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Kargil War Essay in Hindi
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Kargil War Essay in Hindi 300 Words
प्रस्तावना
अंग्रेजों के शासन से आजाद होने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच कई बार युद्ध हुए हैं। पाकिस्तान द्वारा हमेशा ही भारत के साथ युद्ध की शुरुआत की जाती है ,और हमेशा पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ती है। भारत और पाकिस्तान के बीच 4 बार युद्ध हो चुका है, जिसमें से अधिकतर युद्ध का कारण जम्मू कश्मीर राज्य ही बना है। भारत और पाकिस्तान के इतिहास में कारगिल का युद्ध सबसे भयावह युद्ध माना जाता है। भारत और पाकिस्तान के बीच का यह युद्ध दुनिया के सबसे विनाशकारी युद्ध में से एक माना जाता है। इस युद्ध विजय के बाद से ही कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है।
Essay on Kargil Vijay Diwas in Hindi
Kargil Vijay Diwas Speech in Hindi
कारगिल विजय दिवस कब मनाया जाता है?
भारत में हर साल 26 जुलाई के दिन कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। 26 जुलाई के दिन सन 1999 में कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना पर विजय प्राप्त की थी। विजय प्राप्त करने की खुशी में 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में घोषित कर दिया गया। भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल का युद्ध मई 1999 में शुरू हुआ था। जब कुछ पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा भारत के हिस्से में आने वाले इलाकों पर कब्जा कर लिया गया था। भारतीय सेना ने दुश्मनों को अपनी जगह से हटाते हुए इस युद्ध में विजय प्राप्त की।
निष्कर्ष
भारतीय सैनिकों के लिए यह युद्ध लड़ना बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य था। पाकिस्तान के सैनिकों ने जम्मू कश्मीर के कारगिल इलाके में ऊंची ऊंची पहाड़ियों पर कब्जा कर अपना कैंप बना दिया गया था। भारतीय सैनिकों को जमीन पर से हजारों फिट ऊपर बैठे दुश्मनों से युद्ध करना था। लेकिन भारतीय सेना ने अपनी हिम्मत और साहस के दम पर पहाड़ की ऊंचाई पर बैठे हुए दुश्मनों को खदेड़ दिया। इस युद्ध में भारतीय सैनिकों द्वारा ऐसे ऐसे खतरनाक हथियारों का उपयोग किया गया। जिनका उपयोग आज से पहले किस युद्ध में नहीं किया गया था। भारतीय सेना द्वारा इन कारगिल के युद्ध में टाइगर हिल से 12000 राउंड फायर किए जाते थे। जिसके कारण दुश्मनों का कैंप ध्वस्त हो गया और 26 जुलाई के दिन भारतीय सैनिकों ने कारगिल पर विजय प्राप्त की।
Essay on Kargil War in Hindi 500 Words
प्रस्तावना
भारत की सेना का युद्ध के क्षेत्र में इतिहास हमेशा से ही काफी अच्छा रहा है। भारतीय सैनिकों की बहादुरी के कारण उन्हें विश्व के सबसे खतरनाक सैनिकों में से एक माना जाता है। भारतीय सैनिकों ने अपनी वीरता का सही परिचय तो कारगिल के युद्ध में दिया था। कारगिल के युद्ध का इतिहास भारत के सैनिकों की गौरव गाथा है। भारत के सैनिकों ने अपने शौर्य से हजारों फीट ऊंचाई बैठे हुए दुश्मन को धूल चटाई थी। भारत और पाकिस्तान के बीच लगभग 4 बार युद्ध हो चुका है,जिसमें चारों बार पाकिस्तान को भारतीय सैनिकों द्वारा धूल चटाई गई है। कारगिल का युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ एक सबसे बड़ा विनाशकारी युद्ध है।
कारगिल का युद्ध कब शुरू हुआ?
कारगिल के युद्ध की शुरुआत 3 मई 1999 से हुई थी। इससे पहले भी 1971 में पाकिस्तान और भारत के बीच एक युद्ध हो चुका था। जिसके बाद से ही दोनों के बीच काफी तनाव बना हुआ था। पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर राज्य को अपने देश में शामिल करने के लिए भारत के इलाकों में घुसपैठ करना शुरू कर दी। 3 मई 1999 तक कई हजारों पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू कश्मीर के कारगिल पर कब्जा कर लिया जिसके बाद 3 मई 1999 से इस युद्ध की शुरुआत हुई। भारतीय सैनिकों ने ढाई महीनों के अंदर दुश्मनों को अपने देश से भगा दिया। 2 महीने तक लगातार चले युद्ध के बाद 26 जुलाई 1999 को भारत को कारगिल युद्ध में विजय प्राप्त हुई।
कारगिल युद्ध का कारण
कारगिल युद्ध का कारण जम्मू-कश्मीर को माना जाता है। 1971 में हुए भारत पाकिस्तान के युद्ध में मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान ने दोबारा भारत के इलाकों में घुसपैठ करना शुरू कर दी। पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर के मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की कोशिश करते हुए पाकिस्तानी सेना ने भारत की सीमा में आने वाले कई सारे इलाकों पर कब्जा करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे भारत की सीमा में आने वाले कई सारे इलाकों पर पाकिस्तानी सैनिकों ने कब्जा कर लिया फिर भारत सरकार ने 3 मई 1999 को युद्ध के लिए अपनी सेना भेजना शुरू की। इस युद्ध में हिंदुस्तानी सैनिकों द्वारा लगभग 18000 फीट ऊंचाई पर बैठे हुए दुश्मनों के साथ लड़ाई की गई थी। भारतीय सैनिकों ने पहाड़ की ऊंचाई पर बैठे हुए दुश्मनों को मार भगाया और कारगिल पर विजय हासिल की।
कारगिल के युद्ध में इस्तेमाल किए गए हथियार
कारगिल के युद्ध भारतीय सैनिकों के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी 18000 फीट की ऊंचाई पर बैठे हुए दुश्मन। ऊंचाई पर होने के कारण पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों को काफी नुकसान पहुंचाया गया था। इस युद्ध को जीतने के लिए भारतीय सेना ने सीधी फायरिंग करने के लिए 155mm की बोफोर्स मीडियम गन का इस्तेमाल किया था। इसके अलावा भारतीय सेना ने इस युद्ध में 122mm ग्रेड मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर का भी इस्तेमाल किया था। भारत और पाकिस्तान के बीच हुए इस कारगिल युद्ध में प्रतिदिन लगभग 300 तोपों से 5000 बम और रॉकेट दागे जाते थे। जिसके कारण 18000 फिट की ऊंचाई पर बैठे दुश्मनों का कैंप ध्वस्त हो गया।
निष्कर्ष
ढाई महीने तक चले इस लगातार युद्ध में लगभग 500 सैनिक शहीद हुए और 1500 से अधिक सैनिक घायल हुए थे। कई लोगों की शहादत के बाद 26 जुलाई के दिन भारत को कारगिल पर विजय प्राप्त हुई थी। कारगिल दिवस विजय मना कर हम अपने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हैं और कारगिल दिवस हमारी आने वाली पीढ़ी को हमारे जवानों की शहादत के बारे में बताएगा। कारगिल विजय दिवस के दिन भारत के प्रधानमंत्री द्वारा भी सभी अमर जवान शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है। इस युद्ध में शहीद हुए जवानों को हमेशा लोगों द्वारा याद रखा जाए इसलिए भारत सरकार द्वारा अमर जवान ज्योति स्मारक भी बनाई गई थी।
Kargil Yudh Essay in Hindi
हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस “Kargil War Essay in Hindi” जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह Essay on Kargil War in Hindi अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Kargil War Essay in Hindi कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay या Speech कौन से टॉपिक पर चाहिए. इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.
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