क्या आप भी Veer Bal Diwas Speech की तलाश कर रहे हैं? यदि हां, तो आप इंटरनेट की दुनिया की सबसे बेस्ट वेबसाइट essayduniya.com पर टपके हो. यदि आप Speech on Veer Bal Diwas, Speech on Veer Bal Diwas in Hindi, Veer Bal Diwas Speech, Veer Bal Diwas Speech in Hindi, Veer Bal Diwas in Hindi, Veer Bal Diwas date in Hindi, Veer Bal Diwas day in Hindi, Veer Bal Diwas is celebrated on which day, Veer Bal Diwas history, Veer Bal Diwas 26 December, Why Bal Diwas is celebrated, the government of India has decided to observe veer Baal diwas’ on, Sahibzada Diwas यही सब सर्च कर रहे हैं तो आपका इंतजार यही पूरा होता है.
Veer Bal Diwas Speech
यहां हम आपको Veer Bal Diwas Speech उपलब्ध करा रहे हैं. यदि आपको किसी प्रतियोगिता के लिए भी Speech on Veer Bal Diwas in Hindi बोलने के लिए उपयोग कर सकते है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए.
Veer Bal Diwas Essay in English
Sahibzada Diwas
Veer Bal Diwas history
Veer Bal Diwas Essay in Hindi
Veer Bal Diwas Speech in Hindi ( Short Speech)
आदरणीय प्रधानाचार्य, यहां उपस्थित सभी महानुभावों, शिक्षक शिक्षिकाओं एवं मेरे सभी सहपाठियों को मेरा नमस्कार। आज हम सभी यहां वीर बाल दिवस मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। जो की गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजदों की याद में मनाया जाता है। सिखों के 10वे गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी के शौर्य और पराक्रम से तो हम सभी भली भांति परिचित हैं। लेकिन क्या आप सभी जानते हैं उनके बेटे भी उन्हीं की भांति वीर पराक्रमी थे। जिन्होंने आज ही 26 दिसंबर के दिन मुगलों के द्वारा शहादत दे दी गई थी। इस तारीख को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा 2021 में लिया गया था।
इसे मनाने की शुरुआत प्रथम बार 26 दिसंबर 2023 यानी की आज के ही दिन से की जायेगी। 1704 ईस्वी का समय वो समय था जब मुगलों ने भारत पर अपना आतंक मचा रखा था। मुगल शासक औरंगजेब ने अपने शासनकाल में कई भारतीयों पर अत्याचार कर उनका धर्मांतरण करवाया और इस्लाम कबूल न करने वालों को निर्ममता से मरवा दिया गया। जब उसने गुरु गोबिंद सिंह जी के दोनों साहिबजादों से इस्लाम कबूल करने को कहा तो उन्होंने इसका जमकर विरोध किया और अपने धर्म के लिए शहीद हो गए। औरंगजेब ने दोनों साहिबजादों को दीवार में चुनवा दिया और उनके सिरों को धड़ से अलग कर दिया उस समय भी साहिबजादे जपजीसाहिब का पाठ कर रहे थे।
शहादत के समय इन वीरों की उम्र मात्र 9 और 6 वर्ष थी। जिसमें जोरावर सिंह जी 9 वर्ष और फतेहसिंह जी 6 वर्ष थी। मात्र इतनी सी आयु में गुरु गोबिंद सिंह के सपूतों ने इस्लाम कबूल करने के स्थान पर शहादत को चुना लेकिन अपना धर्म नहीं छोड़ा। नमन है ऐसे भारत के लालों को जिन्होंने अपने देश धर्म के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। इन्हीं शब्दों के साथ में अपनी स्पीच को समाप्त करता हूं।
Speech on Veer Bal Diwas ( Long Speech)
यहां उपस्थित हमारे आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, शिक्षक शिक्षिकाओं और मेरे सहपाठियों को मेरा नमस्कार। हम सभी आज यहां वीर दिवस मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। वीर दिवस को मानने की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी जी ने 2021 में वीर दिवस मनाए की जाने की घोषणा की है। जिसे मानने की शुरुआत आज 26 दिसंबर 2022 को की जा रही है। आज के दिन माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी नई दिल्ली के ध्यानचंद स्टेडियम में बाल दिवस समारोह में शामिल होंगे। इस समारोह के जरिए प्रधानमंत्री समस्त देशवासियों को गुरुगोबिंद सिंह के साहिबजादों के शौर्य और बलिदान से परिचित करवाएंगे।
भारत में औरंगजेब के शासनकाल के दौरान इस्लाम कबूल न करने वाले लोगों की हत्या कर दी जाती थी। इसी दौरान जब औरंगजेब का सामना गुरु गोबिंद सिंह जी के बेटों से हुआ तो उन्होंने इसका कड़ा विरोध करते हुए इस्लाम कबूल करने से इंकार कर दिया और अपने धर्म और देश के साथ खड़े रहे। औरंगजेब ने इसकी सजा में दोनों साहिबजादों को दीवार में चुनवाने का फैसला सुनाया। उस समय दोनों साहिबजादों जोरावर सिंह और फतेहसिंह जी की उम्र मात्र 9 और 6 वर्ष थी। जिस समय दोनों साहिबजादों को दीवार में चुनवाया जा रहा था तब भी वे जपजीसहिब का पाठ कर रहे थे। दोनों साहिबजादों का अंत में सिर धड़ से अलग कर दिया गया तलवार अपनी गर्दन तक आने के बाद भी उनमें लेश मात्र का डर नहीं था बल्कि अपने देश धर्म के लिए बलिदान होने पर गर्व था।
ऐसे वीर पुत्रों को समस्त भारत प्रणाम करता है जिन्होंने अपने धर्म के लिए नन्हीं सी आयु में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। जिनके बलिदान की गाथा युगों युगों तक गाई जायेगी। आज के दिन पूरे भारत में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, लेखन प्रतियोगिता, नाटकीय घटनाक्रम द्वारा वीर बाल दिवस मनाया जायेगा। जिसके माध्यम से समस्त देशवासियों को जोरावर सिंह और फतेहसिंह जी ने जो अपने देश धर्म के लिए अतुलनीय सहयोग दिया है उससे परिचित करवाया जाएगा। ताकि वे ऐसे भारत के वीरों से सीख ले सकें और राष्ट्र निर्माण में अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर सकें। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी आज की स्पीच को विराम देता हूं।
Veer Bal Diwas day in Hindi
हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस Veer Bal Diwas Speech जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह Speech on Veer Bal Diwas अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Veer Bal Diwas Speech कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay या Speech कौन से टॉपिक पर चाहिए. इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.
JOIN TELEGRAM GROUP | CLICK HERE |
ESSAYDUNIYA HOME | CLICK HERE |