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Yoga Diwas Essay in Hindi
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Yoga Diwas Essay In Hindi 100 words
विश्व से योग की पहचान कराने वाला देश भारत है। आज सारे विश्व में लोग शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योगा करते हैं। 21 जून को हर साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। योग का अभ्यास करना व्यक्ति के लिए कई तरह से लाभदायक होता है। योग करने से व्यक्ति का शरीर स्वस्थ, दिमाग अच्छा और दिल स्वस्थ रहता है। योग का जन्म भारत से ही हुआ है। योगा व्यक्ति को एक अद्भुत जीवन प्रदान करता है। योग करने से ना सिर्फ व्यक्ति का शरीर स्वस्थ होता है। बल्कि उसकी आयु में भी वृद्धि होती है। जीवन में योगा की महत्वत समझते हुए जून 2015 से अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस की शुरुआत की गई थी।
योग के महत्व पर निबंध
Yoga Diwas Essay In Hindi 200 words
योगा भारत की प्राचीन कलाओं में से एक है। भारत में प्राचीन समय से ही बड़े-बड़े संत महात्माओं द्वारा योग के माध्यम से शरीर और मन को एकत्रित किया गया है। योग एक ऐसी कला है। जो व्यक्ति के मन दिमाग और शरीर को एक साथ जोड़ कर उन्हें उत्तम अवस्था में कार्य करने योग बनाता है। भारत में योग दिवस मनाने की शुरुआत 2015 से हुई थी। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा 21 जून 2015 से योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया था।
प्रधानमंत्री जी का यह प्रस्ताव सभी लोगों को बेहद पसंद आया और तभी से भारत की कला को दर्शाने के लिए साल के सबसे बड़े दिन यानी कि 21 जून को योगा दिवस मनाया जाने लगा। योगा दिवस के दिन देश के सभी शहरों में छोटे-छोटे योगा के शिविर लगाए जाते हैं। सभी लोगों को स्वस्थ जीवन जीने के लिए योग करने की सलाह दी जाती है। भारत के योग गुरुओं द्वारा लोगों को योगा की कला सिखाई जाती है। प्राचीन ग्रंथों में लिखें बातों पर गौर किया जाए तो पतंजलि ग्रंथ से योगा का जन्म हुआ है। विश्व के बड़े-बड़े डॉक्टर भी यह कहते हैं,कि योगा करने से शरीर की बड़ी से बड़ी बीमारी ठीक हो सकती है।
Yoga Diwas Essay In Hindi 300 words
प्रस्तावना
विश्व में आज जितनी भी कलाएं जैसे की संगीत, नृत्य, चित्रकारी लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर पसंद की जा रही है। यह सब कलाएं भारत के ग्रंथों से जन्मी हैं। ऐसी ही एक महान कला योग भी है जिसका जन्म भारत में ही हुआ है। हमारे भारत देश के इतिहास में ऋषि-मुनियों द्वारा योग पर काफी ध्यान दिया जाता था। योग एक ऐसी कला है ,जिससे व्यक्ति अनंत सुख की प्राप्ति कर सकता है। ऐसा कहा जाता है,कि योग का जन्म भगवान शिव से हुआ है उन्हें आदि योगी के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा ऋग्वेद और पतंजलि जैसे ग्रंथों में इसका उल्लेख भी पाया गया है।
योग कला का जन्म
प्राचीन ग्रंथों के अनुसार योग कला की उत्पत्ति भगवान शिव जी द्वारा की गई है। भगवान शिव से ही प्रेरित होकर लोगों ने योग को अपनाने की प्रक्रिया शुरू की। आमतौर पर यह कहा जाता है,कि योग कला की शुरुआत सबसे पहले उत्तर भारत में सिंधु सरस्वती सभ्यता के लोगों द्वारा 5000 साल पहले की गई थी। योग कला के महत्व को समझते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। वर्ष 2015 से पहली बार 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।
निष्कर्ष
संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का विचार रखने के बाद प्रधानमंत्री मोदी जी ने इस विचार को सफल बनाने के लिए काफी प्रयास किए हैं। भारत में सबसे पहली बार 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बड़े पैमाने पर मनाया गया देश-विदेश के कई बड़े नामी लोगों ने इस योग दिवस में भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया। अब भारत के अलावा अन्य सभी देशों में भी योग दिवस बड़े उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। स्वस्थ रहने के लिए योग कितना आवश्यक है,इस चीज का अभाव सभी व्यक्तियों को हो चुका है।
Yoga Diwas Essay in Hindi 500 words
प्रस्तावना
भारत में योग शरीर को स्वस्थ रखने के लिए काफी प्राचीन समय से किया जा रहा है। हमारे वेद पुराणों में ऋषियों द्वारा योग साधना किए जाने का काफी वर्णन किया गया है। भारत के वेद पुराणों ने विश्व को काफी कलाओं से परिचित कराया है,उन्ही में से एक कला है योग कला। हालांकि भारत में योगा दिवस मनाने की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा की गई है। लेकिन आज विश्व के कई देशों में योगा दिवस बढ़-चढ़कर मनाया जाता है। भारत में 21 जून को योगा दिवस मनाने का विचार श्री नरेंद्र मोदी जी का था और उन्होंने इस विचार को सफल भी कर दिखाया।
योग दिवस 21 जून को मनाने का कारण
योगा दिवस 21 जून का दिन साल के अन्य दिनों की तरह सामान्य दिन नहीं है। इस दिन योगा दिवस मनाने के पीछे के कारण कुछ इस प्रकार है। 21 जून को साल का सबसे बड़ा दिन कहा जाता है। इस दिन को ग्रीष्मकालीन स्थिरता दिन के रूप में भी जाना जाता है। इससे दक्षिणाइया संकेत प्रतीक है। और ऐसा माना जाता है,कि यह एक ऐसी अवधि है जो आध्यात्मिक प्रार्थना हो का समर्थन करती है। इस अवधि को योग जैसी आध्यात्मिक कलाओं का अभ्यास करने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। इसके अलावा इसी अवधि में भगवान शिव ने कुछ महान गुरुओं के साथ योग की कला का यह ज्ञान साझा किया था। इसलिए सभी महत्वता को देखते हुए 21 जून को योग दिवस मनाया जाता है।
2016 का योग दिवस
पहले 2015 के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के बाद दूसरे वर्ष 2016 में योग दिवस का आयोजन बड़ी उत्साह के साथ किया गया था। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2016 का मुख्य आयोजन चंडीगढ़ के कैपिटल कांप्लेक्स में किया गया था। योग दिवस के दिन इकट्ठे हुए लोगों का उत्साह बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी ने भी इस आयोजन में भाग लिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने योग दिवस मनाने के लिए इकट्ठा हुए लोगों के साथ योग के आसनों का अभ्यास भी किया। इसके अलावा नरेंद्र मोदी जी ने योग दिवस पर भाषण देकर देश के युवाओं को और अन्य लोगों को अपनी दिनचर्या में योग को स्थान देने को कहा।
2017 का योग दिवस
जैसे-जैसे लोगों में योग के प्रति जागरूकता बढ़ती गई लोग योग से जुड़ते चले गए। योग दिवस के तीसरे साल काफी ज्यादा मात्रा में लोगों ने योग दिवस में हिस्सा लिया। योग दिवस का मुख्य आयोजन करने के लिए इस बार नवाबों के शहर लखनऊ को चुना गया। लखनऊ में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए राम भाई अंबेडकर सभा स्थली में 51000 लोगों ने हिस्सा लिया। इसी दिन दिल्ली के केंद्र पार्क में लोगों के साथ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए भारत के राष्ट्रपति भी खट्टे हुए। योग दिवस के दिन देश के सभी शहरों में अलग-अलग जगहों पर योगा के बड़े-बड़े शिविर भी लगाए गए थे।
निष्कर्ष
आज के समय में शरीर को स्वस्थ रखना एक चुनौती के समान होता है। आज विश्व भर के सारे देश शरीर को स्वस्थ रखने के लिए भारत की प्राचीन कला योग को अपना रहे हैं। सभी भारत वासियों के लिए यह बड़े गर्व की बात है कि हमारी संस्कृति से निकली हुई चीज आज सारे विश्व को हम से जोड़ रही है। जैसा कि प्राचीन समय में भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था।भारत में ऐसी कई सारी कलाएं है विश्व के बाकी देशों द्वारा अपनाया गया है। योग कला हमें हमारे वेद पुराणों द्वारा दी गई एक अमूल्य कला है हमें अपने जीवन में इसका उपयोग अवश्य करना चाहिए।
Essay on Yoga Day in Hindi
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