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Swachh Bharat Abhiyan per Nibandh
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swachh bharat nibandh (स्वच्छ भारत अभियान निबंध 100 शब्द)
स्वच्छ भारत अभियान राष्ट्रीय स्तरीय अभियान है जिसे 2 अक्टूबर 2014 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रारंभ किया गया था. इस अभियान की शुरुआत दिल्ली से की गई थी. गांधी जी भी भारत को हमेशा स्वच्छ देखने का सपना देखते थे. गांधी जी हमेशा लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करते थे. वह अपने आसपास स्वच्छता रखने की सलाह देते थे. यह अभियान एक आंदोलन की तरह चला. सरकार ने लोगों को जागरूक किया. गांवो व शहरों में सभी सार्वजनिक स्थानों पर कचरा पात्र कचरा पात्र रखवाए. इस अभियान के अंतर्गत सभी घरों में शौचालय व सार्वजनिक स्थानों पर सुलभ शौचालय का निर्माण किया गया था.
swachh bharat abhiyan nibandh (स्वच्छ भारत अभियान निबंध 200 शब्द)
स्वच्छ भारत अभियान को महात्मा गांधी से प्रेरित मानकर इसमें गांधीजी के चश्मे को “प्रतीक चिन्ह” के रूप में उपयोग किया गया. लोगों ने इसमें अपने घरों पर आसपास के स्थानों पर साफ सफाई कर इस अभियान में अपना योगदान दिया, अभियान के तहत पंचायत, नगर निगम, नगर परिषद व नगरपालिकाओं ने अपने स्तर पर पूरे गांवो व शहरों में कचरे की गाड़ियां चलवाई ताकि लोग कचरे को इधर-उधर न फेंक सके. इस कचरे को सरकारी संस्थाओं द्वारा भराव क्षेत्र में डाल दिया जाता था। साफ सफाई ना होने पर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।
परंतु देश का दुर्भाग्य है कि साफ-सफाई जैसी व्यवस्था के लिए हमारी केंद्र व राज्य सरकारों को इतना बड़ा अभियान चलाना पड़ा जबकि साफ-सफाई तो हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है. साफ सफाई का महत्व तो हमारी संस्कृति में पहले ही समझाया गया है। साफ-सफाई मानव जीवन में बहुत जरूरी है हमारे प्रधानमंत्री जी पूरे देश से अपील की “स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत”भारत को यदि स्वच्छ बनाना है तो यहां के प्रत्येक व्यक्ति को उसमें अपना योगदान देना होगा। भारत का सबसे स्वच्छ शहर मध्य प्रदेश के इंदौर को माना जाता है इंदौर लगातार पांचवीं बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर रहा है।
essay on swachh bharat abhiyan (स्वच्छ भारत अभियान निबंध 300 शब्द)
साफ सफाई को हमको अपने जीवन से जोड़ना होगा. यह अभियान जन-जन का है इसमें जन भागीदारी बहुत जरूरी है इस अभियान को केवल सरकार पूरा नहीं कर सकती जब तक आम जनों का समर्थन उन्हे नहीं होगा. सरकार इसे सफल नहीं बना सकती. इस अभियान को पूरा करने का लक्ष्य 2019 का है। महात्मा गांधी की 150 वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि स्वरूप अर्पित करने के लिए चलाया गया। हमें भी अपने घर के कचरे को इधर उधर ना फेंककर एक कचरा पात्र बनाकर उसमें डालना चाहिए और जो कचरे की गाड़ी आती है उस में डाल देना चाहिए.
हम सब यदि अपने अपने स्तर पर प्रयास करें तो भारत वैसे ही स्वच्छ बन सकता है स्वच्छ भारत अभियान एक व्यक्ति का नहीं है या सरकार का नहीं है. यदि घर के आस-पास कचरा होगा तो ज्यादा दिन होने पर वह खराब होने लगेगा, व मच्छर मक्खी का प्रकोप घर पर बढ़ जाएगा और बीमारियो से हमारे ही घर के सदस्य बीमार होंगे। हमें “हमारी स्वच्छता हमारे हाथ” के नियम पर चलना होगा कचरा भी कई प्रकार का होता है. इसलिए हमें रसोई के जो अपशिष्ट होते हैं उन्हें खाद के रूप में एकत्र करके वर्मी कंपोस्ट द्वारा खाद्य प्राप्त करना चाहिए
महात्मा गांधी ने एक बार कहा था “जो परिवर्तन आप दुनिया में देखना चाहते हैं उसे सबसे पहले अपने आप पर लागू करे”
महात्मा गांधी की पंक्तियों का जो सार है वह स्वच्छता के संदर्भ में भी लागू होती है हम जिस परिवर्तन की अपेक्षा दूसरों से करते हैं हमें वह स्वयं पर भी लागू करना होगा. स्वच्छता दूसरों को जागरूक करने से पहले हमें स्वयं को भी स्वच्छता पर ध्यान देना होगा. स्वच्छता कभी एक व्यक्ति के प्रयास से नहीं आती किंतु एक व्यक्ति की शुरुआत से यह एक आंदोलन का रूप ले सकती है. बच्चों को भी बचपन से ही स्वच्छता के प्रति जोड़ना होगा.
swachh bharat abhiyan par nibandh (स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध 400 शब्द)
प्रस्तावना
स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत नरेंद्र मोदी द्वारा महात्मा गांधी की जयंती पर की गई थी. स्वच्छ भारत अभियान के तहत भारत को स्वच्छ बनाने का लक्ष्य तय किया गया. जिसमें 2 अक्टूबर 2019 तक गांधी जी की 150वीं पुण्यतिथि पर गांधी जी को स्वच्छ भारत मिशन से एक सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सके. स्वच्छ भारत अभियान को देश में व्यापक रूप से आंदोलन की तरह चलाया गया. जिसमें लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया. स्वच्छ भारत अभियान को स्वयं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई.
स्वच्छ भारत अभियान से होने वाले लाभ
स्वच्छ भारत अभियान से पहले स्वच्छता को इतना महत्व नहीं दिया जाता था. इस अभियान के तहत जगह-जगह सफाई के बड़े-बड़े कार्यक्रम चलाए गए और उन कार्यक्रमों को सफलता भी प्राप्त हुई स्वच्छ भारत अभियान पूरे देश में चलाया गया. इससे देश में 2014 से पहले व 2019 से बाद की स्थितियों में काफी बदलाव देखने को मिला जहां कचरे के बड़े-बड़े ढेर हुआ करते थे वहां से कचरे का निस्तारण किया गया इससे कई लोगों को बीमारियों से मुक्ति मिली। स्वच्छ भारत अभियान को तत्कालीन समय का सबसे बड़ा अभियान माना जा सकता है। स्वच्छ भारत अभियान से गांवों शहरों व सभी सार्वजनिक स्थानों को गंदगी से मुक्ति मिली.
स्वच्छ भारत अभियान चलाने का कारण
स्वच्छ भारत अभियान चलाने का कारण लोगों को सफाई के प्रति जागरूक करना. क्योंकि इससे पहले लोगों का ध्यान साफ सफाई पर इतना नहीं था. जितना स्वच्छ भारत अभियान चलाने के बाद में गया. लोगों ने इसे अपने जीवन का हिस्सा माना साफ सफाई नियमित की गई. स्वच्छ भारत अभियान के कारण ही आज हम जगह जगह पर कचरा पात्र व गंदगी में कमी देख सकते हैं. इससे पहले कोई भी व्यक्ति कहीं भी कचरा करके कहीं भी फेक जाता था. परंतु अब कचरा पात्र रखने से लोगों में भी जागरूकता आई है. और वह अपने कचरे को इधर उधर ना फेंकते हुए डस्टबिन में डालते हैं.
उपसंहार
जहां स्वच्छता नहीं होती है वहां पर देवता भी निवास नहीं करते हैं गंदगी किसी को भी पसंद नहीं है. उचित स्थान ना मिलने के कारण भी कोई भी व्यक्ति अपने कचरे को कहीं भी डाल देता है. परंतु स्वच्छ भारत अभियान लोगों में चेतना का महत्वपूर्ण कारण बना. इसके बाद लोगों ने सोचा जब देश का प्रधानमंत्री साफ-सफाई जैसी चीजों पर ध्यान दे सकता है. तो हम क्यों नहीं और लोगों ने अपने घरों में वह अपने घरों के आसपास स्वच्छता रखने के लिए अपने स्तर पर प्रयास किए स्वच्छता के लिए सभी जिम्मेदार है.
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स्वच्छ भारत अभियान क्या है?
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने गांधी जयंती के अवसर पर 02 अक्टूबर 2014, को स्वच्छ भारत अभियान की घोषणा की थी। महात्मा गांधी का सपना था, भारत को एक स्वच्छ देश के रूप में देखना और इसी सपने को पूरा करने के लिए श्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा यह कदम उठाया गया।
स्वच्छ भारत अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है। स्वच्छ भारत अभियान की मुख्य पहल देश के सभी गांव और कई शहरों की खराब दुर्दशा को देखकर की गई थी। स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत छोटे-छोटे गांव में जाकर लोगों को अपने आसपास सफाई रखने के प्रति जागरूक किया। उन्हें खुले में शौच करने से रोका गया ताकि खुले में शौच करने से होने वाली बीमारियां खत्म हो सके।
इसके लिए शौचालयों का निर्माण भी करवाया गया जिसके लिए सरकार द्वारा आर्थिक मदद प्रदान की गई। स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए देश की सरकार ने काफी कठिन प्रयास किए हैं। इस अभियान को सफल बनाने के लिए हमारे देश की कुछ जानी मानी हस्तियां जैसे कि बाबा रामदेव, सलमान खान, मुकेश,अंबानी अनिल अंबानी ,शशि थरूर ,कमल हसन ,सचिन तेंदुलकर ,महेंद्र सिंह धोनी द्वारा भी इस आंदोलन में काफी सहयोग किया गया। और अपने अपने माध्यम से लोगों को स्वच्छ भारत के प्रति जागरूक किया गया।
स्वच्छ भारत अभियान की जरूरत क्यों पड़ी
देश को स्वच्छ बनाने के लिए हर एक राज्य और गांव, शहरों तक स्वच्छता का संदेश भेजना और लोगों को जागरूक करना बहुत जरूरी था। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों को खुले में शौच करने से रोकना था इसलिए भारत सरकार द्वारा कई तरह के सर्वे किए गए जिससे पता चल सके कि देश की कितनी प्रतिशत जनता खुले में शौच करती है और कितनी प्रतिशत जनता शौच के लिए शौचालय का इस्तेमाल करती है।
भारत सरकार के सर्वे के द्वारा यह पता चला है कि भारत की 70% जनसंख्या गांव में रहती है और इनमें से केवल 10 से 15% जनसंख्या ही शौचालय का इस्तेमाल करती है, बाकी लोगों का कहना था कि हमारे पास शौचालय नहीं है इसलिए हम खुले में शौच करते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा प्रत्येक गांव में प्रत्येक घर में शौचालय बनाने की मुहिम की शुरुआत की गई। अब तक देश के 60% घरों में शौचालय बन चुका है और लोग इसका इस्तेमाल भी कर रहे हैं।
खुले में शौच ना करने की वजह से लोगों को बीमारियों का सामना भी नहीं करना पड़ रहा है। अब इस अभियान का नाम बदलकर “निर्मल भारत अभियान” रख दिया है।
स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य
स्वच्छ भारत अभियान का मिशन जन जन को स्वच्छता के लिए प्रोत्साहित करना है। 2 अक्टूबर 2014 को प्रधानमंत्री जी ने इस अभियान का शुभारंभ किया और उनका लक्ष्य था कि आने वाले 5 साल 2019 तक भारत को पूरी तरह स्वच्छ देश बनाना है। 2019 में आने वाले गांधी जयंती के दिन देश को स्वच्छ बनाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी जाएगी यह वचन प्रधानमंत्री जी द्वारा दिया गया था।
साफ सफाई से हमारे तन मन दोनों ही स्वस्थ व स्वच्छ रहते हैं। स्वच्छता अभियान मैं मुख्य रूप से लोगों को खुले में शौच ना करने के लिए जागरूक किया गया है।सरकारी आँकड़ो के मुताबिक अब तक लगभग 10,19,64,757 घरों में शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है। 6,03,055 ओपन डिफेकेशन फ्री गाँव हो चुके हैं। 706 जिले इसकी श्रेणी में आ चुके है। देश के 36 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश मिलकर, इस मुहिम को सफल बन कर अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दे रहे हैं।
स्वच्छ भारत का सपना गांधीजी का था इसलिए ‘गांधीजी का चश्मा’ इस अभियान का लोगो (प्रतीक चिह्न) है। यह अभियान भारत सरकार मंत्रालय के ‘जल शक्ति मंत्रालय’ के अधीन ‘पेयजल एवं स्वच्छता विभाग’ द्वारा संचालित किया जा रहा है। दिया है। स्वच्छ भारत अभियान के अध्यक्ष नरेंद्र मोदी जी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद स्वच्छ भारत मिशन का अध्यक्ष परमेश्वरन अय्यर को माना जाता है।
स्वच्छता का महत्व
स्वच्छता हर एक के लिए है यह कोई नियम नहीं बल्कि आवश्यकता है। जिस तरह जीवन जीने के लिए खाना पीना जरूरी है उसी तरह स्वस्थ जीवन जीने के लिए अपने आसपास स्वच्छता भी जरूरी है। आप जितना अपने घर मोहल्ले को स्वच्छ रखेंगे उतना ही आपको गंभीर बीमारियों से छुटकारा मिलेगा।
स्वच्छता कोई काम नहीं है जिसे पैसे कमाने के लिए किया जाए बल्कि यह तो एक आदत है। यह एक ऐसी आदत है जिसे हमें अपने जीवन को स्वस्थ और स्वच्छ बनाने के लिए अपनाना चाहिए। स्वच्छता पुण्य का काम है स्वच्छता को अपनाकर हम अपने जीवन के स्तर को भी बढ़ा सकते हैं।
हमें अपनी स्वयं की स्वच्छता, पालतू जानवरों की, पर्यावरण की,अपने आस-पास की, और कार्यस्थल की स्वच्छता नियमित रूप से रखना चाहिए। हमें पर्यावरण को बचाना चाहिए और जितना हो सके पेड़ों की कटाई को कम करना चाहिए।
स्वच्छता के लाभ
स्वच्छता से कई लाभ हैं, स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन होता है और बिना स्वच्छता के ये धन किसी को कभी हासिल नहीं होता। स्वस्थ जीवन की चाहत तो हर कोई रखता है परंतु उसे स्वस्थ बनाने के लिए प्रयास कोई नहीं करता। आपको एक स्वस्थ जीवन जीना है तो उसके लिए आपको साफ सफाई को अपना पहला कर्तव्य बनाना होगा।
देश में स्वच्छ भारत अभियान इतना सफल रहा कि देश के हर राज्य में स्वच्छता की एक नई लहर देखने को मिली। मध्यप्रदेश में मिनी मुंबई कहा जाने वाला इंदौर शहर अब तक 6 बार देश का सबसे स्वच्छ शहर बन चुका है। स्वच्छता का सबसे बड़ा लाभ यह है कि जिस राज्य शहर में सबसे ज्यादा स्वच्छता होती है वहां के लोग बड़े गर्व के साथ कहते हैं कि हम वहां रहते हैं हमारा शहर स्वच्छता में सबसे आगे हैं।
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