क्या आप भी “Major Dhyan Chand Essay in Hindi” की तलाश कर रहे हैं? यदि हां, तो आप इंटरनेट की दुनिया की सबसे बेस्ट वेबसाइट essayduniya.com पर टपके हो. यदि आप Major Dhyan Chand Essay in Hindi, Major Dhyan Chand Nibandh, Essay on Major Dhyan Chand in Hindi यही सब सर्च कर रहे हैं तो आपका इंतजार यही पूरा होता है.
Major Dhyan Chand Essay in Hindi
यहां हम आपको “Major Dhyan Chand Essay in Hindi” उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध/ स्पीच को अपने स्कूल या कॉलेज के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी प्रतियोगिता के लिए भी Essay on Major Dhyan Chand in Hindi तैयार करना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए.
Major Dhyan Chand Essay In Hindi 200 Words
मेजर ध्यानचंद जी खेल जगत का एक जाना माना नाम है। हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले ध्यानचंद जी का जन्म उत्तरप्रदेश प्रयागराज में 29 अगस्त 1905 को हुआ था। हर साल भारत में खेल दिवस (National Sports Day) के मौके पर राष्ट्रपति भवन में कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, जिसमें देश के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेल पुरुस्कार से पुरस्कृत किया जाता है। इसमें खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन अनुसार राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार और ध्यानचंद पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।
मेजर ध्यानचंद जी खेल जगत में एक विशेष प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने अपने पूरे करियर में लगभग हजार गोल किए हैं। जिसमें से 400 से भी अधिक अंतरराष्ट्रीय गोल हैं। ध्यानचंद जी ने सन 1928 1932 और 1936 के ओलंपिक में अपने टीम के साथ स्वर्ण पदक जीते हैं। मेजर ध्यानचंद जी की उपलब्धि से न केवल उन्हें दुनिया में एक अलग पहचान मिली बल्कि उन्होंने अपने हुनर से भारत का भी नाम रोशन किया है। ध्यानचंद जी का हॉकी के खेल में योगदान देखते हुए भारत सरकार ने सन 2012 में मेजर ध्यानचंद जी की जयंती को खेल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। इसके बाद से अब तक हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
Major Dhyan Chand Essay in Hindi 300 Words
खेल जगत का चमकता सितारा मेजर ध्यानचंद जी का जन्म 29 अगस्त 1905 को वर्तमान में प्रयागराज उत्तरप्रदेश में हुआ था। मेजर ध्यानचंद जी अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद भारतीय सेना में भर्ती हो गए थे। इसके बाद से ध्यानचंद जी की रुचि हॉकी खेल में बढ़ने लगी और वह इस खेल को काफी गंभीरता से लेने लगे थे। उन्होंने भारतीय सेवा में रहते हुए 1922 से लेकर 1926 के बीच कई रेजीमेंट मैच खेले जिसमें उन्होंने सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा। जिसके बाद उनकी टीम को न्यूजीलैंड दौरे के लिए चुन लिया गया।
इस दौर में भारतीय सी टीम ने 18 मैच जीते थे, जिसमें से दो मैच ड्रॉ रहे और केवल एक ही मैच हर भारतीय सेना टीम और ध्यानचंद जी का ऐसा प्रदर्शन देखकर सब लोग उनकी और आकर्षित हो गए। सन 1936 के ओलंपिक में भारत ने हॉकी के फाइनल में जर्मनी को 8-1 से हराकर करारी हार दी थी। जिसे देखकर हिटलर काफी प्रभावित हुआ था जब उसे ध्यानचंद जी के भारतीय सेवा में होने की खबर मिली तो उसने ध्यानचंद जी को जर्मनी सेवा में शामिल होने का ऑफर दिया। ध्यानचंद जी ने इस ऑफर को ठुकरा दिया था।
अपने पूरे करियर में ध्यानचंद जी ने कई नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर हॉकी मैच खेले और भारतीय टीम को तीन स्वर्ण पदक जिताने में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मेजर ध्यानचंद जी को हॉकी खेल का जादूगर कहा जाता है। भारत के मुख्य चार राष्ट्रीय खेल पुरुस्कार में से एक पुरुस्कार मेजर ध्यानचंद जी के नाम पर ही रखा गया है। खेल जगत में ध्यानचंद जी के योगदान के कारण सन 2012 में उनकी जयंती को राष्ट्रीय खेल दिवस (National Sports Day) के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी। जिसके बाद से हर साल 29 अगस्त को National Sports Day मनाया जाता है।
Essay on Major Dhyan Chand in Hindi 500 Words
प्रस्तावना
हर साल 29 अगस्त को भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। इस दिन भारत के दिग्गज हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद जी का जन्म हुआ था। उन्हीं की जयंती को आज खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। मेजर ध्यानचंद जी हॉकी के एक अद्वितीय खिलाड़ी थे। जिन्होंने भारत को कई स्वर्ण पदक दिलाए हैं, और हॉकी खेल में भारत का नाम दुनियां भर में रोशन किया है। आज के दिन खेल दिवस के अवसर पर स्कूल, कॉलेजों और अन्य खेल जगत से जुड़े संस्थानों में कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
खेल दिवस का महत्व
खेल प्रत्येक मनुष्य के लिए आवश्यक है क्योंकि इससे न केवल मनोरंजन होता है, बल्कि व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक विकास भी होता है। खेल मनोरंजन के साथ शरीर का व्यायाम करने के लिए एक बहुत अच्छा माध्यम है। स्वास्थ्य की दृष्टि से खेल बहुत महत्वपूर्ण होते हैं इसके साथ ही यह व्यक्तित्व का निर्माण करने में भी सहायक होते हैं। आज कहीं खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल के जरिए रोजगार भी प्राप्त हो रहा है और इससे वे न केवल अपना बल्कि अपने देश का भी नाम रोशन कर रहे हैं।
खेल दिवस का मनाने का उद्देश्य
खेल दिवस को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को खेल के महत्व के बारे में जागरूक करना और खेलने के लिए प्रेरित करना है। इसके साथ ही खेल दिवस के जरिए जो लोग खेलने में रुचि रखते हैं और खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं उन्हें भी प्रोत्साहित किया जाता है। खेल दिवस के अवसर पर शिक्षण संस्थान खेल अकादमी और सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रम और सेमिनार द्वारा लोगों को खेलों के महत्व के बारे में जागरूक किया जाता है ताकि वे खेल के क्षेत्र में आगे बढ़कर अपने और देश के भविष्य के लिए कुछ बहते कर सकें।
खेल के क्षेत्र में भारत की अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियां
- सन 1948 लंदन ओलंपिक, में हॉकी स्वर्ण पदक
- सन 1975 मलेशिया में हॉकी विश्व कप
- सन 1975 में भारत ने पहली बार हॉकी विश्व कप जीता।
- भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को 2-1 के गोल अंतर से हराया।
- सन 1983 और 2011 में भारत ने दो बार वनडे विश्व कप जीता था।
- सन 1951 में भारत ने प्रथम एशियाई खेलों की मेजबानी की थी। भारत की ओर से एशियाई खेलों में सचिन नाग ने पहला स्वर्ण पदक हासिल किया था।
- सन 1951 में भारत ने एशियाई खेल में कुल 51 पदक, 15 स्वर्ण, 16 रजत और 20 कांस्य पदक जीते था और दुसरा स्थान था। जबकि जापान 60 पदक जीतकर प्रथम स्थान पर था।
- सन 1982 में भारत ने फिर से एशियाई खेलों की मेजबानी की थी। भारत ने 1982 के एशियाई खेलों में पांचवें स्थान पर रखा गया था।
- सन 1970 में बैंकाक में एशियाई खेलों का कांस्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय फुटबॉल की आखिरी बड़ी सफलता मिली थी।
- सन 1980 में भारत ने इंग्लैंड में ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप जीती थी।
- साल 2000 में विश्वनाथन आनंद जी ने विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीती थी। ऐसा करने वाले वे पहले भारतीय
- खिलाड़ी बने थे।
- तब से लेकर अब तक विश्वनाथन आनंद जी ने पांच बार चैंपियनशिप जीती थी।
- सन 1900 में भारत की पहली बार पेरिस ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया था। जिसमें नॉर्मन प्रिचर्ड के एकमात्र प्रतिनिधि के तौर पर सम्मिलित हुए थे।
- केडी जाधव ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय एथलीटों में से एक थे। सन 2004 के एथेंस ओलंपिक में राज्यवर्धन सिंह राठौर ने रजत पदक जीता था।
- सन 2008 में बीजिंग ओलंपिक में, भारत को मुक्केबाजी में विजेंदर सिंह ने कांस्य जीता था। इसी साल में ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा ने स्वर्ण पदक जीता था।
- साल 2020 में नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया था।
उपसंहार
खेल केवल राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने वाले खिलाड़ियों के लिए ही जरूरी नहीं है, बल्कि यह हर एक व्यक्ति के लिए आवश्यक है। क्योंकि खेल से व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के बेहतर विकास के साथ उनके व्यक्तित्व का निर्माण भी होता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं, कि एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है, और खेल मस्तिष्क और शरीर को स्वस्थ रखने के साथ मन को एकाग्र रखने में सहायक होता है। इसलिए खेल मनुष्यों के विकास के लिए बहुत आवश्यक है। हम सभी को स्वयं को अपनी आने पीढ़ी को खेलों के महत्व को बताते हुए उन्हें खेल के लिए प्रेरित करना चाहिए।
Essay on Major Dhyan Chand in Hindi
हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस “Major Dhyan Chand Essay in Hindi” जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह Essay on Major Dhyan Chand in Hindi अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Major Dhyan Chand Essay in Hindi कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay या Speech कौन से टॉपिक पर चाहिए. इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.
Join WhatsApp Group | CLICK HERE |
ESSAYDUNIYA HOME | CLICK HERE |