Our Culture Our Pride Essay: हमारी संस्कृति हमारा गौरव निबंध

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Our Culture Our Pride Essay

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Our Culture our Pride Essay 200 words

एक देश को उस देश की संस्कृति परिभाषित करती है। किसी देश की संस्कृति का अनुमान लोग उसके पहनावे, खान पान और भाषा से लगाते हैं। किंतु संस्कृति इन सभी चीजों से कहीं व्यापक है। संस्कृति लोगों के आचरण और व्यवहार में झलकती है। भारत देश की संस्कृति के कारण ही यहां के लोगों में काफी आत्मीयता देखने को मिलती है। भारत की परंपरा में तो अतिथियों को देव आगमन के समान माना है। यहां के हर प्रांत हर राज्य में पहनावा, खान पान, भाषा और जनजातियां बदल जाती है लेकिन उनकी वासुदैव कुटुमकंब की भावना एक समान ही रहती है।

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उन सभी का संदेश परस्पर एक दूसरे का सहयोग और प्रेम करना है। भारत एक ऐसा हीरा है जिसकी चमक कई मुगल हमलों, 200 वर्षों की गुलामी और उससे होने वाली आर्थिक विपत्ति से भी फीकी नहीं पड़ी है। भारतीयों ने अपनी संस्कृति को नहीं खोया हालांकि लोग अब पाश्चात्य सभ्यता की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। लेकिन भारतीय संस्कृति की छाप अब भी लोगों के दिल में है। विदेशों के लोग भारतीय संस्कृति से प्रभावित होकर उसे बड़े गर्व से अपना रहे हैं। मैं ऐसी भारत भूमि व उसकी गौरवशाली संस्कृति के आगे नतमस्तक हूं व उसे प्रणाम करता हूं।

Our Culture our Pride Essay in 300 words

प्रस्तावना

जिस प्रकार शरीर बिना प्राण के जीवित नहीं रह सकता। उसी प्रकार कोई भी व्यक्ति अपनी संस्कृति के बिना नहीं रह सकता। भारतीय संस्कृति को सबसे महान माना जाता है। इसमें एक आदर्श जीवन जीने के कई सारे महत्वपूर्ण तत्व है, जैसे कि शिष्टाचार, धार्मिक संस्कार, दूसरों के प्रति आदर सम्मान, सभ्य संवाद, मान्यताएं इत्यादि। भारत के पास स्वयं की संस्कृति है जिसमें लोगों को शांतिपूर्ण और प्रेम पूर्वक रहने के लिए प्रेरित किया जाता है।

भारतीय संस्कृति की विशेषता 

भारतीय संस्कृति की विशेष बात है इसमें प्रेम और आत्मीयता होना। भारत की संस्कृति ने हमें वासुदेव कुटुम्बकम का पाठ पढ़ाया और बताया की सारी धरती ही हमारा घर है एवं इसमें रहने वाले हमारे परिवार जन के समान है। महान विद्वानों ने भारत को ‘विविधता में एकता’ के कथन के साथ संबोधित किया है। विविधता में एकता का अर्थ है, जहां विभिन्न प्रकार के धर्मों के लोग एक साथ अपनी संस्कृति और परंपरा को निभाते हुए शांतिपूर्ण तरीके से रहते हैं। यहां सभी लोगों के धर्म अलग हैं भाषा अलग है खाने की आदत रीति रिवाज सब अलग है लेकिन फिर भी वह एकता के साथ रहते हैं यही भारत की संस्कृति की विशेषता है।

संस्कृतियों से पूर्ण भारत

प्राचीन काल से ही भारत को संस्कृति से पूर्ण देश कहा जाता है। यहां लोग अपनी संस्कृति का सदैव पालन करते हैं। भारत को एक ऐसा राज्य माना जाता है जहां विभिन्न धर्मों के लोग अपनी-अपनी अनोखी संस्कृति के साथ एकता से रहते हैं। अपने धर्म के अनुसार लोग सभी त्योहार अपनी परंपरा और रीतिरिवाज के साथ मनाते हैं। अलग-अलग धर्म रिती रिवाज होने के बाद भी सभी लोग एक दूसरे के त्यौहार को मिलकर बड़ी खुशी के साथ मनाते हैं। यहां कई सारे सामाजिक कार्यक्रम राष्ट्रीय कार्यक्रम लोग बिना किसी भेद भाव के एकजुट होकर मनाते हैं।

निष्कर्ष

भारत की संस्कृति में कई विभिन्न परंपरा के लोग शामिल हैं तथा सबके अपने-अपने रीति रिवाज हैं। अलग-अलग जाति धर्म में जन्म लेने वाले व्यक्ति एक साथ प्रेम से रहना पसंद करते हैं, यही हमारी संस्कृति का मुख्य अंग है। भारत की संस्कृति लोगों को एक साथ जोड़ना सिखाती है, लोगों में प्रेम बांटना सिखाती है। इसीलिए विश्व भर में भारत को संस्कृति के देश के नाम से जाना जाता है।

Our Culture is Our Pride Essay 500 words

प्रस्तावना

हर देश की पहचान उसकी संस्कृति से होती है। जिस देश की संस्कृति जितनी विभिन्न और सौहार्दपूर्ण होती है, वह उतना ही प्रसिद्ध देश होता है। सदियों से भारत को एक सोने की चिड़िया के रूप में जाना जाता है। यहां की संस्कृति मूल उद्देश्य सभी से विचित्र हैं। यहां लोगों को प्रेम के साथ रहते देखा गया है। विभिन्न प्रकार की जाति उपजाति धर्म से होने के बाद भी लोग बिना कटाक्ष के एक दूसरे की सहायता करते हैं, तथा अपनी अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाते हैं।

संस्कृति का अर्थ

संस्कृति का अर्थ है, अपने पूर्वजों द्वारा बनाए गए रीति रिवाज, धार्मिक मान्यताएं, शुभ काम को करने के तरीके, जिनका हम पालन करते आ रहे हैं, उसे संस्कृति कहते हैं। हमारी संस्कृति हमें बहुत कुछ सिखाती है। इससे ही इंसान जीवन जीने का तरीका सीखता है तथा न्याय अन्याय में फर्क अपने धर्म का पालन करता है। भारत में कई अलग धर्म के लोग पाए जाते हैं, जैसे हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई। यहां सबकी अपनी अपनी धार्मिक मान्यताएं तथा संस्कृति है, लेकिन इन सभी संस्कृतियों में सभी लोगों को एक साथ जुड़कर प्रेम से रहना सिखाया है। इसीलिए भारत में अनेक प्रकार की जाती और रीतियां होने के बाद भी सभी लोग एक ही संस्कृति का पालन करते हैं।

अपनी संस्कृति को कैसे बचाएं

अगर कोई भी देश अपनी संस्कृति को सुरक्षित नहीं रख सकता, तो शायद आने वाले कुछ सालों में उस देश की संस्कृति को भारी नुकसान उठान पड़ सकता है। इसलिए हमें अपने देश की संस्कृति को बचाए रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा अपनी धार्मिक परंपराओं, रीति रिवाज धार्मिक मान्यताओं, वेशभूषा, ज्ञान कला, विज्ञान के बारे में जानना चाहिए व उन्हें अपनाना चाहिए। अपनी संस्कृति को अपना गौरव समझन चाहिए और उसे बढ़ाने और बचाने के लिए पीढ़ी दर पीढ़ी अपनी संस्कृति की व्याख्या करने का प्रयास करना चाहिए। भारतीय संस्कृति एक तरह का विचार है, जिसे अपनाकर कोई भी अपना विकास कर सकता है।

भारतीय संस्कृति पर दुष्प्रभाव

भारतीय संस्कृति पूरे विश्व में सबसे अच्छी मानी जाती है। लेकिन अंग्रेजों के आने के बाद उन्होंने हमारी संस्कृति को काफी नुकसान पहुंचाया है। लोगों को अंग्रेजी संस्कृति अपनाने के लिए मजबूर किया, परंतु आज के समय में सभी लोग अपनी संस्कृति को भूल कर विदेशी संस्कृति अपनाने में लगे हैं। अंग्रेज जानते थे कि अगर भारत जैसे देश पर राज करना है तो इनकी संस्कृति को मिटाना होगा जिसमें कि वह आप सफल होते दिख रहे हैं। अंग्रेजों द्वारा हमारी संस्कृति के अंग जैसे कि कला विज्ञान धार्मिक मान्यताएं रीति रिवाज को बदल दिया गया है। भारतीय संस्कृति को बचाए रखने के लिए लोगों को अपनी संस्कृति को बढ़ावा देना प्रारंभ करना चाहिए।

निष्कर्ष

हमारी संस्कृति हमारी धरोहर है। हमें इसे संजोए रखना है। हमारे पूर्वजों और ऋषि मुनि द्वारा हमें संस्कृति उपहार में मिली है जिसे हमें आगे बढ़ाना है। अपनी संस्कृति का पालन करते हुए हमें सभी जाति धर्म विशेष के लोगों के साथ प्रेम पूर्वक रहना है। लोगों के सुख-दुख में साथ देकर तथा अपने समाज को बेहतर बनाना है। हमारी संस्कृति ने हमें कई तरह की चीजें सिखाई है जैसे कि न्याय अन्याय के प्रति हमारी समाज सिद्धांत और मान्यताओं को मानने का तरीका। पुरानी पीढ़ी के लोगों ने अपनी मान्यता और अपनी संस्कृति को नई पीढ़ी को सौंपा है जिसे हमें आगे बढ़ाना है।

our culture is our pride essay

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