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Shikshak Divas Per Nibandh
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शिक्षक दिवस पर निबंध 100 शब्दों में ( Essay on teachers day 100 Words)
गुरु को मार्गदर्शक कहा जाता है. क्योंकि एक गुरु ही होता है जो अपना सारा ज्ञान अपने शिष्यों में बैठता है. अपनी ज्ञान रूपी सड़क के जरिए शिष्य को उसकी मंजिल तक पहुंचाता है. वास्तव में शिक्षक और सड़क के समान होता है जिसके माध्यम से शिष्य अपनी मंजिल तक पहुंच जाता है. शिक्षक दिवस डॉक्टर राधाकृष्णन के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है डॉक्टर राधाकृष्णन भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे. हमारे देश में गुरु का स्थान भगवान से भी बड़ा होता है. शिक्षक एक ऐसा कुम्हार होता है जो सैकड़ों हजारों विद्यार्थियों के जीवन को आकार देता है. मैं अपने सभी शिक्षकों को हृदय की गहराइयों से शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देता हूं.
शिक्षक दिवस पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on teachers day 200 Words)
दुनिया में हर व्यक्ति की सफलता के पीछे किसी न किसी रूप में उसके शिक्षक का योगदान जरूर होता है. हम संपूर्ण देश में 5 सितंबर को हर वर्ष शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं. 5 सितंबर को हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन मनाया जाता है लेकिन संपूर्ण भारत के शिक्षकों को सम्मान देने के लिए उन्होंने उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का आग्रह किया था. जिसके बाद 5 सितंबर 1962 से हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को अध्यापक पेशे से बहुत अधिक प्रेम था. जिस कारण उन्होंने अपने जन्मदिन को शिक्षकों का दिन बनाने का आग्रह किया था.
एक शिक्षक हमें शैक्षणिक दृष्टि से तो बेहतर बनाता ही है इसके साथ ही एक शिक्षक हमारे भीतर के सभी गुणों को भी निखारता है. किसी भी व्यक्ति की सफलता के पीछे उसके माता-पिता के बाद शिक्षक का ही नाम आता है. प्रत्येक विद्यार्थी को अपने शिक्षक का सच्चे मन से सम्मान करना चाहिए. एक शिक्षक के लिए विद्यार्थी का सच्चे मन से सम्मान करना ही पुरस्कार के समान होता है.
शिक्षक दिवस पर निबंध 300 शब्दों में ( teachers Day essay 300 Words)
गुरु शिष्य की परंपरा हमारे भारत में प्राचीन समय से ही चली आ रही है. यह परंपरा भारत की संस्कृति का एक महत्वपूर्ण और पवित्र रिश्ता माना जाता है. हमारे यहां गुरु का स्थान भगवान से भी ऊपर होता है. बेशक हमारे जीवन में माता-पिता का स्थान कोई नहीं ले क्योंकि हमारे माता पिता ही हमारे जीवन के पहले गुरु होते हैं लेकिन जब हम बड़े हो जाते हैं तो सही मार्ग पर चलने का ज्ञान एक शिक्षक ही विद्यार्थी को प्रदान करता है.
हमारे देश में हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है भारत के पहले उपराष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म इसी दिन हुआ था. बेबी एक विद्वान शिक्षक थे. डॉक्टर राधाकृष्णन जब उपराष्ट्रपति बन गए तब उनके मित्रों और कुछ छात्रों ने उनका जन्मदिन मनाने की बात कही तो राधाकृष्णन का कहना था कि यदि उनका जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाएगा तो उन्हें बहुत ही खुशी होगी और उन्हें गर्व भी होगा. जिसके बाद से संपूर्ण देश में वर्ष 1962 से ही हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाने की परंपरा चल पड़ी.
शिक्षक दिवस को ना सिर्फ भारत में मनाया जाता है बल्कि बहुत सारे दूसरे देशों में भी बड़े ही धूमधाम से शिक्षक दिवस मनाया जाता है. विश्व के 21 देशों में हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है जिसमें बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया, चाइना, जर्मनी, पाकिस्तान श्रीलंका, इरान आदि सम्मिलित है. वही विश्व के 11 देशों में 28 फरवरी को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. सच में शिक्षक उस सड़क के समान होता है जिसके माध्यम से विद्यार्थी सफलता तक आसानी से पहुंच जाता है. प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में एक अच्छे गुरु का होना बहुत ही आवश्यक है जिससे कि वह व्यक्ति अज्ञानी से ज्ञानी बन सके.
शिक्षक दिवस पर निबंध 500 शब्दों में (Essay on teachers Day 500 Words)
प्रस्तावना
गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वर: गुरुर साक्षात परमब्रम्हा, तस्मै श्री गुरुवे नमः यानी गुरु ही ब्रह्मा गुरु ही विष्णु है और गुरु ही महेश्वर यानी शिव है. अर्थात गुरु में ही तीनों देवताओं का निवास है. गुरु सभी देशों में श्रेष्ठ परम ब्रह्मा के समान हैं ऐसे गुरुओं को हमारा नमन है. गुरु शिष्य परंपरा हमारे देश प्राचीन समय से ही चली आ रही है. गुरु और शिक्षक का संबंध सदियों से पवित्र और महत्वपूर्ण रहा है.
शिक्षक दिवस कब मनाते हैं?
हम संपूर्ण देश में हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाते हैं. 5 सितंबर को ही शिक्षक दिवस मनाने का खास कारण यह है कि इस दिन भारत के पहले उपराष्ट्रपति डॉ राधाकृष्णन का जन्मदिन भी मनाया जाता है. लेकिन उपराष्ट्रपति बनने के बाद राधाकृष्णन को जब उनके दोस्तों और विद्यार्थियों ने जन्मदिन मनाने को कहा तो डॉ राधाकृष्णन ने कहा कि मुझे बहुत ही गर्व होगा यदि मेरे जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाएगा. उपराष्ट्रपति बनने से पहले डॉ राधाकृष्णन एक बहुत ही विद्वान शिक्षक थे. जिस वजह से उन्होंने हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाने को कहा. जिसके बाद से वर्ष 1962 से ही हर साल 5 सितंबर को हम शिक्षक दिवस मनाते हैं.
शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है? (Why teachers’ Day is celebrated)
शिक्षक दिवस हमारे देश के दूसरे राष्ट्रपति और पहले उपराष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के रूप में मनाया जाता है. डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म भी 5 सितंबर को ही हुआ था. लेकिन उपराष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने सभी से निवेदन किया कि यदि मेरे जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाएगा तो मुझे बहुत ही खुशी और गर्व महसूस होगा. शिक्षक दिवस डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में मनाया जाता है राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 में हुआ था. राधा कृष्ण एक महान शिक्षाविद थे जिन्होंने भारत के शिक्षा स्तर को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण और अहम योगदान दिए हैं.
शिक्षक दिवस कैसे मनाते हैं?
इस दिन को सभी विद्यार्थी अपने शिक्षकों की लंबी उम्र की कामना करते हुए मनाते हैं और अपने शिक्षकों को बधाइयां देने के साथ ही कई तरह के उपहार, पेन, डायरी, ग्रीटिंग कार्ड आदि सभी देकर बधाइयां देते हैं. शिक्षक दिवस छोटे स्कूलों से लेकर कॉलेजों तक सभी जगह मनाया जाता है. विद्यार्थी को अपने शिक्षक का सच्चे दिल से सम्मान और आदर करना चाहिए. क्योंकि एक माता-पिता के बाद एक शिक्षक ही होता है जो विद्यार्थी को कामयाब बनता देखकर खुश होता है.
उपसंहार
कबीरदास जी कहते हैं कि ‘गुरु गोविंद दोनों खड़े काके लागू पाय, बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो दिखाएं’ यानी कि कबीर दास जी ने गुरु को ईश्वर से भी बड़ा माना है. गुरु अर्थात शिक्षक मनुष्य को ईश्वर का साक्षात्कार कराने का एक माध्यम होता है. वहीं इससे भी पूर्व सांसारिक जीवन में सफलता प्राप्त करने वाली शिक्षा एक गुरु ही शिष्य को देता है. एक शिक्षक भगवान से भी अधिक सम्मान के योग्य है. क्योंकि शिक्षक ना सिर्फ भाषा का ज्ञान करवाता है बल्कि जीवन की परिस्थितियों से कैसे लड़ना और निपटना है इसका भी ज्ञान करवाता है.
teacher day essay in hindi
प्रस्तावना
हमारे जीवन को सफल बनाने में हमारे शिक्षक की अहम भूमिका होती है। शिक्षक ही बच्चो के जीवन निर्माण की सबसे पहली ईट रखता है वह ईट होती है शिक्षा की। शिक्षा से ही हम अच्छे बुरे में फर्क समझने लायक होते है। और यह अमूल्य ज्ञान हमे हमारे शिक्षक द्वारा दिया जाता है। जीवन के हर पड़ाव पर आपको एक शिक्षक आवश्यकता पड़ती है जो आपको सही मार्गदर्शन प्रदान कर सकें। भारत में शिक्षक को भगवान का दर्जा दिया गया है व उनके लिए अपना प्रेम प्रदर्शित करने के लिए शिक्षक दिवस भी बनाया जाता है। भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
शिक्षक दिवस क्यों मनाते हैं?
शिक्षक दिवस के दिन हम अपने हितग्राही व निस्वार्थ शिक्षकों को उनके बहुमूल्य कार्य के लिए सम्मानित करने के लिए शिक्षक दिवस मनाते हैं। शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है इस दिन हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था उनके जन्म के उपलक्ष में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक हमें हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा प्रदान करते हैं। वे हमें अच्छे बुरे में फर्क करना, धर्म की राह पर चलना, अपने बड़ों की इज्जत करना ,अपने देश के प्रति वफादार रहना यह सब गुण हमें शिक्षक द्वारा ही दिए जाते हैं। जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए शिक्षक हमें कई तरह से मदद करते हैं जैसे कि वह हमारे ज्ञान को बढ़ाते हैं हमारा आत्म सम्मान मजबूत करते हैं हमारे अंदर छुपी कला को निखारते हैं हमें अज्ञान रूपी अंधकार से बाहर निकाल कर ज्ञान रूपी रोशनी प्रदान करते हैं। तो क्या जो शिक्षक हमारे जीवन में इतना अमूल्य महत्व रखते हैं उनके लिए हमारी भी तो कुछ जिम्मेदारी बनती है। वैसे तो हम शिक्षक द्वारा किए गए कार्य का कर्ज कभी नहीं चुका सकते परंतु उस कार्य के बदले उन्हें धन्यवाद करने के लिए शिक्षक दिवस पर उन्हें प्रेम के साथ संबोधित करते हैं।
शिक्षक दिवस कब मनाते हैं?
हमारे भारत देश में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। हमें ज्ञान जानकारी और समृद्धि के रास्ते दिखाने वाले हमारे शिक्षक ही होते हैं। इनके द्वारा दिए गए ज्ञान और जानकारी से ही हम जीवन को सफल बनाने के रास्ते ढूंढ पाते हैं। जैसे हमारे माता-पिता के पास कई सारी निजी व व्यक्तिगत समस्याएं होती है उसी तरह हमारे शिक्षक के पास भी कई सारी व्यक्तिगत समस्याएं होती हैं। परंतु वे अपनी समस्याओं को दूर रख कर हमें अपना अर्जित किया हुआ ज्ञान देते हैं। जीवन के हर पड़ाव पर अपनी जिम्मेदारी भली-भांति निभाते हैं। इसलिए हमारा भी फर्ज बनता है कि उन्हें कम से कम साल में 1 दिन तो खुश करने के लिए हमारे द्वारा कुछ किया जाए इसलिए हम 5 सितंबर को शिक्षक दिवस बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। देश के हर बच्चे को पढ़ा लिखा कर शिक्षक देश के निर्माण में अपना योगदान प्रदान करते हैं। एक शिक्षक का जीवन सफल तभी माना जाता है जब उसके द्वारा पढ़ाए गए विद्यार्थी अपना नाम देश दुनिया में रोशन करें। हमें शिक्षक दिवस के लिए हमारे पूर्व राष्ट्रपति श्री डॉक्टर सर्वपल्ली राधा कृष्ण को धन्यवाद करना चाहिए जिनके जन्मदिन के स्वरूप में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यह इसलिए क्योंकि डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन भी से 1 शिक्षक थे वह उन्होंने देश के कई युवाओं को शिक्षा प्रदान करके देश की तरक्की में अपना योगदान दिया। इसलिए 5 सितंबर 1965 को उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
शिक्षक दिवस कैसे मनाते हैं?
शिक्षक दिवस के दिन सभी स्कूलों व कॉलेजों में बड़ा हर्षोल्लास का माहौल होता है।इस दिन सभी छात्र अपने शिक्षकों को ग्रीटिंग कार्ड फूल देकर उनके द्वारा किए गए कार्य के लिए धन्यवाद देते हैं। इस दिन स्कूल व कॉलेजों में शिक्षक दिवस पर कई सारे निबंध व स्पीच दी जाती है। अपने पसंदीदा शिक्षक के बारे में सब को बताते हैं वह उनके कार्य करने के तरीके के बारे में बताते हैं। विद्यार्थियों के लिए अपने शिक्षक के प्रति प्रेम व सम्मान दिखाने का यह सबसे बड़ा अवसर होता है। सभी विद्यार्थी अपने शिक्षक को शिक्षक दिवस की बधाई देने के लिए कई तरह के कार्य करते हैं जैसे कुछ विद्यार्थी उन्हें पेन कॉपी डायरी फूल किताबें तोहफे के रूप में देते हैं तो कुछ विद्यार्थी अपने शिक्षक को बधाई देने के लिए सोशल मीडिया पर उनकी फोटो को भी शेयर करते हैं। हम अपने जीवन में सफल तो हो जाते हैं परंतु हमारी सफलता में शिक्षक का काफी महत्वपूर्ण योगदान होता है। स्कूल व कॉलेजों में इस तरह के कार्यक्रम करने से अपने शिक्षक को सम्मानित करने से शिक्षक और विद्यार्थी के बीच का रिश्ता और भी मजबूत होता है। साल में सिर्फ यही तो 1 दिन होता है जिस दिन हम खुलकर अपने शिक्षक के प्रति अपना प्रेम व सम्मान जाहिर कर सकते हैं इसलिए भारत देश में शिक्षक दिवस बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
उपसंहार
शिक्षक को हमारे जीवन का कुम्हार भी कहा गया है जैसे एक कुम्हार मिट्टी के बर्तन को एक सुंदर आकार देकर आग में तपा कर उसे जीवन में उपयोगी वस्तु बनाता है उसी प्रकार शिक्षक भी हमें ज्ञान रूपी आकार देकर हमें जीवन मैं एक सफल व्यक्ति बनाता है। शिक्षक द्वारा हमारे लिए किए गए कार्यों की तुलना में हम कुछ नहीं कर सकते परंतु उन्हें इस काम के लिए प्रेम के साथ सम्मानित जरूर कर सकते हैं। और अगर जीवन में सफल होने के बाद कभी आपसे पूछा जाए कि आपकी इस सफलता में किसका हाथ है तो आप अपने शिक्षक का नाम जरूर लें इससे आपके शिक्षक को उनके किए गए सारे कार्यों कार्यों का फल मिल जाएगा। क्योंकि एक विद्यार्थी का सफल होना एक शिक्षक की जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
teacher day par essay in hindi
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