Joint Family Essay in Hindi: Sanyukt Parivar पर निबंध

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Joint Family Essay in Hindi

यहां हम आपको “Joint Family Essay in Hindi” उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध/ स्पीच को अपने स्कूल या कॉलेज के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी प्रतियोगिता के लिए भी Essay on Joint family in Hindi तैयार करना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए. 

Essay on Joint Family in Hindi 100 Words

भारत देश में हमेशा से ही संयुक्त परिवार याने की जॉइंट फैमिली में रहने का नियम चला आया है। प्राचीन काल से ही लोगों द्वारा ऐसे समाज का निर्माण किया गया है जिसमें लोग एक साथ रहना पसंद करते हैं। जॉइंट फैमिली में कई सारे लोग रहते हैं, जैसे कि दादा-दादी माता-पिता चाचा-चाची इत्यादि। अधिकतर लोग जॉइंट फैमिली में रहना पसंद करते हैं, क्योंकि यहां हमेशा खुशी का माहौल बना रहता है। जॉइंट फैमिली में रहने से एक व्यक्ति को भावनात्मक सहयोग मिलता है। इसके अलावा संयुक्त परिवार हमेशा मुसीबत में एक-दूजे की मदद करता है।

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Joint Family System Essay 200 Words 

संयुक्त परिवार को इंग्लिश में हम जॉइंट फैमिली कहते हैं। जॉइंट फैमिली उसे कहा जाता है जिसमें चाचा-चाची दादा-दादी माता-पिता एवं अन्य भाई-बहन सभी लोग एक साथ एक ही घर में रहते हो। संयुक्त परिवार में रहना लोगों की पहली पसंद होती है,क्योंकि इससे आप के आपसी संबंध काफी अच्छे रहते हैं। जॉइंट फैमिली में रहने वाले व्यक्ति हमेशा एक दूजे की मदद करते हैं वह एक दूजे को आर्थिक, सामाजिक और भावनात्मक रूप से सहयोग देते हैं। लेकिन जैसे-जैसे समय बदलते जा रहा है, लोगों को अब जॉइंट फैमिली में रहना पसंद नहीं आता है।

लोगों की सोच बदलती जा रही है उनका सोचना है कि सभी को अपनी आजादी के साथ रहना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति जॉइंट फैमिली में रहता है तो उसे व्यक्तिगत आजादी नहीं मिलती। इसलिए आजकल लोग एक अलग घर ढूंढते हैं जिसमें सिर्फ पति पत्नी रहते हैं। लेकिन जो खुशी व्यक्ति को जॉइंट फैमिली में रहकर मिलती है, वह अकेले रहकर नहीं मिलती है। अकेले रहने वाले इंसान हमेशा चिंता ग्रस्त रहते हैं उनके पास अपनी समस्याओं को साझा करने के लिए कोई व्यक्ति नहीं होता और ना ही उन्हें संभालने के लिए कोई बड़े-बुजुर्ग होते हैं। संयुक्त परिवार में रहते हुए हम अपने जीवन को अच्छे तरीके से जी सकते हैं क्योंकि जब भी हम पर कुछ मुसीबत आएगी तो हमारा सारा परिवार हमारे साथ खड़ा होगा।

Joint Family Essay in Hindi
Joint Family Essay in Hindi

Joint Family Essay 300 Words

प्रस्तावना

जैसे-जैसे हमारे कल्चर में बदलाव होते जा रहा है, वैसे वैसे लोगों की सोच भी जॉइंट फैमिली के प्रति बदलती जा रही है। नए जमाने के व्यक्ति संयुक्त परिवार में ना रहकर अकेले रहना पसंद करते हैं उन्हें अकेले रहकर शांति मिलती है लेकिन भारत में सदियों से संयुक्त परिवार में रहने की प्रथा चली आ रही है। भारत के कई गांव शहरों में ऐसे परिवार होंगे जहां एक परिवार में कम से कम 20 से अधिक लोग एक साथ रह रहे होंगे। संयुक्त परिवार एक छत के नीचे रहने वाला सबसे बड़ा परिवार माना जाता है। इस परिवार में सबसे बड़े-बुजुर्ग व्यक्ति को घर का मुखिया कहा जाता है।

संयुक्त परिवार के लाभ (Sanyukt Parivar ke Labh)

संयुक्त परिवार के अनगिनत फायदे हैं जिनमें से पहला फायदा यह है कि संयुक्त परिवार में रहने से आपको सुरक्षा प्राप्त होती है। आप हमेशा अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं क्योंकि आपके आसपास आपके परिवार के लोग होते हैं। संयुक्त परिवार में रहने से आपके ऊपर घर परिवार की जिम्मेदारी कम होती है अधिकतर जिम्मेदारियां घर के अन्य सदस्यों में बढ़ जाती है। संयुक्त परिवार में रहने से बच्चों को अच्छे संस्कार मिलते हैं घर के बड़े बुजुर्ग बच्चों को अनुशासन के साथ जीवन जीना सिखाते हैं। संयुक्त परिवार में रहने से आप हमेशा हंसते मुस्कुराते रहते हैं क्योंकि यहां लोग आपस में बात करते रहते हैं जिससे बोरियत या अकेलापन महसूस नहीं होता।

निष्कर्ष

जैसा कि हम सभी जानते हैं, की एक अकेला व्यक्ति अपने जीवन में कभी खुश नहीं हो सकता। उसे हमेशा ऐसे व्यक्ति की तलाश होती है, जो उसकी परेशानियों को सुन सके मुसीबत के समय उसे सहारा दे सके। संयुक्त परिवार में बिल्कुल ऐसा ही होता है जब भी किसी सदस्य पर कोई मुसीबत आती है, तो घर के बाकी सदस्य कंधे से कंधा मिलाकर उसके साथ खड़े होते हैं। जीवन में परिस्थिति कितनी ही खराब क्यों ना हो जाए हमारे परिवार के लोग हमेशा हमारा साथ देते हैं। संयुक्त परिवार में रहना व्यक्ति के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है लेकिन कभी-कभी परिवार में रहने वाले किसी व्यक्ति के मन में दोष आने के कारण सारा परिवार टूट जाता है।

Sanyukt Parivar Par Nibandh 500 Words

परिवार भूमिका– एक व्यक्ति के जीवन में उसका परिवार सबसे अधिक महत्व रखता है, क्योंकि एक व्यक्ति अपने जीवन में जो भी काम करता है। उसका उद्देश्य अपने परिवार का पालन करना होता है। भारत में प्राचीन काल से ही लोग संयुक्त परिवार में रहते आ रहे हैं। संयुक्त परिवार में रहने का एक कारण यह भी है, कि किसी विशेष व्यक्ति पर परिवार का अधिक बोझ नहीं होता। परिवार में रहने वाले सभी सदस्य घर की जिम्मेदारी को उठाते हैं, जिससे सभी लोग खुशी के साथ रह जाते हैं। एक संयुक्त परिवार में दादा-दादी माता-पिता चाचा-चाची एवं भाई-बहन एक साथ रहते हैं।

जॉइंट फैमिली का मतलब (Sanyukt Parivar ki Paribhasha)

संयुक्त परिवार सदस्यों का वह समूह होता है ,जिसमें दादा-दादी माता-पिता भाई-बहन एवं उनके बच्चे एक ही परिवार में रहते हो। इस परिवार का एक मुखिया होता है जो पूरे परिवार का संचालन करता है। संयुक्त परिवार में रहने वाले सभी सदस्यों का भोजन एक ही रसोई में बनता है। परिवार में रहने वाले सभी सदस्यों को परिवार की संपत्ति और जिम्मेदारियों में समान अधिकार दिया जाता है। संयुक्त परिवार सामाजिक क्रियाओं एवं धर्म का एक केंद्र बिंदु होता है। कानूनी दृष्टि से संयुक्त परिवार का मतलब सम्मिलित निवास, सम्मिलित संपत्ति, सम्मिलित, रसोई, सम्मिलित अधिकार होता है।

संयुक्त परिवार में कैसे रहना चाहिए?

संयुक्त परिवार में रहने के लिए इंसान आपसी प्रेम बनाए रखना चाहिए। परिवार के हर सदस्य को यह कोशिश करना चाहिए कि उनके आपसी विचार एक दूजे से मिलते हो। सभी सदस्यों को एक दूजे के प्रति सम्मान भावना रखनी चाहिए कभी भी किसी भी सदस्य में भेदभाव नहीं करना चाहिए। सभी लोगों को घर की जिम्मेदारियों में सामान भागीदारी दिखाना चाहिए किसी एक व्यक्ति पर कभी घर की जिम्मेदारी का बोझ नहीं डालना चाहिए। संयुक्त परिवार में रहने वाले व्यक्तियों के मन में आपसी द्वेष नहीं होना चाहिए तभी एक व्यक्ति संयुक्त परिवार के साथ खुशी से अपना जीवन जी सकता है।

निष्कर्ष

जो व्यक्ति संयुक्त परिवार से अलग होकर अकेला रहना पसंद करता है उसे कई तरह की समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। अकेले रहने के कारण माता-पिता अपने बच्चों के विकास पर अधिक ध्यान नहीं दे पाते इसके अलावा माता-पिता खुद शारीरिक और मानसिक समस्याओं से पीड़ित होते हैं। लेकिन संयुक्त परिवार में बच्चों को काफी अच्छा वातावरण मिलता है जो बच्चों के विकास के लिए अनुकूल होता है। यहां बच्चों के मार्गदर्शन के लिए बुजुर्ग होते हैं ,जो उन्हें धार्मिक और सामाजिक दोनों ही प्रकार का ज्ञान देते हैं। संयुक्त परिवार में रहने से व्यक्ति आपसी प्रेम के महत्व को समझता है। व्यक्ति अपनी जिम्मेदारियों को समझता है वह मुसीबत में पड़े दूसरे लोगों की मदद करता है।

Sanyukt Parivar Par Nibandh 800 Words 

प्रस्तावना

संयुक्त परिवार का शाब्दिक अर्थ है “एक ऐसा परिवार जिसमें रहने वाले व्यक्ति सभी चीजों का उत्पादन एवं उपयोग एक ही समान अधिकारों के साथ करते हो ,एवं अपना जीवन संयुक्त रुप से व्यतीत करते हों। सरल शब्दों में कहा जाए तो संयुक्त परिवार में चाचा-चाची, माता-पिता, दादा-दादी, भाई-बहन एक साथ रहकर घर की घर की जिम्मेदारियों में सामान हिस्सेदारी रखते हैं। संयुक्त परिवार में रहना सभी लोगों को अच्छा लगता है लेकिन कई बार लोग परिवार जिम्मेदारियों से पीछे हटना चाहते हैं। संयुक्त परिवार को एक धागे में बांधे रखना बेहद कठिन होता है क्योंकि किसी एक सदस्य सोच खराब होने के कारण संयुक्त परिवार एकल परिवार में बदल जाता है।

संयुक्त परिवार आज की आवश्यकता

आज की इस दुनिया में व्यक्ति के पास स्वयं के लिए समय नहीं है तो वह परिवार को समय कैसे देगा। व्यक्ति अपने कामों में इतना फसा हुआ है कि उसके पास अपने बीवी बच्चों के लिए समय नहीं बचा है। इसीलिए आज के समय में संयुक्त परिवार की बेहद आवश्यकता है। एकल परिवार में रहने के कारण घर के अन्य सदस्य हमेशा दुखी रहते हैं वह हमेशा अकेलापन महसूस करते हैं। लेकिन यदि वह संयुक्त परिवार में रहते होते तो घर के बाकी सदस्य उन्हें आपसी प्रेम के साथ रखते हैं। संयुक्त परिवार में रहने से व्यक्ति की चिंताएं कम होती है व्यक्ति अपने घर के सदस्यों से अपनी मन की बातें कह सकता है। उसे घर के सदस्यों से भावनात्मक सहयोग मिलता है।

संयुक्त परिवार के लाभ और हानि (joint family advantages and disadvantages)

संयुक्त परिवार में रहने के कई सारे लाभ हैं, जैसे कि व्यक्ति को सार्वजनिक सुरक्षा मिलती है उसे किसी प्रकार का डर नहीं होता। व्यक्ति के ऊपर परिवार को संभालने की जिम्मेदारी कम होती है। व्यक्ति कभी भी अकेलेपन और चिंता जैसी चीजों का शिकार नहीं होता। व्यक्ति के पास हमेशा आर्थिक सहयोग मौजूद होता है। बच्चों को सही मार्गदर्शन मिलता है। 

संयुक्त परिवार में रहने के फायदे तो कई सारे हैं लेकिन इसके कुछ नुकसान भी होते हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं संयुक्त परिवार के भीतर रिश्ते नाजुक धागे से बंधे होते हैं यदि इन रिश्तो में जरा भी तनाव आता है, तो रिश्ते टूट भी सकते हैं। संयुक्त परिवार में तनाव आने का कारण अधिकतर घर की बहुओं को माना जाता है यदि वे आपस में सद्भावना नहीं रखती तो पूरे परिवार का माहौल खराब हो जाता है। संयुक्त परिवार में रहते हुए कई बार व्यक्ति को अपनी इच्छाओं को दबाकर परिवार की खुशी को प्राथमिकता देना होती है, जो कि किसी व्यक्ति पर अत्याचार के समान है। संयुक्त परिवार में आर्थिक समस्या भी होती है। 

संयुक्त परिवार हमारे जीवन पर क्या प्रभाव डालते हैं?

संयुक्त परिवार हमारे जीवन में काफी प्रभाव डालता है। संयुक्त परिवार में रहने से बच्चों को लाड प्यार के साथ सही मार्गदर्शन मिलता है। संयुक्त परिवार के भीतर घर के सभी सदस्य किसी बुजुर्ग के अंतर्गत होते हैं, जिससे उन्हें सामाजिक व्यवहार का ज्ञान प्राप्त होता है। संयुक्त परिवार में रहने वाले बुजुर्गों को देखकर ही हमारे मन में पारस्परिक सहयोग की भावना विकसित होती है। जिससे हम घर में एवं समाज में लोगों का सहयोग करते हैं। संयुक्त परिवार हमें हमारे जीवन की जिम्मेदारियों से परिचित कराता है। इसके अलावा जीवन जीने के लिए जिस सामाजिक ज्ञान की आवश्यकता होती है वह हमें संयुक्त परिवार से ही प्राप्त होता है।

संयुक्त परिवार की विशेषता (Sanyukt Parivar ki Visheshta)

संयुक्त परिवार की सबसे बड़ी विशेषता तो यह होती है कि इस परिवार में सभी सदस्य आपसी प्रेम के साथ रहते हैं। परिवार की जिम्मेदारी का बोझ किसी एक व्यक्ति पर नहीं होता परिवार की आय और व्यय की जिम्मेदारी सभी सदस्यों पर बराबर होती है। परिवार एवं समाज से जुड़े फैसलों पर सामूहिक निर्णय लिया जाता है। संयुक्त परिवार में सदस्यों के बीच मजबूत भावनात्मक संबंध और एक दूजे के प्रति वफादारी का दायित्व होता है। संयुक्त परिवार में सभी लोग घर के विकास में अपना योगदान देते हैं। संयुक्त परिवार धार्मिक एवं सामाजिक रीति-रिवाजों पर अधिक जोर देता है। संयुक्त परिवार में रहने वाले सभी व्यक्ति रिश्तो के महत्व को समझते हैं।

संयुक्त परिवार क्यों टूटता है? 

संयुक्त परिवार टूटने के कारण कुछ इस प्रकार है : 

आपसी मतभेद : संयुक्त परिवार टूटने का यह सबसे बड़ा कारण माना जाता है परिवार के सदस्यों में घर की जिम्मेदारी को लेकर या फिर संपत्ति को लेकर आपसी मतभेद बढ़ जाता है। इससे परिवार में तनाव बढ़ जाता है और रिश्तो मे दरार आ जाती है।

आर्थिक मुद्दे : संयुक्त परिवार में आर्थिक समस्या काफी ज्यादा होती है। घर को आर्थिक सहयोग देना सभी सदस्यों की जिम्मेदारी होती है ऐसे में कई बार घर के सदस्य स्वयं का फायदा देखते हैं जिसके कारण उनके रिश्ते अन्य सदस्यों के साथ खराब होने लगते हैं।

सामाजिक बदलाव : परिवार को कई बार सामाजिक बदलाव का सामना भी करना पड़ता है। उच्च शिक्षा , रोजगार के लिए परिवार से दूर होने के कारण कई बार घर के सदस्यों की सामाजिक और सांस्कृतिक सोच घर के बुजुर्गों से अलग हो जाती है। जिसके कारण घर के सभी सदस्यों सभी मुद्दों पर अलग-अलग होती है जिससे आपसे मतभेद होती है।

पारिवारिक संपत्ति : वैसे तो संयुक्त परिवार में रहने वाले सभी लोगों का परिवारिक संपत्ति पर समान अधिकार होता है लेकिन कई बार कोई सदस्य संपत्ति में अधिक हिस्से की मांग रखता है जिससे घर के अन्य सदस्यों में भी संपत्ति के प्रति लालच उत्पन्न हो जाता है और संयुक्त परिवार टूटने की कगार पर आ जाता है।

संयुक्त परिवार एकल परिवार से बेहतर क्यों? (Sanyukt Parivar ka Mahatva)

एकल परिवार में रहने वाले लोग कभी भी आपसी प्रेम और रिश्तो की कीमत को नहीं समझ सकते। एकल परिवार में आमतौर पर माता-पिता एवं उनके बच्चे ही होते हैं जिसके कारण बच्चों को अच्छे संस्कार कम ही मिल पाते हैं। एकल परिवार में अधिकतर माता-पिता नौकरी के कारण घर से बाहर होते हैं जिससे बच्चों को अकेलापन और शांति महसूस होती है। संयुक्त परिवार एकल परिवार से 100 गुना बेहतर है क्योंकि इस परिवार में सभी लोग आपसी प्रेम के साथ रहते हैं यहां पर रहने वाले सभी लोग एक दूजे के साथ हंसी मजाक करते रहते हैं जिससे व्यक्ति कभी मायूस या उदास नहीं होता। घर के सदस्यों के साथ-साथ बच्चों को भी सामाजिक एवं धार्मिक ज्ञान प्राप्त होता है।

निष्कर्ष

आज के समय व्यक्ति कितना ही एकल परिवार में खुश रहने की कोशिश कर लें, लेकिन उसे असली खुशी तो संयुक्त परिवार में ही मिलती है। एकल परिवार में 1 या 2 सदस्य होते हैं। यदि उन्हीं सदस्यों से आपकी कहासुनी हो जाए तो ,आपके पास बात करने के लिए और उन्हें समझाने के लिए कोई दूसरा सदस्य नहीं होता। इसके अलावा आप घर की जिम्मेदारियों का बोझ अकेले उठाते हैं ,जिसके कारण आपको शारीरिक और मानसिक तनाव भी हो सकता है। लेकिन संयुक्त परिवार सभी रोगों की दवा होती है। संयुक्त परिवार को एक वृक्ष कहा गया है ,जिसमें बड़े बुजुर्ग परिवार की जड़ होते हैं। जो परिवार के अन्य सदस्यों को ताकत प्रदान करते है।

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हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस “Joint Family Essay in Hindi” जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह Essay on Joint family in Hindi अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Joint Family Essay in Hindi कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay या Speech कौन से टॉपिक पर चाहिए. इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.

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