्व

जल बिना जीवन यह सोचना भी मुश्किल है। जल के बिना पृथ्वी पर जीवन बिल्कुल असंभव है। पृथ्वी पर रहने वाले हर जीव जंतु वृक्ष पेड़ सभी के लिए पानी बहुत महत्वपूर्ण है। इसीलिए जल को जीवन का आधार कहा जाता है। जिस तरह जीवन के लिए हवा, खाना, भूमि जरूरी है उसी तरह जल ही जीवन के लिए बहुत जरूरी है। कहते हैं जब संसार में कुछ नहीं था जब सिर्फ और सिर्फ जल था जल के बिना संसार का होना बिल्कुल ही मुश्किल है। जल भगवान द्वारा हमें दिया गया एक अमूल्य तोहफा है। और यह जल हमारे लिए कितना जरूरी है यह सब आप भली-भांति जानते होंगे के बिना जल के 1 दिन भी जीना कितना मुश्किल हो जाता है।

जल के लाभ

जल के लाभ उसके बारे में हम सबको पता है कि जल से हमें कितने लाभ होते हैं। जल की ही वजह से हमें इतने सुंदर पेड़-पौधे, नदियां, तालाब देखने को मिलते हैं। हमारे जीवन जीने के लिए भोजन जरूरी है और उस भोजन को उगाने में जमीन के लिए पानी एक अमृत की तरह काम करता है। जल एक शीतल तत्व है जिसके सेवन मात्र से ही हमें एक ऐसा सुख मिलता है जिसका वर्णन भी नहीं किया जा सकता। जल ही हमारे शरीर को शुद्ध करने के काम आता है जल से हमारे शरीर की कई सारी बीमारियां भी दूर होती है। इसलिए जल को बचाए रखना और इसे प्रदूषित होने से बचाना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी बनती है। पर हम मनुष्यों ने जल को सिर्फ एक छोटी सी चीज मानकर उस पर ध्यान देना व उसे बचाने का प्रयास करना भी बिल्कुल ही छोड़ दिया है। और हम अपना सुख देखने के लिए प्रकृति को दुख पहुंचाते जा रहे हैं। दिन व दिन सभी प्राकृतिक चीजों को प्रदूषित करते जा रहे हैं। हमें अपने इस कार्य को रोक कर जल की सुरक्षा और उसे बचाने के बारे में जरूर सोचना चाहिए।

जल से हानियां

वैसे तो जल भगवान द्वारा हमें दिया गया सबसे अमूल्य तोहफा है और इससे हमें सिर्फ और सिर्फ लाभ होते हैं परंतु हमारी ही कुछ गलतियों की वजह से यह पानी हमें हानि भी पहुंचाता है। जिस तरह से मनुष्य अपना विकास करते जा रहा है वह अपने विकास के साथ-साथ प्रकृति को भी काफी नुकसान पहुंचाते जा रहा है। अबू पृथ्वी के हर कोने पर इंसान बस्ते जा रहे हैं जिससे कि जंगल, पेड़-पौधों,  नदियो का स्थान हमारे जीवन से खत्म होते जा रहा है। प्रकृति में आए बदलाव के कारण कभी-कभी जल की वर्षा इतनी हो जाती है कि चारों तरफ सिर्फ और सिर्फ पानी ही होता है और बाढ़ भी आ जाती है। बाढ़ आने से हमें जान-माल की बड़ी हानि होती है। अधिक पानी गिर जाने की वजह से हमारी सारी फसलें खराब हो जाती है जिससे कि भुखमरी या अकाल भी आ जाता है। हमारे द्वारा फैलाए गए प्रदूषण की वजह से जल दूषित हो जाता है इसके बाद वह अन्य नदियों या तालाबों में मिलकर हमारे घर पीने में इस्तेमाल किया जाता है जिसे पीने के बाद हमें कई सारी बीमारियां होने लगती है।

जल कैसे जीवन है?

जल प्राणियों की प्यास बुझाता है। इसके बिना जीवन की कल्पना करना मुश्किल ही नहीं असंभव है। जल एक ऐसा तत्व है जिसकी जरूरत हमें जीवन के हर पड़ाव पर पड़ती है। जल के बिना ना तो मनुष्य जिंदा रख सकते हैं ना पशु-पक्षी और ना वृक्ष सबके लिए जीवन का एक ही जरिया है सिर्फ और सिर्फ जल। जल को हमारे वेद पुराणों में देवता कहा गया है। और यह भी कहा है कि बिना जल के जीवन असंभव है इसीलिए हर व्यक्ति को जल को इस्तेमाल करने के साथ-साथ उसे बचाने के बारे में जरूर सोचना चाहिए.

उपसंहार

जिस तरह हम जल का अंधाधुन इस्तेमाल करते जा रहे हैं उससे यह कहना गलत नहीं होगा कि हम अपने ही हाथों अपने जीवन का सर्वनाश करते जा रहे हैं। क्योंकि समय रहते अगर जल को संरक्षित करने के बारे में ना सोचा गया तो आगे चलकर हमें एक बूंद पीने योग्य जल के लिए काफी संघर्ष करना पड़ सकता है इसलिए आज समय रहते ही जल की खपत सावधानीपूर्वक करनी होगी और उसे बचाने के लिए प्रभावी उपाय और प्रयास करने होंगे।

 jal hi jivan hai nibandh in hindi

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