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Small Short Stories With Moral Values in Hindi
यहां हम आपको “Small Short Stories With Moral Values in Hindi” उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध/ स्पीच को अपने स्कूल या कॉलेज के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी प्रतियोगिता के लिए भी Small Short Stories With Moral Values in Hindi तैयार करना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए.
कंजूस सेठ (Short Stories With Moral in Hindi)
किसी गांव में भोला नाम का एक लड़का रहता था। उसका पिता गांव का सेठ था, लेकिन वह कंजूस था। एक दिन भोले को पीलिया की बीमारी हो गई। कंजूस सेठ अपने बेटे को किसी वैद्य को दिखाने की जगह, खुद से ही उसका उपचार करने की कोशिश करता रहा इस कारण भोले की हालत और भी बिगड़ गई। जब बुद्ध ने भोला कि यह स्थिति देखी तो, उन्हें बहुत दुख हुआ. वे जाकर भोले के बिस्तर के पास बैठ गए, और उन्होंने भोला को कुछ सुंदर धार्मिक उपदेश कहे। अपने जीवन के अंतिम समय में बुद्ध की बातें सुनकर भोला के मन पर गहरा असर हुआ। थोड़ी ही समय बाद उपदेश सुनते हुए भोला की मृत्यु हो गई। भोला की मौत पर उसका कंजूस पिता बहुत रोया, यह देखकर देवताओं के राजा उसके सामने प्रकट हुए और कहने लगे की आज तुम्हारी कंजूसी के ही कारण तुम्हारे बेटे भोला को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। यह सुनकर कंजूस सेठ बहुत पछताया, लेकिन उसके पास अब पछताने के सिवाय और कोई रास्ता भी नहीं बचा था।
शिक्षा: इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है, की कभी कभी ज्यादा कंजूसी भी प्राणघातक सिद्ध हो सकती है। इसलिए समय के अनुसार हमें चीजों का उपयोग कर लेना चाहिए।
10 Lines Short Stories With Moral in Hindi
मूर्ख बारहसिंघा (Panchatantra Short Stories in Hindi With Moral)
एक जंगल में एक बारहसिंघा रहता था। उसके सिंह बहुत ही सुंदर थे, वहीं उसके पैर बहुत दुबले-पतले थे। बारहसिंघा को अपने सिंग बहुत पसंद थे, लेकिन वह जब भी तालाब पर पानी पीने जाता था, तो स्वयं की परछाई पानी में देखकर अपने सींगों की प्रशंसा करता था, लेकिन अपने पैरों को लेकर दुखी भी रहता था। वह खुद से कहता रहता था की “मेरे सिंग तो बड़े सुंदर हैं, काश मेरे पैर भी इतने ही सुंदर होते।” एक दिन जब बारहसिंघा तालाब पर पानी पीने जा रहा था, तभी एक शेर उसे खाने के लिए पीछे दौड़ा। बारहसिंघा खुदको बचाने के लिए भागा लेकिन रास्ते की एक झाड़ी में उसके सिंग फंस गए, उस क्षण पहली बार बारहसिंघा ने अपने सींगो को कोसा लेकिन जल्द ही बारहसिंघा ने अपने मजबूत पैरों के सहायता से खुदको झाड़ियों में से बाहर निकाला और बड़ी तेजी से भागता हुआ जंगल की ओर चला गया। आज बारहसिंघा अपने पैरों के कारण ही अपने प्राणों की रक्षा कर सका था। इसके लिए उसने अपने पैरों को धन्यवाद किया। उस दिन के बाद बारहसिंघा ने कभी भी अपने पैरों की तुलना अपने सींगों से नहीं की।
शिक्षा: इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की, हमें किसी भी चीज के प्रति घृणित या कुरूपता की भावना नहीं रखना चाहिए।
एकता में बल (Short Stories With Moral)
एक घने जंगल में एक विशाल कोबरा सांप रहता था। वह बहुत धूर्त और घमंडी था। वह कोबरा एक पेड़ के नीचे बिल बनाकर रहता था। वह रात में अपना शिकार करता था, और पूरे दिन सोता था। दिन भर खा-खाकर और सोकर वह बहुत मोटा हो गया था, जिसके कारण उसका बिल छोटा पड़ने लगा। इसलिए वह दूसरे पेड़ की खोज में निकल गया। जल्द ही उसे एक बड़ा-सा पेड़ मिल गया, जिसके नीचे ही उसने अपना बिल बनाने का फैसला किया। उसी पेड़ के नीचे चीटियों की बड़ी बांबी बनी हुई थी। उस बांबी में बहुत सारी चींटियां रहती थीं। उन चीटियों को देखकर अपने घमंड में चूर कोबरा फन फनकार बोला “मैं इस जंगल का राजा हूं, अब ये इस पेड़ के नीचे मेरा घर होगा और मैं नहीं चाहता की तुम यहां आस-पास भी भटकों। तुम सब मेरी बात मानकर यहां से भाग जाओ और दूसरी जगह अपना घर बना लो, नहीं तो मरने के लिए तैयार हो जाओ। कोबरा की बात सुनकर उन चीटियों की रानी ने सभी अन्य चीटियों को आदेश देते हुए बाहर निकलकर कोबरे पर हमला करने को कहा। उन सभी चीटियां में बहुत एकता थी इसलिए रानी चींटी के एक आदेश पर सभी चीटियां मिलकर कोबरे पर झपट गई और उसे काटने लगीं। इतनी सारी चीटियों के काटने के कारण कोबरा दर्द के कारण वहां से अपनी जान बचाकर भाग गया, और सभी चीटियां एक बार फिर से उसी पेड़ की बांबी में रहने लगीं।
शिक्षा: इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है, की एकता में बल होता है। अगर एकता हो तो बड़ी से बड़ी मुश्किल हल की जा सकती है।
बोलने वाली जादुई गुफा (Hindi Story Writing With Moral)
किसी जंगल में एक गुफा के अंदर सियार रहता था। एक दिन वह अपने खाने की तलाश में जंगल की ओर निकल गया। थोड़े समय बाद उस गुफा के पास एक शेर आया उसे वह गुफा रहने के लिए एक अच्छा स्थान लगा। शेर उस गुफा के अंदर जाकर विश्राम करने लगा। शाम को जब सियार अपनी गुफा की और लौटा, तो उसने गुफा के बाहर शेर के पंजों के निशान देखे। लेकिन सियार को यह नही पता चल पा रहा था, की शेर अब भी गुफा के अंदर है, या वहां से चला गया है। तभी सियार को एक युक्ति सूझी, उसने जोर से चिल्लाते हुए गुफा की ओर आवाज दी और कहा ” गुफा ओ गुफा! तुमने अगर आज रोज की तरह मुझसे बात नहीं की, तो मैं यहां से लौट जाऊंगा। जब शेर ने यह सुना तो उसने पलट कर जवाब देने के लिए दहाड़ मारी, शेर के दहाड़ते ही सियार वहां से अपनी जान बचाकर भाग निकला और शेर के हाथ कुछ नहीं आया।
शिक्षा: इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है, की हम अपनी सूझ बूझ और बुद्धि से किसी भी मुसीबत से बच सकते हैं।
दुष्ट चूहे की कहानी (Moral Stories in Hindi With Moral)
बहुत समय पहले की बात है, एक चूहे को बिल्ली खदेड़ रही थी। तभी एक साधु की दृष्टि उस चूहे पर पड़ी और उसने उस चूहे को बिल्ली बना दिया। एक दिन उसी बिल्ली के पीछे कुत्ता पड़ गया तब उस साधु ने बिल्ली को कुत्ता बना दिया। कुछ दिन तो उस कुत्ते के दिन सुखपूर्वक बीते, लेकिन इसके बाद उसके पीछे एक शेर पड़ गया और हमेशा की तरह उस साधु ने कुत्ते पर दया खाकर उसे शेर बना दिया। इसके बाद वह शेर आराम से रहना लगा, लेकिन जंगल के बाकी जानवर उस शेर को चिढ़ाते हुए कहने लगे की यह वही शेर है, जो कभी चूहा था, अब यह चूहा शेर बना फिरता है। यह सब सुनकर शेर को बहुत गुस्सा आता था। एक दिन उसने सोचा की जब तक यह साधु जिंदा रहेगा, तब तक मेरा ऐसा ही मज़ाक उड़ता रहेगा, क्यों न मैं इस साधु को ही मार दूं। अपने मन में ये विचार लेकर जब शेर साधु के पास उसे मारने पहुंचा, तब साधु ने उस शेर के इरादें भांप लिए। साधु ने तुरंत कहा, “जाओ जाकर वापस चूहे बन जाओ।” साधु के ऐसा बोलते ही बेचारा चूहा शेर से फिर चूहा बन गया।
शिक्षा: यह कहानी हमें शिक्षा देती है, की दुष्ट और लालची इंसान कभी किसी के हितेषी नहीं होते हैं।
चतुर कछुआ (Moral Stories in Hindi)
किसी नगर में एक राजा रहता था। उसने अपने महल के पास ही अपने छोटे बच्चों के लिए एक तालाब बनवाया। राजा ने उसे तालाब में अपने सिपाहियों से कुछ मछलियों को भी डालने को कहा। उन मछलियों के साथ एक कछुआ भी उसी तालाब में आ गया। जब राजकुमार उस तालाब में खेलने आए, तो वह कछुए को देखकर भागने लगे, तब राजा ने अपने सिपाहियों से कछुए को मारने का आदेश दिया। लेकिन उस तालाब में कछुए के साथ मछलियां भी थी और सिपाहियों को समझ नहीं आ रहा था, की आखिर उस कछुए को कैसे मारा जाए। कुछ सोचने के बाद एक सिपाही ने कहा की “इस कछुए को नदी में पड़े हुए किसी बड़े पत्थर पर फेंक देते हैं, ऐसा करने से यह मर जाएगा। जब यह सारी बातें कछुए ने सुनी, तो उसने अपने खोल से सिर बाहर निकालकर कहा” तुम लोग मुझे सीधा नदी के पानी में ही फेंक दो, मैं उसी से मर जाऊंगा। कछुए की बात सुनकर सिपाहियो ने उसे नदी के पानी में फेंक दिया। इससे कछुए को कोई चोट भी नहीं पहुंची और वह तैरता हुआ नदी में चला गया।
शिक्षा: इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है, की बुद्धिमानी से मुश्किल समय पर भी पार पाई जा सकती है।
Short Stories With Moral PDF
हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस “Small Short Stories With Moral Values in Hindi” जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह Small Short Stories With Moral Values in Hindi अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Short Stories With Moral PDF कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay या Speech कौन से टॉपिक पर चाहिए. इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.
10 Lines Short Stories With Moral in Hindi
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