My School Essay in Hindi: मेरे स्कूल पर निबंध

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My School Essay in Hindi

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essay on school in hindi (100 Words)

विद्यालय को ज्ञान का मंदिर कहा जाता है। यहां पर बच्चों को ज्ञान का प्रकाश दिया जाता है, जिससे बच्चे उनके भविष्य को उज्जवल बना सके। यह मेरे घर से कुछ ही दूरी पर स्थित है।

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मेरा विद्यालय शहर की भीड़भाड़ से दूर एकांत जगह में स्थित है। प्राचीन काल से ही विद्यालयों के लिए ऐसे स्थान के रूप में देखा जाता है जहां ज्ञान प्राप्त करने के लिए हर साधन उपलब्ध होता है।

यहां पर किसी प्रकार का शोर नही होता क्योंकि पढ़ाई के लिए शांति की आवश्यकता होती है। मेरे विद्यालय का भवन बहुत सुंदर है। यह बहुत बड़ी जगह में फैला हुआ है, इसके चारों ओर ऊँची-ऊँची दीवारें हैं। मुझे मेरे विद्यालय से अति प्रेम है।

mera school essay in hindi (200 Words)

हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हमारा बचपन होता है जिसमें हम सभी चिंताओं से मुक्त होकर अपने लिए जीते हैं। हमारे बाल्यकाल का समय विद्यालय में ही व्यतीत होता है। विद्यालय की हमारे जीवन में बहुत अहमियत होती है। मेरे विद्यालय का नाम राम किशन मिशन स्कूल है। मेरा विद्यालय बड़ा है सुंदर है यह चारों ओर से प्रकृति से घिरा हुआ है।

विद्यालय को ज्ञान का मंदिर कहां जाता है और ज्ञान प्राप्त करने के लिए यह सर्वश्रेष्ठ स्थान होता है क्योंकि ज्ञान प्राप्त करने के लिए शांति और अच्छा वातावरण चाहिए होता है, जो कि आपको सिर्फ विद्यालय में ही मिल सकता है।

बच्चे स्कूल जाकर शांति से मन लगाकर पढ़ाई कर सकते हैं। मेरे विद्यालय में विभिन्न प्रकार के आउटडोर खेल खेलने के लिए एक बड़ा और सुंदर खेल का मैदान है। इसके साथ मेरे विद्यालय में सप्ताह में एक बार शारीरिक परीक्षण रखा जाता है, जिसके अंतर्गत सभी छात्र-छात्राओं की शारीरिक क्षमता को नापा जाता है।

मेरे विद्यालय में काफी अनुभवी और दयालु शिक्षक हैं, जो बच्चों को बड़े ही प्रेम के साथ पढ़ाते हैं। विद्यालय में मेरे कई सारे दोस्त हैं जिनके साथ में लंच ब्रेक में गेम खेलता हूं। मेरे विद्यालय में एक बड़ी लाइब्रेरी भी है जिसमें सभी छात्र किताबें पढ़ सकते हैं। मुझे प्रतिदिन विद्यालय जाना बहुत पसंद है।

My School Essay in Hindi

mera vidyalaya par nibandh (300 Words)

विद्यालय को शिक्षा और ज्ञान का द्वार कहां जाता है। यह वही द्वार है, जो हमें भविष्य में आगे सफलता की ओर ले जाता है। सभी लोगों ने अपने जीवन में विद्यालय से बहुत कुछ सीखा है, उसी तरह में भी मेरे विद्यालय में अच्छे जीवन की सीख ले रहा हूं। मेरे विद्यालय का नाम ब्रिलिएंट अकेडमी है यह नगर के अच्छे विद्यालयों में से एक है।

मेरा विद्यालय शहर की भीड़-भाड़ से दूर खुली जगह पर स्थित है। मैं प्रतिदिन स्कूल बस से स्कूल जाता हूं। विद्यालय का भवन काफी बड़ा है और इसमें एक बड़ा खेल का मैदान भी है। सुबह जल्दी विद्यालय पहुंचने के बाद सभी छात्र छात्राएं सुबह की प्रार्थना के लिए एकत्रित होते हैं। प्रार्थना के बाद सभी बच्चे अपनी अपनी क्लास में पुनः लौट जाते हैं।

विद्यालय में बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद पर भी काफी ध्यान दिया जाता है। इसमें विज्ञान की प्रयोगशाला भी है, जिसमें बच्चों को विज्ञान से संबंधित प्रयोग कराए जाते हैं। बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए सप्ताह में एक बार योगा भी कराया जाता है।

मेरे विद्यालय के शिक्षक बच्चों को इमानदारी समर्पण और अच्छे आचरण की शिक्षा देते हैं। यहां बच्चों को अच्छे व्यवहार के बारे में सिखाया जाता है। मेरे सभी शिक्षक बड़े ही दयालु और बुद्धिमान हैं, जो अपने ज्ञान से हमें भविष्य में सफल होने योग्य बना रहे है। मेरे विद्यालय भवन की बनावट काफी सुंदर है इसमें एक बड़ा खेल का मैदान भी है जिसमें सभी बच्चे हर तरह का आउटडोर गेम बड़ी आसानी से खेल सकते हैं।

बच्चों को अधिक ज्ञान देने के लिए यहां पुस्तकालय और विज्ञान प्रयोगशाला भी है, जहां बच्चे आसानी से विज्ञान के सभी प्रयोग कर सकते हैं। विद्यालय में मेरे बहुत से मित्र हैं, मुझे मेरे विद्यालय से काफी स्नेह है और मुझे प्रतिदिन विद्यालय जा कर पढ़ाई करना बहुत अच्छा लगता है। 

mera vidyalaya nibandh in hindi (400 Words)

प्रस्तावना

विद्यालय का शाब्दिक अर्थ है विद्या+ आलय मतलब विद्यालय एक ऐसा स्थान है, जहां विद्या प्राप्त की जाती है। हमारी संस्कृति में विद्या को देवी का स्थान दिया गया है और विद्यालय को मंदिर का। विद्यालय विद्यार्थी जीवन का एक ऐसा विषय है जिसे वह सबसे अधिक प्रेम करता है। विद्यालय में बिताए गए जीवन को विद्यार्थी कभी नहीं भूल सकता। इसी स्थान से हमारे भविष्य का निर्माण होता है। विद्यालय में ज्ञान देने वाले शिक्षक देवता के समान होते हैं जो अपनी जीवन भर की पूंजी हमें ज्ञान के स्वरूप में प्रदान करते हैं। मेरे जीवन में मेरे विद्यालय का बड़ा प्रभाव है।

मेरे विद्यालय का वर्णन 

मेरे विद्यालय का नाम आशुतोष पब्लिक स्कूल है। यह मेरे घर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। मेरा स्कूल भवन काफी बड़ा है और इसमें एक हरा भरा खेल का मैदान भी है। स्कूल सुबह 7:00 बजे प्रारंभ होता है और सभी बच्चे सुबह खेल के मैदान में एक साथ एकत्रित होकर प्रार्थना करते हैं। मेरा विद्यालय मेरे लिए मेरा दूसरा घर है। यहां मेरे बहुत सारे दोस्त हैं जिनके साथ में लंच ब्रेक में गेम खेलता हूं। विद्यालय के सभी शिक्षक बड़े ही दयालु और बुद्धिमान है वह हमें हमारे अभिभावकों की तरह ही प्रेम से ज्ञान देते हैं। मेरे विद्यालय में बच्चों के लिए विज्ञान तथा बायलॉजी प्रयोगशाला भी हैं। इसके साथ ही विद्यालय में एक बड़ा सा पुस्तकालय है, जहां सभी बच्चे बड़ी आसानी से बैठकर एक साथ पढ़ाई कर सकते हैं।

विद्यालय की भूमिका

विद्यार्थी के जीवन में विद्यालय की एक अहम भूमिका होती है। विद्यालय ही वह स्थान होता है, जहां से विद्यार्थी नियम, संयम शिष्टाचार स्वास्थ्य संबंधित सभी विषयों के बारे में सीखता है। स्कूल में आयोजित होने वाली तरह तरह की प्रतियोगिताओं से ही विद्यार्थी के कौशल और ज्ञान में वृद्धि होती है। मेरे विद्यालय में बच्चों को उन सभी नियमों के बारे में सिखाया जाता है, जो कि एक वास्तविक जीवन के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

उपसंहार

विद्यालय एक ऐसा स्थान है जो क्षमताओं को बढ़ावा देता है हमें अवधारणाएं सिखाता है। यहां होने वाले आयोजन हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाने का कार्य करते हैं। हमें अपनी संस्कृति से अवगत कराते हैं। विद्यालय ही हमें भौतिक व वास्तविक ज्ञान देकर भविष्य के लिए तैयार करता है। मुझे मेरे विद्यालय और विद्यार्थी जीवन से बहुत प्रेम है। यह वही जगह है, जहां मैंने दोस्ती जैसे बंधन का निर्माण होते देखा है। मुझे मेरा विद्यालय भवन अति प्रिय है और मुझे यहां आकर पढ़ाई करना बहुत पसंद है। मेरा विद्यालय हम सभी विद्यार्थियों का गौरव है, और हम इस महान संस्था में अध्ययन कर रहे हैं, यह हमारा सौभाग्य है।

my school essay in hindi (500 Words)

प्रस्तावना

विद्यालय का छात्र के जीवन में एक अलग स्थान होता है। यहां बच्चों के जीवन निर्माण की नीव रखी जाती है। एक अच्छा विद्यालय सबसे अच्छे विद्यार्थियों का निर्माण करता है, जो भविष्य में अपने विद्यालय और देश का नाम रोशन करते हैं। बच्चों के उज्जवल भविष्य के निर्माण में विद्यालय और उनके शिक्षकों का काफी योगदान होता है। यहीं से देश के आने वाले नेता, साइंटिस्ट डॉक्टर, इंजीनियर तैयार होते हैं। विद्यालय में ज्ञान देने वाले शिक्षक हमारे जीवन के रचयिता होते हैं, वह हमें अच्छे जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं।

मेरे विद्यालय का वर्णन

मेरे विद्यालय का नाम संत कबीरदास हाई स्कूल है। यह शहर से तकरीबन 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मैं प्रतिदिन पैदल ही स्कूल जाता हूं, कभी-कभी मेरे पिताजी ऑफिस जाते समय मुझे विद्यालय तक छोड़ देते हैं। विद्यालय भवन बहुत ही बड़ा है, इसमें लगभग 45 कमरे हैं और बच्चों के खेलने के लिए एक बड़ा खेल का मैदान भी है। मेरा विद्यालय सुबह 7:00 बजे से प्रारंभ होता है। जहां सभी बच्चे खेल के मैदान में खड़े होकर प्रार्थना में भाग लेते हैं। इसके बाद सभी बच्चे अपनी अपनी क्लास में पुनः लौट जाते हैं। मेरे विद्यालय में बड़ा पुस्तकालय है जहां बच्चों को पढ़ने की पूरी आजादी है इसके साथ-साथ विद्यालय में विज्ञान प्रयोगशाला खेल सामग्री नृत्य कक्षा जैसी कई कक्षाएं हैं। यहां का वातावरण हरियाली से भरा हुआ है और काफी साफ और स्वच्छ है। बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ शारीरिक विकास के लिए भी यहां कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। हर सप्ताह विद्यालय में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं होती है, जिसमें बच्चे अपने ज्ञान का प्रदर्शन करते हैं। मेरा विद्यालय शहर का सबसे अच्छा विद्यालय है और मुझे इसका विद्यार्थी होने पर गर्व है।

विद्यालय के प्रति हमारा कर्तव्य

विद्यालय को ज्ञान का मंदिर कहा जाता है। जहां बच्चे अपने जीवन का सबसे महत्वपूर्ण ज्ञान अर्जित करता है, जिस तरह लोग भगवान के मंदिर का सम्मान करते हैं और उसे साफ रखते हैं। उसी तरह हमें भी हमारे विद्यालय का सम्मान करना चाहिए, और उसे साफ स्वच्छ रखना चाहिए। विद्यालय में शिक्षा दे रहे सभी शिक्षक हमारे लिए गुरु के समान होते हैं, हमें हमारे गुरु का सम्मान करना चाहिए। हमें विद्यालय के नियमों का पालन करना चाहिए और इसे आगे बढ़ाने में हमें अपना योगदान देना चाहिए। विद्यालय की गरिमा को बढ़ाना हमारा कर्तव्य होता है। विद्यालय से शिक्षा पूरी करने के बाद हमें अपने शिक्षक और विद्यालय को कभी भूलना नहीं चाहिए।

उपसंहार

विद्यालय उसमें पढ़ने वाले सभी बच्चों की संपत्ति होती है, तथा उसका ध्यान रखना भी उन बच्चों का कर्तव्य होता है। विद्यालय सिर्फ पुस्तकीय ज्ञान का माध्यम नहीं है बल्कि वास्तविक जीवन का ज्ञान भी है हमें यही से प्राप्त होता है। यहां बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य प्रतियोगिताओं में आगे बढ़ने का अवसर दिया जाता है। बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद संगीत प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने का मौका दिया जाता है। जहां बच्चों के मानसिक विकास के साथ-साथ शारीरिक विकास पर भी काफी ध्यान दिया जाता है। यहां बच्चों को खेल-कूद, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने के अवसर दिए जाते हैं। जिससे बच्चों का मानसिक एवं शारीरिक विकास होती है। बच्चों को विद्यालय का पूरा लाभ उठाना चाहिए और अपनी पूरी निष्ठा से ज्ञान अर्जित करना चाहिए।  

mera vidyalaya in hindi

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