Mahila Sashaktikaran Par Nibandh: महिला सशक्तिकरण पर निबंध

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Mahila Sashaktikaran Par Nibandh

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mahila sashaktikaran essay (महिला सशक्तिकरण पर 150 शब्दों में निबंध)

कहने को तो भारत विकासशील देशों की सूची में आता है लेकिन फिर भी महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता पड रही है. जवाहरलाल नेहरू द्वारा एक बात कही गई थी कि “लोगों को जगाने या जागरूक करने के लिए सबसे पहले महिलाओं को जागरूक होना जरूरी है.” जब कोई महिला जागृत होती है और अपना कदम उठा लेती है तो फिर सबसे पहले उसका परिवार आगे बढ़ता है, गांव आगे बढ़ता है, और इस तरह पूरा देश प्रगति करता है. 

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समाज में यदि हम महिलाओं को सशक्त बनाना चाहते हैं तो सबसे पहले हमको समाज में व्याप्त विभिन्न कुप्रथाओ और महिलाओं के अधिकारों को खत्म करने वाली चीजों को समाप्त करना होगा.

आज भी हमारे समाज में दहेज प्रथा, यौन हिंसा, भ्रूण हत्या, महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा, वेश्यावृत्ति और लैंगिक भेदभाव जैसी तमाम प्रथाएं प्रचलित है. जो महिलाओं को आगे बढ़ने से रोकती है. महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए लोगों को महिलाओं की शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करना होगा. क्योंकि शिक्षा से ही समाज में चली आ रही प्रथाओं और रीतियों को खत्म किया जा सकता है.

mahila sashaktikaran in hindi essay (महिला सशक्तिकरण पर निबंध 200 शब्दों में)

देश को आजाद हुए 75 वर्ष हो चुके हैं. लेकिन आज भी हमारे समाज में या समाज के लोगों के मन में ऐसी धारणाएं बनी हुई है. जो कहीं ना कहीं महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा कमतर बताती है. महिला सशक्तिकरण आज हमारे देश का मुद्दा बना हुआ है. चाचा नेहरू द्वारा एक वाक्य कहा गया था कि लोगों को जगाने के लिए महिलाओं को जगाना बहुत जरूरी है. महिलाओं का भी जन्म सिद्ध अधिकार है कि उनको भी पुरुषों के बराबर का ही दर्जा मिले.

स्वतंत्रता के समय से ही महिलाओं की स्थिति में अब सुधार देखने को मिल रहा है. महिलाओं की शिक्षा के ग्राफ और उनकी जनसंख्या की स्थिति में काफी अच्छा सुधार देखने को मिला है. लेकिन यदि वास्तव में महिला सशक्तिकरण को लाना है तो सबसे पहले महिलाओं को ही उनके अधिकारों के बारे में अवगत होना पड़ेगा. महिलाएं न सिर्फ घरेलू कामकाज में बल्कि देश के हर क्षेत्र में अपनी सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए. 

लेकिन आज देहाती क्षेत्रों में और पुरानी सोच वाले लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है कि महिलाएं भी पुरुष के बराबर ही महत्व रखती है. महिलाओं के अस्तित्व से ही संपूर्ण मनुष्य जाति का अस्तित्व है.

Mahila Sashaktikaran Par Nibandh
Mahila Sashaktikaran Par Nibandh

mahila sashaktikaran essay in hindi (महिला सशक्तिकरण पर निबंध 300 शब्दों में)

वर्तमान समय में महिलाओं को तमाम तरह के संविधान के अधिकार प्राप्त हैं. महिलाएं समान रूप से भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए अपना सर्वोच्च योगदान देती है. महिलाएं किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में पुरुषों से बराबरी की टक्कर करती है लेकिन आज भी ऐसे कई लोग और क्षेत्र है जहां पर महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा कमजोर या अबला समझा जाता है.

पितृसत्तात्मक समाज होने के कारण पुरुषों के समान महिलाओं को सम्मान नहीं मिल पाता है. किसी भी काम को करने या घर से बाहर जाने से पहले महिलाओं को घर के पुरुष सदस्य से आज्ञा लेने की आवश्यकता होती है. वहीं पुरुष से बाहर जाने पर कोई सवाल नहीं पूछा जाता.

देश में आज भी ऐसे कई सारे क्षेत्र या उन क्षेत्रों के लोग हैं जो अपने घर पर बेटी होने पर निराशा जाहिर करते हैं. लेकिन कबीर दास जी द्वारा कहा गया है कि गए रोये हंसि खेलि के, हरत सबौं के प्राण, कहै कबीर या घात को समझे संत सुजान. अर्थात गाकर रोकर हंसकर या खेल कर नारी सभी के प्राण हर लेती है. कबीर आगे कहते हैं कि आघात या चोट केवल संत या ज्ञानी ही समझते हैं. इसी तरह वे लोग मूर्खों के समान हैं जो अपने घर पर बेटी होने पर निराश होते हैं.

लेकिन महिलाओं के लिए समाज में चली आ रही को प्रथाओं और नीतियों को समाप्त करने के लिए महिलाओं के सशक्तिकरण की अत्यंत आवश्यकता है. महिलाओं को सशक्त करने के लिए कुप्रथाओं के प्रमुख कारणों को समझना होगा.

हमें समाज के सामने सफल महिलाओं के उदाहरण प्रस्तुत करने होंगे. जिससे कि लोग महिलाओं के विकास के लिए सकारात्मक रूप से प्रोत्साहित हो सके.

mahila sashaktikaran per nibandh (महिला सशक्तिकरण पर निबंध 500 शब्दों में)

प्रस्तावना

प्राचीन ग्रंथों मे नारी के महत्व को बताते हुए कहा गया है जहां नारी की पूजा की जाती है वहां देवता निवास करते हैं. लेकिन वर्तमान की विडंबना तो देखिए नारी इतनी शक्तिशाली होने के बावजूद भी महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता पड़ रही है. 

महिला सशक्तिकरण का अर्थ

महिला सशक्तिकरण का अर्थ महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने से है. महिलाओं को भी पुरुषों के समान ही रोजगार, शिक्षा और अन्य सभी क्षेत्रों में समान अवसर दिए जाने चाहिए. साधारण शब्दों में महिला सशक्तिकरण को परिभाषित किया जाए तो महिलाओं को अपने जीवन से जुड़े हर एक फैसले स्वयं से लेने का अधिकार होना चाहिए. उनको पुरुषों के समान ही सम्मान मिलना चाहिए. महिलाओं को समाज में सक्षम बनाना है महिला सशक्तिकरण है.

महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता क्यों?

हमारे देश में महिला सशक्तिकरण के एक नहीं बल्कि अनेकों कारण है.

  • वर्तमान में कई सारी महिलाएं राजनीति में और प्रशासन के महत्वपूर्ण पदों पर विराजमान है लेकिन ग्रामीण महिलाओं की स्थिति अभी भी मध्यकाल स्थिति के समान ही है जहां महिलाओं को ना तो सही शिक्षा मिल पाती है ना ही सही स्वास्थ्य सुविधाएं.
  • सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में महिलाओं की साक्षरता दर 65.46% ही है जबकि पुरुषों की साक्षरता दर 82.14% है.
  • वही रोजगार की बात करें तो Periodic Labor Force Survey के मुताबिक जहां पुरुषों की भागीदारी 56.8% है वहीं महिलाओं की भागीदारी सिर्फ 22.2% ही है.
  • महिलाओं की पापुलेशन 48.04% है वही पुरुषों की पापुलेशन 51.96% है.
महिला सशक्तिकरण का महत्व: 

A Good Man Will Make a Great Civilization, But A Good Woman will Make a Great Nation. यह लाइने बयां करती है कि महिलाएं राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देती है. महिलाएं ना सिर्फ राष्ट्र निर्माण यह समाज की प्रगति के लिए जिम्मेदार है अपितु महिलाओं के बिना मनुष्य जाति की कल्पना करना भी असंभव है. मानव जीवन का सृजन महिलाओं की गोद से ही होता है.

उपसंहार

महिला सशक्तिकरण के लिए महिलाओं को सबसे पहले अपने कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूक करना होगा. जो कि सिर्फ शिक्षा से ही संभव है. हालांकि नारी प्राचीन काल से ही अनंत गुणों का खजाना रही है. नारी मां के रूप में चाहे खुद अनपढ़ हो लेकिन अपनी संतान को जीवन की महत्वपूर्ण सीख और शिक्षा देने की क्षमता रखती है.

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महिला सशक्तिकरण से तात्पर्य 

महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक एवं मानसिक रूप से सशक्त एवं संबल बनाना ही महिला सशक्तिकरण है। महिलाओं को अपने जीवन के सभी छोटे बड़े फैसले लेने और स्वच्छंदता से जीवन जीने की आज़ादी देना महिला सशक्तिकरण के अंतर्गत ही आता है। सरकार ने महिलाओं के योगदान की महत्ता को समझते हुए कई कदम उठाएं हैं जिनमें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान जैसी योजनाएं शामिल हैं।

महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए आवश्यक है उन्हें उच्च शिक्षा और स्वस्थ्य वातावरण प्रदान किया जाए। उन्हें अपने फैसले खुद लेने दिए जाए जिससे वे अपनी मर्जी से स्वयं का जीवन जी सकें। और भविष्य में अपने घर, देश और समाज के निर्माण में स्वयं की भागीदारी को सुनिश्चित कर सकें।

महिला सशक्तिकरण के कारण

महिलाओं को समाज में एक खास दर्जा दिया जाता है और घर के बड़े और पुरुषों के द्वारा उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी ली जाती है। जिसके लिए उन पर कई अंकुश लगा दिए जाते हैं, ये अंकुश कब एक नारी की पैर की बेड़ियां बन जाती है पता ही नहीं लगता। इसके बाद शुरू होता है नारी जीवन का संघर्ष अपने जीवन काल में नारी कितनी ही हर अपनी स्वेकछाएं मारती है।

जीवन में आगे बढ़ने की स्वेच्छा तो कभी केवल अपने मर्जी से जीवन जीने की स्वेच्छा। इन इच्छाओं को मारते-मारते कब नारी जीवन का अंत हो जाता है पता ही नहीं लगता। लेकिन एक नारी के योगदान के बिना न तो एक समाज का बल्कि एक घर का भी निर्माण नहीं हो पाता। तो फिर सोचिए की एक देश राष्ट्र के निर्माण को महिलाओं की भागीदारी की कितनी आवश्यकता होगी।

महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता

महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता एक समाज नहीं, एक राष्ट्र नहीं बल्कि पूरी दुनियां को है। नारी को सशक्त करने की आवश्यकता इसलिए है ताकि वे देश समाज में पुरुषों की हीं भांति समान सम्मान व अवसर प्राप्त कर सकें। इससे पुरुषों और महिलाओं के बीच का जो अंतर है वह मिट सकेगा इससे महिलाओं के साथ होने वाले उत्पीड़न मामले भी कई हद तक कम होंगे।

वहीं महिलाओं को लेकर संकुचित अवधारणाओं का खात्मा हो सकेगा। कई क्षेत्रों में महिलाएं पुरुषों से अधिक सक्षम एवं काबिल होती हैं लेकिन अपने परिवार और समाज की संकुचित अवधारणाओं और रोक-टोक के कारण वे आगे नहीं बढ़ पाती। इसलिए महिलाओं को हर एक क्षेत्र में सुरक्षित वातावरण के साथ प्रोत्साहन मिलना चाहिए। ताकि वे प्रगति पथ पर अग्रसर हो राष्ट्र विकास के मार्ग को प्रशस्त कर सकें।

महिला सशक्तिकरण का महत्व

नारी नर को जानने वाली है जीवन देने वाली है जीवन देने वाली है। एक सशक्त महिला अपने घर और समाज में सिर उठा कर जी सकती है। एक विकसित देश निर्माण हेतु महिलाओं की भागीदारी को समझते हुए सरकार ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि योजना, कामकाजी महिला छात्रावास, स्वाधार ग्रह योजना, महिला हेल्पलाइन, महिला ई – हाट जैसे स्कीम और योजनाओं चलाई।

इन योजनाओं और अभियान के परिणामस्वरूप आज महिलाओं को लेकर लोगों की सोच कई हद तक बदल रही है। वे अब बेटियों को बोझ न समझते हुए उनकी परवरिश सही ढंग से करते हैं और उन्हें शिक्षा के समान अवसर भी प्रदान करते हैं। आज महिलाएं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रही है और देश को प्रदर्शित कर रही हैं। 

महिला सशक्तिकरण के लाभ 

  • महिलाएं अगर सशक्त होंगी तो एक सशक्त समाज का निर्माण होगा।
  • इससे महिलाएं हर एक क्षेत्र में अपना पूर्ण योगदान दे पाएंगी जिससे देश का आर्थिक विकास होगा।
  • महिला सशक्तिकरण जैसे कदम उठाने पर महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अमानवीय व्यवहार एवं उत्पीड़न जैसी समस्याओं को रोका जा सकता है।
  • एक सक्षम महिला सक्षम राष्ट्र को निर्मित करने में सहायक होती है।
  • जिस देश की नारी सम्मान और स्वतंत्र महसूस करती है वहां की आबो हवा में विकसित राज्य फल फूल रहे होते हैं।

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