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World Literacy Day Speech in Hindi
यहां हम आपको “World Literacy Day Speech in Hindi” उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध/ स्पीच को अपने स्कूल या कॉलेज के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी प्रतियोगिता के लिए भी Speech on World Literacy Day in Hindi तैयार करना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए.
World Literacy Day in Hindi Speech (1 Minutes Speech on World Literacy Day in Hindi)
साक्षरता का अर्थ है, अक्षर लिखने और पढ़ने की समझ होना अर्थात शिक्षित होना। जो भी व्यक्ति पढ़ने और लिखने में सक्षम होता है, जिसे व्यावहारिक ज्ञान होता है, उसे साक्षर (literate) कहा जाता है। हर साल 8 सितंबर के दिन अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस (World Literacy Day) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को साक्षरता के महत्व को समझाना और शिक्षा के लिए प्रेरित करना है। भारतीय राष्ट्रीय सर्वेक्षण के द्वारा प्रकाशित की गई रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान समय में भारत की साक्षरता दर 77.7 प्रतिशत है। साक्षरता देश के विकास, गरीबी उन्मूलन, लिंग अनुपात में सुधार करने, भ्रष्टाचार रोकने, आतंकवाद से निपटने में सहायक और समर्थ है। इसलिए हमारे आज की और आने वाली पीढ़ियों का साक्षर होना बहुत जरूरी है, जिसमें विश्व साक्षरता दिवस जैसे आयोजन बहुत सहायक साबित होते हैं। अब अपनी इस स्पीच को मैं यही विराम देना चाहूंगी। धन्यवाद!
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Saksharta Speech in Hindi (2 Minutes Speech on World Literacy Day in Hindi)
साक्षरता का अर्थ है, पढ़ाई-लिखाई से संपन्न होना है। साक्षर व्यक्ति अपने नियमित जीवन को सुचारू एवं सुव्यवस्थित ढंग से चलाने में सक्षम होता है। एक साक्षर व्यक्ति सही गलत में फर्क, उचित-अनुचित में तर्क करने, अपने हित के लिए फैसला करने एवं एक अच्छे स्तर का जीवन जीने में सक्षम होता है। अगर किसी देश के नागरिक, व्यवहारिक, मानसिक एवं बौद्धिक रूप से सक्षम होते हैं, तो उसे देश का विकास कई अधिक गुना तेजी से होता है। वहीं किसी देश की असाक्षरता की बढ़ती दर वहां पर असमान लैंगिक अनुपात, भ्रष्टाचार, सामाजिक अपराध एवं बुराइयों, एवं आर्थिक संकट को बढ़ा सकती है। इसलिए साक्षरता न केवल किसी व्यक्ति के लिए बल्कि एक संपूर्ण राष्ट्रीय के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
साक्षरता के महत्व को देखते हुए ही यूनेस्को द्वारा 26 अक्टूबर 1966 को 8 सितंबर के दिन को विश्व साक्षरता दिवस (International Literacy Day) के रूप में मनाए जाने की घोषणा की गई। विश्व में सबसे पहले साक्षरता दिवस को 8 सितंबर 1967 के दिन मनाया गया। तब से लेकर आज तक यह हर साल मनाया जाता रहा है। भारत में हुए साक्षरता सर्वेक्षण के अनुसार बताया गयाp कि जब देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था, तो उसे समय भारत की साक्षरता दर मात्र 12 से 13 प्रतिशत थी। जिसके कारण ही हमें एक विकासशील देश बनने के लिए 76 सालों तक प्रयास करना पड़ा। लेकिन भारत के प्रयास आज रंग ला रहे हैं। क्योंकि वर्तमान समय में हमारे देश की साक्षरता दर 77.7 प्रतिशत है, जो की काफी बेहतर है। हम आशा करते हैं, देश ऐसे ही विकास के पाथ पर अग्रसर रहे और भविष्य में एक विकसित देश के रूप में स्थापित हो। अब मैं अपनी स्पीच को यहीं समाप्त करना चाहूंगा। धन्यवाद।
Speech on World Literacy Day in Hindi (3 Minutes Speech on World Literacy Day in Hindi)
यहां उपस्थित सभी महानुभवुओं, प्रधानाचार्य एवम शिक्षकों का अभिवादन करता हूं। आज हम सभी यहां साक्षरता दिवस समारोह के आयोजन में एकत्रित हुए हैं। “जहां न होता साक्षरता का वास, फिर कैसे होगा उस देश का विकास।” साक्षरता के बिना किसी देश का विकास होना संभव नहीं है। साक्षरता यानी पढ़ने-लिखने और व्यावहारिकता का ज्ञान होना है। साक्षरता मानव जीवन और देश के विकास के लिए कितना महत्वपूर्ण है, यह सब बात हम सभी लोग जानते और समझते हैं।
असाक्षरता के चलते भारत की पिछली पीढ़ियों को किस तरह से पीड़ित और प्रताड़ित होना पड़ा है, वह हमारे सामने असमान लिंग अनुपात, कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह, जातिवाद, छुआछूत के रूप में सामने आया, जिससे आज भी देश के कई क्षेत्र गुजर रहे हैं। यह केवल एक नहीं, बल्कि विश्व के कई सारे देशों की समस्या है। अगर हम भारत की बात करें तो, आजादी से लेकर अब तक के इन 75-76 सालों में भारत ने अपनी साक्षरता दर में काफी प्रभावशाली ढंग से सुधार किया है। भारत में देश में शिक्षा और साक्षरता के प्रति लोगों को जागरूक करने और प्रोत्साहित करने के लिए सर्व शिक्षा अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे अभियान चलाने के साथ मध्यान्ह भोजन, मुफ्त गणवेश एवं कई सारी मेधावी छात्रवृत्ति योजनाओं को लागू किया।
देश में सरकार ने जिस तरह से लोगों को शिक्षा के लिए प्रेरित किया वह प्रशंसनीय है। आजादी के समय जहां भारत की साक्षरता दर 12 से 13% के बीच थी, वह आज 77% तक पहुंच गई है। वहीं भारत में कई सामाजिक बुराइयां जैसे कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह, सती प्रथा एवं समान लैंगिक अनुपात के स्तर में काफी कमी आई है। यही कारण है, की आज भारत विकाशील देश के क्रम में खड़ा हुआ है और निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। वह दिन अब दूर नहीं है। जब भारत विकसित देशों की श्रेणी में अग्रिम स्थान पर आएगा। इस साक्षरता दिवस पर यही है नारा, शिक्षित हो देश हमारा! धन्यवाद
Saksharta Speech in Hindi (5 Minutes Speech on World Literacy Day in Hindi)
आज हम सभी यहां साक्षरता दिवस के अवसर पर एकत्रित हुए हैं।
साक्षरता यानी कि पढ़ने-लिखने में सक्षम होना। आज के समय में हम एक अशिक्षित व्यक्ति के रूप में जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। हमारे दैनिक जीवन की छोटी-से-छोटी चीजों के लिए भी साक्षरता की आवश्यकता है। कल्पना कीजिए की आप जिस भाषा को बोलते हैं, उसे लिखना और पढ़ना ही नहीं जानते हैं…
या किसी व्यक्ति के लिए यह कितनी दयनीय स्थिति हो सकती है, कि वह स्वयं की भाषा को लिखने और पढ़ने में असमर्थ हो। हालांकि लिखने और पढ़ने का ज्ञान स्वयं के द्वारा उपयोग की जाने वाली भाषा तक ही सीमित नहीं है। लेकिन किसी असाक्षर व्यक्ति के लिए स्वयं की लिखी हुई भाषा ही समझना मुमकिन नहीं है, तो उसका जीवन कैसा होगा, शायद वह अपने जीवन के दैनिक कार्यों को भी सरलता से करने में असमर्थ होगा। ऐसे में साक्षरता और शिक्षा किसी व्यक्ति के लिए कितनी महत्वपूर्ण है, यह हम सभी जानते हैं। साक्षरता के महत्व को समझते हुए ही संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन ने 26 अक्टूबर 1966 को आयोजित आम सम्मेलन सत्र के दौरान अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाने की घोषणा की थी। जिसके बाद से हर 8 सीतबंर को international Literacy Day मनाया जाने लगा। सबसे पहला अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 8 सितंबर 1967 को मनाया गया था। भारतीय राष्ट्रीय सर्वेक्षण द्वारा प्रकाशित की गई एक रिपोर्ट के तहत मौजूदा समय में भारत की साक्षरता दर 77.7 प्रतिशत है।
वही 2011 में हुए सर्वे के अनुसार उस समय साक्षरता दर 73% थी। यानी पिछली जनगणना से लेकर अब तक इसमें 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस हिसाब से अगर देखा जाए तो अभी भी भारत में लगभग चार में से एक व्यक्ति पढ़ने या लिखने में अब भी असमर्थ है। हालांकि भारत की मौजूदा साक्षरता दर अन्य विकासशील देशों की तुलना में काफी बेहतर है। वहीं यूनेस्को द्वारा World Literacy Rate को लेकर बताया गया की 770 मिलियन से अधिक व्यापक जिनमें से अधिकतर महिलाएं हैं वह पढ़-लिख नहीं सकती हैं। World Population Review के अनुसार 15 साल से ज्यादा आयु की वैश्विक आबादी के लिए विश्व साक्षरता दर 86% से थोड़ी ज्यादा है। साक्षरता व्यक्ति का मानसिक, बौद्धिक और व्यावहारिक विकास में सहायक होता है। शिक्षा व्यक्ति के लिखने पढ़ने के कौशल विचारों को समझने संवाद करने एवं विश्लेषण करने में सहायक होती है।
असाक्षरता किसी देश के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। साक्षरता के अभाव में उस देश में सामाजिक बुराईयां, आर्थिक संकट, गरीबी, भ्रष्टाचार प्रवासन, लैंगिक असमानता, स्कूलों या कॉलेज से ड्रॉप आउट की दर एवं अन्य सामाजिक घटनाओं को बढ़ावा मिलता है। साक्षरता का सबसे ज्यादा प्रभाव मानव जीवन के जीवन स्तर, आय, अर्थव्यवस्था में सुधार एवं राष्ट्र के भविष्य में भागीदारी सुनिश्चित करने पर पड़ता है। एक साक्ष्य व्यक्ति देश हित के लिए अपने कार्य और जिम्मेदारी को समझते हुए उसे दिशा में कार्य करता है। भारत आज अन्य क्षेत्रों में विकास करने के साथ साक्षरता दर बढ़ाने के लिए स्कूलों में बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन, मुफ्त गणवेश, पाठुपुस्तक योजना एवं स्कूल-कॉलेज और डॉक्टरेट जैसी डिग्रियों के लिए छात्रवृत्ति जैसी योजनाऐं चला रही है। इससे ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्रों में भी माता-पिता अपने बच्चों की स्कूल भेजने और बच्चे स्कूल आने में अपनी रुचि दिखाते हैं। स्पीच के अंत में यही कहना चाहूंगी, की पढेंगे और पढ़ाएंगे-उन्नत समाज बनाएंगे।” धन्यवाद!
Speech on World Literacy Day in Hindi
हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस “World Literacy Day Speech in Hindi” जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह Speech on World Literacy Day in Hindi अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह World Literacy Day Speech in Hindi कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay या Speech कौन से टॉपिक पर चाहिए. इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.
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