Subhash Chandra Bose Speech in Hindi: सुभाष चंद्र बोस पर भाषण

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Subhash Chandra Bose Speech in Hindi

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Subhash Chandra Bose Speech in Hindi (1 Minute speech on Subhash Chandra Bose)

Subhash Chandra Bose Speech in Hindi: आज हम सभी 23 जनवरी के इस शुभ दिन को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस कौन थे, और उन्होंने हमारे देश के लिए क्या किया, यह बताने की शायद किसी को जरूरत नहीं है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानी थे। जिन्होंने छोटी उम्र से ही पढ़ाई लिखाई सब छोड़कर भारत को स्वतंत्र कराने के प्रयास किए।

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सुभाष चंद्र बोस के कामों के कारण उन्हें नेताजी की उपाधि दी गई। नेताजी ने महात्मा गांधी के साथ मिलकर असहयोग आंदोलन में अंग्रेजो के खिलाफ खूब प्रदर्शन किया। सुभाष चंद्र बोस ने ‘जय हो’ जैसे महान नारे देकर क्रांतिकारियों को देश को मुक्त कराने के लिए प्रेरित किया।

Subhash Chandra Bose Speech in Hindi (2 Minute speech on Subhash Chandra Bose)

Subhash Chandra Bose Speech in Hindi: नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारत को स्वतंत्र कराने में काफी परिश्रम किया है। उन्होंने छोटी उम्र से गांधी द्वारा चलाए गए असहयोग आंदोलन में भाग लेकर, भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी है। सुभाष चंद्र बोस बचपन से ही बड़े देशभक्त, और स्वतंत्रता प्रेमी व्यक्ति थे। उन्हें हर हाल में अपने देश को मुक्त कराया था, इसलिए जब माता-पिता ने उन्हें पढ़ने के लिए विदेश भेजा तो वे सब कुछ छोड़ कर वापस आ गए, और गांधी जी द्वारा चलाए गए असहयोग आंदोलन, सर्वज्ञ आंदोलन में भाग लेकर भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ने लगे।

Subhash Chandra Bose Speech in Hindi
Subhash Chandra Bose Speech in Hindi

नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अपने जीवन में कई सारे आंदोलनों का नेतृत्व किया। उन्होंने देश के युवाओं को देश के प्रति मर मिटने के लिए प्रेरित किया। सुभाष चंद्र बोस में नेतृत्व की एक अलग कला थी, इसलिए उन्हें नेताजी की उपाधि दी गई थी। नेताजी शुरू से ही बड़े गर्म स्वभाव के व्यक्ति थे, इसलिए उन्हें गरम दल का मुखिया बनाया गया, एवं कुछ समय बाद उन्होंने आजाद हिंद फौज का गठन किया। देश को स्वतंत्र कराने के लिए नेताजी यहां वहां जाकर प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन 18 अगस्त 1945 को एक विमान दुर्घटना में उनका निधन हो गया। आज देश को सुभाष जी जैसे नेताओं की जरूरत है।

26 जनवरी पर भाषण

Subhash Chandra Bose Essay in Hindi 200 words

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Subhash Chandra Bose Speech in Hindi (3 Minute speech on Subhash Chandra Bose)

Subhash Chandra Bose Speech in Hindi: आज 23 जनवरी के दिन हम सभी करिश्माई प्रतिभा के धनी, भारत माता के वीर पुत्र नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बारे में चर्चा करने के लिए एकत्रित हुए हैं। नेताजी जैसे सच्चे वीर महान देशभक्त सदियों में एक बार भारत जैसे देश में ही जन्म लेते हैं। स्वतंत्रता की लड़ाई में भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, मंगल पांडे जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के साथ नेताजी सुभाष चंद्र बोस शामिल है। भारत मां के वीर पुत्र नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1896 को कटक, उड़ीसा में हुआ था। उनका जन्म एक अच्छे परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कटक से ही पूरी की वे सदैव हर कक्षा में प्रथम आते थे।

अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए उन्होंने दसवीं की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसके बाद वे अपनी आगे की पढ़ाई के लिए कोलकाता विश्वविद्यालय प्रवेश लिया। अपनी स्नातक की शिक्षा पूरी करने के बाद नेताजी इंग्लैंड चले गए, लेकिन देश प्रेम और भारत की दुर्दशा को देखते हुए, वे सब कुछ छोड़कर दोबारा बाहर आ गए। भारत आने के बाद उन्होंने गांधी जी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया, एवं युवाओं को भी हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद 1938 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को लगातार दो बार कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया। लेकिन कुछ समय बाद नेताजी गांधीजी के अहिंसा के विचार से सहमत ना हुए क्योंकि नेता जी हिंसा में विश्वास रखते थे, इसीलिए उन्होंने कुछ समय बाद कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया।

कुछ समय बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने गरम दल और आजाद हिंद फौज का गठन किया। जिसमें वे हिंसा के सहारे अंग्रेजों को सबक सिखाते थे। कुछ समय बाद दूसरा विश्व युद्ध चालू हो गया, जिसे नेता जी ने एक अवसर के रूप में देखा। वे मॉस्को होते हुए जर्मनी चले गए और वहां रेडियो के जरिए भाषण दिए। इसके बाद वे जापान गए, जहां उन्होंने आजाद हिंद फौज का गठन किया और दूसरे विश्व युद्ध में भाग लेने के लिए आजाद हिंद फौज के सैनिक एवं जापानी सैनिकों को एक साथ भेजा। जापान से नेताजी दक्षिण पूर्व एशिया जा रहे थे, तभी विमान दुर्घटना में 18 अगस्त 1945 को उनका निधन हो गया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने जो भी भारत देश के लिए किया, वह सब सराहनीय है। ऐसे महान देशभक्तों के कारण ही, आज भारत मुक्त हो पाया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के द्वारा किए गए सभी कार्यों के लिए हम उन्हें शत-शत नमन करते हैं।

Subhash Chandra Bose Speech in Hindi (Subhash Chandra Bose speech PDF)

Subhash Chandra Bose Speech in Hindi: “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा” यह महान नारा तो आपने सुना ही होगा और यह महान नारा किस महान व्यक्ति ने दिया यह भी आप जानते ही होंगे। जी हां, मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बारे में ही बात कर रहा हूं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1857 को कटक उड़ीसा में हुआ था। उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस था, जो कि पेशे से एक वकील थे और उनकी माता का नाम प्रभावती देवी था, जो कि बड़े ही धार्मिक विचारों वाली महिला थी। नेताजी सुभाष चंद्र बोस बचपन से ही बड़े प्रतिभावान थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बड़े अच्छे अंकों के साथ पास की।

इसके बाद दसवीं की परीक्षा में भी उन्होंने प्रथम स्थान प्राप्त किया। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद नेताजी इंग्लैंड चले गए, जहां उन्होंने सिविल सर्विसेज की एग्जाम पास की। कुछ समय इंग्लैंड में नौकरी करने के बाद 1921 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया और वापस भारत आ गए। भारत आकर नेताजी ने वहां चल रहे स्वतंत्रता आंदोलनों से जुड़ने का फैसला लिया। नेताजी ने महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया।

फिर कुछ समय बाद महात्मा गांधी ने उन्हें बंगाल के एक राजनीतिज्ञ रंजन दास के अधीन काम करने का आदेश दिया। नेताजी वहां एक युवा शिक्षक पत्रकार के रूप में काम कर रहे थे, लेकिन भारत में चल रहे आंदोलनों में हिस्सा लेने के कारण उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। 1924 में जेल से रिहा होने के बाद नेताजी कांग्रेस पार्टी से जुड़ गए। 1930 को गांधी जी द्वारा चलाए गए सविनय अवज्ञा आंदोलन सुभाष चंद्र बोस को दोबारा हिंसा करने के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद 1938 में उन्हें लगातार दो बार कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया, लेकिन अब नेताजी महात्मा गांधी के बताए गए अहिंसा के मार्ग पर चलना नहीं चाहते थे।

वे जानते थे कि अंग्रेजों से भारत को मुक्त केवल हिंसा से ही किया जा सकता है, इसलिए उन्होंने भारतीय कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इसी बीच दूसरा विश्व युद्ध शुरू हो गया। नेताजी ने इसे एक अवसर के रूप में देखा और वे 26 जनवरी 1941 को काबुल के रास्ते जर्मनी पहुंच गए। कुछ समय बाद 1 सितंबर 1942 को नेताजी जापान पहुंच गए। जहां उन्होंने जापानी सैनिकों के साथ मिलकर आजाद हिंद फौज का गठन किया। नेताजी जब जापान से वापस भारत आ रहे थे, तब विमान दुर्घटना के कारण 1945 को उन की मृत्यु हो गई।

Subhash Chandra Bose Speech for Students

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