Plastic Pollution Essay in Hindi: प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध

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Plastic Pollution Essay in Hindi

यहां हम आपको “Plastic Pollution Essay in Hindi” उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध/ स्पीच को अपने स्कूल या कॉलेज के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी प्रतियोगिता के लिए भी Plastic Pradushan Par Nibandh तैयार करना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए.

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प्लास्टिक फ्री इंडिया अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर 2019 से की गई थी। इस अभियान को मोदी सरकार द्वारा शुरू किया गया था। आज प्लास्टिक का उपयोग हम सभी के द्वारा काफी अधिक मात्रा में किया जा रहा है। जैसा कि हम सभी जानते हैं, यह सिंगल यूज प्लास्टिक हमारे लिए और पर्यावरण के लिए काफी हानिकारक हो सकता है। लेकिन फिर भी हम अंधाधुन इसका इस्तेमाल किए जा रहे हैं।

सभी लोगों के पास प्लास्टिक को इस्तेमाल करने के अपने-अपने कारण हैं, कोई इसे सामान लाने के लिए इस्तेमाल करता है तो कोई खाना रखने के लिए और यहां तक की पहनने वाले कपड़ों में भी अब तो प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है। सभी लोग अपने रोजमर्रा की चीजों को रखने के लिए प्लास्टिक का इस्तेमाल कर रहे हैं। एक सर्वेक्षण के अनुसार प्लास्टिक में खाना रखने से खाना खराब होता है ,और इससे कैंसर होने का खतरा भी रहता है। हम लोगों को चाहिए कि हम प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करें, ताकि हम अपने पर्यावरण और पर्यावरण में रहने वाले सभी जीव जंतुओं को बचा सकें।

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प्रस्तावना

आज सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रचलन काफी तेजी से बढ़ रहा है। प्लास्टिक एक ऐसा पदार्थ है, जिसे कभी नष्ट नहीं किया जा सकता। प्लास्टिक से होने वाले नुकसान के बारे में सभी लोग जानते हैं, लेकिन फिर भी आंख बंद करके इसका इस्तेमाल किए जा रहे हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार सिंगल यूज प्लास्टिक में रखी हुई चीज को नहीं खाना चाहिए। क्योंकि इसमें ऐसे कुछ बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जो इंसान के स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होते हैं। भारत देश में 1 दिन में लगभग हजारों टन प्लास्टिक का कचरा इकट्ठा किया जाता है, जिसमें सबसे अधिक मात्रा प्लास्टिक वेस्ट की होती है।

Plastic Pollution Essay in Hindi
Plastic Pollution Essay in Hindi
प्लास्टिक पर्यावरण के लिए कैसे हानिकारक है?

वैज्ञानिकों के अनुसार प्लास्टिक एकमात्र ऐसा पदार्थ है, जिसे किसी भी प्रकार से नष्ट नहीं किया जा सकता। प्लास्टिक की पॉलीथिन को अगर जलाया जाए तो इसका विषैला धुआं वायु को दूषित करता है। अगर यह प्लास्टिक कूड़े कचरे के साथ जमीन पर पड़ा रहे तो जमीन को बंजर बनाता है। इसके अलावा कई बार आवारा पशु खाने के साथ प्लास्टिक की पॉलीथिन को भी खा जाते हैं, जिसके कारण उनकी मृत्यु हो जाती है। प्लास्टिक में ऐसे कई सारे केमिकल और बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जो इंसान के शरीर को धीरे-धीरे कमजोर करते हैं। पर्यावरण में मौजूद प्लास्टिक पेड़ पौधों, जीव जंतुओं एवं सभी के लिए हानिकारक होता है।

प्लास्टिक से होने वाली हानियां/ दुष्प्रभाव

प्लास्टिक का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव यह है, की इसके कारण लोगों को कई सारी बीमारियां हो सकती हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक कुछ ऐसे पदार्थों से बनाया जाता है, जो कि जीव जंतु ,पर्यावरण, पानी, इंसानों के लिए काफी हानिकारक होता है। पॉलिथीन में अगर किसी खाने की चीज को रखा जाए तो खाने में कुछ ऐसे बैक्टीरिया आ जाते हैं। जो इंसान के लिए कैंसर होने का कारण बनते हैं। पर्यावरण के लिए भी प्लास्टिक बेहद हानिकारक होता है। यह जमीन में नए पेड़ पौधों को उगने से रोकता है। इसके अलावा कई बार प्लास्टिक नदी नालों में जाकर पानी में रहने वाले जीव जंतुओं को नुकसान पहुंचाता है।

प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान

इस अभियान की शुरुआत केंद्र सरकार द्वारा 2 अक्टूबर 2019 को की गई थी। इस अभियान को शुरू करने का मुख्य कारण कुछ बड़े शहर जैसे कि दिल्ली-मुंबई को प्लास्टिक से मुक्त करना है। एक सर्वे के अनुसार यह बताया गया है, कि भारत में प्रतिदिन 15000 तन से अधिक प्लास्टिक कचरा फेंका जाता है। सफाई कर्मियों द्वारा प्रतिदिन 10000 टन से अधिक का कचरा इकट्ठा किया जाता है। भारत में सिंगल यूज प्लास्टिक की मात्रा इतनी अधिक बढ़ चुकी है, कि शहर के बाहर कचरे के बड़े-बड़े पहाड़ बने हुए हैं। प्लास्टिक का उपयोग बंद कर अब हम लोगों को पर्यावरण के बचाव के बारे में सोचना चाहिए।

उपसंहार

आज समय यह आ गया है की हम खाने से लेकर पहनावे और अन्य चीजों के लिए प्लास्टिक निर्मित वस्तुओं पर निर्भर हो गए हैं। हमें छोटे छोटे प्रयासों द्वारा धीरे धीरे प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करना चाहिए। लोगों को सामान लेने के लिए प्लास्टिक की जगह कपड़े से बने थैले का इस्तेमाल करना चाहिए। जिन भी सामानों की पैकिंग प्लास्टिक में की जाती है, जैसे कि खाद्य पदार्थ ,छोटे उपकरण, पानी, केमिकल इत्यादि चीजों को पैक करने के लिए दूसरे विकल्प जैसे कि कागज कपड़े से बनी चीजों को इस्तेमाल करना होगा। हमें जितना हो सकें प्लास्टिक की वस्तुओं को रिसायकल करना चाहिए। इन छोटे-छोटे प्रयासों द्वारा हम पर्यावरण से प्लास्टिक दूर कर पर्यावरण में रहने वाले जीवों के साथ-साथ खुद का भी जीवन बचा सकेंगे।

Plastic Pollution Par Nibandh

हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस “Mahatma Gandhi Essay in Hindi” जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह Plastic Pollution Par Nibandh अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Plastic Pradushan Par Nibandh कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay या Speech कौन से टॉपिक पर चाहिए. इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.

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