Vidyarthi Jeevan Par Nibandh: विद्यार्थी जीवन पर निबंध 

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Vidyarthi Jeevan Par Nibandh

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vidyarthi jeevan essay in hindi (विद्यार्थी जीवन पर निबंध 50 शब्द)

विद्यार्थी शब्द विद्या+अर्थी शब्दों के योग से बना है जिसका अर्थ है विद्या प्राप्त करना अर्थात विद्यार्थी अवस्था जीवन की वह अवधि है. जिसमें नए संस्कार और आचरण का मन पर स्थाई प्रभाव पड़ता है. और उसके भावी जीवन का अंग बन जाता है. दूसरा यह कि विद्यार्थी का मस्तिष्क पूर्ण परिपक्व नहीं होता इसलिए विद्यार्थी को ज्ञान की आवश्यकता होती है

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vidyarthi jeevan aur anushasan par nibandh (विद्यार्थी जीवन पर निबंध 100 शब्द)

 विद्यार्थी का जीवन कई वर्ष का माना गया है जन्म से लेकर 25 वर्ष तक ब्रह्मचर्य अवस्था का समय होता है इस अवस्था में पढ़ाई की जाती है और व्यवहारिक बातें पता चलती है इन सब की जानकारी प्राप्त करना विद्यार्थी जीवन कहलाता है. विद्यार्थी का उद्देश्य पढ़ाई करना होता है. जिससे कि  उसके जीवन में  कोई परेशानी ना आए  अपने आगे के जीवन को सही ढंग से  बिता सके और जीवन में आने वाली हर परेशानी से लड़ सके विद्यार्थी जीवन की अवस्था ही ऐसी है जिसमें हम मनोरंजन भी करते हैं मानव जीवन में विद्यार्थी जीवन का बहुत बड़ा महत्व है

vidyarthi jeevan par nibandh hindi mein (विद्यार्थी जीवन पर निबंध 250 शब्द)

विद्यार्थी अवस्था में सबसे महत्वपूर्ण बात यह होती है कि  वह  अपने जीवन में क्या करना चाहते हैं और उनको यह जानना जरूरी है कि उनको क्या बनना है तो उसके अनुसार ही वह अपनी पढ़ाई शुरू करते हैं और अपने लक्ष्य को साथ रखकर आगे बढ़ते हैं ताकि उनकी पढ़ाई भी सही से हो और लक्ष्य की प्राप्ति ही मिल जाए

और वह पूरी तरह से मनोरंजन भी कर पाए अनुशासन में रहकर क्योंकि विद्यार्थी जीवन में मनोरंजन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है जिससे कि अच्छे विद्यार्थी होने की पहचान होती है तो विद्यार्थियों को हमेशा अनुशासन में रहना चाहिए होता है. प्रत्येक राष्ट्र की सामाजिक एवं सांस्कृतिक उन्नति वहां की शिक्षा पद्धति पर निर्भर करती है. हमारे देश में स्वतंत्रता के बाद शिक्षा के क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है और वर्तमान में शिक्षा का  गुणात्मक एवं संख्यात्मक प्रचार हो रहा है.विद्यार्थी को बढ़ावा दिया जाता है. कि वह आगे पढ़े और अपने शिक्षा को बढ़ावा दें.सरकार उनके लिए नहीं-नहीं योजनाएं भी लागू करवाती है क्योंकि उनकी शिक्षा अच्छे से हो पाए विद्यार्थी जीवन में सबसे बड़ा  उद्देश्य होता है कि वह अपने लक्ष्य को कैसे आगे बढ़ाए वह कैसे लक्ष्य की प्राप्ति करें उसके लिए उसको अलग अलग विषय में पढ़ाई करनी होती है.

विद्यार्थी जीवन मानव को जीवन जीने का तरीका सिखाता है आज का विद्यार्थी  भावी नागरिक है. देश के विकास में उसकी उन्नति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है .और विद्यार्थी अपने अलावा समाज देश एवं विश्व के कल्याण में विशेष योगदान देता है. और विद्यार्थियों को इसके लिए अनुशासन  मैं रहना चाहिए और पूरे देश के हित में सोचना चाहिए विद्यार्थी जीवन की सबसे बड़ी खूबी यह होती है कि उसको जीवन में होने वाली नई नई बातें बताई जाती है और उसके सॉल्यूशन भी बताए जाते हैं  विद्यार्थियों के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण हो जाता है .  लक्ष्य प्राप्त कर लेना तो उनके लिए सबसे बड़ी जंग जीत लेना  जैसा होता है विद्यार्थी जीवन में होने वाली शिक्षा के कारण लोगों में कहीं तरीके के बदलाव आए हैं जिससे कि मानव जीवन में किसी और के ऊपर आत्मनिर्भर नहीं रहते हैं .

Vidyarthi Jeevan Par Nibandh
Vidyarthi Jeevan Par Nibandh

nibandh on vidyarthi jeevan (विद्यार्थी जीवन पर निबंध 500 शब्द)

प्रस्तावना

विद्यार्थी जीवन जन्म से लेकर 25 वर्ष तक होता है. जिसमें विद्यार्थी नए-नए प्रकार के शिक्षा प्राप्त कर लेता है. अगर मानव शिक्षा प्राप्त नहीं करेगा तो उसका जीवन बेकार है अर्थात उसके जीने का कोई मतलब नहीं है. क्योंकि मानव अच्छी शिक्षा प्राप्त करके ही अच्छा जीवन बिता सकता है. और वह सुख संपत्ति में रह सकता है. और उसको जीवन जीने मैं भी मजा आएगा  और विद्यार्थी जीवन  अच्छे आचरण की पाठशाला है  जो विद्यार्थियों को  चरित्रवान  और नैतिक शिक्षा पर जोर देती है 

विद्यार्थी जीवन का क्या महत्व है?

विद्यार्थी अवस्था मानव जीवन का एक अभिन्न अंग है और बहुत ही महत्वपूर्ण भी जो मानव के लिए अत्यंत आवश्यक होती है विद्यार्थी जीवन में बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास होता है जो मानव  के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है तो  प्रत्येक मानव के लिएशिक्षा प्राप्त करना अनिवार्य रहता है तो मानव के लिए अच्छे ज्ञान की प्राप्ति विद्यार्थी जीवन में ही होती है और विद्यार्थी जीवन में सबसे महत्वपूर्ण यह भी होता है कि वह नए नए खेल खेलते हैं और अनुशासन में रहना सीखते हैं तो मानव जीवन में विद्यार्थी अवस्था ही सबसे महत्वपूर्ण होती है

एक आदर्श छात्र के कर्तव्य क्या हैं?

विद्यार्थी का सबसे बड़ा कर्तव्य होता है कि उसको विद्यालय में अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए और नियमित रूप से विद्यालय जाना चाहिए और उसको अपने विद्यालय में अनुशासन में ही रहना चाहिए और हर सब्जेक्ट वाइज उसको अच्छे से पढ़ाई करनी चाहिए और अपने अध्यापकों के प्रति सम्मान रखना चाहिए और उनकी कही हुई हर बात माननी चाहिए विद्यार्थियों को अच्छे अंक लाकर अपने माता पिता को गर्व महसूस करवाना चाहिए ताकि विद्यार्थियों को उनके माता-पिता बढ़ावा दे सके और विद्यार्थियों को अपने माता पिता को हमेशा सम्मान देना चाहिए

विद्यार्थी का लक्ष्य

विद्यार्थियों को सबसे पहलेअपने जीवन के लिए एक लक्ष्य बनाना चाहिए और उसके अनुसार ही अपनी पढ़ाई को जारी रखना चाहिए ताकि वह पूरा फोकस उस पर रख सके और अपना नाम माता पिता का नाम और विद्यालय का नाम रोशन कर सकें और विद्यार्थियों को हमेशा बड़ा लक्ष्य रखना चाहिए  क्योंकि प्रयत्नों की ऊंचाई जितनी ज्यादा अधिक होगी  सफलता  उतनी ही जल्दी आपके कदम आ जाती है  तो सपने हमेशा बड़े रखना चाहिए  और उनको पूरा करने की हिम्मत भी होनी चाहिए तभी विद्यार्थी का पूरा जीवन साकार हो पाएगा और जीवन जीने का मजा भी आएगा

उपसंहार

अच्छे विद्यार्थियों के गुणों के बारे में चर्चा करें तो विद्यार्थी में अच्छे गुणों के तौर पर अनुशासन की पालना करना ,माता पिता,गुरुजनों तथा बड़े भाई बहनों का आदर करना, और नियमित रूप से पढ़ाई करना, और योगा करना  यह सब एक अच्छे विद्यार्थियों के गुण हैं अच्छे विद्यार्थी का गुण यह भी होता है कि  वह  हमेशा अपनी पढ़ाई नियमित रूप से  टाइम टेबल बनाकर करता है अच्छा विद्यार्थी हमेशा अच्छे साथी के साथ रहता है और हमेशा अपने मित्रों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है तो दोनों इस प्रकार आगे बढ़ते हैं.

Essay on vidyarthi jeevan (विद्यार्थी जीवन पर निबंध 1000 शब्द)

प्रस्तावना

विद्यार्थी अवस्था जीवन की सबसे महत्वपूर्ण अवधि होती है .जो की विद्यार्थी के जीवन को सफल बनाते हैं अर्थात विद्यार्थी जीवन जन्म से लेकर 25 वर्ष तक होता है.जिसमें विद्यार्थी अपने जीवन के लिए शिक्षा प्राप्त करता है .और अपने लक्ष्य को प्राप्त करता है . जिससे वह अपने सपने को साकार कर सकें अगर  मानव शिक्षा प्राप्त नहीं करेगा तो उसका जीवन बेकार है अर्थात उसके जीने का कोई मतलब नहीं है. क्योंकि मानव अच्छी शिक्षा प्राप्त करके ही अच्छा जीवन बिता  सकता है. और वह सुख संपत्ति में रह सकता है. और उसको जीवन जीने मैं भी मजा आएगा  और विद्यार्थी जीवन  अच्छे आचरण की पाठशाला है  जो विद्यार्थियों को  चरित्रवान  और नैतिक शिक्षा पर जोर देती है. विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन का बहुत महत्त्व होता है. विद्यार्थियों को हमेशा अनुशासन में रहना चाहिए यही उनके गुणों की पहचान होती है.

विद्यार्थी जीवन में स्कूल का महत्व

जब कोई भी बच्चा स्कूल की तरफ अपना पहला कदम बढ़ाता है .तो उसे पता नहीं होता कि वो जीवन की सबसे अच्छी और महत्वपूर्ण जगह पर जा रहा है और किसी भी बच्चे का व्यक्तित्व निखारने और उसका भविष्य संवारने में स्कूल की भूमिका सर्वाधिक होती है.स्कूल एक ऐसी जगह है. जहां बच्चों का सामाजिक विकास तेजी से होता है.हम उम्र भर बच्चों के साथ वे घुल मिलकर चीजों को बेहतर तरीके से समझते हैं. वैसे तो समाजीकरण के मामले में घर को सबसे बड़ा स्कूल माना जाता है.जहां पर बच्चा प्राथमिक स्तर पर सबकुछ सीखने लगता है, लेकिन इसके बाद स्कूल उसे ऐसे प्लेटफॉर्म के रूप में मिलता है, जिसके जरिए उसका विकास होता है .स्कूल की कई परिभाषाएं हो सकती हैं.असल में स्कूल वो जगह है जहां सीखने की क्षमता तेज गति से बढ़ती है.बच्चों को बाहरी दुनिया के बारे में पता चलता है. प्रतिदिन वो कुछ नया सीखता है. और घर आकर बताता है.स्कूलों में कई तरह की गतिविधियां होती हैं, जहां वह सीखते हैं कि उन्हें कैसे बोलना है? स्कूल में कैसा व्यवहार रखना है? स्कूल में माता-पिता आएं तो उनके साथ कैसा सलूक करना है? इसके अलावा बच्चों को संगीत और चित्रकारी जैसी चीजों को विकसित करने में मदद मिलती है.

विद्यार्थी जीवन और उसका लक्ष्य

जब भी बात लक्ष्य की आती है .तो प्रत्येक व्यक्ति को गुरू द्रोणाचार्य और उनके शिष्यों के धनुर्विद्या की कहानी सुनाई जाती है.और उससे प्रत्येक व्यक्ति आसानी से समझ जाता है कि उससे क्या शिक्षा मिलती है अर्थात् हमारी बुद्धि शिक्षा और मेहनत अवश्य हमें मंजिल पाने में सहायक होंगी लेकिन तब जब हमें अपनी मंजिल का पता हो अर्थात् हमारा कोई निश्चित लक्ष्य हो . यदि हमारा जीवन में कोई पका इरादा और लक्ष्य ही नहीं तो सफलता पाना मुश्किल है.सोचिये यदि हमें बाज़ार से कोई वस्तु नहीं खरीदनी फिर भी हम बाजार की गल्लीयों में इधर -उधर घूमते रहे तो लोग हमें आवारा कहने लगेंगे. ठीक इसी प्रकार यदि हम जीवन के निश्चित लक्ष्य के बिना सफलता पाना चाहें तो वह भी हमारा आवारापन होगा.अवश्य हमें लक्ष्य को निर्धारित करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. परन्तु लक्ष्य को बनाने और पाने के तौर तरीकों को सीखा जाए तो हमें लक्ष्य बिल्कुल साफ नजर आने लगेगा.

विद्यार्थी जीवन के गुण

  1. एक आदर्श विद्यार्थी को हमेशा  समय का सदुपयोग करना चाहिए यह उसका सबसे बड़ा गुण होता है.
  2. विद्यार्थी  को हमेशा  अनुशासन का पालन करना चाहिए.
  3. उन्हें शिक्षकों, माता-पिता और बड़ों के आदेशों का पालन करना चाहिए.
  4. एक आदर्श विद्यार्थी में मदद करने का गुण होना चाहिए.
  5. ज्ञान प्राप्त करने के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए.
  6. आदर्श विद्यार्थी को पढ़कर अपना भविष्य बनाना चाहि
  7. उन्हें आयोजित खेलकूद प्रतियोगिताओं में भी भाग लेना चाहिए.
  8. एक आदर्श विद्यार्थी में परिश्रम का गुण होना चाहि
  9. आदर्श विद्यार्थी में समय के महत्व और समय की पाबंदी का ध्यान रखना चाहिए.
  10. एक आदर्श विद्यार्थी में देश के प्रति प्रेम होना चाहिए.
  11. अच्छे विद्यार्थी में जिज्ञासा और श्रद्धा का भाव होता है.
  12. एक गुणवान विद्यार्थी हमेशा “कल करे सो आज कर “नीति पर विश्वास करता है.
  13. अच्छे विद्यार्थी हमेशा स्वयं पर आत्मनिर्भर रहते हैं.
  14. अच्छे गुणवान विद्यार्थी हमेशा जीवन में संयम सदाचार रहते हैं.

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व

अनुशासन एक  ऐसी प्रवृत्ति या संस्कार है . जिसे अपनाकर विद्यार्थी अपना जीवन सफल बना सकता है. अनुशासन प्रिय होने से विद्यार्थी में अनेक गुणों का विकास होता है.इससे वह अपने समाज की प्रगति में सहायक होता है अतः विद्यार्थी को अनुशासन प्रिय होना चाहिए. विद्यार्थियों दूसरा यह कि विद्यार्थी का मस्तिष्क की पूर्ण परिपक्व नहीं होता है. इस कारण उसके मस्तिष्क पर अनुशासनहीनता या अनुशासन प्रियता का अधिक प्रभाव पड़ता है इसलिए विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का विशेष महत्व केवल विद्यार्थी जीवन के लिए ही नहीं अपितु सारे सामाजिक एवं राष्ट्रीय जीवन के लिए अनुशासन का विशेष महत्व है.

उपसंहार

एक विद्यार्थी जीवन मानव के लिए अनुभव और ज्ञान प्राप्त करने का सही समय है. इसलिए,विद्यार्थी को  जीवन की सफलता के लिए, छात्र समुदाय को साधना के मार्ग का अनुसरण करना होगा. उच्च चिंता के साथ सरल जीवन जीना और खराब चिंता से बचना छात्रों का काम है. विद्यार्थी को हमेशा अपने लक्ष्य को लेकर सजग रहना चाहिए  अर्थात अपने लक्ष्य पर काम करना चाहिए  और सफलता प्राप्त कर लेनी चाहिए  क्योंकि यही समय होता है  सफलता प्राप्त करने का  तो विद्यार्थी को  अपने जीवन में सफल हो जाना चाहिए . अर्थात विद्यार्थी जीवन का वह समय किसी भी मनुष्य के जीवन का सबसे अधिक महत्वपूर्ण और उत्साह से भरा हुआ समय होता है.इसी विद्यार्थी जीवन काल पर विद्यार्थी का सम्पूर्ण भविष्य निर्भर करता है.

इस काल का सदुपयोग करने वाले विद्यार्थी अपने भविष्य काल को बहुत ही आरामदायक और सुखमय बना सकते हैं .और इस काल को व्यर्थ में ही नष्ट कर देने वाले विद्यार्थी अपने आने वाले भविष्य को अंधकारमय बना लेते हैं जिससे की आने वाले कल में उनको निराशा देखने को मिलता है. तो विद्यार्थी को अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहिए.

vidyarthi jeevan par lekh

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