Quit India Movement Speech for Students in Hindi

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Quit India Movement Speech for Students in Hindi

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Speech on Quit India Movement in Hindi (1 Minute Speech)

भारत की स्वतंत्रता में महात्मा गांधी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनके द्वारा स्वतंत्रता के लिए किए गए संघर्ष और कठोर परिश्रम के कारण ही उन्हें महात्मा की उपाधि दी गई है। महात्मा गांधी ने भारत को स्वतंत्र करने के लिए कई सारे महत्वपूर्ण आंदोलन किए थे। महात्मा गांधी द्वारा एक महत्वपूर्ण आंदोलन आयोजित किया गया था, जिसे भारत छोड़ो आंदोलन के नाम से जाना जाता है। इस आंदोलन को अगस्त क्रांति के नाम से भी जानते हैं। इस वर्ष 8 अगस्त 2023 को हम भारत छोड़ो आंदोलन की 81वीं वर्षगांठ मनाने वाले हैं। भारत छोड़ो आंदोलन स्वतंत्रता की लड़ाई में एक नया मोड़ लेकर आया इस आंदोलन के 5 साल बाद ही भारत अंग्रेजों से आजाद हो गया।

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Essay on Quit India Movement in Hindi

Short Speech on Quit India Movement (2 Minute Speech)

हमारे कई सारे स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत को आजादी दिलाने के लिए अपना खून पसीना एक कर दिया। सभी स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा एवं भारत वासियों द्वारा अंग्रेजों के कठोर अत्याचार सहे गए तब जाकर भारत को आजादी मिली है। भारत की आजादी की लड़ाई में कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना योगदान दिया, उन्हीं में से एक महान स्वतंत्रता सेनानी महात्मा गांधी भी थे। महात्मा गांधी ने भारत देश की आजादी के लिए कई बार भूख हड़ताल जैसे आंदोलन किए थे। स्वतंत्रता की लड़ाई के दौरान एक मुख्य आंदोलन गांधी जी द्वारा चालू किया गया था, जिसे “भारत छोड़ो” आंदोलन के नाम से जाना जाता है।

इस आंदोलन की शुरुआत महात्मा गांधी ने 8 अगस्त 1942 की शाम को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी कि मुंबई मीटिंग में किया था। यह आंदोलन काफी असरदार रहा। इस आंदोलन में लाखों भारतीयों ने हिस्सा लिया था। इस आंदोलन को भारत का सबसे बड़ा जन आंदोलन भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें स्वतंत्रता सेनानियों के अलावा भारत के आम नागरिकों ने तथा युवाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। इस आंदोलन के दौरान हजारों युवाओं ने कॉलेज जाने की वजह जेल जाने का रास्ता अपनाया ताकि वे अपने देश को जल्द से जल्द आजाद करा सके। इस वर्ष 2023 में इस आंदोलन को 81 वर्ष पूरे हो जाएंगे।

Quit India Movement Speech for Students in Hindi
Quit India Movement Speech for Students in Hindi

Quit India Movement Speech for Students (3 Minute Speech)

जैसा कि हम सभी भारतवासी यह जानते हैं, कि अंग्रेजों द्वारा हम पर 200 साल शासन किया गया है। अंग्रेजों के शासन काल के समय भारत की स्थिति ऐसी थी, कि लोगों के पास खाने के लिए एक वक्त की रोटी तक नहीं थी। अंग्रेजों द्वारा भारतीयों का काफी शोषण किया जाता था। तब हमारे कुछ स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों से बगावत कर भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई शुरू की। धीरे-धीरे भारत के अन्य राजनेताओं ने इस लड़ाई को आगे बढ़ना शुरू किया और स्वतंत्रता की लड़ाई में हमारे कई महान स्वतंत्रता सेनानियों का नाम बाहर आया। स्वतंत्रता की लड़ाई में लाला लाजपतराय, सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, मंगल पांडे, रानी लक्ष्मीबाई, लाल बहादुर शास्त्री, बाल गंगाधर तिलक जैसे कई महान स्वतंत्रता सेनानियों ने हिस्सा लिया था। इन सभी स्वतंत्रता सेनानियों में से एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी महात्मा गांधी भी है, जिन्होंने भारत को आजाद कराने के लिए अहिंसा का रास्ता अपनाया।

उन्होंने अंग्रेजों के प्रति हिंसा ना करते हुए स्वयं को भूख हड़ताल के माध्यम से कष्ट दिया ताकि भारत के अन्य नागरिक स्वतंत्रता के लिए जागरूक हो सके। महात्मा गांधी का एक मुख्य आंदोलन जिसने पूरा इतिहास बदल के रख दिया, उस आंदोलन का नाम भारत छोड़ो आंदोलन था। इस आंदोलन की शुरुआत महात्मा गांधी ने मुंबई में हुई कांग्रेस कमेटी की मीटिंग के दौरान 8 अगस्त 1942 की शाम को किया था। इस आंदोलन में महात्मा गांधी ने भारत के लोगों को “करो या मरो” का नारा दिया। आंदोलन की शुरुआत करते ही अगले दिन महात्मा गांधी को गिरफ्तार कर लिया गया इसके बाद अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने और आम नागरिकों ने इस आंदोलन में भाग लेकर हिंसक प्रदर्शन किया। अंग्रेजी शासन आम जनता के इस उग्र रूप को देखकर डर गया।उन्होंने भी इस आंदोलन को दबाने के लिए हिंसा का सहायता लिया फिर भी इस आंदोलन को खत्म करने के लिए उन्हें 1 साल से अधिक का समय लग गया। यह आंदोलन हमारे इतिहास का एक अविस्मरणीय हिस्सा है। 

Bharat Chhodo Andolan Speech in Hindi (5 Minute Speech)

8 अगस्त के दिन हर साल हम भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ मनाते हैं। इस वर्ष भारत छोड़ो आंदोलन की 81वीं वर्षगांठ मनाएंगे। आप सभी लोगों ने अपने इतिहास को पढ़ा ही होगा और यह बात भी जानते ही होंगे कि स्वतंत्रता की लड़ाई में कितने स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान कुर्बान कर दी। आज हम जिस आजादी का जश्न मना रहे हैं, उस आज़ादी की कीमत लाखों स्वतंत्र सेनानियों एवं आम नागरिकों ने अपनी जान देकर चुकाई है। स्वतंत्रता की लड़ाई में कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना जीवन व्यतीत कर दिया था। उन्हीं में से एक स्वतंत्रा सेनानी महात्मा गांधी थे।

महात्मा गांधी ने भारत को अंग्रेजों से आजाद कराने के लिए चंपारण सत्याग्रह, खेड़ा सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह जैसे कई आंदोलन किए थे। इन्हीं आंदोलनों में से एक प्रमुख आंदोलन भारत छोड़ो आंदोलन है। इस आंदोलन की शुरुआत महात्मा गांधी द्वारा कांग्रेस कमेटी के मुंबई सेशन में की गई थी। महात्मा गांधी ने 8 अगस्त 1942 की शाम मुंबई में भाषण देते वक्त भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की बात कही और सभी भारतवासियों को “करो या मरो” का नारा दिया। इस नारे का एक ही अर्थ था, किसी भी हाल में स्वतंत्रता प्राप्त करनी है। आंदोलन शुरू करने के बाद अगले ही दिन सुबह महात्मा गांधी एवं अन्य प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों को अंग्रेजों द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया और देश के अलग-अलग जेलों में भेज दिया गया।

इसके बाद देश के कई युवा क्रांतिकारियों ने इस आंदोलन का मोर्चा संभाला और इस आंदोलन को सारे देश में फैलाया। अपने नेताओं की गिरफ्तारी से गुस्साए लोगों ने अंग्रेजो के खिलाफ हिंसक कार्यवाही करना शुरू कर दी। आम जनता ने भी इस आंदोलन में भाग लेते हुए कई सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जैसे कि रेलवे ,टेलीफोन लाइन , पुलिस स्टेशन इत्यादि। वैसे महात्मा गांधी का यह आंदोलन तो राष्ट्रहित में था ,फिर भी कई सारे राजनेताओं ने और स्वतंत्र सेनानियों ने इसमें हिस्सा नहीं लिया। आजाद हिंद फौज के युवा सुभाष चंद्र बोस के आदर्शों से प्रभावित थे। इसलिए उन्होंने इस आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया इसके अलावा मुस्लिम लीग के कुछ सदस्यों ने भी इस आंदोलन का विरोध किया। लेकिन देश की जनता जागरुक हो चुकी थी ,इस आंदोलन में लाखों युवाओं ने अपना कॉलेज छोड़ कर जेल जाने का रास्ता अपनाया इसे सही मायने में जन आंदोलन कहां जाता है क्योंकि इस आंदोलन के दौरान लगभग 60,000 से अधिक भारतीयों को गिरफ्तार कर जेल में डाला गया था। इसी आंदोलन के बीच बंगाल में अकाल पड़ गया।

जिसके कारण 30लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई लेकिन फिर भी लोगों ने स्वतंत्रता के लिए आंदोलन में भाग लिया। भारत में इस आंदोलन को बढ़ता देख अंग्रेज भयभीत हो गए उन्होंने भी इस आंदोलन को रोकने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया। अंग्रेजों द्वारा भी भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के साथ हिंसक कार्यवाही की गई जिसके चलते कई लोगों की जान भी गई। अंग्रेजों को इस आंदोलन को पूरी तरह खत्म करने में लगभग 1 साल से अधिक का समय लग गया था। इस आंदोलन के समाप्त होने के बाद मात्र 5 सालों के भीतर ही भारत अंग्रेजों से आजाद हो गया। इस आंदोलन में जिन भी स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान कुर्बान की है। उन्हें हम श्रद्धांजलि देते हैं, और उनके द्वारा किए गए इस काम के लिए हम सदा उनके आभारी रहेंगे धन्यवाद …जय हिंद …वंदे मातरम!

Speech on Quit India Movement in Hindi

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